Xxx क्रेजी सेक्स की कहानी में हमारे गाँव में शहर से नए टीचर आये. एक दिन वे बाज़ार में मिले. उनके साथ उनकी पत्नी भी थी… एकदम गर्म कड़क माल. मेरी नजर उन पर गड़ गयी.
प्रिय दोस्तो, मैं राजस्थान जिले के एक कस्बे का रहने वाला हूँ.
मैं आज आपको एक ऐसी Xxx क्रेजी सेक्स की कहानी बताने जा रहा हूं, जिसे पढ़ कर पुरुषों को मुठ मारने के लिए मजबूर होना पड़ेगा और औरतों को अपनी चुत में उंगली डालने के बिना काम ही नहीं चलेगा.
ये बात सन 2013 की उस समय की है जब मैं बाहरवीं कक्षा में पढ़ता था.
उस समय फेसबुक का क्रेज बहुत था.
हमारे गांव में एक टीचर की नियुक्ति हुई थी.
वे सर अपनी पत्नी के साथ यहां शिफ्ट हो गए थे जबकि उनके बच्चे बाहर रह कर पढ़ाई किया करते थे.
उन टीचर की पत्नी का नाम आरती (बदला हुआ नाम) था.
आरती मैडम बहुत ही सुंदर और कामुक महिला थीं.
मैडम का फिगर 38-32-42 का था.
मैंने उनको पहली बार बाजार में सर के साथ खरीदारी करते हुए देखा था तो मैं उन्हें देखता ही रह गया था.
उस वक्त मैंने सर को प्रणाम किया और बस मैडम की मदमस्त कर देने वाली जवानी को देखने लगा था.
उस वक्त सर एक दुकान वाले से कुछ मोलभाव करने में व्यस्त थे तो उन्होंने मुझ पर कुछ ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
इसी वजह से मैं और भी मनोयोग से मैडम के दूध गांड देखने में अपना मन लगाने लगा था.
शायद मैडम ने मेरी कामुक नजरों को भांप लिया था और वे भी मुझे अपनी साड़ी के पल्लू को इधर उधर सैट करती हुई अपनी चूचियों के दीदार करवाने लगी थीं.
उस वक्त ही मुझे समझ में आ गया था कि परिंदा पिंजड़े से उड़ने के लिए फड़फड़ा रहा है.
मैंने उन्हें मुस्कुरा कर देखा और धीमे से कहा- मैं आपसे आपके घर आकर मिलता हूँ.
उन्होंने बहुत ही धीमे स्वर में कही गई मेरी बात को सुन लिया था और बदले में मुस्कुरा कर हां में सर हिला दिया था.
मैं उनको देखता हुआ चला गया.
और मैडम ने भी मुझे पलट कर देख कर शायद एक अनकही बात कह कर बुलावा दे दिया था.
फिर मैं बाजार में कहीं नहीं रुका, सीधे घर जाकर मैंने बाथरूम का रुख किया और लंड निकाल कर मुझे उसकी मुट्ठी मारनी पड़ी.
हालांकि मैडम से मेरी किसी तरह से बहुत ज्यादा जान पहचान नहीं हो पाई थी.
मैं अगले ही दिन जब सर स्कूल में हो सकते थे, उस वक्त सर के घर गया और दरवाजे पर दस्तक दी तो सर ने ही दरवाजा खोला.
मेरी बदकिस्मती थी कि सर उस दिन घर पर ही थे तो मैं बस यूं ही बकवास करके घर आ गया.
ऐसे ही 2 महीने बीत गए.
इस दौरान मुझे किसी तरह से मैडम का नाम मालूम चल गया था.
फिर एक दिन फेसबुक चलाते वक्त मैडम का नाम मेरी आईडी पर म्यूचल में शो हुआ.
मैंने उनको रिक्वेस्ट भेजी और उन्होंने कुछ देर बाद रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली.
उनको मैंने मैसेज किया.
उनका तुरंत रिप्लाई आ गया.
मैं तो खुशी में समा ही नहीं रहा था.
फिर उन्होंने कहा- तुम उस दिन घर आने की कह कर किधर गायब हो गए!
