गर्म चूत की चुदाई का चस्का- 2

हॉट वाइफ वांट सेक्स … जो लड़की शादी से पहले ही अपने मंगेतर का लंड लेरे को तैयार हो, वो सुहागरात में चुदाई के लिए कितनी बेचैन होगी. और उसका दुल्हा भी!

कहानी के पहले भाग
रिश्ता तय होने के बाद चुदाई की बेचैनी
में आपने पढ़ा कि पिंकी और विजय की शादी तय हो गयी थी. दोनों अक्सर मिलते रहते थे. विजय तो पिंकी के साथ शादी से पहले ही सेक्स की फिराक में था. मन तो पिंकी का भी बहुत था पर उस पर पारिवारिक दबाव के कारण वो अपने मंगेतर से सेक्स करने से पीछे हटाती रही.

अब आगे हॉट वाइफ वांट सेक्स:

तय वक़्त पर दोनों की शादी हुई और फिर वो रात आई जिसका हर नवविवाहित को इंतज़ार होता है।

पिंकी दुल्हन के लिबास में बेड पर बैठी अपने महबूब का इंतज़ार कर रही थी।
विजय बाहर बेताब था अंदर आने के लिए!
पर उसकी चचेरी बहनें और भाभियाँ बिना मोटा नेग लिए उसे अंदर नहीं आने दे रही थीं।

खैर पचास हज़ार में बात बनी और दूल्हे राजा अंदर आ पाये।

कमरा बहुत खूबसूरती से गुलाब के फूलों से सजा था। पूरे कमरे में हल्का सा झिलमिल प्रकाश था।
एक लाइट सिर्फ बेड पर बैठी पिंकी पर फोकस कर रही थी।

पिंकी के चेहरे को उठाते हुए विजय ने उसे चूमा और मुंह दिखाई की रसम में खुद उसकी गोद में लेट गया और बोला- इस चाँद को क्या तोहफा दूँ? आज से मैं हुआ पूरा तुम्हारा!
तो पिंकी ने नीचे झुककर उसका माथा चूम लिया।

दोनों के होंठ मिल गए।
विजय ने एक हीरों का हार का सेट पिंकी को दिया।

दोनों के बीच अब कोई दूरी तो थी नहीं … जल्दी ही दोनों ने अपने भारी कपड़ों से निजात पाने की सोची।

विजय तो सब कुछ उतार कर एक साटन की लुंगी लपेट कर बेड पर बैठ गया।
पिंकी बाथरूम से एक झीनी नाइटी पहन कर शर्माती सी आई।

आते ही उसने लाइट बहुत धीमी कर दी।
विजय ने उसे अपने से चिपटा लिया।

दोनों ऐसे मिले जैसे कब के बिछड़े मिले हों।
ऐ सी से कमरा ठंडा हो रहा था तो विजय ने एक चादर ओढ़ा कर पिंकी को अपनी बांहों में समेट लिया।

विजय ने एक पेग बनाया और दोनों चिपक कर बेड पर बैठ गए और हसीन सपनों की दुनिया में हिचकोले खाने लगे।
दोनों के होंठ सिर्फ जाम का घूंट लेने को अलग होते थे फिर जुड़ जाते थे।

हॉट वाइफ वांट सेक्स … तो पिंकी के हाथ बार बार नीचे फिसल कर उसके लंड को टटोलते तो विजय भी उसके होंठ चूमते चूमते मुंह नीचे करके उसके मम्मों को चूम लेता।

एक बार तो उसने पिंकी के नुकीले निप्पल को हल्के से काट भी लिया।
पिंकी शरारत से चीखी और बोली- मैं तुम्हारे काट कर दिखाऊँ?

विजय ने कहा- लो कपड़े उतार देता हूँ, अब काटो या खा जाओ।
और विजय ने आहिस्ता से उसकी नाइटी और अपनी लुंगी उतार दी।

दोनों निपट नंगे फिर एक दूसरे के जिस्म में समा जाने को लिपट गए।

पिंकी की चूत अपने महबूब से मिलन को प्यासी थी। विजय से ज्यादा आग पिंकी की भड़की हुई थी।

विजय का लंड पिंकी के हाथों में मचल रहा था।
पिंकी ने नीचे झुककर उसे चूम लिया।

दोनों 69 हो गए और एक दूसरे को जीभ से चुभलाने लगे।

अब जिसके लिए दोनों बहुत समय से तड़प रहे थे, वो घड़ी आ गयी थी।

विजय पिंकी के अंदर आने को बेताब था।
पिंकी और विजय ने ये पहले ही तय कर लिया था कि अभी पाँच साल खूब मस्ती करेंगे, बच्चे की कम से कम पाँच साल बाद सोचेंगे।

