लेडी कस्टमर के साथ दोस्ती और सेक्स

Xxx हिंदी सेक्स विद भाभी का अवसर मुझे मिला बैंक की एक क्लाइंट से जब वह ऋण का भुगतान ना कर सकी. मैं पैसे लेने उसके घर गया. मैंने उसकी मदद की.

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम भूषण है और मेरी उम्र 25 साल है. मैं अंतर्वासना का नियमित पाठक हूँ.

मैं नासिक सिटी, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ और एक बैंक में रिकवरी एजेंट का काम करता हूँ.

ये सेक्स कहानी मेरे और मेरी एक लेडी कस्टमर के बीच की है जो हम दोनों के लिए बहुत यादगार पल बन गया.
उसका नाम सोनाली है (बदला हुआ नाम).

इस Xxx हिंदी सेक्स विद भाभी कहानी को मैंने हम दोनों की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखते हुए लिखा है.

वैसे तो मैंने कई बार सेक्स किया है लेकिन शादीशुदा औरत के साथ ये मेरा पहला अनुभव था जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता.

मैं ये नहीं कहूँगा कि मेरा लंड 8-9 इंच का है लेकिन इतना जरूर कहूँगा कि मैं किसी को भी चोदकर शांत कर सकता हूँ!

जैसा कि मैंने बताया, मैं एक रिकवरी एजेंट हूँ, मेरा ज्यादातर समय फील्ड में ही बीतता है.
ज्यादातर कस्टमर कॉल पर ही बात करके अपनी मासिक किस्त चुका देते हैं.
लेकिन कुछ लोग बहुत टाल-मटोल करते हैं.

ऐसी ही एक घटना मेरी एक लेडी कस्टमर के साथ हुई, जिसके चलते मुझे उसकी चूत भी मिल गई.

हर महीने की तरह बैंक ने मुझे कस्टमर की जानकारी दी कि किन-किन से पैसे वसूलने हैं.
मैंने लिस्ट लेकर काम शुरू कर दिया.

दस दिन में ही मेरा 50% टारगेट पूरा हो गया.
अब बाकी बचे थे वे कस्टमर, जो बहुत घुमाते हैं.

मैं सभी के घर जाकर पैसे की रिकवरी करता था.

सोनाली के घर जब भी गया, वहां हमेशा ताला लगा रहता था और उसका कॉल भी नहीं लगता था.

जब मैंने उसके पड़ोसियों से पूछा, तो एक औरत ने बताया कि वह तो अपने मायके गई है, उसे गए हुए 15 दिन हो गए हैं … अब शायद वह दो तीन दिन बाद आ जाएगी.

ये सुनकर मैं सोच में पड़ गया और मन ही मन बोला- कोई बात नहीं, अभी महीना खत्म होने में 5 दिन बाकी हैं. तीन दिन बाद फिर आते हैं.

जैसे-जैसे दिन बीत रहे थे, मेरे मंथली टारगेट की वाट लगी पड़ी थी.

ऊपर से मैनेजर भी मेरी गांड मारने पर तुला था.
मादरचोद को मैं क्या बोलता, जॉब तो करनी थी ना!

चार दिन बाद जब मैं सोनाली के घर गया, तो उसका घर खुला देखकर मैं जैसे झूम उठा.

मैंने दरवाजे पर खटखटाया, तो अन्दर से आवाज आई- कौन है?
मैं चुप रहा.

सोनाली दरवाजे पर आकर बोली- कौन है?
मैं- सोनाली जी हैं क्या? मैं बैंक से आया हूँ!

इतना बोलते ही वह बाहर की ओर आई और दरवाजे के पास खड़ी हो गई.

उसे देखकर मेरे तो होश ही उड़ गए!
एकदम बम लग रही थी!

अभी-अभी नहाकर बाहर निकली होगी, उसके भीगे बाल क्या कयामत ढा रहे थे, पूछो मत!

उसकी फिगर मीडियम थी, करीब 5 फीट की होगी, लेकिन पूरी कामदेवी थी!
उसका 5-6 साल का लड़का भी उसके पीछे आकर खड़ा हो गया.

सोनाली- जी सर बोलिए … मैं ही सोनाली हूँ!
मैं- जी मैडम, मैं… बैंक से आया हूँ. आपकी मासिक किस्त अभी तक जमा नहीं हुई है. मैं आपके घर 4-5 बार आ चुका हूँ, लेकिन कोई नहीं मिला. आपका कॉल भी नहीं लग रहा था!

सोनाली- सर मुझे माफ कीजिए! मेडिकल प्रॉब्लम की वजह से पेमेंट नहीं हो पाया.

उसने विस्तार से बताया कि उसके लड़के की तबीयत ठीक न होने की वजह से हॉस्पिटल में बहुत खर्च हो गया.

