हॉट गर्लफ्रेंड और उसकी सहेली को चोदा

दो चूत की चुदाई का मजा मेरी अपनी गर्लफ्रेंड ने दिलवाया अपनी सहेली को मुझसे चुदवा कर! उसकी सहेली विवाहिता थी अपर उसको अपने पति से मजा नहीं मिलता था.

मेरी एक गर्लफ्रेंड थी, जिसका नाम सुमन था. वह बहुत ही हॉट माल थी. उसके बूब्स काफी बड़े थे.
उसका फिगर कुछ ऐसा था कि उसे देखते ही किसी बूढ़े का भी लंड खड़ा हो जाए.

मैं आज आपको अपनी दो चूत की चुदाई की सच्ची घटना सुना रहा हूँ.

एक बार की बात है, उस समय हम दोनों छुप कर उसी के घर में मिल रहे थे.
उसका घर शहर के बाहर के इलाके में था.

उस दिन वह अपने घर में थी और उसके साथ उसका छोटा भाई बादल था.
मैं उसके घर में गया और उसके भाई बादल को टॉफी दी.

उसकी बहन मतलब मेरी गर्लफ्रेंड मेरे लिए चाय बनाने किचन में चली गई थी.
उसने किचन से ही मुझसे पूछा- चाय के साथ क्या लोगे संतोष?

मैंने कहा- जो भी गर्म हो, वही ले लूँगा. वैसे गर्म में क्या क्या है?
वह हंस दी और बोली- अभी आकर बताती हूँ कि गर्म में क्या क्या है.

कुछ देर बाद बादल सो गया और हम दोनों ने सुमन के हाथ के बने आलू के परांठे खाये.
उसके बाद सुमन ने कहा कि चलो अब सो जाते हैं.
मैंने भी कहा- हां ठीक है.

मतलब मैं अपनी गर्ल फ्रेंड की चुदाई के लिए आया था और उसकी सोने की बात सुनकर मैंने भी हां कह दी.
यह सब एक ड्रामा चल रहा था. कोई भी अपनी तरफ से चुदाई की बात नहीं कह रहा था.

हम दोनों ने दस मिनट तक आराम किया और सुमन सोने का प्लान बनाने लगी कि कौन कहां सोयेगा.
हमें पता तो था ही कि आज की रात सोने के लिए थोड़ी ही है. तब भी हम दोनों नौटंकी कर रहे थे.

मैं बोला- चलो यार, अब ड्रामा बंद करो और आ जाओ.
मैं उसके कमरे में लगे बेड पर लेट गया.
वह भी मेरे बाजू में लेट गई.

जैसे ही मैंने उसको पकड़ा, वह मेरे ऊपर आ गयी और बोली- आज वह सब भी करेंगे.
मैं बोला- हां … और आया ही क्यों हूँ यहां पर!

कुछ ही देर में सुमन ने अपने सारे कपड़े खोल दिए और वह मेरे कपड़े भी खोलने लगी.
कुछ ही देर में मैं नंगा हो गया था.

वह भी चुदासी थी, तो मेरा सात इंच का लंड मुँह में लेकर किसी रंडी की तरह चूसने लगी.
मुझे लंड चुसवाने में काफी मजा आने लगा क्योंकि आज मैं पहली बार अपनी गर्ल फ्रेंड से लंड चुसवा रहा था.

सुमन करीब दस मिनट तक मेरा लंड चूसती रही.
वह अपने मुँह में पूरा लंड अन्दर तक ले रही थी.

मेरा माल निकलने हो गया था.

मैंने उससे कहा- सुमन बस कर यार … मैं झड़ जाऊंगा.
वह रुक गई और मुझे वासना से देखने लगी.

मैंने उससे कहा- क्या हुआ?
वह बोली- और चूसना है मुझे!

मैंने कहा- चल अब 69 में करते हैं.
वह शायद खुद ही अपनी चूत चुसवाना चाहती थी, लेकिन कह नहीं रही थी.

अब मैंने 69 में होकर अपना जलवा दिखाना शुरू किया.
उसकी चूत को चाटना और उसके मुँह में अपना लंड पेल कर उसके मुँह की चुदाई शुरू कर दी.

वह आह आह करती हुई मेरा लंड मुँह में लेकर अपना मुख मैथुन करवाने लगी.

शायद उसको भी मुख मंजन करने में मजा आने लगा था.
मैंने उसकी चूत चाटना रोक दी थी और बस अपना लंड उससे चुसवाए जा रहा था.

