न्यूड भाभी ननद सेक्स कहानी में भाई भाभी हनीमून पर गए तो मुझे भी साथ ले गए. वे मेरे सामने अश्लील हरकतें करते तो मेरा भी चुदाई का मन होता. मैं तब कुंवारी थी.
हैलो … मैं हूँ ज़ोया, असली नाम.
मेरे भाई ने मुझसे कहा कि आप सभी के सामने अपनी असली न्यूड भाभी ननद सेक्स कहानी लिखूँ.
मेरे परिवार में मैं हूँ, भाईजान हैं, अम्मी हैं और भाई की बीवी ज़ाहिरा, जो मेरी बेस्ट फ्रेंड भी हैं.
मैं और मेरे भाई के साथ बैंगलोर में रहते हैं.
मेरे भाई की शादी को अभी तीन महीने हुए हैं.
पहले वे लोग अकेले रहते थे लेकिन अब मैं भी उनके साथ हूँ.
पहले हम भाई-बहन का रिश्ता बहुत अच्छा था.
लेकिन जब से भाभी आईं, तब से ये सब शुरू हुआ … या यूँ कहो, जब से मैं उनके साथ रहने लगी, तब से!
शादी के दो महीने बाद जुलाई में हम तीनों गोवा गए, उनके हनीमून पर!
मुझे ज्यादा समझ नहीं थी कि वहां कैसे रहना है.
भाभी ने कहा- छोटी ड्रेस पहनो.
मैंने पहन ली.
फिर भाई, भाभी और मैं बीच पर चले गए.
वहां सबने अच्छे-अच्छे कपड़े पहने थे लेकिन भाई-भाभी जो रोमांस कर रहे थे, उससे मेरा हाल खराब हो गया था.
उस दिन मैंने सफेद टी-शर्ट पहनी थी.
पानी में भीगने के बाद मेरी ब्लैक ब्रा में मेरे बूब्स साफ दिख रहे थे.
पहले मुझे अच्छा नहीं लग रहा था लेकिन जब भाई ने देखा और हल्की-सी स्माइल दी.
तो हम दोनों भाई-बहन ने मस्ती शुरू कर दी.
तभी एक लहर आई, मैंने भाई को जोर से पकड़ लिया.
भाभी ने भी हम दोनों के साथ खुद को चिपका लिया.
इससे संतुलन बिगड़ गया और हम तीनों पानी में ही गिर गए.
मैं आधी पानी में गिर गई थी और आधी भाई के ऊपर थी.
मेरी तरह से ही आधी भाभी, भाईजान के शरीर पर गिरी हुई थीं.
भाभी ने तुरंत कहा- क्या बात है डियर … आज तो तुम्हारी प्यारी बहन भी मस्त लग रही है!
भाई ने कहा- हां यार, आज तो यह सच में बहुत खूबसूरत लग रही है.
मुझे थोड़ा अजीब लगा.
लेकिन भाभी मुझसे बोलीं- ये सब गोवा में आम बात है, तुम टेंशन मत लो. इधर किसी को किसी की फिक्र नहीं होती है, सब मौज मस्ती के लिए ही गोवा आते हैं.
फिर हम सबने खूब मस्ती की.
भाभी भाईजान का लंड पकड़ रही थीं और बार-बार बोल रही थीं- इसका तो मजा ही अलग है.
उनके खुलेआम लंड पकड़ने से मैं अजीब सा महसूस कर रही थी.
उसके बाद हम लोग खाने गए, भीगे हुए ही.
जब वापस आए, तो भाभी ने कहा- यहां मजा करने आए हैं यार … तुमने मुँह क्यों लटका रखा है?
मैंने बोल दिया- आप लोग ये सब खुले में क्या पकड़ा पकड़ी कर रहे हो … बताओ! रूम में जाकर करो न ये सब!
भाभी हंस कर बोलीं- पगली है … तू भी कर ना, मजा ले! यहां कौन तेरी अम्मी बैठी हैं जो देख रही हैं? तू भी कर!
मैंने कहा- किसके साथ करूँ, बताओ!
भाभी ने बोल दिया- मेरे हसबैंड के साथ! मुझे कोई दिक्कत नहीं है!
मैंने कहा- भाईजान के साथ?
वे बोलीं- हां, जो करना चाहती है … कर ले, जैसे मन हो, वैसे कर ले! तुझे भी पकड़ा पकड़ी करनी है, तो तू भी कर ले एकदम बिंदास … मुझे कोई दिक्कत नहीं है!
