Xxx पड़ोसन चुदाई स्टोरी में पढ़ें कि एक रात मुझे माकन मालिक के घर सोना पड़ा. उस रात को कुछ ऐसा हुआ कि मैं तो वो रात कभी नहीं भूल पाया.
अन्तर्वासना के सभी दोस्तो को मेरा हैलो.
मेरा नाम प्रेम है और मैं मुंबई में अकेला रहता हूं.
मेरी यहां पर अच्छी जॉब लगी थी.
मैं बहुत ही सीधा सादा लड़का हूं. मेरे मकान मालिक मुझ पर बहुत भरोसा करते थे.
जब मैं यहां रहने आया था तो 6 महीने के अंदर ही मैं उनके परिवार के सदस्य जैसा हो गया था.
मेरे मकान मालिक बहुत ठरकी किस्म के इन्सान थे. उनका बहुत सी औरतों के साथ चक्कर चल रहा था.
उनके बारे में उनकी बीवी को भी पता था. मगर वो कुछ बोलती नहीं थी क्योंकि वो अपनी ही दुनिया में रहती थी.
एक बार की बात है कि अंकल को बाहर जाना था. वो पांच दिन के बाद आने वाले थे.
जब मैं शाम को लौटा तो मुझे उनके जाने के बारे में पता चला. उस वक्त घर में वो आंटी और उनकी बेटी ही थी.
उनकी बेटी को मैं पढ़ने में मदद किया करता था.
अब अंकल के जाने के बाद वो मकान मालकिन आंटी घर में बेटी के साथ रह गयी.
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको आंटी के बारे में बता देता हूं.
उसकी उम्र 40 साल की थी लेकिन देखने में 5-7 साल छोटी लगती थी क्योंकि उसने खुद को संभाल कर रखा हुआ था. उसकी गांड बहुत मोटी थी जो चलते हुए ऐसी लगती थी जैसे पूरी दुनिया ही हिल रही हो.
उस वक्त हल्की सर्दियों का मौसम चल रहा था क्योंकि मुंबई में ज्यादा ठंड नहीं होती है.
फिर उस रात को मैं खाना खाकर टहलने के लिए गया तो आंटी और उनकी बेटी के लिए आते हुए मैं आइसक्रीम ले आया.
जब मैं अपने रूम में जाने लगा तो आंटी कहने लगी- यहीं पर सो जाओ. हम दोनों यहां पर अकेली ही हैं.
मैं मना करने लगा लेकिन वो रोकने लगी.
फिर मैं मान गया.
फिर हमने काफी देर तक बातें कीं. उनकी बेटी फिर एक घंटे के बाद सोने के लिए चली गयी. मकान मालकिन वहीं बैठी रही और टीवी देखती रही. ऐसे ही देखते देखते वो लेट गयी और फिर उसको पता नहीं कब नींद आ गयी.
मैं भी वहीं उसी सोफे पर बैठा हुआ था. वो मेरी ओर पैर करके लेटी हुई थी. फिर मेरा टीवी देखकर मन भर गया और मैंने टीवी बंद कर दी.
उसके बाद मैंने अपना मोबाइल निकाला और फोन में वेबसीरीज देखने लगा.
वेब सीरीज में गर्म सीन थे और इसलिए मैंने हेडफोन लगा लिये.
देखते देखते मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं लंड को दबाने लगा और सीन का मजा लेने लगा.
पता नहीं कब आंटी ने मुझे मेरे लंड को दबाते हुए देख लिया.
फिर मैं उठकर चला गया और बाथरूम में जाकर मुठ मारने लगा. मैंने माल निकाल कर खुद को शांत किया.
जब मैं बाथरूम से बाहर आया तो देखा कि मालकिन की साड़ी उसके घुटनों तक ऊपर उठी हुई थी.
मैंने मुठ तो मार ली थी लेकिन उसकी उभरी हुई गांड देखकर मेरे मन में फिर से वासना उठ गयी.
मैं उसके पास जाकर फिर से बैठ गया.