सोनाली ने कहा- कृपया हमें 2 दिन का समय दीजिए!

मैं सोच में पड़ गया और बोला- मैडम, दो दिन बाद हमारी बैंक की क्लोजिंग है. आप कल तक कुछ जुगाड़ कर लीजिए, हम लोग आपको और ज्यादा समय नहीं दे सकते हैं!

तभी उसकी सास आई और मिन्नत करने लगी- हमें भरोसा है कि दो दिन में आपके पैसे मिल जाएंगे. आप हमारी इतनी मदद करें.
उनकी रोने जैसी शक्ल देखकर मैं भी राजी हो गया.

मैंने उन्हें अपना मोबाइल नंबर दिया और वापस आ गया.

मेरे टारगेट में बस सोनाली की रिकवरी बाकी थी.
मुझे टारगेट की बहुत चिंता सता रही थी.

फिर 30 तारीख को मैंने सोनाली को कॉल किया.
फोन की घंटी बजी.

मैं- हैलो मैडम, मैं भूषण … बैंक से बोल रहा हूँ!
सोनाली- हां सर, आपका नंबर मैंने सेव किया हुआ है.

मैं- अच्छा मैडम, आपके पैसे जमा हो गए क्या?
सोनाली- सर बस थोड़ी देर और … पैसे मेरे पास आने ही वाले हैं.

मैं- मैडम जल्दी कीजिए … बस एक-दो घंटे का ही समय बचा है.
सोनाली- ओके सर जैसे ही पैसे आएंगे, मैं आपको कॉल करती हूँ.

मैंने ‘ओके’ बोलकर कॉल कट कर दी.

लेकिन टारगेट की चिंता मुझे खाए जा रही थी.
एक घंटे बाद मैंने फिर कॉल किया.

सोनाली बोली- सर, अभी तक पैसे नहीं आए, जिसके पास से पैसे आने वाले थे, उसका मोबाइल ऑफ है.
ये सुनते ही मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने सोनाली को खूब खरी-खोटी सुना डालीं.

उसकी रोने जैसी आवाज सुनकर मुझे बहुत बुरा लगा.
मैंने कॉल कट कर दी.

टारगेट की चिंता तो थी ही, ऊपर से मैनेजर बार-बार कॉल करके मां चुदा रहा था.
शाम 6 बजे मैं सोनाली के घर गया और डोरबेल बजाई.

दरवाजा सोनाली ने ही खोला.
मुझे देखते ही उसकी आंखों में डर के मारे आंसू आ गए.

इस बार मैंने हंसकर बात शुरू की.
उसने मुझे घर में बुलाया और बैठने को कहा.

उसके घर में कोई नहीं था.
मैं कुछ बोलता, उससे पहले ही वह माफी मांगने लगी- सर, पैसे तो अभी तक आए ही नहीं!

मैं बोला- मैडम, मुझे पता है कि आपके पास अभी तक पैसे नहीं आए. लेकिन एक रास्ता है, जिससे आपकी रिकवरी भी पेड होगी और मेरा टारगेट भी पूरा हो जाएगा.
सोनाली- कैसे?

मैं बोला- ये आपके ऊपर है. अगर आप राजी हों, तभी होगा!

वह सोच में पड़ गई और बोली- मुझे क्या करना पड़ेगा सर?

मैंने कहा- मैं अभी आपके पैसे अपने से भर दूँगा. लेकिन आपको 2-3 दिन बाद मेरे पैसे वापस करने होंगे. क्या आप इसके लिए तैयार हैं?
उसने तुरंत ‘हां’ में जवाब दिया.

मैंने उसके सामने ऑनलाइन पेमेंट कर दी.
उसने बड़ी प्यारी नजर से मेरी ओर देखा, शुक्रिया अदा किया और 2 दिन में पैसे लौटाने का वादा किया.

फिर मैं वहां से निकल आया.

दो दिन बाद सोनाली का कॉल आया.
उसने मुझे पैसे लौटाने के लिए घर बुलाया.

उसका घर मेरे घर से काफी नजदीक था तो मैं 5 मिनट में पहुंच गया.

सोनाली- आइए सर, बैठिए!
वह मेरे लिए चाय ले आई.

मैंने मना किया लेकिन उसने एक न सुनी और मुझे उसकी बात माननी पड़ी.
मैंने उससे पैसे लिए और घर आ गया.

मैंने उसका नंबर अपने मोबाइल में सेव रखा.
अब हम दोनों अक्सर एक-दूसरे के व्हाट्सएप स्टेटस पर कमेंट करते.

कुछ दिनों में हमारी नियमित बातें शुरू हो गईं.
हम रात-रात भर मैसेज पर बात करने लगे.
एक-दूसरे की जिंदगी के बारे में बातें होने लगीं.

