ऑफिस गर्ल Xxx कहानी में पढ़ें कि एक नयी लड़की मेरे दफ्तर में मेरी ही टीम में आयी। एक दिन मुझे उसके बॉयफ्रेंड से उसके ब्रेकअप का पता चला। मैंने इसका कैसे फायदा उठाया?
नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम राज कुमार है। मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट पर चार साल से काम कर रहा हूं।
मैं दिल्ली में रहता हूं।
मैं अपनी बॉडी का ध्यान रखता हूं और जिम करने का भी शौकीन हूं। देखने में भी मैं अच्छा लगता हूं। अब मैं काम की बात पर आता हूं।
आज मैं आपको अपनी दो साल पुरानी स्टोरी बताने जा रहा हूं। यह घटना मेरे साथ मेरे ऑफिस में हुई थी।
यह ऑफिस में चुदाई का मेरा पहला अनुभव था। आप लोग कहानी को पढ़ें और मजा लें।
उस वक्त मेरी टीम में एक लड़की की आवश्यकता थी और ऑफिस में नया फीमेल स्टाफ भर्ती किया जा रहा था।
मैं ऑफिस में बाइक से ही आता था। मेरे पास स्पोर्ट्स बाइक होती थी उस वक्त।
वह सोमवार का दिन था और उस दिन हल्की हल्की बारिश हो रही थी। मैं उस दिन ऑफिस में थोड़ी देर से आया था।
तो जब मैं आया तो वॉशरूम में खुद को रेडी करके अपने केबिन में गया।
वहां पर मैंने देखा कि एक खूबसूरत सी लड़की पहले ही मेरी सीट पर बैठी हुई थी।
मैंने जैसे ही उसे देखा मैं तो देखता ही रह गया।
एकदम फ्रेश माल थी, क्या फिगर था … दोस्तो।
वो एकदम कच्ची कली लग रही थी देखने में और काफी हॉट भी थी।
इतने में ही मेरा मैनेजर मेरे पास आया और बोला- राज, ये नई जॉइनी है। इसका नाम रानी कपूर है। इसने आज ही हमारी टीम में जॉइन किया है। यह आज से तुम्हारे साथ काम करेगी।
मैं मन ही मन बहुत खुश हो रहा था; ऐसी खूबसूरत लड़की सारा दिन मेरे पास रहेगी।
ये सोचकर ही मैं रोमांचित हो रहा था।
ऐसे ही काम करते करते हम दोनों को एक हफ्ता हो गया और हम अच्छे दोस्त भी बन गए।
एक दिन वो जब ऑफिस आई तो थोड़ी उदास थी।
मैंने उसे इसका कारण पूछा तो वो बोली- सर, कुछ नहीं है, बस मैं ठीक हूं।
ऐसे करते करते पूरा दिन निकल गया और फिर घर जाने का समय हो गया।
मैं ऑफिस से बाइक पार्किंग में आ गया।
मैंने देखा कि वो पार्किंग में किसी से फोन पर बात करते हुए रो रही थी।
उसकी बातों से लग रहा था कि मानो जैसे वो अपने बॉयफ्रेंड को मना रही थी।
जब मैं उसके पास गया तो वो मुझे देख कर और भी तेज रोने लगी।
उसने फोन काट दिया।
मैंने पूछा कि क्या बात है तो उसने टालने की कोशिश की लेकिन मैं पूछता ही रहा।
फिर बोली- सर मेरे साथ प्यार में धोखा हुआ है। जिस लड़के से मैं प्यार करती थी अब वो मुझसे बात नहीं करता है। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूं। मैं उससे बहुत प्यार करती हूं और अब वह मुझसे बिल्कुल भी बात नहीं करना चाहता है।
इतना कहते हुए वो जोर जोर से रोने लगी।
मैंने उसको कंधे सहलाया तो वह मेरे गले लगकर रोने लगी।
मैं तो अंदर से खुश हो रहा था कि इसके ब्रेक-अप का फायदा अब मुझे मिलेगा।