इसलिए पिंकी पहले ही दवा लेकर आई थी जिससे गर्भ का डर न हो।

पिंकी के लिए अब इम्तिहान की घड़ी थी कि विजय को ये शक भी न हो कि वो पहले कभी सेक्स कर चुकी है।

तो जैसे ही विजय ने अपना मूसल उसकी चिकनी चूत के ऊपर रखा, पिंकी इठलाते हुए बोली- ये अंदर कैसे जाएगा? मेरी तो फट जाएगी।

विजय को उसने क्रीम लगाने को कहा और कहा- धीरे धीरे से करना प्लीज़!

नौटंकी में पिंकी माहिर थी; विजय के अंदर घुसते ही उसने ‘मर गयी’ वाला नाटक शुरू किया और विजय से बार बार कहती- तुम्हारा तो मूसल बहुत ही बड़ा है।

विजय ने भी उसकी टांगें चौड़ा कर जम कर पेलम पाल की।
पिंकी ने भी ऊपर बैठ कर खूब उछल उछल कर अपनी चूत चुदवाई।

खैर सुबह तक तीन बार मोर्चा मारा उन लोगों ने।

आज पिंकी ने महसूस किया कि बोयफ्रेंड से सेक्स करने में वो मज़ा नहीं है जो अपने पति से है।
विजय ने उसका अंग-अंग हिला दिया।
पिंकी ने भी उसका लंड मुंह से खूब निचोड़ा।

एक बार विजय ने कहा कि वो मुंह से चाट कर साफ कर दे तो पिंकी बोली- अभी नहीं, धीरे-धीरे आदत पड़ जाएगी तब उसके बाद!
कुल मिला कर विजय ने चूस चूसकर उसके मम्मे लाल कर दिये।

सुबह तक तो पिंकी के मम्मों और चूत दोनों में दर्द शुरू हो गया था।
ऐसे ही विजय को लग रहा था कि कहीं पिंकी उसका लंड चूस-चूस कर उखाड़ ही न दे।

दो दिन माँ-पिताजी के पास रहने के बाद दोनों हनीमून के लिए मालदीव्स चले गए।

4 दिनों के टूर में इन हवस के पुजारियों ने रिज़ॉर्ट का कोई कोना नहीं छोड़ा जहां चुदाई न की हो।

कॉटेज के अलावा जहां एकांत मिल जाता वहीं शुरू हो जाते।
रिज़ॉर्ट में कपड़े तो बहुत कम ही पहने थे सब लोग! तो हर ओर जवान जोड़ों का चुदाई या चूमा चाटी का ही माहौल दिखता।

चाहे समुद्री किनारा हो या स्विमिंग पूल के चेंजिंग रूम या टॉइलेट; हर जगह पिंकी टांग खोल कर तैयार रहती चुदने के लिए।

रिज़ॉर्ट में स्पा में भी पिंकी ने मसाज कराते समय मस्ती की हर हद पार की।
वहाँ की खासियत थी ’योनि मसाज’
पिंकी ने वो मसाज भी भरपूर मजे लेते हुए कराई।

कॉटेज में भी दोनों कामक्रीड़ा से थक कर ही सोते और उठते ही फिर शुरू हो जाते।

विजय तो पिंकी को कामदेवी मान चुका था। वो खुश था कि उसकी हॉट वाइफ वांट सेक्स!
पिंकी को सेक्स में इतनी खुरपातें आती थीं कि विजय उस पर लट्टू हो जाता।

जब और लड़के पिंकी की मचलती जवानी को ताड़ते तो विजय को अच्छा लगता।
विजय भी पिंकी को दिखावे के लिए उकसाता।

शुरू में तो पिंकी बाहर बिना ब्रा के छोटे कपड़े पहनने में झिझक आती पर विजय उसे उकसाता तो पिंकी भी खुल गयी।

मालदीव्स से आकर विजय और पिंकी वापिस लखनऊ आ गए।

दिन पर दिन लगातार बीतते गए।

पिंकी और विजय की सेक्स की भूख दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी।

विजय ने पिंकी की वार्डरोब एक से एक नए फेशन के कपड़ों से भर दी।
कोई रोक टोक थी नहीं।

विजय सुबह 10 बजे कारोबार पर जाता और काम बढ़ाकर रात आठ बजे तक वापिस आ जाता।
उसके बाद तो वो और पिंकी सपनों की दुनिया में खो जाते।