उसकी गांड को देखकर मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा. उसकी मोटी गांड और गोरे गोरे पैर देखकर मेरे लंड में फिर से तनाव आने लगा था.
फिर मैंने देखा तो उनकी साड़ी का पल्लू भी एक तरफ गिर गया था. मुझे शक हुआ कि शायद ये ऐसा जानबूझकर कर रही है.
मैंने धीरे से उसके गोरे गोरे पैरों पर हाथ फिराना शुरू कर दिया. वो कोई हलचल नहीं कर रही थी. मेरी भी हिम्मत बढ़ने लगी. फिर मैं हाथ को उसकी गांड पर ले गया.
क्या गांड थी उसकी यारो! जैसे दो बड़े बड़े पहाड़ थे.
मैंने उसकी गांड को हल्के हाथ से दबाया.
उसने अब भी कोई हरकत नहीं की. फिर मैं हाथ को उसके पेट से होकर उसकी छाती तक ले गया.
मैंने उसकी चूचियों को छेड़ा तो तब भी वो चुपचाप लेटी रही.
उसके चेहरे से लग रहा था कि वो जाग तो रही है लेकिन सोने का नाटक कर रही है.
मैंने उसकी चूचियों को हल्के से दबाया.
फिर मैंने थोड़ा जोर देकर दबाना शुरू कर दिया.
वो कसमसाने लगी.
फिर अगले ही पल उसने करवट ली और मेरे हाथ को अपनी चूचियों पर ही दबाये हुए सीधी होकर पीठ के बल लेट गयी.
अब उसकी जांघें मेरे सामने फैली थीं और उसने मेरे हाथ को अपने बूब्स पर दबा कर खुद ही अपने हाथ से प्रेस करना शुरू कर दिया था.
मैं जान गया कि ये चुदना चाहती है.
फिर मैंने भी आगे कदम बढ़ाया और उसके बूब्स को जोर जोर से दबाने लगा.
उसके मुंह से सिसकारियां निकलने लगीं.
अब मैं उसके ऊपर आ लेटा और उसने अपने होंठ खोल दिये.
हम दोनों एक दूसरे को बांहों में लेकर किस करने लगे.
मैंने नीचे हाथ ले जाकर उसकी साड़ी को उसकी कमर तक चढ़ा दिया.
अब उसकी जांघें पूरी नंगी थीं और मेरा हाथ उसकी पैंटी पर उसकी उभरी हुई चूत को सहला रहा था.
आह्ह … दोस्तो, क्या बताऊं आपको मैं! ये बड़ी उम्र की औरतें बहुत गर्म होती हैं.
उसकी चूत की गर्मी मुझे मेरी हथेली पर साफ साफ फील हो रही थी.
ऐसा लग रहा था जैसे उसकी चूत से भांप निकल रही हों.
दोनों एक दूसरे में जैसे खोने लगे थे. हम दोनों को कुछ होश नहीं रहा कि हम क्या कर रहे हैं. बस दोनों एक दूसरे को जैसे खाने में लगे थे.
काफी देर तक चूमा चाटी होने के बाद वो उठ गयी.
उठकर वो सीधी अपनी बेटी के रूम की ओर गयी.
वहां जाकर उसने अंदर देखा कि वो सो गयी है या नहीं.
फिर वो धीरे से उसके रूम के दरवाजे को बाहर से बंद करके आ गयी.
फिर वो मेरे पास आई और अपनी साड़ी खोलकर एक तरफ डाल दी.
अगले ही पल उसने पेटीकोट खोला और उसको निकाल कर फेंक दिया.
अब वो ऊपर से ब्लाउज में और नीचे से पैंटी में थी.
उसका ये रूप देखकर मेरा लंड फटने को हो गया.
मैं उसके सामने खड़ा हुआ अपने लंड को सहलाने लगा.
उसने मेरे लंड का तनाव देखा और मेरे घुटनों में आकर बैठ गयी.
मेरी पैंट की चेन खोलकर उसने अंदर हाथ डाला और लंड को कच्छे के ऊपर से ही पकड़कर सहलाने लगी.