मैं तो डर गई कि ये क्या बोल रही हैं भाभी.
फिर वे बोलीं- डर मत, तेरा भाई कुछ नहीं बोलेगा. तू बस ऐसा कर कि तू कुछ कर ही नहीं रही, बाकी मैं देख लूँगी.
मेरा मन सेक्स करने का तो था, लेकिन भाई के साथ नहीं.
भाभी ने कहा, तो मेरे मन में ना जाने कहां से ये सब आ गया कि अब भाई के साथ ही सेक्स कर लूँ.
शाम को हम लोग फिर से बीच गए.
भाभी बार-बार मुझे भाईजान में धक्का दे रही थीं.
मुझे लगा कि यार भाभी भी ना, अजीब कर रही हैं!
लेकिन एक बार ऐसा हुआ कि भाभी ने धक्का दिया और मैं भाईजान से पीछे से चिपक गई.
उनका लंड मेरी गांड में चिपक गया.
भाई ने मुझे पेट की ओर से पकड़कर अपनी तरफ और चिपका लिया.
मुझे तो तुरंत कुछ-कुछ होने लगा.
भाभी ने भी तुरंत बोल दिया- माल अच्छा लगा?
भाई ने स्माइल की.
भाभी ने मुझसे पूछा- क्या हुआ बन्नो?
मैंने हल्के से भाभी के कान में कहा- भाई का लंड मेरे पीछे चिपक गया था!
भाभी और भाईजान स्माइल कर रहे थे और चिपक रहे थे.
भाभी ने पूछा- तुझे अच्छा नहीं लगा क्या?
मैंने भी बोल दिया- हां, अच्छा तो लगा, लेकिन भाईजान हैं वे मेरे!
भाभी बोलीं- छोड़ ना, मजा ले तू बस!
उसके बाद ये बार-बार हुआ, तो अच्छा लगने लगा. हमने बहुत मजा किया.
जब हम होटल आए, तो भाभी ने भाई से कहा- हम तीनों एक साथ बाथरूम चलते हैं. आप नहाकर जल्दी निकल जाना!
हम तीनों एक साथ बाथरूम में गए.
उसके बाद जो हुआ, वह अभी भी इतना अच्छा लगता है कि पूछो मत!
हम तीनों अपने बाल साफ करने लगे.
जब मैं झुककर बाल धो रही थी, भाईजान मेरे ठीक पीछे खड़े थे. उनका लंड मेरे पीछे टच हुआ!
मेरी जान निकल गई.
लेकिन भाभी ने उन्हें अच्छे से चिपका कर खड़ा कर दिया था.
वे और ज्यादा चिपक कर मेरी गांड में अपने लंड की गर्मी का अहसास दिला रहे थे.
भाईजान मुझसे बोले- हम्म!
उनकी हम्म मुझे ऐसी लगी मानो वे लंड की सख्ती के लिए पूछ रहे हों कि कड़क लगा है न!
उसी वक्त भाभी ने कहा- अरे यार जानू, तुम्हारी बहन की फिगर बहुत अच्छी है … है ना!
भाई ने कहा- बहुत अच्छी, बहुत ज्यादा अच्छी है!
उनकी आवाज़ में जोश था.
तभी भाभी ने कहा- यह तुम्हारी बहन ना, तुम्हारे साथ वह करने को बेताब है!
मैं तो बिल्कुल हिल गई और खिसिया कर हंसने लगी.
भाभी ने फिर से कहा- अरे यार तुम भी ना … मैंने तो वैसे ही बोला!
मैं बाल धोकर खड़ी हुई, तो देखा भाईजान का लंड बिल्कुल तना हुआ था.
इस बार भाभी ने साफ शब्दों में बोल दिया- देख रहे हो, भाईजान का लंड कैसे खड़ा है!
मैं सकपका गई और उनके लौड़े को चुपचाप देखती रही.
मैं फिर से अपने बाल धोने लगी.
फिर से वही हुआ, इस बार तो भाईजान का लंड कुछ ज्यादा ही मेरी गांड में घुस रहा था.
जब भाभी ने मेरे पीछे हाथ रखकर बोला- लवड़ा मस्त लग रहा है ना!
तो मैंने कहा- भाभी, ये सब ना करिए, अच्छा नहीं लगता!
तभी भाईजान बोले- मेरी जान ज़ोया, तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा है क्या!