फिर अचानक बारिश होने लगी। बारिश काफी तेज थी।
हम दोनों भीगने लगे और जल्दी से बिल्डिंग के नीचे आ खड़े हुए।
मैंने कहा- ये बारिश पता नहीं कब रुकेगी। तब तक हमें ऊपर ऑफिस में ही बैठना चाहिए।
वो बोली- नहीं सर, ऑफिस में क्या करेंगे। यहां पास में ही मेरा रूम है। अगर आपको कोई दिक्कत न हो तो आप वहां पर थोड़ी देर रुक जाना और फिर चले जाना।
मैं तो मन ही मन खुश हो रहा था कि इससे अच्छी और क्या बात हो सकती है।
मैं उसके साथ चलने के लिए फटाक से मान गया।
हम दोनों बारिश में ही निकल पड़े।
रास्ते में भीगते हुए उसने बताया कि उसको बारिश में भीगना पसंद है। इससे उसका मूड काफी अच्छा हो गया था। अब वो खुलकर बात कर रही थी। मैं भी अंदर ही अंदर मूड में आ रहा था।
रास्ते में चलते हुए मैं जानबूझकर ब्रेक लगा रहा था। उसके बूब्स मेरी पीठ से टकरा रहे थे।
10 मिनट बाद हम उसके रूम पर पहुंच गये।
मैंने उसे देखा तो उसका टॉप भीग चुका था और उसकी चूचियों पर फंसी काली ब्रा भी उभरकर दिखने लगी थी।
उसकी गोरी जांघों पर उसकी जीन्स वाली शॉर्ट्स में वो गजब की सेक्सी लग रही थी।
एकदम मलाई जैसी चिकनी जांघें थीं उसकी। हम उसके रूम पर गये।
अंदर जाकर उसने कहा- आप तौलिया से पानी सुखा लो। मैं भी कपड़े बदल कर आती हूं।
उसने मुझे तौलिया दे दिया और रूम दिखा दिया।
वो अंदर वॉशरूम में चली गई।
मैंने अपने कपड़े उतार दिये और अंडरवियर में खड़ा होकर अपने बदन को पौंछने लगा।
मैं जानबूझकर वहीं पर खड़ा रहा और रूम में नहीं गया।
कुछ देर के बाद वो कपड़े बदल कर बाहर निकली। उसने लाल ड्रेस पहनी हुई थी और उसमें वो बहुत ही सेक्सी लग रही थी।
सेक्सी लड़की की चुदाई के ख्याल से ही मेरे लंड में हलचल होने लगी थी।
मेरे गीले अंडरवियर में मेरे लंड ने आकार लेना शुरू कर दिया था।
वो भी मुझे ऐसी अवस्था में देखकर थोड़ी शर्मा रही थी और नजरें नहीं मिला रही थी।
फिर वो कहने लगी- आप आराम से बैठो, मैं आपके लिए चाय बनाकर लाती हूं।
वो किचन में चली गई और चाय बनाने लगी।
चाय चूल्हे पर चढ़ाकर वो वापस आ गई।
वो बाहर देखने लगी कि बारिश तो रुक ही नहीं रही है।
फिर उसने कहा- अभी पता नहीं कितनी देर में बारिश रुकेगी, मैं आपके लिए कुछ कपड़ देखती हूं। शायद आपके साइज का कुछ मिल जाए।
उसने अपने बॉयफ्रेंड की टीशर्ट और लोअर निकाली और मेरी तरफ आने लगी।
मेरे भीगे बदन से फर्श पर जो पानी गिरा था उसमें उसका पैर फिसल गया।
वो गिरने लगी तो मैंने उसको लपक कर संभाला।
मगर उसको संभालने के चक्कर में मेरा भी पैर फिसल गया और मैं उसके ऊपर होते हुए उसको बेड पर लेकर गिर गया।
मेरी छाती अब उसके चूचों पर सटी थी और मेरा लंड उसकी जांघों पर।
जरा सा अहसास मिलते ही मेरा लंड एकदम से तन गया।
मेरा मन किया अभी इसको चूसने लगूं और नीचे से नंगी करके इसकी चूत में लंड पेल दूं।
मगर मैं ऐसा नहीं कर सकता था।