मैं समझ गया कि मैडम की चुत में आग कुछ तेज भभक रही है इसलिए ये मेरा नाम भज रही हैं.
मैंने उन्हें बताया कि मैं आया था, पर सर थे तो वापस चला गया था.
वे हंस कर बोलीं- क्यों सर से मिलने नहीं आए थे क्या?
मैंने खामोशी से कहा- मुझे सर से मिलना होता तो मैं स्कूल में ही मिल सकता था.
वे ‘हुम्म’ कह कर खामोश हो गईं.
फिर बात शुरू हुई तो मैडम ने बताया- मैं यहां नई नई आई हूँ … यहां किसी को जानती भी नहीं हूँ. अकेली घर पर बैठी बैठी बोर हो जाती हूँ.
तो मैंने कहा- अब तो आप मुझसे फ़ेसबुक से जुड़ गई हैं न … तो मैं आपके साथ हूँ और अब मैं आपको बोर नहीं होने दूंगा.
वे हंस दीं और बोलीं- देखती हूँ कि कितना खुश कर पाओगे!
उनकी यह दो-अर्थी बात सुनकर मैंने भी कह दिया कि मैं सर से ज्यादा आपको खुश रखने की कोशिश करूंगा!
यह सुनकर उन्होंने एक आंख दबाने वाली इमोजी भेज दी और साथ ही एक चुंबन वाली इमोजी भी भेज दी.
वे हमारे कस्बे में जिस एरिया में रहती थीं, वह आउटसाइड एरिया था.
उधर लोगों का आना जाना कम ही रहता था.
अब हम दोनों रोज चैट करने लगे थे.
मैडम ने मुझे अपना फ़ोन नंबर भी दे दिया था तो मैंने उन्हें अपने व्हाट्सैप चैट में भी जोड़ लिया था.
धीरे धीरे हम दोनों काफी घुल-मिल गए और हमारी बातें सेक्स तक पहुंच गईं.
उन्होंने मुझे कई बार अपने घर बुलाया लेकिन मेरा ये पहला मौका था तो मैं कुछ डर रहा था.
उसी वक्त एक और बात हुई कि सर का ट्रांसफर पास के गांव के स्कूल में हो गया.
वह एक छोटा सा गांव था तो सर ने मैडम को हमारे कस्बे में ही रहने का तय किया.
सर की ड्यूटी जिस गांव में लगी थी, वह गांव हमारे कस्बे से 21 किमी दूर था.
एक दिन मैडम ने बताया कि मेरे पति 4 दिन के लिए चुनाव ड्यूटी पर जा रहे हैं, तब तक मैं अकेली ही घर में रहने वाली हूँ.
मैंने कहा- अरे तब तो आपको बहुत अकेलापन महसूस होगा!
मैडम ने मुझे घर आने को कहा तो मैं भी मान गया.
मैं अगले दिन उनके पति के जाने के बाद उनके घर पहुँचा.
अन्दर से मैं बहुत घबराया हुआ था क्योंकि ये सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था.
अब आपको मेरे बारे में बता दूं कि हमारे घर में गायें पली हैं और दूध का कारोबार होता है तो मैं बचपन से ही गाय का दूध पीता आया हूं.
गाय के दूध में जो शक्ति होती है, वह किसी और काम बढ़ाने वाली टेबलेट में नहीं होती है.
मेरा शरीर एकदम पहलवानों जैसा था और शायद मैडम को मैं इसी लिए पसंद आ गया था.
मेरा लंड भी औसत से बड़ा है. यह 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है.
जब मैडम ने मुझे अपने घर आने के लिए फोन किया तो मैं उनके घर पहुँच गया.
मैं उन्हें देख कर एकदम से हैरान था.
उन्होंने एक मस्त वन पीस ड्रेस पहन रखी थी जिसमें उनके दूध बहुत ही ज्यादा जानलेवा दिख रहे थे.
जब वे घूमी तो मुझे उनकी गांड भी बड़ी हाहाकारी लगी और उस पर से पैंटी नदारद सी दिखी.
मैडम ने मुझे बिठाया और मुझे चाय ऑफर करते हुए पूछा- क्या पियोगे? चाय चलेगी न!
