पहले प्यार की पहली चुदाई- 4

देसी GF फक स्टोरी में मेरी गर्लफ्रेंड को चोद कर मैंने उसकी चूत फाड़ दी. उसके बाद उसे जैसे सेक्स का नशा चढ़ गया. वह बेताबी से मेरा लंड चूसने लगी और चोदने को कहने लगी.

दोस्तो, मैं मनीष आपको अपने पहले प्यार की पहली चुदाई का मजा लिख रहा था.
कहानी के तीसरे भाग
कुंवारी गर्लफ्रेंड की नई चूत फट गयी
में अब तक आपने पढ़ा कि नेहा और मैं 69 में एक दूसरे के लंड चुत को चूस कर मजा लेने लगे थे.

अब आगे देसी GF फक स्टोरी:

कुछ ही देर में नेहा एकदम गर्म हो गई थी और टपकने लगी थी.
इधर मुझ पर भी चुदाई का खुमार चढ़ने लगा था.

कामरस के स्वाद से भीगी हुई पानी की बूँदें तो मेरे लौड़े से भी आ रही थीं क्योंकि नेहा होंठों को भींच कर मुँह को ज़ोर-ज़ोर से हिला रही थी जिससे मुझे को बड़ा मज़ा आ रहा था.

दस मिनट तक ये खेल चलता रहा.
मैंने चूत को चाटना बन्द किया और नेहा को हटने को कहा.

नेहा- उफ्फ … कितना मज़ा आ रहा था क्या हुआ हटाया क्यों … आपके लौड़े में क्या मज़ा है … सच्ची … दिल करता है कि बस आपका लंड चूसती ही रहूँ.

मैं- अरे चूस लेना मेरी जान … पहले इसको चूत का मज़ा ले लेने दे. साली तेरी टाइट चूत को पहले चोद-चोद कर ढीली कर दूँ. उसके बाद जितना मर्ज़ी लौड़ा चूसना. चल अब तू घोड़ी बन जा.. तुझे नए तरीके से चोदता हूं.

नेहा- ओके मैं घोड़ी बन जाती हूँ … पर आराम से डालना … मुझे मज़ा लेना है … प्लीज़ दर्द मत देना!

मैं- अरे मेरी जान, तूने लौड़े को चूस कर इतना चिकना कर दिया है कि तेरी चूत में फिसलता हुआ सीधा अन्दर जाएगा.

नेहा घुटनों के बल घोड़ी बन गई.
मैंने लौड़े को चूत के मुँह पर रख कर धीरे से धक्का मारा तो आधा लौड़ा चूत में ‘पक्क’ से घुस गया.

नेहा- आआह्ह … आराम से डालो ना.. दुःखता है आह्ह!
मैं- मेरी जान, जब तक तू दो-तीन बार मुझसे चुदवा नहीं लेगी … ये दर्द होता रहेगा. अब इससे धीरे मुझसे नहीं होगा, चल थोड़ा बर्दाश्त कर लेना .. अब मैं पूरा डाल रहा हूँ. उसके बाद आराम से झटके मारूँगा.

मैंने पूरा लौड़ा चूत में घुसा दिया और धीरे-धीरे झटके मारने लगा.

लगभग 5 मिनट बाद नेहा को दर्द कम हुआ और उसको मज़ा आने लगा.

नेहा- आ.. आह उहह … जान आह्ह … अब मज़ा आ रहा है … पूरा लौड़ा बाहर निकाल कर एक साथ अन्दर डालो आह्ह … मेरी चूत में बड़ी खुजली हो रही है.
मैं- अभी ले मेरी रानी तेरी चूत बहुत टाइट है साली .. ऐसी नमकीन चूत चोदने में बड़ा मज़ा आ रहा है. ले ओह्ह ओह्ह और ले आह्ह … मज़ा आ गया मेरा लौड़ा आह्ह … साली चूत को टाइट मत कर आह्ह … लौड़ा आगे-पीछे करने में दुःखता है आह्ह!