मैं उठने लगा।
मगर मेरा लौड़ा मेरे कच्छे में तन चुका था और उसने बड़ा सा तंबू बना दिया था।
अब मुझे भी शर्म आ रही थी।
वहीं मैंने रानी की ओर देखा तो वो शर्माते हुए नीचे ही नीचे मुस्करा रही थी।
फिर वो उठी और चाय देखने के लिए जाने लगी।
मगर ये अजब इत्तेफाक था कि उसी वक्त एकदम से लाइट चली गयी और उसका पैर फिर से फिसला।
उसने मेरे जिस्म को टटोलते हुए मेरा हाथ पकड़ा और उसको गिरने से बचाने के चक्कर में मैं भी उसके साथ ही गिरने लगा।
अबकी बार हम दोनों फर्श पर गिर पड़े।
अब मैं पूरा का पूरा उसके ऊपर था। मेरे होंठ उसके होंठों के पास थे।
वो थोड़ी असहज होकर मेरी आंखों में देख रही थी और मैं उसके होंठों को देख रहा था।
कमरे में बहुत कम रोशनी थी जो थोड़ी बहुत बाहर से ही आ रही थी।
बाहर तेज बारिश का शोर था और बिजली कड़क रही थी। मेरा लंड तो उसकी चूत में घुसने के लिए बेताब हो उठा।
मेरे लंड के झटके उसकी जांघों पर लगने लगे। शायद उसको भी इन झटकों का अहसास हुआ और हम दोनों के होंठ मिलते फिर देर न लगी।
हम वहीं फर्श पर पड़े हुए एक दूसरे के होंठों का रस पीने लगे।
जल्दी ही दोनों के जिस्म गर्म हो गये और हमारी सांसें बहुत तेज हो गयीं।
मैं तो उसको बस चोद देना चाहता था।
उसकी ड्रेस के ऊपर से मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा और वो सिसकारियां भरने लगी।
मेरा गीला कच्छा उसकी चूत से निकल रही गर्मी से भांप देने लगा था।
मैंने उसको उठाया और बेड पर ले जाकर लिटा दिया। मैं फिर से उसके ऊपर आया और बेतहाशा उसके होंठों को चूमने लगा।
वो भी मेरा पूरा साथ देने लगी।
मुझसे अब रुका नहीं जा रहा था। 20 मिनट तक हम दोनों लगातार एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे।
फिर मैंने उसकी ड्रेस निकाल दी।
उसने नीचे से ब्रा नहीं पहनी थी।
मैंने उसकी चूचियों को पीना शुरू कर दिया।
जोर जोर से दबाते हुए मैं उसकी दोनों चूचियों को बारी बारी से पी रहा था।
फिर एक हाथ को चूचियों पर रखकर मैं दूसरे हाथ से उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा।
मैंने पाया कि उसकी चूत गीली होना शुरू हो गयी थी।
अब उसकी सिसकारियां काफी तेज हो गई थीं। लग रहा था कि वो भी जैसे चुदने के लिए मचल उठी है।
मैंने उसकी पैंटी को निकाला और उसकी नंगी चूत को सहलाने लगा।
दोस्तो, जवान लड़की की नंगी चूत को सहलाने का मजा ही कुछ और होता है। उसकी चूत फूली हुई सी लगने लगी थी।
फिर मैंने उसमें बीच वाली उंगली आधी डालकर चलाना शुरू किया।
वो एकदम से उचक गयी और तेजी से मेरी गर्दन पर चूमने काटने लगी। इससे मेरा जोश और बढ़ गया और मैंने पूरी उंगली घुसाकर उसकी चूत को उंगली से चोदना शुरू कर दिया।
अब वो ज्यादा देर बर्दाश्त नहीं कर पाई।
वो बोली- बस सर … आह्ह … अब काम पूरा कर दो। मैं आपका लेना चाहती हूं।
मैंने कहा- देने के लिए ही तो आया हूं मेरी जान!
