विधवा से रन्डी वेश्या का सफरनामा

ब्लू सेक्स कहानी में मेरे शौहर की मौत के बाद मैंने एक घर में मेड का काम करना शुरू किया. लेकिन मेरे हालात ऐसे बदले कि मैं एक कॉल गर्ल बन गयी.

यह कहानी सुनें.

हाय दोस्तो, मैं फ्री सेक्स कहानियों की नियमित पाठिका हूँ।
मुझे लगा कि मुझे भी अपनी कहानी आप सभी के साथ साझा करनी चाहिए।

आज मैं अपनी पहली कहानी लेकर आई हूँ।

अगर इस ब्लू सेक्स कहानी में कोई गलती हो तो मैं माफी माँगती हूँ।

अब ज्यादा समय न लेते हुए, कहानी शुरू करती हूँ।

मेरा नाम आयशा है। मेरी उम्र 32 साल है।
मेरा फिगर 34-32-36 है।

मैं शादीशुदा थी, लेकिन मेरे शौहर (पति) रिक्शा ड्राइवर थे और उनकी मृत्यु हो गई।
मैं विधवा हो गई।

मेरे शौहर के गुजर जाने के बाद मुझ पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

अब मेरे पास इतनी आमदनी नहीं थी कि मैं उनके जाने के बाद सुखी जीवन जी सकूँ।

लेकिन उनके बीमा का पैसा आया, जिससे मैंने एक कमरे का घर ले लिया।
लेकिन जिंदगी कब तक चलती?

मैंने काम शुरू किया और मुझे रोशन जी के घर नौकरी मिल गई।
लेकिन मैंने अपना नाम उन्हें बदला कर बताया था रश्मि.
नहीं तो मेरा नाम जानकर वे मुझे काम पर नहीं रखते.

उनके परिवार में रोशन जी, उनकी पत्नी, उनका बेटा और बेटी थी।
बेटी विदेश में पढ़ाई करती थी तो घर में तीन लोग थे।

मेरा काम साफ-सफाई और खाना बनाना था।

मैं सुबह 9 बजे उनके घर जाती थी।

लेकिन जब से मैंने काम शुरू किया, रोशन जी का बेटा राजीव मुझे गलत नजरों से देखता था।
मैं उसका कोई ध्यान नहीं देती थी बस अपने काम से काम रखती थी।

एक दिन रोशन जी और उनकी पत्नी को दो दिनों के लिए बाहर जाना पड़ा।
उनका बेटा घर पर ही रहा।

जब मैं काम करने गई तो राजीव सिर्फ़ अंडरवियर में था।
मैंने ध्यान नहीं दिया और अपने काम में लग गई।

तभी राजीव मेरे पीछे आया और उसने अपने दोनों हाथों से मेरी कमर पकड़ ली।
मैं तुरंत हैरान हो गई और बोली, “ये क्या कर रहे हो? मैं तुम्हारी शिकायत करूँगी!”

उसने मुझे छोड़ दिया और मैं वहाँ से चली आई।

लेकिन दो दिन बाद पुलिस मेरे घर आई।
साथ में रोशन जी, उनकी पत्नी और उनका बेटा थे।

उन्होंने कहा, “यह चोरी करती है!”
मैंने कहा, “देखिए, मैंने कुछ नहीं किया। आपका बेटा मेरे साथ…”

इतना बोलते ही रोशन जी की पत्नी ने मुझे कहा, “साली, मेरे बेटे पर इल्ज़ाम लगाती है!”

पुलिस मुझे थाने ले गई और लॉकअप में बंद कर दिया।
शाम को एक पुलिस इंस्पेक्टर प्रीतम सिंह आया और बोला, “चोरी की?”
मैंने कहा, “नहीं साहब!”

उसने कहा, “ठीक है, मान लिया तूने चोरी नहीं की। लेकिन नाम बदल कर झूठ क्यों बोला?”
मैंने कहा, “सर, माफ़ कर दो!”

वो बोला, “एक रात मेरे साथ होटल चल, छोड़ दूँगा!”
मैंने कहा, “नहीं, नहीं, मैं होटल नहीं आ सकती!”
वो बोला, “मेरे साथ चल, नहीं तो केस बनाकर कोर्ट में पेश करूँगा। 6-7 महीने जेल में और जुर्माना अलग!”