मुझे खुद लगने लगा था कि इसकी चूत से ज्यादा मस्त तो इसके मुँह की चुदाई में आ रहा है.
सच कह रहा हूँ दोस्तो … मैं जन्नत में पहुंच गया था.

कुछ देर बाद सुमन ने मेरा लंड मुँह से निकाल दिया और जरा गुस्से से बोली- क्या मैं अकेली ही तुम्हारा लंड चूसूँगी! तुमको भी तो मेरी चूत को चूसना चाहिए न!
मैंने कहा- अरे जान, इसमें गुस्साने वाली क्या बात है. तुम बोलो तो सही मैं तो तुम्हारी चूत को खा जाऊंगा.

वह हंस दी और मैंने उसको अपने ऊपर से हटा कर कहा कि तुम अब अपने दोनों पैर फैलाओ और मुझे चूत देखने दो मेरी रानी!

उसने झट से अपनी दोनों टांगें फैला दीं और गांड उठा कर चूत के अन्दर की लालिमा दिखाई.

आह सच में क्या चूत थी साली की … एकदम गद्देदार मखमली चूत.
मैंने तुरंत अपनी नाक उसकी टांगों के जोड़ पर लगाई और चूत की खुशबू को सूंघने लगा.

उसकी चूत की महक ने तो मुझे दीवाना बना दिया.
फिर मैंने उसकी चूत पर जीभ चलाना शुरू कर दी और जीभ को अन्दर तक पेल कर चूसने लगा.

मेरी गर्लफ्रेंड सुमन ‘आह आह.’ करने लगी.
मुझको लगा कि शायद इसका काम हो गया है.

मैं उठ गया और उससे पूछा- क्या हुआ?
वह बोली- पागल कुछ नहीं हुआ. बस अच्छा लग रहा है इसलिए मैं आह आह आह कर रही हूँ.

मैंने फिर से उसकी चूत पर जीभ को लगा दिया और दाने को चाटते हुए जीभ को चूत के अन्दर पेल दिया.

कुछ मिनट तक मैंने उसकी चूत को खूब मन से चूसा.
अब तक मेरी महबूबा दो बार झड़ चुकी थी.

जब मैं फिर से उसके मुँह में लंड दिया तो वह लंड चूसने लगी.

जल्दी ही सुमन कहने लगी- अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है. प्लीज जल्दी से मुझे चोद दो … मेरी टांगों के बीच में कुछ कुछ हो रहा है … अह आह.
मैंने मस्ती करते हुए उससे कहा- टांगों के बीच में दो छेद होते हैं. किधर कुछ कुछ हो रहा है?

वह मेरे सीने पर मुक्का मारती हुई कहने लगी कि अब मजाक बहुत हुआ, प्लीज जल्दी से मेरे आगे वाले छेद में अपना मूसल पेल दो.

मैं भी सुमन को इतनी जल्दी नहीं चोदना चाहता था लेकिन तब भी उसको और अधिक परेशान करना मुझे अच्छा नहीं लग रहा था.
आखिर प्यार करता था मैं उससे, कैसे उसे परेशान करता!

फिर मैंने झट से चूत को अपने हाथ की उंगलियों से फैलाया और लंड को सैट कर दिया.
लंड का सुपारा उसकी चूत की फांकों को फैला कर खुद की जगह बना चुका था.

सुमन को अहसास हो गया था कि मैं उसकी चूत में झटका मारने वाला हूँ, तो उसने अपने हाथ से मेरी छाती को रोक सा रखा था.

मैंने भी उसकी चूत में जोर का नहीं, बल्कि धीरे से झटका मारा.

मेरा लंड अभी थोड़ा सा ही अन्दर गया था कि वह जोर जोर से चिल्लाने लगी- आह आह … मर गई … आह फाड़ दी मेरी आह आह … कोई बचाओ.

जब वह ऐसी आवाज करने लगी, तो मैं रुक गया और उसे चूमते हुए मैंने कहा- क्या हुआ मेरी जान … तुम तो ऐसे चिल्ला रही हो जैसे मैं शक्ति कपूर हूँ और तुम कामवाली की लड़की हो!

वह दर्द में तड़फ रही थी लेकिन मेरी बात सुनकर हंस दी.
उसकी हंसी देख कर मैंने फिर से एक और तगड़ा धक्का दे मारा.

इस बार मेरा पूरा सात इंच का लंड अन्दर घुसता चला गया.
वह चिल्लाने लगी.

मगर इस बार मैं शक्ति कपूर ही बन गया था और उसकी चूत को भोसड़ा बनाने की नियत से धकापेल करता चला गया.
मैंने सुमन को खूब पेला और अलग अलग आसनों में चोदा.