मैंने कहा- भाईजान, ऐसी बात नहीं लेकिन…
तो उन्होंने मेरी बात काटते हुए कहा- कोई बात नहीं मेरी जान, तुम्हें अच्छा नहीं लग रहा तो बोलो!
जब उन्होंने ऐसा बोला ना, तो मैं उन्हें मना नहीं कर पाई.
भाभी ने फिर कहा- तुम लोग इतना शर्माते क्यों हो?
तभी भाईजान बोले- ऐसी बात नहीं जानू, मेरी बहन को अच्छा नहीं लगेगा तो क्यों करना कुछ!
मैंने बोल दिया- भाईजान, अच्छा तो लगता है, लेकिन आप तो मेरे भाई हो न … ये अच्छी बात नहीं है.
भाई ने कहा- चुप पागल … कोई और करेगा, इससे अच्छा मैं करूँ!
मैं तो यह सुनकर सन्न हो गई.
भाभी ने बोला- मैंने भी यही बोला था, इसे ये सब बात सही है कि अपने घर का लंड अच्छा होता है.
मैं समझ गई कि आज मेरी चुत भाई के लवड़े की शिकार हो जाएगी.
मन में मुझे भी गुदगुदी होने लगी और भाई का लंड पकड़ने की इच्छा होने लगी.
फिर भाभी बाल धोने आ गईं.
भाई वैसे ही खड़े रहे.
जब भाभी ने वैसे ही किया, तो बोलीं- अरे जोया, तुम मेरी पैंट को उतार दोगी प्लीज.
मैंने भाभी की पैंट उतार दी और उसके बाद वह पैंटी में आ गईं.
अजीब टाइप की पैंटी थी वह!
चूतड़ एकदम खुले थे और चुत पर त्रिभुज के आकार का कपड़ा था बस.
भाईजान अंडरवियर में थे.
मेरी हालत तो उन दोनों को देख देख कर ही खराब हो रही थी.
मैं भाभी के पीछे छिप रही थी.
फिर भाभी ने बोला- ज़ोया, अपनी हाफ पैंट उतार दो!
मैंने नहीं उतारी तो भाभी ने कहा- तुम ही उतार दो!
भाईजान ने मेरी तरफ देखा और स्माइल की.
मुझसे भी रहा नहीं गया, मैंने बोला- आप उतार दो!
भाभी और भईया दोनों हंसने लगे.
फिर भाई ने मेरी पैंट उतारने के लिए हाथ बढ़ाया और बटन को खोल दिया.
मेरी पैंट थोड़ी ही नीचे की, तभी मैंने रोक दिया.
फिर मैंने भाई से बोला- ठीक है, बस इतनी ही रहने दो.
यह सुनकर उन्होंने पूरी पैंट नीचे कर दी.
वे मुझे देखते रह गए और भाभी भी देखती रह गईं.
मेरी जांघों के किनारे बहुत गोरे हैं और बिल्कुल साफ भी हैं. यही स्थिति मेरी चुत की भी है … लेकिन अभी चुत खुली नहीं थी.
भाई ने बोला- यार कितनी खूबसूरत रानें हैं इसकी!
वे मेरी ब्लैक पैंटी को देखकर चुपचाप घूरे जा रहे थे.
उन्हें शायद मेरी कचौड़ी सी फूली हुई चुत का अंदाज होने लगा था.
अब भाई ने मुझे पकड़कर पीछे घुमाया और फिर से सीधा किया.
यह उन्होंने माल देखने के अंदाज में किया था.
वे अपनी छोटी बहन की गांड चुत सब बड़े ध्यान से देख रहे थे.
भाभी ने बोला- इसकी टी-शर्ट भी खोलो!
तो भाई ने मेरी टी-शर्ट को भी उतार दिया.
मैं ब्रा में कैद अपने बूब्स को हाथ से ढककर खड़ी हो गई.
भाई और भाभी दोनों देखने लगे.
भाभी ने बोला- मैंने कहा था ना, तुम्हारी बहन बहुत ज्यादा खूबसूरत है!
भाई बोले- हां यार!
फिर भाभी ने भी अपनी टी-शर्ट उतार दी.
हम तीनों ऐसे ही थे.
भाभी बोलीं- अब किस बात की शर्म यार … सारे कपड़े खोलो न!
उन्होंने भाई की चड्डी उतार दी.