मुझे लगा कि इसके साथ जाना ही ठीक होगा.
मैंने हाँ कर दी.

प्रीतम सिंह बोला, “ठीक है!”
फिर उसने स्टाफ से कहा, “इसका बेल हो गया। रोशन जी ने शिकायत वापस ले ली।”

उसने मुझे बस स्टॉप पर खड़े होने को कहा।
मैं बस स्टॉप पर खड़ी रही।
वो आया और बोला, “होटल का नाम और रूम नंबर नोट कर। रात 9 बजे आ जाना। लेट हुई तो…”

मैं तैयार होकर होटल के लिए निकली।

होटल छोटा-सा था, जहाँ बॉयफ्रेंड-गर्लफ्रेंड या धंधे वाली लड़कियाँ आती थीं।
मैं अंदर गई।
वहाँ एक आदमी बैठा था।

उसने पूछा, “कौन से रूम में जाना है?”
मैंने रूम नंबर बताया।

उसने कहा, “प्रीतम सिंह साहब के पास?”
मैंने कहा, “हाँ!”
वो बोला, “जा, और ले, ये कॉन्डम। कोई लड़का बाद में देने न आए।”

मुझे घिन आई, लेकिन क्या करती?
मैं रूम में गई।

प्रीतम सिंह पैंट और गंजी में था।
काला-सा दिख रहा था।

मैं डर गई।

उसने मेरा हाथ पकड़ा, जोर से खींचा और मुझे अपनी गोद में बिठा लिया।

उसने मुझे किस किया, “ऊऊ ऊम्म्म!”
फिर उसने मेरा ओढ़नी हटा दी और मेरी कुर्ती उतार दी।

मैं ब्रा और सलवार में थी।

उसने मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स जोर-जोर से दबाने शुरू किए।
मुझे दर्द हो रहा था।

फिर उसने मेरी ब्रा उतार दी, मेरे बाल खोल दिए और अपनी गंजी उतारी।

उसने ड्रिंक बनाया और मुझे पीने को कहा।
मैंने मना किया तो उसने डांट के कहा, “साली, पी!”

मैंने कहा, “मैंने कभी नहीं पी!”
उसने फिर बोला, “साली, दवा समझकर पी!”

उसने ग्लास मेरे मुँह से लगाया।
शराब बहुत कड़वी थी फिर भी मैंने पी लिया।

उसने सिगरेट जलाई, कश लिया और धुआँ मेरे मुँह पर छोड़ा।
मुझे बहुत अजीब लगा।

फिर उसने सिगरेट मेरे मुँह में रखी और बोला, “ले, कश ले!”
मुझे खाँसी आ गई, फिर भी उसने मुझे सिगरेट पिलाई।

ड्रिंक, सिगरेट और बूब्स दबाना, ये सब 15-25 मिनट चला।
उसने दो बोतलें खाली कर दीं।
मेरे और उसके मुँह से शराब की बदबू आ रही थी।

उसने मेरी सलवार का नाड़ा खींचा।
मैं सिर्फ़ पैंटी में रह गई।

फिर उसने मेरी पैंटी भी उतार दी।
अब मैं पूरी नंगी थी।

वो बोला, “बेड पर उल्टी लेट जा!”
मैं उल्टी लेट गई।
मुझे डर था कि कहीं वो मेरी गांड न मारने लगे।

लेकिन उसने अपनी पैंट से बेल्ट निकाली, जो पुलिस वाली थी, और अपनी पैंट उतार दी।

उसने मुझे घुटनों पर बिठाया और अपना लंड चूसने को कहा।
मैंने उसका लंड देखा तो मन ही मन हँसने लगी।
उसका लंड 5 इंच का होगा।
मैंने मन में कहा, “साला हरामी का दम नहीं और मर्दानगी दिखाने चला!”