जब मैं झड़ने लगा, तब उससे पूछा- रस अन्दर टपका दूँ?
वह बोली- हां मेरी चूत में ही निकाल दो. मैं भी चाहती हूँ कि जल्दी से तेरे बच्चे की मां बन जाऊं.

मैंने अगले कुछ ही झटकों में अपना लंड उसकी चूत की जड़ में ठांस दिया और अपने लंड का वीर्य उसकी चूत के गर्भाशय में भर दिया.
वह मेरे सीने से लिपट कर लंबी लंबी सांसें लेने लगी थी. हम दोनों उसी अवस्था में सो गए.

जब हम दोनों सुबह जागे, तब 10 बज गए थे.
सुबह सुबह फिर से एक दौर चुदाई का हुआ और उसके साथ में लेट कर मैं मोबाइल चलाने लगा.

कुछ देर बाद वह उठ कर बाथरूम चली गई और मैंने भी कपड़े पहन लिए.
सुबह के समय किसी के भी आने की संभावना थी.

कुछ देर बाद दरवाजे पर दस्तक हुई.

मैंने जाकर देखा तो सुमन की सहेली आई थी.
उसका नाम ज्योति था.

मैंने उसे अन्दर बुलाया और हम दोनों बैठकर बातें करने लगे.

कुछ ही देर में सुमन आ गयी और अपनी सहेली से लिपट कर मिलने लगी.
वह उसे लेकर किचन में चली गई और चाय बनाकर ले आई.

हम तीनों चाय पीते हुए ही बातचीत करने लगे.

बात करते करते पता ही नहीं चला कि कब समय बीत गया.
उसकी फ्रेंड घर चली गई, मुझे समझ ही न आया कि वह किस काम से आई थी.

वह बस सुमन से बात करके चली गई.

उसके जाने के बाद सुमन ने मुझे बताया- वह तुमको देखने आई थी. वह भी तुमसे चुदवाना चाहती है. वह बोल रही थी कि उसका पति उमेश उसको कभी भी खुश नहीं कर पाता है.
मैंने उसकी सहेली की इस ख्वाहिश को पहले गंभीरता से लिया कि कहीं यह सुमन की कोई चाल तो नहीं है.

फिर जब सुमन ने मुझको अपनी सहेली की सारी बात बताई, तो मैं समझ गया कि ये दोनों मेरे लंड से एक साथ चुदने के लिए रेडी हैं.

सुमन मुझसे कहने लगी- सुनो ना … उसका दुख मुझसे देखा नहीं जाता, मैं चाहती हूँ कि तुम उसको भी खुश कर दो.
मैंने मना कर दिया क्योंकि सुमन को शक हो जाता तो सब गड़बड़ हो सकती थी.

हालांकि चाहता तो मैं भी था कि उसकी सहेली की ले लूँ.
क्योंकि जब से मैंने ज्योति को देखा था, तो मेरा मन कर रहा था कि साली को अभी ही पटक कर चोद दूँ. पर सामने सुमन थी, तो मुझे उसका डर था.

पर मुझको क्या पता था कि ज्योति खुद ही मेरे लौड़े से चुदवाने के लिए आई है.

सुमन ने उसकी कामवासना के बारे में बताया, तब मुझे पता चला था.

मैंने थोड़ा सा ड्रामा किया कि मैं ऐसा नहीं कर सकता. मैं तुमको छोड़ कर किसी और लड़की या औरत को नहीं चोदूंगा, चाहे वह खुश हो या नाराज हो … मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा.

इस तरह से मैंने शरीफ बनने का काफी देर तक ड्रामा किया.
तो सुमन बोलने लगी- नौटंकी मत करो, मुझको सब पता है. जब वह आई थी, तो उसके मम्मों पर से तुम्हारी नजरें हट ही नहीं रही थीं. अब मेरे सामने शरीफ बन रहे हो.

अब मैं क्या बोलता. मैं समझ गया कि सुमन को सब पता है.
मैं चुप हो गया और सुमन ने ज्योति को फोन करके बता दिया कि आ जाना, तेरा काम हो जाएगा.

उधर से कुछ कहा गया.
तो सुमन ने कहा- हां आज ही शाम को आ जाना. रात को यहीं डिनर करेंगे और मजे करेंगे.

बस फिर क्या था … ज्योति ने आने को हाँ कर दी.

शाम को ज्योति आई, उसने दरवाजे को दस्तक दी.
सुमन काम कर रही थी, तो मैं ही गया और दरवाजा खोला.