मुझसे सब्र न हुआ और मैंने पैंट ही खोल दी. उसके बाद कच्छा भी नीचे सरका दिया.
अब मेरा कामरस में भीगा लंड उसकी नाक के सामने लहरा रहा था.
उसने उसको हाथ में लेकर नापा और उसकी गर्मी ली. फिर उसे सूंघा और एकदम से मुंह खोलकर उसके सुपारे को अंदर ले लिया.
जैसे ही उसके गर्म मुंह में लंड अंदर गया तो मेरी आंखें स्वत: बंद हो गयीं.
वो पूरे लंड को मुंह में लेकर मस्ती से चूसने लगी.
ऐसा लग रहा था जैसे उसके लिये वो कोई खाने की चीज हो.
मेरे हाथ उसके सिर पर पहुंच गये. मैं गांड को आगे पीछे करके उसके मुंह को चोदने लगा और वो आराम से लंड को गले तक लेने लगी.
दोस्तो, लंड चुसवाना भी जन्नत की सैर करने जैसा होता है. खासकर तब जब एक औरत उसको लॉलीपोप समझकर चूस रही हो.
जिन औरतों या भाभियों को लंड चूसने का शौक होता है वो तो सच में गजब का मजा देती हैं.
मेरा ये पहला अनुभव था और मैं बता नहीं सकता कि मुझे कितना मजा आ रहा था.
उसकी चुसाई के आगे मैं पांच मिनट से ज्यादा टिक नहीं पाया और मेरा माल उसके मुंह में निकल गया.
उसने एक बूंद भी बाहर नहीं आने दी और सारा रस पी गयी.
मैं अब ढीला पड़ गया लेकिन उसकी चूत में तो जैसे आग लगी थी.
वो अपने हाथ से ही चूत को सहलाने में लगी हुई थी.
मैंने सोचा कि इसको भी शांत करना होगा.
अब मैंने उसको फिर से सोफे पर चलने के लिये कहा.
मैंने उसका ब्लाउज और ब्रा उतरवा दी और उसकी चूचियों को पीने लगा. उसके निप्पलों को काटा और चूचियों को जोर जोर से दबाया.
वो कराहने लगी थी.
फिर मैं नीचे की ओर चला.
उसकी चूत को मैंने सूंघा तो उसकी चूत से एक मादक सी खुशबू आ रही थी.
मैंने चूत पर जीभ लगाई तो वो सिसिया गयी.
अब मैंने चूत में उंगली डाली और एक दो बार अंदर बाहर की.
चूत अंदर से जैसे जल रही थी.
उसकी चूत में अब मैं लगातार उंगली चलाने लगा और मकान मालकिन ने अपनी चूचियों को खुद ही दबाना शुरू कर दिया.
फिर मैंने उसकी चूत में जीभ डाल दी और उसने अपने पैर मेरे सिर पर लपेट दिये. मैं तेजी से उसकी चूत में जीभ को अंदर बाहर करने लगा. उसने इतनी जोर से टांगें कस दीं कि मेरी सांस ही रुक गयी लेकिन मैं किसी तरह लगा रहा.
थोड़ी ही देर के बाद उसने मेरे सिर को अपने हाथों से चूत पर दबाया और उसकी चूत का झरना मेरे मुंह में छूट पड़ा. मैंने आंटी की चूत का सारा रस पी लिया.
अब वो फिर से मेरे ऊपर आ चढ़ी. उसने मुझे सोफे पर पटका और मेरे पूरे बदन को चाटने लगी.
धीरे धीरे वो लंड तक पहुंची और एक बार फिर से उसको मुंह में भर लिया.
दो-चार मिनट में ही मेरा लौड़ा फिर से तन गया.
जब उसने देखा कि लंड का तनाव चूत को भेद सकता है तो उसने मेरी टांगें सीधी कीं और खुद मेरे ऊपर आकर अपनी टांगों को मेरे दोनों तरफ फैला लिया.
उसने मेरी छाती पर अपनी गांड रखी और चूत को मेरे मुंह पर सटा दिया.