वो बोली- तो जल्दी करो सर … नहीं रुका जा रहा … प्लीज।
मैंने उसकी चूत में जीभ से चाटा और चूसने लगा।
वो एकदम से बौखला गयी और मेरे सिर के बालों को खींचने लगी।
अब मैंने उसको ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा। मैंने अपना कच्छा निकाला और नंगा हो गया। मैंने उसकी चूत पर लंड को रखा और एक बार फिर से उसके होंठों को पीने लगा।
वो नीचे से अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़वाने लगी।
दो मिनट मैंने उसकी चूत की मालिश अपने लंड से की।
अब मैंने धीरे धीरे लंड के धक्के देने शुरू किये और लंड ने चूत के छेद को ढूंढ लिया।
लंड उसकी चूत के छेद पर जाकर अटक गया।
अब उसकी चूत को भेदने की बारी थी।
मैंने धक्का लगाया तो वो चीख पड़ी- ओह्ह … सर … आराम से … आह्ह … दुख रहा है।
मैंने कहा- बस एक बार दर्द होगा मेरी जान।
वो बोली- हां जानती हूं, मगर आपका मेरे बॉयफ्रेंड से बहुत मोटा है।
मैंने कहा- कोई बात नहीं, मुझ पर भरोसा रखो।
अब मैंने अपने लंड के सुपारे पर थूक लगाया और धीरे धीरे उसकी चूत के छेद पर लंड से सहलाने लगा।
उसको मजा आने लगा।
फिर मैंने मौका देखकर उसकी चूत में लंड को घुसा दिया और वो एकदम से तिलमिला गई।
मेरा आधा लंड उसकी चूत को फाड़कर घुस गया।
वो मेरी पीठ पर नोंचने लगी और मुझे धकेलने लगी।
मगर मैंने उसको दबाकर रखा।
फिर मैंने थोड़ा विराम दिया और धीरे धीरे उसकी चूत को चोदने लगा।
कुछ देर तक वो दर्द से बिलबिलाती रही और फिर धीरे धीरे उसको भी मजा आने लगा।
अब वो आह्ह … ऊह्ह … आह्ह … जैसी आवाजों के साथ चुदने लगी।
मैं भी उसकी टाइट चूत की चुदाई का मजा ले रहा था।
बहुत दिनों के बाद ऐसी चूत चोदने को मिली थी।
मेरे धक्कों की स्पीड बढ़ने लगी थी।
वो भी और तेज सिसकारने लगी थी।
दस मिनट के बाद मेरा चरम बिंदू आ गया; मैं झड़ने वाला था।
मैंने उससे पूछा कि कहां गिराना है तो उसने कहा कि चूत में नहीं गिराना, बाकी कहीं भी गिरा लो।
मैंने एकदम से उसकी चूत से लंड निकाला और उसके मुंह के आगे कर दिया।
उसने तुरंत मेरे लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
दो चार बार की चुसाई के साथ ही मेरे लंड से वीर्य की धार उसके मुंह में गिरने लगी।
उसने मेरा सारा माल मुंह में गिरवा लिया और फिर जब मैं शांत हो गया तो उसने वो माल बाथरूम में जाकर थूक दिया।
फिर हम दोनों नंगे लेटकर बातें करने लगे।
इतने में ही धुंआ और बदबू सी आने लगी। चाय के लिए गैस चूल्हे पर रखा पानी जल गया था।
वो नंगी ही किचन में दौड़ी और गैस को बंद करके आ गयी।
हम दोनों हंसने लगे। चुदाई के जोश में चाय का ध्यान नहीं रहा।
वो कहने लगी- मैं दूसरी चाय बनाती हूं।
मगर मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचकर उसके होंठों को चूसने लगा।
अभी भी बारिश नहीं रुकी थी।
हम दोनों किस करते रहे।
दस मिनट के बाद एक बार फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया और मैंने उसको घोड़ी बनाकर फिर से चोदा।
इस तरह से उस दिन मैंने दो बार अपनी ऑफिस गर्ल की चुदाई की।
ऑफिस गर्ल की सेक्सी कुंवारी चूत चोदकर मैं तो जैसे स्वर्ग पा गया था।
उसके बाद रानी के साथ चुदाई का ये खेल चलता रहा। जब भी मन करता वो मुझे रूम पर ले जाती और हम दोनों खूब मजे करते।
तो दोस्तो, इस तरह से मैंने अपने ऑफिस की हॉट लड़की की चुदाई के मजे लिये।
आपको मेरी ये ऑफिस गर्ल Xxx कहानी कैसी लगी मुझे जरूर बतायें। आप लोगों के मैसेज का मैं इंतजार करूंगा।
थैंक्यू।
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