उनका रात का खाना अक्सर बाहर होता।
दोनों को शराब और सिगरेट की लत लग चुकी थी। वो बात अलग है कि पीते हल्की ही थे, पर पीते बेनागा थे।

और एक काम जो बेनागा होता था … वो था बड़े स्क्रीन पर पॉर्न मूवी देखना।

जब रोज पॉर्न देखेंगे तो दिलो दिमाग पर वो हावी हो जाएगी।

अब शादी के दो साल बीतते बीतते विजय और पिंकी दोनों के दिमाग में हर समय सिर्फ सेक्स रहता।

विजय के दिमाग में तो एक कीड़ा घर कर गया था कि कैसे भी पिंकी और मर्दों को लुभाए।
उसे बिलकुल बुरा नहीं लगता जब पिंकी के छोटे कपड़ों को देख कर कोई कमेन्ट सुनने को मिल जाता था।

विजय ने पिंकी के लाख मना करने पर भी पिंकी और अपनी अनगिनत सेक्सी फ़ोटोज़ और चुदाई की विडियो खींच कर एक हार्ड ड्राइव में डाल रखी थीं।
जब मन करता, वो दोनों उनको बड़े स्क्रीन पर देख कर सेक्स करते।

रोज पॉर्न देख-देख कर और उस बारे में बातें कर करके विजय ने पिंकी का दिमाग भी इतना बदल दिया था कि वो भी अब इन बातों से परहेज नहीं करती थी कि किसी और जोड़े या मर्द के साथ सेक्स के मजे लिए जाएँ।

हालांकि चुदाई के बाद दोनों यह कहते थे कि ये बातें सिर्फ बिस्तर पर मजे लेने के लिए ही हैं, वास्तविकता में वो कभी ऐसा नहीं करेंगे।
पर सच यह था कि पिंकी इन बातों से बहुत गर्म हो जाती और अब उसने फेसबुक पर एक फेक आई डी बना ली थी और उससे गैर मर्दों से खूब अश्लील चेट करती।

यह सब विजय को मालूम था और वो उसे और उकसाता।
विजय ने जबरदस्ती पिंकी से उसकी चेहरा छिपाये हुए अर्धनग्न फ़ोटोज़ चेट पर डलवाए और बदले में उन आदमियों के अपनी बीवियों के साथ ऐसे ही फोटोज मंगवाए।

ऐसे ही एक रात विजय और पिंकी खूब मूड में थे।
बेड पर बैठे बैठे मूवी देखते समय अचानक विजय ने पिंकी से कहा कि क्यों न हम लोग थ्रीसम सेक्स ट्राइ करें?
पिंकी बोली- क्या बोल रहे हो? ये सब मैं नहीं करने वाली … बातें कितनी ही बना लो।

विजय ने पिंकी को खूब उकसाया और लगा उसे गर्म करने! विजय को मालूम था कि पिंकी को चूत चटवाना बहुत पसंद है।
उसने पिंकी की फ्रॉक उतार फेंकी और उसकी टांगें फैला कर अपनी जीभ से उसकी उसकी चिकनी चूत को चूमने लगा।

पिंकी ने अपनी चूत हमेशा चिकनी रखी हुई थी।

विजय ने पिंकी के मम्मे दबोच कर उन्हें मसलना शुरू किया और अपनी जीभ पूरी अंदर घुसेड़कर पिंकी को बेचैन कर दिया।

पिंकी की आहें निकालने लगीं।
उसने अपने हाथों से अपनी चूत को और खोला।

अब विजय ने अपनी दो उँगलियाँ उसकी चूत में घुसा दीं और गोलाई में मसाज करने लगा।
पिंकी ने उसे 69 पोजीशन में कर लिया और अपने मुंह में विजय का लंड ले लिया।
वह जानती थी कि लंड चूसकर वो विजय को बेहाल कर सकती है।

पर आज विजय के मन में कुछ और ही था; उसने अब अपना दांव खेला।
उसने पिंकी से अपने एक दोस्त रवि का नाम लेकर कहा- सुनो … रवि तुम्हारी बड़ी तारीफ करता है। कहता है कि मैं बहुत नसीब वाला हूँ जो ऐसी सेक्सी बीबी मिली है मुझे!

रवि को पिंकी भी पसंद करती थी।
वो पढ़ा लिखा स्मार्ट था और एक बैंक में मैनेजर था।
उसकी शादी तय तो हो गयी थी पर तारीख तय नहीं हुई थी।

विजय और रवि अच्छे दोस्त थे।
रवि अक्सर उनके घर आ जाता और तीनों साथ साथ शराब पी लेते थे। पर ऐसी सेक्स की बात आज पहली बार विजय ने शुरू की।

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