कम इन माउथ फक स्टोरी में मैंने अपनी दुल्हन को पहली बार लंड चुसवाया. यह हमारी दूसरी रात थी. पहली रात उसने लंड चूसने से मना कर दिया था.
दोस्तो, मैं अजय एक बार पुनः आपके सामने अपनी पत्नी के साथ की सेक्स कहानी का वर्णन लिख कर सनाने के लिए हाजिर हूँ.
मेरी पहली कहानी
शादी के बाद मेरी पहली रात – सुहागरात
में मैंने अपनी बीवी की पहली चुदाई की कहानी बताई थी.
अगर आपने वह नहीं पढ़ी है, तो आप उसे पढ़ सकते हैं.
उस दिन मैंने अपनी बीवी को किसी चीज़ के लिए फोर्स नहीं किया था.
अब आगे कम इन माउथ फक स्टोरी:
आज मेरी शादी का दूसरा दिन दिन था.
कल की सुहागरात के बाद जब मैं अपने कमरे से तैयार होकर बाहर आया तो मेरे दोस्तों ने मुझे फिर से खूब छेड़ा.
राहुल ने पूछा- बता बेटा तूने क्या क्या किया?
‘क्या … क्या किया … वर्जिनिटी टूट गयी थी मेरी भोसड़ी के!’
‘हां, मैं कल रात बाहर ही था बेटा … तेरी और भाभी की आवाजें बाहर तक सुनाई दे रही थीं. लगता है तूने खूब चुदाई की है!’
मैं यह सब सुन कर आज शर्मा रहा था जबकि कल तक यही सब बातें करते हुए मुझे मजा आता था.
आज हमारा रिसेप्शन था.
मुझे आज इस पार्टी का मतलब समझ आ रहा था कि शायद यह चूत फटने का प्रसाद बंट रहा था.
शाम को मैं और स्नेहल तैयार हो गए थे और अपने रिसेप्शन को अटेंड कर रहे थे.
प्रोग्राम खत्म करके हम घर वापस आ गए.
मैंने आंखों ही आंखों में मेरी बीवी को छेड़ना शुरू कर दिया.
वह भी शोख निगाहों से मुझे देखे जा रही थी.
रात हो गई थी तो हम दोनों सीधे अपने कमरे में चले आए.
मैं सारे दिन से इसी वक़्त के इंतजार में था कि कब रात हो और कब स्नेहल को अपनी बांहों में ले सकूँ.
कमरे के अन्दर जाते ही मैंने स्नेहल को पकड़ लिया.
स्नेहल भी समझ चुकी थी कि आज मैं उसे नहीं छोड़ने वाला था.
मैंने बिना वक़्त गंवाए उसका रिसेप्शन वाला पार्टी वियर गाउन निकाला और उसे चंद मिनटों में ब्रा और पैंटी पर खड़ा कर दिया.
वह आज कल से ज्यादा मादक लग रही थी क्योंकि आज उसकी शोखी भी उसकी खूबसूरत जवानी के साथ थी.
होंठों पर मुस्कान बता रही थी कि हसीना आज मुझे कत्ल करने का इरादा किए हुई है.
मैंने भी उसे निहारते हुए अपने कपड़े उतार दिए और सिर्फ़ चड्डी में आ गया.
वह अपने हाथ फैला कर मेरी तरफ देखने लगी.
मैंने उसे अपने आगोश में ले लिया और खड़े खड़े ही उसके होंठों को चूमना शुरू कर दिया.
कल की सुहागरात के रात के बाद आज हम दोनों की शर्म और झिझक भाग चुकी थी.
स्नेहल भी अब मेरा साथ देने लगी थी. आज की स्नेहल मेरे साथ सेक्स करने को बेकरार लग रही थी.
मैंने स्नेहल को नीचे लंड की तरफ इशारा किया.
तो उसने मना किया.
पर मैं आज नहीं मानने वाला था.
मेरे बहुत बार कहने के बाद स्नेहल मेरा लंड मुँह में लेने को मान गयी.
मैं एक जगह खड़ा था और स्नेहल मेरे सामने घुटनों पर बैठ गयी.
उसने मेरी चड्डी को नीचे खिसकाया और मेरा लंबा लंड उसके सामने खड़ा हो गया.
उसने उसे अपने दोनों हाथों में मेरे लंड को ले लिया और लौड़े के टोपे पर अपनी नाक लगा कर उसकी मादक महक लेने लगी.
पहले उसने मेरे लंड के टोपे को अपनी जीभ से चाटा और जीभ में आए लंड के स्वाद को महसूस किया.
दुबारा से उसने मेरे लौड़े को अपने मुँह में लेने से पहले मेरी आँखों में देखा तो मैंने आह करने के अंदाज में उसे अपने भाव जताए.
उसने फिर से जीभ को लौड़े के सुपारे पर घुमाया और हौले से लंड को मुँह में भर लिया.
आह … उसके मुँह की गर्मी पाकर लंड में गजब की फुरकन हुई … लौड़े के टट्टे कड़क होने लगे.