उसकी चूत से रस की गंध आ रही थी. उसकी गीली चूत को मैं मुंह देकर चाटने लगा. फिर जीभ अंदर देकर फिराने लगा.
वो अपनी चूचियों को दबाते हुए गांड को आगे पीछे करने लगी और मैं मुंह से उसकी चूत को चोदने लगा.
बहुत मजा आ रहा था. मेरा लंड फिर से फटने को हो गया था.
वो उठी और मेरे लंड के ऊपर आकर नीचे बैठने लगी.
उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ा और अपनी चूत के छेद पर टिका कर बैठती चली गयी. मेरे लंड को उसने धीरे धीरे बैठते हुए अपनी चूत में पूरा उतरवा लिया.
मैं स्वर्ग में पहुंच गया जैसे.
फिर वो मेरे लंड पर कूदने लगी.
मैंने उसकी गांड को थाम लिया और नीचे से धक्के देने लगा.
अब हम दोनों अपने अपने रिदम में आ गये. वो मेरे धक्कों के साथ अपनी गांड की ताल मिलाने लगी.
मकान मालकिन की चूत में मेरा लंड फच फच की आवाज करता हुआ अंदर बाहर होने लगा.
मैंने स्पीड तेज कर दी तो उसने भी कर दी.
कुछ देर इसी पोज में चोदने के बाद मैंने उसको सोफे के हत्थे पर झुकाया और उसकी चूत में पीछे से लंड पेल दिया.
अब मैं उसके ऊपर झुककर उसकी चूचियों को दबाते हुए उसको चोदने लगा.
दोस्तो, चूत चोदने में इतना मजा भी मिलता है मुझे नहीं पता था.
वो आंटी बहुत ही ज्यादा गर्म थी.
मैं दस मिनट तक उसको ताबड़तोड़ चोदता रहा और फिर उसकी चूत में ही झड़ गया.
ऐसा लगा जैसे पूरा बदन हल्का हो गया.
उसकी चूत मारकर मेरा पूरा बदन जैसे आनंदित हो गया था.
कुछ देर तक मैं उसके ऊपर ही पड़ा रहा.
फिर हम सोफे पर जाकर लेट गया.
थोड़ी देर के बाद वो उठी और फिर बाथरूम में चली गयी.
पांच मिनट बाद वो वापस आई और फिर मैं भी खुद को साफ करके आ गया.
अब हम कुछ देर नंगे ही लेटे रहे.
मैंने पूछा- आप नींद में थीं या ये सब जानबूझकर किया?
वो बोली- मेरा ऐसा कुछ प्लान नहीं था. मगर मेरी नजर तुम्हारे लंड पर पड़ गयी थी जब तुम उसको फोन में देखते हुए सहला रहे थे. फिर मेरा भी मन कर गया. उसके बाद जब तुम बाथरूम में जाकर लंड को हिला रहे थे तो मैं तुम्हें छुपकर देख रही थी.
मैंने पूछा- तो आपने इससे पहले किसी गैर मर्द के साथ किया है?
वो बोली- नहीं, मगर मैं अपने पति से बदला लेना चाहती थी.
मैंने पूछा- कैसा बदला?
वो बोली- मेरा पति रोज किसी न किसी को चोदकर आता है. मुझे चोदे हुए उसको साल भर हो गया था. मैं प्यासी थी और वो रोज मौज लेकर आता था.
अब मैं फिर से उसको गर्म करने लगा. उसके शरीर की हर एक जगह पर किस करने लगा.
वो फिर से गर्म होने लगी. मेरा लंड भी टाईट हो चुका था.
मैंने उसे नीचे लिटाया और लंड धीरे से चूत में डाला.
लंड को अंदर करके मैंने धक्के देना शुरू किया.
कुछ ही देर में मैंने जोर जोर से शॉट मारने शुरू कर दिये.
वो भी मजे लेने लगी लेकिन आवाजें नहीं कर रही थी क्योंकि उसकी बेटी अंदर ही थी.