मैंने मना कर दिया.
वे बोलीं- क्यों चाय नहीं पीते हो क्या?
मैंने कह दिया- हां, मेरे घर में चाय कोई नहीं पीता है!
वे हंस कर अपने दूध हिलाती हुई बोलीं- तो क्या फ्रेश दूध पीना पसंद करोगे?
मैं समझ गया कि इसकी चुत में बड़ी भयानक आग लगी है!
मैं भी उनके दूध निहारते हुए उठा और उनको अपनी बांहों में भरते हुए हग कर लिया.
वे झट से पलट गईं तो उनके बूब्स मेरे हाथों में आ गए और गांड लौड़े से रगड़ खाने लगी.
सच में उसकी भरपूर जवानी आग बरसा रही थी, जिससे मेरे लंड में भी आग लग गई.
वे उसी वक्त बोलीं- चलो अन्दर चलते हैं.
मैडम मुझे अपने बेडरूम में ले गईं.
उधर हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े और किस करने लगे.
मैंने मैडम को नंगी कर दिया और उनके मम्मों को चूसने लगा.
मैंने उनके दोनों निप्पलों को खूब चूसा और काटा.
वे भी अपने हाथ से मेरे मुँह में अपने दूध देती हुई सिसिया रही थीं और मुझे अपने दूध खाने का कह रही थीं.
‘आह साले … गाय समझ कर सीधे थन से दूध पी ले आह … कितना अच्छा लग रहा है आह चूस ले साले … मेरे पूरे दूध को खा ले.’
इन्हीं सब मस्ती भरी कामुक आवाजों के साथ कम से कम 20 मिनट तक मैं यही सब करता रहा.
मैंने अपने दोस्तों से सुना हुआ था कि लड़की को सीधा जाते ही नहीं पेलना चाहिए.
इसी लिए मैं मैडम को लिटा कर उसके पैर के अंगूठे से उनको चूसने लगा.
मैडम की बॉडी पर एक भी बाल नहीं था
मैंने उनकी टांगों पर अपनी जीभ फेरते हुए ही जांघों पर दांत गड़ा दिए.
उधर ही मुझे उनकी चुत से मादक महक आई तो देखा कि मैडम की चूत एकदम गीली हो रही थी.
मैंने मैडम की पैंटी उतार दी और उनकी चूत के दाने को जीभ से कुरेदने लगा और होंठों से दबा कर खींचते हुए खाने लगा.
मैडम की चुत की फांक में मैं जीभ को घुमाने लगा.
वे आह आह करती हुई अपनी गांड उठाने लगीं.
मैंने अपनी जीभ को मैडम की चूत के अन्दर तक घुसेड़ दी और जीभ को अन्दर चारों तरफ घुमाया तो वे सिसकारियां लेने लगीं और बेडशीट को पकड़ कर खींचने लगीं.
ऐसे ही मैंने दस मिनट तक चुत की चुसाई को चालू रखा.
उन्होंने अपनी चुत से रस छोड़ दिया जो सीधे मेरे मुँह में आ गया.
मैंने सारा रस पी लिया और चुत को चाट का कांच सा चमका दिया.
मैडम मेरे सामने एकदम नंगी पड़ी थीं, जबकि मैं कपड़े पहने हुए था.
उन्होंने उठ कर मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरे सीने पर किस करने लगीं.
वे मेरे सीने के निप्पलों को अपने होंठों मे दबाती हुई चूसने लगीं और बाईट करने लगीं.
कुछ ही पलों में वे एकदम जंगली बिल्ली हो गयी थीं, Xxx क्रेजी सेक्स करने लगी.
इस दौरान मैडम ने मेरी पीठ पर नाखू/न गाड़ कर निशान बनाना शुरू कर दिए थे और मेरे सीने पर अपने दाँतों से निशान बना दिए थे.
मैंने उनको फ़ोन सेक्स के दौरान गालियां भी देना सिखा दी थीं, तो वे मुझे गाली देती हुई भँभोड़ रही थीं.