मैंने 10 मिनट तक उसका लंड चूसा।
फिर उसने मेरा सिर पकड़ा और पूरा लंड मेरे गले तक डाल दिया।
उसने अपना पानी मेरे मुँह में छोड़ दिया।

मुझे उल्टी जैसा लगा लेकिन उसने लंड नहीं निकाला।
मुझे उसका पानी पीना पड़ा।

वो बेड पर लेट गया और मेरी ब्रा से अपना लंड साफ कराया।

फिर उसने मुझे दोबारा चूसने को कहा।
5-7 मिनट में उसका लंड फिर खड़ा हो गया।

वो बोला, “चल, अपनी चूत फैलाकर मेरे लंड पर बैठ!”
मैंने उसका लंड अपनी चूत में सेट किया और ऊपर-नीचे करने लगी।

साले का लंड ठीक से अंदर तक जा भी नहीं रहा था।

फिर 20 मिनट तक मेरी चूत चोदने के बाद उसने मुझे बेड पर सीधा लिटाया, मेरी दोनों टाँगें चौड़ी कीं और मेरी चूत में अपना लंड डाला।

लंड ठीक से अंदर जा भी नहीं रहा था। कई बार उसका पेट अड़ता था।

10 मिनट चोदने के बाद उसने एकदम से ठूँस दिया और मेरी चूत में पानी छोड़ दिया।

लेकिन उसका लंड निकलते ही पानी भी बाहर आ गया।
फिर वो मेरे ऊपर लेट गया।

उसने फोन उठाया और किसी को बुलाया।
उसने होटल का पता दिया।

वो कपड़े पहनने लगा।

तभी रूम की घंटी बजी।
उसने दरवाजा खोला।

मैं अभी सिर्फ़ ब्रा और पैंटी पहन रही थी।

मैंने देखा तो चौंक गई। सामने रोशन जी, उनका बेटा राजीव और उनकी पत्नी थी।

वो अंदर आए और बोले, “क्या हुआ? साली की अकड़ उतर गई? हमारे बेटे पर हाथ उठाया था!”
प्रीतम सिंह बोला, “दीदी, शांत! साली को चोद दिया है!”

तब मुझे पता चला कि प्रीतम सिंह रोशन जी का साला है।
रोशन जी और राजीव बोले, “अब हम इस साली को चोदेंगे!”
उनकी पत्नी बोली, “नहीं, साली ऐसे ही गिर चुकी है!”

प्रीतम सिंह ने किसी को फोन किया और बोला, “यहाँ आ जा!” फिर जीजा जी, राजीव और उनकी पत्नी से बोला, “अब तुम जाओ। आगे क्या करना है, मैं देखता हूँ!”

वो जैसे ही निकले, एक महिला पुलिस वाली आई।

प्रीतम सिंह बोला, “दिलप्रीत, तुम वेश्या धंधे वाली को पकड़ना चाहती थी?”
वो बोली, “हाँ, प्रीतम सिंह साहब! एक केस बनाना था!”

प्रीतम सिंह बोला, “लो, सामने है! केस बना लो!”
और वो चला गया।

मैंने कहा, “नहीं, ऐसा मत करो!”

महिला पुलिसवाली बोली, “साली, धंधा करती है और पकड़ी गई तो नखरे!”
वो बोली, “साली, कपड़े पहन! नहीं तो नंगी ले जाऊँगी!”

वो मुझे गाड़ी में बैठाकर ले गई।
लेकिन पुलिस थाने के बजाय किसी घर में ले गई।

वो बोली, “आ जा, ये मेरा घर है!”
उसने कहा, “देख, तेरी इज्जत उतर ही गई है। अब तू मेरे लिए काम करेगी। तुझे इस घर में रहने को मिलेगा। अगर मना करेगी, तो केस बनाकर जेल भेज दूँगी। सोच ले, क्या करना है!”

मैंने कहा, “क्या करना है?”
वो बोली, “ज्यादा कुछ नहीं। कुछ मंत्रियों और ऑफिसरों के साथ बिस्तर गर्म करना!”

मैंने सोचा, इज्जत तो चली ही गई।
लेकिन उस रोशन परिवार से सबक सिखाना है।

दिलप्रीत बोली, “क्या सोच रही है?”
मैंने कहा, “ठीक है! लेकिन उस रोशन परिवार से बदला लेने में मेरी मदद करनी होगी!”
दिलप्रीत बोली, “ठीक है!”

अगले दिन दिलप्रीत बोली, “चल, तैयार हो जा!”
उसने मुझे जींस और टॉप दिया और बोली, “अब से ये कपड़े पहनने पड़ेंगे!”

वो बोली, “देख, रोशन परिवार से बदला लेना है तो दुश्मन से दोस्ती कर। फिर बदला ले सकेगी!”
उसने रोशन जी और उनके बेटे राजीव को अपने घर बुलाया।

दोनों आए।

दिलप्रीत बोली, “देखो, जो हुआ, उसे जाने दो। तुम भी मजे लो!”
राजीव बोला, “हम इसे चोदेंगे! वो तो होटल में अम्मी थी!”