अब हम दोनों एक दूसरे को सर-मैडम कहकर नहीं बल्कि सीधे नाम लेकर बात करते थे.

एक दिन बात करते समय सोनाली ने पूछा- बताओ तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड तो होगी? उसका नाम बताओ न!
मैं- अरे थी यार, लेकिन अब उससे ब्रेकअप हो गया! अच्छा अब तुम ये बताओ कि जिस दिन से मैं तुम्हारे घर आया हूँ, तुम्हारा पति मुझे कभी दिखा नहीं. ना ही तुमने बताया कि वह क्या करता है?

मेरा मैसेज पढ़ने के बाद सोनाली ने 5 मिनट तक कोई जवाब नहीं दिया.
मेरे दोबारा पूछने पर वह बोली- अगर वह होता, तो दिखता ना!
मैं- मतलब?

सोनाली- जब तक मेरे ससुर जिंदा थे, मेरा पति बिल्कुल शरीफ बनकर रहता था. ससुर के गुजरने के बाद उसने दारू पीना शुरू कर दिया. बाद में एक औरत के चक्कर में हमें छोड़कर उसके साथ रहने लग गया. अब मैं, मेरी सास और मेरा लड़का … हम तीनों ही घर में हैं. गुजारा करने के लिए मैं जॉब करती हूँ और सास दिन भर लड़के को संभालती है!

मैं- सॉरी यार, मुझे नहीं पता था … अगेन सॉरी!
सोनाली- अरे कोई बात नहीं! तुम कोई बाहर वाले हो, जो इस तरह से माफी मांग रहे हो!
मैं- थैंक्स यार, मुझे अपना समझने के लिए!

जैसे-जैसे दिन बीतने लगे, हमारी बातें खुलकर और अलग मोड़ पर जाने लगीं.

एक दिन मेरा जन्मदिन था.
रात ठीक 12 बजे सोनाली का कॉल आया.

मैंने कॉल रिसीव की, उसने मुझे विश किया और कॉल कट करके मैसेज करने को कहा.

सोनाली- तो पार्टी का क्या इंतजाम है बॉस?
मैंने मजाक करते हुए लिखा- पार्टी तो मैं दे दूँगा, पर मेरे गिफ्ट का क्या?

सोनाली ने एक किस का इमोजी भेजा.

मैं- कौन भला ऐसे गिफ्ट देता है?
सोनाली- तो कैसे दूँ? तुम ही बताओ!

मैं- अभी मिलकर भी दे सकती हो!
सोनाली- तो आ जाओ घर पर!

उसने मजाक में बोला, उसे लगा मैं नहीं आऊंगा.

मैं- अभी आता हूँ बस 5 मिनट दो!
सोनाली- हां आ जाओ, रोका किसने है?

मैंने अपनी बाइक निकाली और उसके घर के पास पहुंच गया.

मैंने उसे मैसेज किया.

वह हैरान होकर बोली- सचमुच तुम आ गए?
मैं- वीडियो कॉल करके देख लो!

उसने वीडियो कॉल किया और बोली- मैं तो मजाक कर रही थी यार, तुम तो सचमुच आ गए!

मैं- अब आ ही गया हूँ, तो किस किए बिना नहीं जाने वाला हूँ.

सोनाली- ओके बाबा, अभी 5 मिनट में कॉल करती हूँ. तुम पीछे के दरवाजे से अन्दर आना!

फिर 5 मिनट बाद सोनाली ने कॉल किया और आने को कहा.

मैंने नजर बचाकर उसके घर में प्रवेश किया.
वह मुझे स्टोर रूम में ले गई ताकि किसी को हमारी बातें सुनाई न दें.

मैं- तो दे दो मेरा गिफ्ट!
सोनाली ने शर्माते हुए मेरे गाल पर एक छोटी-सी किस की और दूर हट गई.

मैं हंसते हुए बोला- तुम्हें मैं 5-6 साल का बच्चा लगता हूँ, जो गाल पर किस किया?
सोनाली बोली- तो कैसे करूँ?

मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींचा और उसके रसीले होंठों को चूमना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर तक वह वैसे ही खड़ी रही, जब तक उसकी शर्म का बांध टूट नहीं गया.

फिर तो जैसे ही उसकी शर्म खत्म हुई, वह किसी भूखे शेर की तरह मुझ पर टूट पड़ी!

मैं किस करते-करते उसके बूब्स दबाने लगा.
मेरा दूसरा हाथ उसकी कमर से होता हुआ उसकी चूत तक पहुंच गया.

उसकी चूत पर थोड़े बाल थे, मैंने उसे नजरअंदाज कर दिया और उसकी चूत को हाथ से रगड़ना शुरू कर दिया.