फिर वो अपने पति को गालियां देते हुए चुदने लगी- आह्ह … उस भोसड़ी वाले को अब मैं बताऊंगी … आह्ह … वो रोज चूत मारता है … अब मैं भी ऐसे ही रोज नये लंड लिया करूंगी … आह्ह … ओह्ह … और तेजी से चोद प्रेम … आह्ह … फाड़ दे.
उसकी गालियां सुनकर मैं भी जोश में आ गया और जोर से शॉट मारने लगा.
पांच-सात मिनट के अंदर हम दोनों फिर से एक साथ झड़ गये.
फिर हम शांत हो गये.
रात के 2 बज रहे थे. थोड़ा टाईम हमने आराम किया और फिर वो फ्रीज से दोनों के लिए एनर्जी ड्रिंक ले आयी.
मैंने पूछा- ये आप कहां से लाती हो?
वो बोली- मेरा पति लाता है. वो पूरा बॉक्स लाकर रख देता है.
फिर हम दोनों ने ड्रिंक पीया. वो सोने की तैयारी करने लगी. मगर मेरे दिमाग में उसकी गांड की तस्वीर बस गयी थी.
आंटी की गांड चुदाई करने का मेरा बहुत मन हो रहा था.
मैंने फिर से उसे पकड़ लिया. उसकी चूचियों को दबाते हुए उसे किस करने लगा.
वो बोली- सोने दो अब … नींद आ रही है.
मैं- बस थोड़ी देर और … करने दो प्लीज.
फिर वो मेरा साथ देने लगी और मैं उसके पूरे बदन को किस करने लगा.
धीरे धीरे वो भी गर्म हो गयी और उसने अपनी चूत मेरे मुख पर लगा दी.
उसकी चूत चाटते हुए मैं उसकी गांड को भी छेड़ने लगा. मैंने फिर उसकी गांड में उंगली दे दी और चूत को चाटता रहा.
जब वो पूरी चुदासी हो गयी तो मैंने उसको सोफे पर झुका लिया.
पहले चूत में लंड डाला और थोड़ी देर चोदने के बाद फिर उसकी गांड में लंड को रगड़ने लगा.
वो बोली- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- गांड में डालना है.
वो बोली- ठीक है, जल्दी करो जो करना है. बस चोदते रहो. मुझसे रुका नहीं जा रहा.
फिर मैंने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड में लंड को पेल दिया.
उसको दर्द हुआ तो उसने मुंह पर हाथ रख लिया और धीरे धीरे मैंने पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया.
अब मैं उसकी गांड को चोदने लगा.
थोड़ी देर में वो भी गांड को हिलाने लगी और चुदने का मजा लेने लगी.
वो अब खुद ही अपनी चूत में उंगली कर रही थी.
दस मिनट तक मैंने उसकी गांड चोदी और फिर उसकी गांड में ही झड़ गया.
वो भी झड़ गयी.
फिर हम दोबारा से बाथरूम में गये और एक दूसरे को साफ किया.
उसके बाद हमने वापस आकर अपने कपड़े पहने.
वो जाकर उसकी बेटी के रूम का दरवाजा खोलकर आ गयी.
उसके बाद मेरी Xxx पड़ोसन ने मुझे गले से लगाया और किस करके अपने रूम में सोने के लिए चली गयी.
मैं वहीं पर हॉल में सो गया.
सुबह उसने मुझे 7 बजे उठाया.
मुझे जॉब पर जाना था.
मकान मालकिन ने यहां वहां देखा और मुझसे लिपट कर मेरे होंठों को चूसने लगी.
मैंने भी उसको अच्छी तरह से चूसा और फिर हम दोनों अलग हो गये.
उसके बाद मैं वहां से आ गया.
अब भी हम चुदाई का मजा लेते रहते हैं.
दोस्तो, मेरी Xxx पड़ोसन चुदाई स्टोरी आपको पसंद आई होगी.
मुझे मेरी ईमेल पर जरूर बतायें. मुझे आप लोगों के मैसेज का इंतजार रहेगा.
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