मैं नेहा की गांड जोर जोर से दबाने लगा और चूतड़ पर थप्पड़ मारने लगा, जिससे उसके दोनों नितम्ब लाल हो गए.

नेहा- आआह्ह … आईईइ उहह … ससस्स चोदो आह्ह मारो मत ना … अई ज़ोर-ज़ोर से आह्ह … चोदो … मज़ा आ रहा है मेरे बेबी आह्ह … मज़ा आ रहा है.

मुझ पर अब जुनून सवार हो गया था. मैं सटासट लौड़ा पेलने लगा.
अब मेरे लंड की रफ्तार बढ़ गई थी. नेहा भी गांड को पीछे झटके दे देकर चुद रही थी.
कोई 15 मिनट बाद नेहा का रस निकल गया और मैं भी झड़ने के करीब था.

आखिर नेहा की गर्म चूत में मेरा लौड़ा ज़्यादा देर तक टिका नहीं रह सका, उसने भी दम तोड़ दिया.
चूत का कोना-कोना लंड के पानी से भर गया.

लंड से पानी जरूर निकल गया था मगर मैंने लौड़ा अब भी बाहर नहीं निकाला था. मैं नेहा की गांड सहलाने लगा.
मैंने नेहा की गांड में एक उंगली डाल दी और उसके नितम्बों पर झुककर चूमने लगा, जीभ फिराने लगा.

नेहा- उफ़फ्फ़ आप तो बड़े मस्त चोदते हो … मेरी टांगें दु:खने लगी हैं. अब तो लौड़ा निकाल लो … अब क्या इरादा है?

मैं- जान तेरी गांड भी बहुत मस्त है … सोच रहा हूँ अबकी बार तेरी गांड ही मारूँ … साली क्या मक्खन जैसी चिकनी गांड है. बड़ा मज़ा आएगा इसे मारने में!

नेहा- अभी तो लौड़ा बाहर निकालो बाद की बाद में देख लेना और गांड कैसे मारोगे. इसमें कैसे लौड़ा जाएगा?

मैं एक तरफ सीधा लेट गया. नेहा मेरे सीने पर सर रख कर मेरे लौड़े को देखने लगी, जो अब ढीला हो गया था.

मैं- मेरी जान जैसे चूत में जाता है उसी तरह गांड में भी चला जाएगा. तू बस देखती जा, मैं तुझे कैसे-कैसे चोदता हूँ.

नेहा- हां मेरे जानू अब तो मैं आप की हूँ जैसे चाहो चोद लेना. सच में अगर पहले पता होता कि चुदाई में ऐसा मज़ा मिलता है, तो कब की अपनी चूत चुदवा लेती मैं.

दूसरे राउंड के बाद 2:30 बज गए थे और हम दोनों को ही थकान हो गई थी तो हम लोग एक दूसरे से नंगे चिपक कर कम्बल ओड़कर सो गए.

सुबह मेरी आंख 8 बजे के आसपास खुली.
मैंने आखें खोलीं तो सबसे पहले नेहा का चेहरा सामने आया.

वह तसल्ली के साथ सोई हुई थी.
वह सोती हुई बहुत मासूम और प्यारी लग रही थी.

मैंने उसके चेहरे पर हाथ फेरकर गाल पर किस कर दिया.
वह हल्की सी मुस्कुराई लेकिन उसने आखें नहीं खोलीं और वापस सो गई.

मुझे बाथरूम की हाजत लग रही थी तो मैं उठकर बाथरूम गया और फ्रेश होकर टूथब्रश करके वापस आ गया.

मैं नेहा के पास लेट गया और उसकी पीठ पर हाथ फिराने लगा.

तभी नेहा ने करवट ली और उसकी गांड मेरे लौड़े के सामने हो गई.
मैं उससे चिपक गया और लौड़ा उसकी जांघों के बीच फंस गया.

मैं अब नेहा से चिपका हुआ उसके मम्मों को दबाने लगा.

थोड़ी देर में नेहा ने वापस करवट ले ली और अबकी बार वह एकदम सीधी हो गई थी.

मेरा लौड़ा बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था.