वह अब मुँह से आवाजें निकालने लगी ‘आह … आह … बस करो … आह!’

सच कहूँ, उसकी चूत इतनी टाइट थी कि पूछो मत!

तभी उसका हाथ भी मेरे लंड पर आ गया.
वह ऐसे हाथ घुमा रही थी, जैसे मेरे लंड का नाप लेने में जुट गई हो.

हम दोनों के बीच ये खेल 15 मिनट तक चला.

अचानक उसने मुझे धक्का दिया और दूर हट गई. इतनी नॉन-स्टॉप किस के बाद हम दोनों की सांसें फूल गईं.

हम दोनों हांफने लगे.
कुछ देर तक हम बिल्कुल शांत खड़े रहे.

कुछ पल बाद अचानक से मैंने फिर से किस शुरू कर दी.

इस बार सोनाली पहले से भी ज्यादा उत्तेजना में थी.
वह भी मुझे जोर-जोर से किस करने लगी.

मैंने उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए; उसका गाउन उतारा.
अब वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में मेरे सामने थी.

मैंने उसकी ब्रा भी उतारकर फेंक दी.
अब मैं उसके चूचे जोर-जोर से दबा रहा था, एक को मुँह में लेकर चूसने लगा.

इस Xxx हिंदी सेक्स में सोनाली को बहुत मजा आ रहा था.
वह कामुक सिसकारियां निकालने लगी- आह … और जोर से चूसो आह … आह!

अब मैंने उसकी पैंटी भी उतार दी और उसकी चूत में उंगली करने लगा.

वह मछली की तरह तड़पने लगी.

वह इतनी गर्म हो गई थी कि एक बार तो वैसे ही झड़ गई!

उसकी चूत से बहुत सारा पानी निकलने लगा.
मेरा हाथ भी पूरी तरह गीला हो गया.

अब सोनाली ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
ज्यादा समय बर्बाद न हो इसलिए मैंने भी उसकी मदद करने लगा.

जैसे ही मेरी अंडरवियर निकली, मेरा लंड पहले से ही अपनी औकात में आ चुका था.

मोटा लंड देख कर उसकी आंखों में एक अलग सी चमक आ गई.

वह जोर-जोर से किस करने लगी और मेरे लंड को अपने हाथ से मसलने लगी.

फिर हम दोनों फर्श पर एक चादर बिछाकर लेट गए.
मैंने सोनाली को अपने ऊपर ले लिया.

वह मेरे होंठों से किस करती हुई मेरी छाती पर किस की बौछार करने लगी.
मैं भी उत्तेजना में आकर उसे और नीचे दबाने लगा.

उसने मेरी ओर देखकर एक कातिलाना मुस्कान दी, जैसे समझ गई कि मेरे मन में क्या चल रहा है!

वह और थोड़ा नीचे सरकी.
मेरे लंड को हाथ से हिलाया और फिर उसे एक प्यार भरी चुम्मी दी.

अगले ही पल वह लंड का सुपारा अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

मैं उत्तेजना में उसका सिर पकड़कर उसके मुँह को चोदने में लग गया.

कुछ देर तक मुख मैथुन करने के बाद वह सीधी होकर बोली- अब मेरा काम उठा दो, मैं बहुत प्यासी हूँ.

मैंने उसे जल्दी से चित लिटाया और उसकी चुत में अपना लंड सैट करके रगड़ना शुरू कर दिया.

वह खुद अपने हाथ से लौड़े को चुत की फांक पर घिस रही थी.

तभी अचानक से मैंने दाब दे दी और लंड का सुपारा चुत में घुस गया.
वह आह करके सिसकारी.

मैंने झट से उसका मुँह बंद कर दिया और ताबड़तोड़ पंद्रह बीस झटके मार दिए.

उसकी चुत एकदम से फट कर खुल गई थी और वह उस पोजीशन में पड़ी थी मानो किसी खरगोश को भेड़िये से दबोच लिया हो.

फिर मैंने उसके दूध चूसे और हौले हौले से चुदाई करना शुरू कर दी.

कुछ ही देर में वह सहज हो गई और लंड से चुदाई का मजा लेने लगी.

उस रात मैंने करीब बीस मिनट तक उसकी चुत चोदी और उससे अलग होकर कपड़े पहनने लगा.

वह भी अपने कपड़े पहन कर मुझे देखने लगी.
हम दोनों ने एक दूसरे को हग किया और विदा ले ली.

उसके बाद मैंने उसे अलग अलग जगहों पर ले जाकर चोदा और उसकी चुत का मजा लिया.
वह सब मैं आपको अगले भाग में लिखूँगा.
तब तक आप मुझे जरूर बताएं कि आपको Xxx हिंदी सेक्स विद भाभी कैसी लगी!
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