उनका मोटा और लंबा लंड देखकर तो दिमाग ही खराब हो रहा था.
भाई ने उसे अपने हाथ से पकड़ा और भाभी से इशारा किया तो वे नीचे बैठ गईं.
फिर भाभी उनका लंड अपने मुँह में लेकर अन्दर-बाहर करने लगीं.
वे भाई के लंड को दबाकर जीभ से चाट रही थीं.
तभी भाभी ने मुझे नीचे खींचकर बिठाया और बोलीं- देखो, ऐसा लंड मिलना मुश्किल है!
मैंने स्माइल की.
फिर भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और लंड पर रख दिया.
भाईजान का लौड़ा गर्म था बिल्कुल!
पहले तो मैं हाथ से पकड़ कर लंड को हिलाने लगी.
मुझे अच्छा लगने लगा.
फिर भाभी खड़ी हो गईं और नहाने लगीं.
उन्होंने मुझसे कहा कि मैं जब तक नहाती हूँ … तब तक तुम इसे अच्छे से हिलाओ!
यह कह कर भाभी ने अपनी चड्डी भी खोल दी और वे नंगी होकर नीचे बैठ गईं.
उन्होंने पीछे से हाथ ले जाकर मेरी ब्रा का हुक भी खोल दिया.
झटके से ब्रा खुल गई.
मैं पैंटी में थी और भाईजान का लंड हिला रही थी.
मुझे वह अनुभव सबसे बेस्ट लगा.
फिर भाई ने कहा- पैंटी उतारो!
मुझे डर लग रहा था.
तब भाई ने मुझे खड़ी किया और सीने से लगा कर पहले प्यार किया और उसी वक्त उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरी चड्डी की इलास्टिक में उंगलियां फंसा कर उसे नीचे सरका दी.
भाईजान भाभी से बोले- देख, कितनी खूबसूरत है मेरी बहन की बॉडी!
फिर भाई ने मुझे खड़ा किया और पीछे मेरी गांड में अपना मुँह लगाकर चाटने लगे.
मैं उस वक्त पागल हो रही थी.
फिर भाभी ने मेरे एक दूध को अपने मुँह में ले लिया और दूसरे को मसलने लगीं.
कुछ ही मिनट में मैंने चुत से रस टपकाना शुरू कर दिया.
भाई की जीभ मेरी गांड के छेद में से होती हुई मेरी चुत के सामने जब भी जा रही थी, मेरा रस उनकी जीभ से टच होकर उनके मुँह में जा रहा था.
भाभी मेरे बूब्स को देखकर बोल रही थीं- बहुत जूसी चूचे हैं!
हम तीनों दस मिनट तक वैसे ही करते रहे.
मैं कसमसाने लगी, लेकिन मजा भी उतना ही आ रहा था.
फिर भाई ने मुझे आगे किया और मेरी चुत चाटने लगे.
भाभी देखने लगीं.
मेरा रस निकलना और तेज हो गया.
भाभी अपने हाथ से मेरे दूध को मसल रही थीं और भाई मुँह से चुत की चुसाई कर रहे थे
सब कुछ अजीब हो गया था.
मैं पूरी तरह मदहोशी में आ गई थी. मेरी चुत की चुदास बढ़ने लगी थी.
फिर हम लोग नहाने लगे.
भाई मुझे अपने से चिपका कर नहाने लगे.
वे पांच मिनट तक वैसे ही करते रहे.
फिर भाभी ने कहा- मेरे अन्दर लंड डालो.
भैया ने भाभी के अन्दर पीछे से डालना शुरू कर दिया.
दो-तीन मिनट में उनका स्पर्म निकलने को हुआ तो उन्होंने लौड़े को भाभी की चुत से निकाल लिया.
भाभी ने लंड मुँह में भर लिया और लंड से निकलने वाले रस को पी लिया.
अब हम लोग नहाकर बाहर आ गए और एक-दूसरे की नकल कर रहे थे.
भाई ने कहा- जोया, अच्छा लगा?
मैंने बोल दिया- भैया, बहुत अच्छा!
हम लोग तब तक नंगे ही थे.
तभी खाना आ गया.
भैया तौलिया लपेट कर खाना लेने गए.
हम लोग बेड में घुस गए.
फिर खाना देने वाला आया तो भैया ने उससे कहा- आप किसी सफाई वाले को भेज दो, बाथरूम में सब पानी-पानी हो गया.
जब सफाई वाला आया, तो भाभी ने जो किया, वह तो हद ही हो गया होगा!