मैं- मेरी जान … तू कब उठेगी, देख मेरा लौड़ा बेकाबू हो रहा है. अब तो बर्दाश्त के बाहर है. चल तू सोती रह, मैं अब तेरी चूत में लौड़ा घुसा ही देता हूँ. साली सोई हुई लड़की को चोदने का मज़ा ही कुछ और है!

मैं बैठ गया और नेहा के पांव मोड़ कर उनको फैलाया और लौड़े पर थूक लगा कर चूत पर टिका दिया. फिर धीरे से धक्का मारा तो मेरा लौड़ा ‘घप’ से अन्दर घुस गया.

मैं नेहा के ऊपर लेट गया और उसके निप्पल चूसने लगा.
इधर धीरे-धीरे झटके मारने लगा.

नेहा- उहह उहह सर आह्ह … मुझे उठा लिया होता. ऐसे सोते हुए ही चोद रहे हो … आहह!

मैं- मेरी रानी … ओह्ह ओह्ह … कब से तेरे उठने का इन्तजार कर रहा हूँ साला लौड़ा तेरी कमसिन जवानी देख कर झटके मार रहा था. इसलिए मैंने सोचा अब लौड़ा चूत में जाएगा तब अपने आप तू उठ जाएगी!

नेहा- आह्ह … आह … चोदो राजा जी.. आह्ह … खूब मज़ा आने लगा है … उई आप कितने अच्छे चोदू हो … आह्ह … चोदो मेरी चूत … इसकी आज आह्ह … सारी खुजली मिटा दो आह्ह.

मेरा लौड़ा तो लोहे की रॉड के जैसा तना हुआ था और शॉट पर शॉट मार रहा था.
उसके दूध हर शॉट पर हिलते हुए और भी सेक्सी लग रहे थे.

मैंने झुक कर उसके दूध चूस लिए और लाल कर दिए.
मैं- आह … क्या सेक्सी दूध हैं तेरे! मन कर रहा है चूसता ही रहूं. आह उह.

लगभग 15 मिनट की जोरदार चुदाई के बाद नेहा सिसकने लगी.
वह ठंडी आहें भरने लगी- आह्ह … सस्स ऊह्ह आह्ह … बहुत मज़ा आ रहा है उई … घपाघप चोदो और ज़ोर से आह उफ्फ़ सी ई ई मेरी चूत आह्ह .. का बांध टूटने वाला है … अई फास्ट आह्ह … फास्ट … फाड़ दो आह्ह … मेरी चूत को … उफ्फ़ मैं गई आह!

नेहा ने आंखें बन्द कर लीं और वह चरमसुख का आनन्द लेने लगी.
दो मिनट बाद उसका बदन ढीला पड़ गया मगर मैं अब भी उसको ठोके जा रहा था.

नेहा- आह्ह … आह मेरे जानू आह्ह … अब निकाल भी लो आह … लौड़ा बाहर लो न … मेरी चूत में से.. आह आह जलन होने लगी है … आईईइ आहइ आह.
मैं- अभी कहां जानेमन.. आह्ह … उहह आह्ह … आज तुझे इतना चोदूँगा आह्ह … तेरी चूत की सारी खुजली मिटा दूँगा आह्ह..
नेहा- आह आह प्लीज़ निकाल लो.. बड़ी जलन हो रही है आह्ह!

मैंने रफ्तार से दो-चार झटके मार कर लौड़ा बाहर निकाल लिया तो नेहा ने चैन की सांस ली.
वह बैठ कर लौड़े को देखने लगी.

नेहा- क्या बात है जी! ये तो भूखे शैतान की तरह अकड़ा खड़ा है साले ने चूत का हाल बिगाड़ दिया. फिर भी इसका मन नहीं भरा क्या?

मैं- अब बातें चोदना बन्द कर … चल मुँह में ले ले इसको!

नेहा ने लौड़े को मुँह में ले लिया और मज़े से चूसने लगी.

मेरा बदन जलता अंगारा बन गया था … मैं हवसी हो गया था इसलिए नेहा का सर पकड़ कर उसके मुँह में झटके मारने लगा.
पूरा लौड़ा अन्दर तक डालता और बाहर निकाल लेता.