सामने देखा कि ज्योति आई है.
उसको देख कर तो मेरे होश ही उड़ गए. वह ब्लू कलर की जींस और टॉप में गजब की माल दिख रही थी.

तभी हम दोनों की नजरें मिलीं और वह मुस्कुरा दी.

मैंने कहा- आइए अन्दर!
फिर हम तीनों ने बैठ कर गपशप की.
थोड़ी देर बाद हम सबने मिलकर डिनर किया और थोड़ी देर टीवी देखा.

टीवी में एक सेक्सी हॉलीवुड फिल्म चल रही थी.
उसमें एक हॉट सीन आ गया.
लड़का लड़की को किस कर रहा था लड़की आह आह कर रही थी.

उस सीन को देख कर दोनों सहेलियां मेरा मुँह देखने लगीं.

मैंने कहा- मुझे क्यों देख रही हो तुम दोनों?
सुमन बोली कि अभी तुमको भी ऐसे ही करना है, इसलिए तुमको देख रही हूँ.

यह कहते ही वे दोनों मेरे पास आईं और मेरे दोनों तरफ बैठ गईं. बीच में मैं था.
वे दोनों तरफ से मुझे किस करने लगीं.
मुझे दो चूत की चुदाई का मजा मिलने वाला था.

सुमन बोली- लो ज्योति, आज मैं आज अपने संतोष को रात भर के लिए तुमको दे रही हूँ. इससे खूब चुदवाओ और अपनी चूत की गर्मी शांत कर लो.

उसकी इतनी खुली बात सुनकर मैं सुमन को देखने लगा.
वह मुझसे बोली- ऐसे क्या देख रहे हो … चलो मेरी फ्रेंड को गोदी में उठाओ ओर ले चलो बेडरूम में!

मैंने भी वैसा ही किया और ज्योति को अपनी गोदी में उठा कर कमरे में ले गया.
उधर उसको बेड पर पटक कर मैं उसके ऊपर से चढ़ गया और उसे किस करने लगा.
वह भी मेरा साथ देने लगी.

सुमन सामने बैठी चुपचाप सब तमाशा देख रही थी.
तभी ज्योति ने मेरे लंड पर हाथ फेरा और उसने मेरे लंड को बाहर निकाल लिया.

मेरा लंड एकदम चिकना था, आज सुबह ही ज्योति की चूत की सुनकर मैंने अपनी झांटों को साफ किया था.
ज्योति मेरे लौड़े को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

वह आह आह करने लगी.
मुझे उससे लंड चुसवाने में मजा आने लगा.

थोड़ी देर बाद वह मुँह से लंड निकाल कर सीधी हुई और उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख दिया.
मैं भी उसकी चूत को सहलाने लगा और जल्दी से उसकी पैंटी को उतार दिया.

वह आह आह करने लगी तो मैंने देर न करते हुए उसकी चूत पर लंड सैट कर दिया और घिसने लगा.
तभी सुमन ने ज्योति से कहा- साली कुतिया लंड देख ले … तेरी चूत फट जाएगी. पहले तेल लगा लो लौड़े पर.

ज्योति चुदाई के नशे में थी. वह बोली- ऐसे ही लूँगी, दर्द नहीं करेगा.

मैंने सुमन को देखा और उसे चुप रहने का इशारा किया.
सुमन समझ गई कि आज ज्योति की चूत का भोसड़ा बनना तय है.

फिर जैसे ही मैंने अपने लंड को थोड़ा सा अन्दर किया, वह ज्योति की चूत में कहीं अटक गया.

ज्योति की आंखों से आंसू आने लगे … वह दर्द से रोने और तड़फने लगी.

तब सुमन ज्योति से बोली- क्या हुआ … तेरी चूत फट गई क्या?
वह कुछ नहीं बोली.

उसकी चुप्पी से हम दोनों डर गए कि कहीं कुछ गड़बड़ तो नहीं हो गया.

कुछ पल बाद ज्योति बोली- मेरी आंखों में ये खुशी के आंसू हैं मेरी बहन.
मैं समझ गया कि ज्योति को भरपूर मजा आने लगा है.

मैंने धकापेल मचा दी. रात में उसकी 4 बार चुदाई हुई.
मैंने ज्योति को बेहोश हो जाने तक पेला.

फिर सब सो गए.

सुबह ज्योति बेड पर से उठाने में असमर्थ थी.
हम दोनों ने मिलकर उसे उठाया.
उसकी चूत सूज गई थी.

कुछ दवा आदि देकर ज्योति को वापस सुला दिया और एक बजे तक वह अपने घर चली गई.

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