दिलप्रीत बोली, “अरे, करेगी तुमसे भी!”
फिर मेरी तरफ इशारा करके बोली, “क्यों आयशा, करेगी ना?”

मैं उठी और एक किस रोशन जी को दी, एक राजीव को।
दिलप्रीत बोली, “तुम मजे करो! मैं ड्यूटी पर जा रही हूँ!”

अब मैं, रोशन जी और राजीव थे।
मैं दोनों के बीच बैठ गई।

दोनों बाप-बेटे मेरे जिस्म से खेलने लगे।

एक तरफ राजीव, दूसरी तरफ रोशन जी।
दोनों मुझे किस करने लगे, “ऊऊऊम्म्म!”
फिर दोनों ने मेरा जींस और टॉप उतार दिया।

मैंने भी उनके कपड़े उतार दिए।
मैं घुटनों पर बैठ गई और दोनों का लंड चूसने लगी।

राजीव का लंड 7 इंच का होगा, लेकिन रोशन जी का कुछ खास नहीं था।
मैं कभी रोशन जी का मुँह में लेती, कभी राजीव का।

राजीव मेरा सिर दबाकर अपना लंड मेरे गले तक डाल रहा था।

ये लंड चूसाई 15 मिनट चली।
दोनों ने मेरे मुँह में पानी छोड़ दिया।
मैंने उनके लंड अपने टॉप से साफ किए।

फिर राजीव मेरे साथ 69 में आ गया।
राजीव मेरी चूत चाटने लगा और रोशन जी मेरी गांड चाटने लगे।

10 मिनट तक मेरी चूत और गांड चटाई के बाद दोनों का लंड फिर खड़ा हो गया।

अब मुझे साइड में लिटाकर राजीव ने मेरी चूत में लंड डालना शुरू किया और पीछे से रोशन जी ने मेरी गांड में।

रोशन जी का लंड तो कुछ खास नहीं लग रहा था लेकिन राजीव मेरी चूत चोदे जा रहा था।
मैं चीख रही थी, “आआआ… ओ… ओ…!”

कुछ मिनट बाद दोनों ने पोजीशन बदली।
अब रोशन जी मेरी चूत में डालने लगे और राजीव मेरी गांड में।

जैसे ही राजीव का लंड मेरी गांड को टच हुआ, मैंने कहा, “अरे, तेल या क्रीम लगा!”
राजीव बोला, “चुप, भोसड़ी की!”

उसने अपने दोनों हाथ मेरी बगल से बाहर निकाले और एक जोर का झटका दिया।

उसका पूरा लंड मेरी गांड में चला गया।
पहली बार मैंने गांड में लिया।
मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं चीख पड़ी, “आआआ… ओ… माँ…!”

दोनों मुझे चोद रहे थे।
रोशन जी मेरे बूब्स काट रहा था।

20 मिनट बाद दोनों का पानी निकला।
रोशन जी ने मेरी चूत में और राजीव ने मेरी गांड में पानी छोड़ा।

दो राउंड करने के बाद दोनों कपड़े पहनने लगे।
वो बोले, “मजा आ गया!”

रोशन जी ने कुछ पैसे फेंके और राजीव बोला, “अच्छा किया, साली रंडी!”
दोनों चले गए।

रात हो गई और दिलप्रीत ड्यूटी से आई।
वो बोली, “कैसा रहा बाप-बेटे का मजा?”

मैंने कहा, “बेटा कमाल का है। काश उस दिन उससे चुद लेती, तो आज इतना कुछ नहीं होता। प्रीतम सिंह से भी नहीं करना पड़ता!”
दिलप्रीत बोली, “कोई नहीं! अब वो तुझे बुलाता रहेगा. अब उससे कोई बदला तो नहीं लेना ना?”
मैं बोली, “नहीं … उसने मुझे खूब मजा दिया है.”

उसके बाद मैं पैसे लेकर चुदने लगी. दिलप्रीत ही मेरे लिए ग्राहक भेजती थी.

तो दोस्तो, मेरी यह ब्लू सेक्स कहानी कैसी लगी?
मुजे बताना जरूर और मुझे मेल करना ताकि आगे और कहानियाँ लाती रहूँ.
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