नेहा भी कम ना थी, वह होंठों को भींच कर मेरे लौड़े को कसी चूत का अहसास दिला रही थी.

मैं- आह्ह … आह चूस साली … क्या मस्त चूसती है आह्ह … मज़ा आ गया आह्ह… साली कहां से सीखा है चूसना … आह्ह … चूस ऐसे ही आह्ह.
नेहा ने लौड़ा मुँह से निकला और बोली- वीडियो देखकर सीखा है मेरे जानू!

वह इतना कह कर फिर से लौड़ा मुँह में लेकर चूसने लगी.
मैं पागलों की तरह उसके मुँह को चोदने लगा.

काफ़ी देर बाद मुझे लगा कि मैं झडने वाला हूं तो मैंने उसको इशारा किया तो उसने भी मुँह में ही आने को कहा.

मेरे लौड़े ने लावा उसके मुँह में ही उगल दिया, जिसे वह पी गई.

फिर लौड़ा मुँह से बाहर निकाल कर नेहा गांड मटकाती हुई बाथरूम चली गई और मैं वहीं बिस्तर पर लुढ़क गया.

साली एक ही रात में बेशर्म हो गई थी.

दस मिनट बाद वह फ्रेश होके आई और मुझसे काफी के लिए पूछने लगी.
मैंने भी पीने को हां कर दी.

वह कपड़े पहनने लगी लेकिन मैंने उसको मना कर दिया.
मैं- जब तक यहां हो तब तक कोई कपड़े नहीं पहनेगा.
नेहा- आपने तो एक ही दिन में मुझे बेशर्म बना दिया है.

कुछ मिनट के बाद वह एक ही कप में कॉफी बनाकर लाई.

वह मेरी गोद में बैठकर पी रही थी और मैं उसके पेट के चारों तरफ हाथ लपेट कर बैठा था.
मैं भी उसी के कप से पी रहा था.

कॉफी पीकर वह कप रखने चली गई.

किचन में जाते वक्त नेहा के नितम्बों की थिरकन देखने लायक थी.
मैंने सोच लिया कि इसकी गांड जरूर मारूंगा.

इतनी खूबसूरत सांचे में ढली मांसल गांड तो मैंने आज तक नहीं देखी थी.
काश … यह आज राज़ी हो जाए तो कसम से मैं तो इसकी जिन्दगी भर के लिए गुलामी ही कर लूं.

कोई बीस मिनट के बाद वह वापस आई.
मैं बिस्तर पर अपने पैर नीचे लटकाए बैठा था.

वह मेरे पास आकर अपनी कमर पर हाथ रख कर खड़ी हो गई.
मैंने उसकी कमर पकड़ कर उसे अपनी ओर खींच लिया.

उसकी चूत के बीच की गुलाबी फांकें तो ऐसे लग रही थी जैसे ईद का चाँद नुमाया हो रहा हो.

उसकी चूत ठीक मेरे मुँह के सामने थी.
एक मादक महक मेरी नाक में समां गई.
लगता था उसने कोई सुगन्धित क्रीम या तेल लगाया था.

मैंने उसकी चूत को पहले तो सूंघा और फिर हौले से उसमें अपनी जीभ फिराने लगा.

उसने मेरा सिर पकड़ लिया और मीठी सीत्कार करने लगी.

जैसे जैसे मैं उसकी चूत पर अपनी जीभ फेरता, वह अपने नितम्बों को हिलाने लगी और आह … ऊंह … उईइ … करने लगी.

हालांकि उसकी चूत की लीबिया (भीतरी कलिकाएं) बहुत छोटी थीं, पर मैंने उन्हें अपने दांतों के बीच दबा लिया तो उत्तेजना के मारे उसकी तो चीख ही निकलते निकलते बची.

उसने मेरा सिर पकड़ कर अपना एक पैर ऊपर उठाया और अपनी जांघ मेरे कंधे पर रख दी.
इससे उसकी चूत की दरार और नितम्बों की खाई और ज्यादा खुल गई.