मैंने अपने टट्टे सहलाते हुए स्नेहल के एक हाथ को टट्टों से स्पर्श करवा दिया.
वह समझ गई और टट्टे सहलाती हुई लंड को चूसने लगी.
उसे लौड़े का स्वाद अच्छा लगने लगा था शायद … इसलिए वह लंड चूसे जा रही थी और टट्टे सहलाए जा रही थी.
कुछ देर लंड के टोपे की चुसाई का मजा लेने के बाद मेरे कहने पर उसने आधा लंड मुँह में भर लिया.
पर वह बार बार लंड को मुँह से बाहर निकालती रही.
कुछ देर बाद उसकी आंखों में आँसू आ गए.
तो मैंने उससे मुँह खोलने को कहा और बेड का सहारा लेकर बैठने को कहा.
उसके मुँह खोलते ही मैंने उसका सिर पकड़ा और अपना पूरा लंड उसके मुँह में पेल दिया.
वह तड़प उठी.
पर कुछ देर तक उसके मुँह में मेरा लंड ऐसे ही अड़ा रहा था.
मैंने धीरे धीरे अपने लंड को उसके मुँह में अन्दर बाहर करने शुरू कर दिया.
हर बार मैं अपना लंड पूरा गले तक अन्दर डालता था और बाहर निकलता था.
कुछ ही मिनट तक ऐसा करने के बाद स्नेहल को अच्छा लगने लगा.
अब मैंने उससे कहा कि वह खुद ऐसे ही पूरा लंड मुँह में लेकर चूसे.
पहले तो स्नेहल रुआंसी हो गयी थी पर बार बार करने पर अब उसे अच्छा लगने लगा था.
कुछ देर के बाद तो स्नेहल ने खुद पहली बार बहुत अच्छा ब्लोजॉब दिया.
फिर जब मैं झड़ने वाला था तो मैंने बिना बताए स्नेहल के मुँह में अपना माल निकाल दिया.
स्नेहल ने पहली बार मेरे वीर्य को टेस्ट किया.
वह उसे पी नहीं पाई और उसने सारे वीर्य को नीचे थूक दिया.
यह उस समय पहली बार की बात थी, पर अब तो स्नेहल एकदम एक्सपर्ट को गयी है.
अब वह रोज बिना कहे ही मेरे लंड की मुँह में लेती है और मैं उसके मुँह में ही लंड झाड़ लेता हूँ.
वह भी सारे वीर्य को मजे से न केवल पी जाती है बल्कि मेरे लौड़े को चाट चाट कर साफ भी कर देती है.
हर बार कम इन माउथ फक का मजा लेती है.
लंड चुसवाने के बाद मैंने स्नेहल की ब्रा पैंटी उतार दी और उसे नंगी कर दिया.
हम दोनों एक दूसरे के सामने नंगे थे.
मैंने स्नेहल को समझाते हुए कहा- देखो ये तुम्हारा पहली बार था इसलिए तुमने ऐसा किया … अब रोज अगर तुम मेरा मुँह में लोगी और मेरा वीर्य पीने की कोशिश करोगी तो तुम्हें मेरे लंड की आदत पड़ जाएगी!
उसके बाद हम नंगे लिपटे हुए थे.
मुझे लगा स्नेहल कुछ क्रोध में है.
इसलिए मैंने उसे सॉरी कह कर किस करना शुरू कर दिया.
स्नेहल ने भी मेरा साथ दिया और वह मुस्कुराने लगी.
मैंने उसकी चूत में अपनी उंगलियां डाल दीं और अपनी उंगलियों से उसकी चूत चोदने लगा.
स्नेहल भी सिसकारियां भरने लगी.
उसे उत्तेजित देख कर मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रख दिया.
चूत लंड लीलने को आतुर थी तो मैंने अपने लंड को उसकी चूत में इस बार एक ही झटके में पेल दिया.
स्नेहल को दर्द हुआ, पर कल के बाद वह इसके लिए अब तैयार हो गयी थी.
कुछ देर बाद स्नेहल ने भी मेरे साथ दिया और मेरी ट्रेन चल पड़ी.
स्नेहल के पैर में मेरे कंधे पर थे और मेरा लंड उसकी चूत में चल रहा था.
मेरे धक्के देने पर उसके बूब्स हिलते थे तो मुझे और मज़ा आ रहा था.
करीब 15-20 मिनट की चुदाई के बाद वह और मैं दोनों झड़ गए.
वह रात हम दोनों के लिए कुछ खास भी थी.
शादी के रात हमारे बीच एक शर्म और झिझक थी.
पर आज दूसरी रात में हम दोनों एक दूसरे के साथ सहज हो गए थे.
स्नेहल भी बिना हिचकिचाए अब मेरे लंड को छू ले रही थी और उसके साथ खेल रही थी.
जब उसका मन चाहता, वह मेरे लौड़े को अपने मुँह से चूम लेती, कभी चाट लेती तो कभी चूस लेती.
मैं भी उसके बूब्स, चूत और गांड को खूब छेड़ रहा था.