वह लड़का काला-सा नव जवान सा था.
वह बाथरूम में सफाई करने गया.
तब भैया सिगरेट लेने बाहर चले गए थे.
जब वह लड़का बाथरूम में सफाई कर रहा था, तो भाभी ने मुझसे कहा- तुम कुछ देखोगी?
मैंने कहा- क्या?
वे बेड से नंगी ही उठीं और बाथरूम में चली गईं.
भाभी ने अपनी पैंटी और मेरी पैंटी को ले जाकर वहां रख दिया.
वे ऊपर से नंगी थीं.
फिर भाभी ने मुझे बुलाया और कहा- वैसे ही आ जाओ और डोर लॉक कर दो!
मुझे डर लगा.
जब मैं नहीं आई तो भाभी खुद ही आईं और उन्होंने कमरे के गेट को लॉक कर दिया.
भाभी ने मुझे खींचकर उठाया और बाथरूम के गेट के सामने ले गईं.
फिर न्यूड भाभी खुद अन्दर घुस गईं और उस लड़के के सामने ही अपनी पैंटी धोने लगीं.
वह लड़का खड़ा होकर आश्चर्य से भाभी को देख रहा था.
भाभी ने मुझसे कहा- इन भैया को देखने दो, इतना काम करते हैं, कुछ इनको भी तो इन्जॉय मिलना चाहिए.
फिर भाभी ने उस लड़के से पूछा- आपको कोई दिक्कत तो नहीं है ना?
उसने कहा- नहीं मैडम, आप धो लीजिए!
वह बस खड़ा होकर न्यूड भाभी को देख रहा था.
तभी उसकी नजर मुझ पर पड़ी, तो वह मुझे भी देखने लगा.
भाभी ने मुझसे कहा- इन भैया को भी मेरी न्यूड ननद को देख लेने दो, इतना काम करते हैं! भैया आपकी कोई जीएफ या बीवी है?
उसने कहा- नहीं मैडम!
फिर उसने पूछ लिया- आप लोग सर की क्या हैं?
मैंने कहा- मैं उनकी बहन और ये उनकी वाइफ!
तो वह हंसने लगा- मजाक कर रही हो आप!
मैंने कहा- नहीं भैया! सच में मैं सर की बहन हूँ और ये उनकी बीवी हैं.
तभी भाभी उस लड़के से बोलीं- हमको चलता है, हमारा तो ऐसा ही है!
उस लड़के ने कहा- फिर तो भैया के मजे हैं!
भाभी ने कहा- आपको भी लेना है क्या मजा?
यह कह कर भाभी ने उसके पैंट पर लंड की जगह हाथ लगाया.
उसने कहा- मैडम किसी को पता चलेगा, तो होटल वाले मुझे निकाल देंगे!
भाभी बोलीं- तुम किसी को बोलना नहीं!
यह कह कर भाभी ने उसका लंड बाहर निकाल दिया और हिलाने लगीं.
उसका लंड मोटा और अच्छा था. वे उसे चूसने लगीं.
मगर एक मिनट में ही उसका कम निकल गया.
भाभी हंसने लगीं कि यह तो फुस्स पटाखा निकला.
चल भाई अब तू जा … तूने तो मूड ही ऑफ कर दिया.
वह लड़का लज्जित होता हुआ कमरे से बाहर चला गया.
उसके जाने के कुछ देर बाद भाई आ गए.
उन्होंने सिगरेट मुँह में दबाई हुई थी और वे मुझे वासना से देख रहे थे.
भाभी ने भैया के हाथ से सिगरेट ले ली और अपने होंठों में लगाती हुई बोलीं- एक बार में एक ही का मजा लो, या सिगरेट का या चुत का …
भैया ने मुझे खींच लिया और मेरे दूध दबाने लगे.
मैं भी अपने भाई के लौड़े से चुदने के लिए मचलने लगी.
दोस्तो, आगे की सेक्स कहानी को मैं अगली बार में लिखूँगी.
वह मेरा मेरे भाई के साथ चुदाई का बहुत अच्छा अनुभव था.
उनके साथ मेरी चुदाई का कार्यक्रम अभी भी चलता है.
न्यूड भाभी ननद सेक्स कहानी पर यदि आपके अच्छे अच्छे कमेंट्स आए तो मैं आगे की सेक्स कहानी को भी लिखूँगी.
आपकी जोया
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