मैं अब फर्श पर अपने पंजों के बल बैठ गया.
मैंने एक हाथ से उसकी कमर पकड़ ली और दूसरा हाथ उसके नितम्बों की खाई में फिराने लगा.

उसने मेरे सिर को अपने हाथों में पकड़ कर बिस्तर के किनारे से लगा दिया.

फिर पता नहीं उसे क्या सूझा, उसने अपना दूसरा पैर और दोनों हाथ बिस्तर पर रख लिए और अपनी चूत को मेरे मुँह पर रगड़ने लगी.
‘ईईईई ईईईइ…’ उसकी कामुक किलकारी पूरे कमरे में गूँज गई.

उसके साथ ही मेरे मुँह में शहद की कुछ बूँदें टपक पड़ीं.

मैं उसकी चूत को एक बार फिर से मुँह में भर लेना चाहता था, पर इससे पहले कि मैं कुछ करता … वह बिस्तर पर लुढ़क गई और अपने पेट के बल लेट कर जोर जोर से हांफने लगी.

अब मैं उठकर बिस्तर पर आ गया और उसके ऊपर आते हुए उसे कस कर अपनी बांहों में भर लिया.

मेरा खूंटे की तरह खड़ा लंड उसके नितम्बों के बीच जा टकराया.
मैंने अपने हाथ नीचे किए और उसके चूचों को पकड़ कर मसलना चालू कर दिया.
साथ में उसकी गर्दन और कानों के पास चुम्बन भी लेने लगा.

कुंवारी गांड की खुशबू पाते ही मेरा लंड तो उसमें जाने के लिए उछलने ही लगा था.

मैंने अंदाज़े से एक धक्का लगा दिया पर लंड थोड़ा सा ऊपर की ओर फिसल गया.

उसने अपने नितम्ब थोड़े से ऊपर उठा दिए और जांघें भी चौड़ी कर दीं.

मैंने एक धक्का और लगाया पर इस बार लंड नीचे की ओर फिसल कर चूत में प्रवेश कर गया.

मैंने अपने घुटनों को थोड़ा सा मोड़ लिया और फिर 4-5 धक्के और लगा दिए.

नेहा तो ‘आह … ऊंह … या रब्बा…’ करती ही रह गई.

जैसे ही मैं धक्का लगाने को होता, वह अपने नितम्बों को थोड़ा सा और ऊपर उठा देती और फिच्च की आवाज के साथ लंड उसकी चूत में जड़ तक समा जाता.

हम दोनों को मज़ा तो आ रहा था, पर मुझे लगा उसे कुछ असुविधा सी हो रही है.

‘आह ऐसे नहीं!’
‘ओह … नेहा बड़ा मज़ा आ रहा है!’
‘एक मिनट रुको तो सही.. मैं घुटनों के बल हो जाती हूँ.’

फिर वह अपने घुटनों के बल खड़ी हो गई.
हम दोनों ने यह ध्यान जरूर रखा कि लंड चूत से बाहर ना निकले.

अब मैंने उसकी कमर पकड़ ली और जोर जोर से धक्के लगाने लगा.
हर धक्के के साथ उसके नितम्ब थिरक जाते और उसकी मीठी सीत्कार निकलती.

अब तो वह भी मेरे हर धक्के के साथ अपने नितम्बों को पीछे करने लगी थी.
मैं कभी उसके नितम्बों पर थप्पड़ लगा देता तो कभी अपना एक हाथ नीचे करके उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगता.

इससे वह जोर जोर ‘आह … याआअ … उईईई …’ करने लगती.

मेरा ध्यान उसके गांड के छेद पर गया.
चुदाई के दौरान वह कभी खुलता, कभी बंद होता हुआ ऐसे लग रहा था जैसे मेरी ओर आंख मार कर मुझे निमंत्रण दे रहा हो.

दोस्तो, अगली बार आपको नेहा की कुंवारी गांड को फाड़ने की सेक्स कहानी पढ़ने को मिलेगी.
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