उस रात दो बार सेक्स करने के बाद हम दोनों सो गए और आधी रात को जब नींद खुली तब स्नेहल मेरे सीने पर सिर रख कर सोई हुई थी.
हम दोनों नंगे थे.
उसका नंगा बदन देख कर मैं वापस बावरा हो गया.
मैंने उसके बूब्स अपने हाथ में ले लिए और दबाने लगा.
इससे स्नेहल की नींद टूट गयी.
पर उसने मुझे कुछ बोला नहीं और मेरे रंग में रंग गयी.
मैंने उसे बेड पर से गोद में उठाया और अपनी स्टडी टेबल पर बिठा दिया.
उसके पैरों को फैला कर टांगों के बीच में खड़ा हो गया.
एक हाथ से उसके बूब्स को मसलना शुरू किया और दूसरे हाथ से लंड पकड़ कर उसकी चूत पर टिका दिया.
फिर एक ही झटके में मेरा पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया.
मैंने लौड़े को अन्दर बाहर करना शुरू किया.
स्नेहल की ‘आह … आह …’ की आवाज़ और नीचे से हमारी चुदाई की छप … छप …’ की आवाज़ पूरे कमरे में गूंजने लगी.
मैंने उसकी गांड को कस कर पकड़ा और अपनी स्पीड को टॉप गियर में डाल कर उसका गेम बजाना शुरू कर दिया.
स्नेहल को भी बहुत मज़ा आने लगा था.
यह पहली बार था, जब मैं इतनी स्पीड में चुदाई कर रहा था.
मैं थोड़ी थोड़ी देर बाद एक दो पल का विराम देते हुए उसे चूम लेता और वापस धकापेल में लग जाता.
आधा घंटा की सॉलिड चुदाई के बाद मैं लंड बाहर खींच कर उसके पेट पर ही झड़ गया.
फिर साफ सफाई करके हम दोनों नंगे ही सो गए.
अगले दिन हमारी आंख देर से खुली.
दरवाज़े पर खटखट हुई, तब हम दोनों जागे.
बाहर से घर वाले आवाज़ लगा रहे थे.
आज देर हो गयी थी इसलिए हम दोनों एक साथ शॉवर लेने चले गए.
मैंने सोचा था कि काम जल्दी होगा, पर उल्टा रोमांस में और देर हो गयी.
फव्वारे में हम दोनों ने एक दूसरे को साबुन लगाया.
मैं उसके पूरे बदन को छू रहा था, उसके गोरे और सॉफ्ट सॉफ्ट बदन को सहलाना मुझे बहुत पसंद आ रहा था.
मैंने उसकी पूरे जिस्म को चूमना शुरू कर दिया.
बस फिर क्या था … स्नेहल को दीवार की तरफ मुँह करके चिपकाया और मैंने पीछे से एक और बार चुदाई शुरू की.
साबुन और गीलेपन के कारण इस बार लंड आसानी से अन्दर चला गया.
ऊपर से शॉवर की मस्त बूंदें … और नीचे जोरदार चुदाई अपनी फुल स्पीड पर चल रही थी.
पूरे बाथरूम में ‘छप … छप …’ की और हमारी मदभरी सिसकारियों की आवाज़ गूंजने लगी थी.
हम दोनों आनन्द के सातवें आसमान पर थे.
15-20 मिनट तक मैंने चुदाई की.
यह हमारा पहला शॉवर सेक्स था.
वक़्त की कमी की वजह से हमें जल्दी निपटना पड़ा.
लेकिन मैंने तय कर लिया था कि बाथरूम में भी अब स्नेहल को खूब जम कर पेलूँगा.
हम दोनों कमरे से बाहर आ गए.
मेरे दोस्त अभी तक मेरे घर में रुके हुए थे.
दोस्तों ने मुझे एक सूनी जगह में घेर लिया और मेरी खिंचाई करना शुरू कर दिया.
मैं शर्म से पानी पानी हो गया पर अन्दर से बहुत मज़ा भी आ रहा था.
उन्होंने मुझसे पूछा- क्या क्या हुआ? कौन से पोज़ में किया है … बड़ी देर लगा दी … लगता है सुबह सुबह भी खेल कर आए हो … साथ में ही नहाए ही क्या? कितनी बार मजा किया?
वैसे तो मेरे दोस्त काफ़ी अच्छे हैं और अच्छे परिवारों से हैं और मेरी बीवी की भी बहुत इज़्ज़त करते हैं.
पर अकेले में मेरी इस तरह खिंचाई भी कर लेते हैं.
आपको मेरी यह दो सौ प्रतिशत सत्य सेक्स कहानी अच्छी लगी या नहीं?
जरूर बताएं.
मैं अपनी बीवी के साथ बिताए बहुत सारे रंगीन अनुभवों को आप सबसे साझा करने के लिए उत्सुक हूँ.
पर आपका अच्छा साथ मिला तो ही ऐसा करूंगा.
कम इन माउथ फक स्टोरी पर अपने विचार मुझे अवश्य बताएं.
[email protected]