‘साले बहुत तरसाया है तूने मादरचोद … आज तुझे मैं कच्चा चबा जाऊंगी. आह बहुत दिन बाद देसी मुर्गा मिला है … वर्ना मेरा गांडू खसम मुझे सही से चोदता ही नहीं है. उसकी सरकारी नौकरी न होती तो मैं कब की भाग गई होती!’
मैं मैडम की रसीली बातें सुनता हुआ उनके जिस्म का सुख भोग रहा था.
अब मैडम ने मेरी पैंट की ज़िप खोली और मेरी चड्डी में फूला हुआ लंड देख कर उनकी आंखें खुली की खुली रह गईं.
उन्होंने चड्डी में से लंड निकालते हुए कहा- आज तो तुम मुझे चलने लायक नहीं छोड़ोगे!
मैं सिर्फ उनकी बातों का मजा ले रहा था.
उन्होंने मेरे लौड़े को हाथ से मसलते हुए कहा- ऐसा लंड तो पोर्न फिल्मों में होता है, मेरे पति का तो इससे आधा है.
अब वे मेरे लंड को चूसने लगीं और लंड पर थूक से उसे गीला कर दिया.
फिर मैंने मैडम को अपने सामने नीचे फर्श पर घुटनों के बल बैठाया और उनके सामने खड़े होकर उनके हाथ ऊपर करके अपने लंड से उनका मुँह चोदने लगा.
मैडम बड़ी मस्ती से मेरे लौड़े को चूस रही थीं.
मेरा लंड उनके थूक से पूरा गीला हो गया; यहां तक फर्श भी गीला हो चुका था.
अब मैंने उनको लेटाया और हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
उन्होंने मेरे लंड को गीला किया और मैंने उनकी चूत को.
फिर मैंने उनको बेड पर सीधा लेटाया और चूत पर लंड को सहलाया.
वे बोलीं- अब चोद दे बहन के लौड़े मुझे रंडी बना ले अपनी!
मैंने मैडम की अन्तर्वासना को बढ़ाने के लिए 2 मिनट लंड चूत पर सहलाया और फिर चूत में घचाक से घुसेड़ गया.
अभी मेरा लंड उनकी चुत में आधा ही गया था कि उनके चूत में से खू/न आने लगा.
उनके मुँह से भी चीख निकल गई- ऊई मम्मी रे … फट गई … आह धीरे चोद मां के लौड़े आह … आज ही चुत को भोसड़ा बनेगा क्या!
मैंने धीरे धीरे लंड को आगे पीछे किया.
उनकी चुत में से कट लगने की वजह से खू/न आया था.
फिर मैंने धीरे धीरे करके पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया और जोर जोर से अन्दर बाहर करने लगा.
कुछ देर बाद मैंने मैडम को घोड़ी बनाया और उनके दोनों कंधे पकड़ कर आगे पीछे किया.
वे Xxx क्रेजी सेक्स का मजा लेती हुई जोर जोर से चिल्ला रही थीं और गालियां निकाल रही थीं- आह चोद मुझे मादरचोद बहन के लौड़े … फाड़ दे मेरी चुत को!
मैंने दम से चोदा और अब उनको खड़ा कर दिया.
उनके दोनों हाथ दीवार पर टिकवाए और उनको झुका कर लंड पेला.
वे झड़ गईं लेकिन मेरा अभी हुआ ही नहीं था तो उन्होंने कहा- मेरे मुँह को चोदो और मुँह में निकालो!
कुछ मिनट बाद मैंने मैडम के मुँह में लंड पेला और उधर ही अपना लावा छोड़ दिया.
वे उसे स्वादिष्ट रस समझ कर गटक गईं.
उसके बाद 3-4 दिन तक मैंने ऐसे ही मैडम को चोदा.
इसके बाद मैं उन्हें अब तक पचासों बार चोद चुका हूं और वे भी मेरी रंडी बन कर ही चुदवाती हैं.
आज भी मैं उन्हें चोद रहा हूँ और उन्हीं के कहने पर मैंने यह सेक्स कहानी लिखी है.
Xxx क्रेजी सेक्स की कहानी पर अपनी राय मुझे बताएं.
धन्यवाद.
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