मेरे बच्चे की माँ की कुंवारी गांड मारने का मजा- 2

Xxx एस सेक्स की कहानी में पढ़ें कि मैंने एक भाभी को माँ बनाया तो उसने गांड मरवाने का वायदा किया था. डिलीवरी के 6 महीने बाद उसने होटल में मुझसे अपनी कुंवारी गांड मरवाई.

फ्रेंड्स, मैं आपको साक्षी की चूचियों का रस पीने और चूत गांड चुदाई की कहानी में पुन: स्वागत करता हूँ.
कहानी के पिछले भाग
लड़की का दूध पीने का सपना सच हुआ
में अब तक आपने पढ़ा था कि साक्षी अपनी चूत चुदाई में जल्द ही झड़ गई थी.

अब आगे Xxx एस सेक्स की कहानी:

मेरे जोर जोर से चूची चूसने से और नीचे से साक्षी की चूत में लंड पेलने से पहले से गीली चूत से सफ़ेद रंग का झाग मेरे लंड के चारों ओर लग गया था.

खैर … उसकी चिकनी चूत में सटासट लंड चलने से वो झड़ कर निढाल होने लगी थी.
मगर मैं उसकी गांड को अपने हाथ से सहारा देते हुए नीचे से लगातार लंड की ठोकर देता जा रहा था.

जैसे ही मैं साक्षी की चूत में नीचे से अपने लंड को पेलता तो साक्षी के मुँह से कामुक आह निकल जाती ‘आह आआह.’

मैं अब धीरे धीरे से साक्षी को चोद रहा था और जोर जोर से उसकी चूची से दूध पी रहा था.
साक्षी भी मेरे बालों में हाथ घुमाती हुई मुझे अपना दूध पिला रही थी और धीरे धीरे फिर से उत्तेजित होकर अपनी कमर मेरे लंड पर उछाल रही थी.

कुछ ही देर में साक्षी फुल गर्म हो गई और उसके मुँह से तेज स्वर में आवाजें निकलने लगीं- आअ जान और अन्दर पेलो … और जोर से चूसो मेरी चूची … इसका सारा दूध पी लो … आअ करते रहो जान … मजा आ रहा है … आह ऐसे ही और जोर से और अन्दर करो … आह रुको मत मेरा फिर से निकलने वाला है … आह मैं झड़ने वाली हूँ … आह करो न … और जोर से मेरे निप्पल को खींचो आह मजा आ रहा है … चोदो चोदो रुको मत … बस मेरी चूत का रस छूटने वाला है आआह आह …’

ऐसा करते करते साक्षी फिर से झड़ गयी और मेरे लंड पर निढाल बैठी रही.

उसकी और मेरी दोनों की सांसें जोर जोर से चल रही थीं क्योंकि साक्षी मेरे मुँह के ऊपर अपनी चूची रख कर पड़ी थी और मैं उसकी चूची चूस रहा था.
हम दोनों पसीने से भीग गए थे.

साक्षी झड़ जाने के कुछ देर बाद मेरे ऊपर से उठने की कोशिश करने लगी.
वो मेरे मुँह से चूची निकाल कर मुझे किस करने लगी.
मैं भी उसे किस करने लगा.

साक्षी जोर जोर से मुझे किस करने लगी और नीचे से अपनी कमर मेरे लंड पर घुमाने लगी. साक्षी मेरे ऊपर बैठ गई. मेरे सीने को चूमने लगी और मेरे निप्पलों को चाटने लगी.

इससे मेरा लंड जो अभी तक झड़ा नहीं था और अभी भी साक्षी के चूत में था, वो और ज्यादा कड़ा हो गया.
मैं उसे नीचे से धक्के लगाने लगा.
साक्षी भी मेरा साथ दे रही थी.

वो मुझे किस करती हुई मेरे सीने को चाटने लगी. मुझे तो बस साक्षी की चूत में अपने लंड को आगे पीछे करने में मजा आ रहा था.
मेरे लंड में और कड़ापन होता जा रहा था.

अब मैं नीचे से साक्षी के दोनों कूल्हों को थोड़ा ऊपर उठा कर नीचे से जोर से अपने लंड को चूत अन्दर पेलने लगा था.
कुछ देर बाद उसने मुझसे आसन बदलने का इशारा किया.

मैं रुक गया और मैं साक्षी से कहा- अब तुम घोड़ी बन जाओ. अब मैं कंडोम निकाल कर सीधा तुम्हारी गांड में लंड पेल कर गांड मारना चाहता हूँ. मुझे अपने लंड का सारा माल भी तुम्हारी गांड में ही डालना है.
ये सुनकर साक्षी मेरे लंड से उतर कर बाजू हो गई और घोड़ी की तरह गांड ऊपर करके झुक गयी.

मैंने पास पड़ी अपनी पैंट की जेब से तेल की बॉटल निकाली और साक्षी की गांड के छेद पर तेल की शीशी का मुँह लगा दिया.
तेल की धार गांड में जाने जाने लगी.

साक्षी के मुँह से ‘आह्ह आह …’ की मधुर ध्वनि आने लगी.

फिर मैंने जैसे ही उसकी गांड के छेद पर अपनी उंगली रखी, उसकी गांड का छेद और टाइट होने लगा.
मैंने गांड के छेद पर लगा तेल मलते हुए अपनी एक उंगली गांड के अन्दर घुसाई, तो साक्षी की आउच की आवाज आई.

और थोड़ा सा तेल मैंने अपनी घुसी हुई उंगली पर डाला और उसकी गांड के छेद में चलाने लगा.
उस वक्त साक्षी की आंखें बंद थीं और वो थोड़ी डरी सी लग रही थी क्योंकि मेरा लंड छह इंच लम्बा और तीन इंच मोटा था और साक्षी की गांड अभी तक कुंवारी थी.

फिर मैंने साक्षी की गांड से उंगली निकाल कर उस पर एक थप्पड़ मारा, तो साक्षी चिहुंक उठी.

अब मैंने अपने लंड को हाथ से पकड़ कर उसके ऊपर बहुत सारा तेल लगाया.
साक्षी ने लंड देख कर कहा- प्लीज थोड़ा धीरे से करना, मुझे घर भी वापस जाना है … और घर के काम भी करने हैं.

मैंने कहा- हां मेरी जान तू डर मत, बस अब तू मेरा लंड अपनी कसी हुए गांड में महसूस कर और मजा ले.
ये कह कर मैंने अपने दोनों हाथों से साक्षी की कमर को पकड़ा.

मेरा लंड साक्षी की गांड पर जाकर लग गया था. मैंने सुपारे से उसकी गांड को चूमा और थोड़ा पीछे को सरक कर अपने लंड के सुपारे को साक्षी की गांड पर सैट करने लगा.
फिर जैसे ही लंड छेद पर सैट हुआ, मैं साक्षी की कमर को जोर से पकड़ कर पीछे से अपना लंड अन्दर धकेलने लगा.

पर लंड पर ज्यादा तेल होने के कारण वो इधर उधर फिसल रहा था.

मैंने एक हाथ से साक्षी की कमर को पकड़ा और एक हाथ से अपने लंड के सुपारे को साक्षी की गांड के छेद पर दबाने लगा.

साक्षी की सांसें बढ़ गयी थीं और धीरे धीरे से वो अपनी गांड मेरी पकड़ से आगे को ले लेती क्योंकि वो थोड़ा सा डर रही थी.

मैं अपना लंड उसकी गांड के छेद पर दबा कर अन्दर घुसाने लगा.

जैसे ही मेरे लंड के आगे का हिस्सा साक्षी की गांड में घुसा, उसके मुँह से ‘आह आह मर गई …’ निकली.
वो गांड आगे करके लंड निकलने के लिए छटपटाने लगी.

सही में साक्षी की गांड बहुत ज्यादा टाइट थी.
मेरे लंड के आगे का टोपा ही बड़ी मुश्किल से अन्दर फंस सका था.

साक्षी जोर जोर से आह भरने लगी और आगे की तरफ झुकने लगी.
वो दर्द से बोली- प्लीज निकाल लो ना … मेरी गांड में दर्द हो रहा है. तुम मेरी चूत जितनी चाहे, उतनी चोद लो, मैं कुछ नहीं बोलूंगी. तुम जैसे चाहो वैसे चूत को चोद दो, लेकिन गांड से निकालो ना … बहुत मोटा लंड है तुम्हारा … मुझे दर्द हो रहा है.

लेकिन मैं कहां मानने वाला था.
मैंने अपने दोनों हाथों से साक्षी की कमर को जोर से पकड़ा हुआ था और उसे समझाने में लगा था कि बस अब हो गया.

‘मेरा लंड अन्दर चला गया है, अब कुछ नहीं होगा, बस मजा आएगा. मैं धीरे धीरे से तुम्हारी गांड में लंड अन्दर बाहर करता हूँ, तो तुम्हें भी बहुत मज़ा आएगा. तुम बस थोड़ी देर के लिए मेरा साथ दो और मजा लो.’

ये कह कर मैं साक्षी की गांड के ऊपर प्यार से हाथ घुमाने लगा और धीरे से अपना लंड साक्षी की गांड के अन्दर पेलने लगा.
साक्षी दर्द से तड़फ रही थी- आहा आआह निकाल लो … बहुत दर्द हो रहा है.

लेकिन मैंने उसकी एक न सुनी और जोर से एक झटका उसकी गांड में दे मारा.

इस बार करीब करीब मेरा पूरा लंड साक्षी की गांड में घुस गया था.
साक्षी के मुँह से ‘आह मर गई मेरी फट गई आह बहुत दर्द हो रहा है निकालो न प्लीज.’ निकलने लगा था.

लेकिन मैंने साक्षी की गांड को जोर से पकड़ कर रखा था क्योंकि मैं जानता था कि अगर इस बार मैं साक्षी की गांड में पूरे जोर से अपने लंड को डालूंगा तो वो ये धक्का सहन नहीं कर पाएगी और गांड आगे सरका कर लंड बाहर निकाल देगी.

उसके बाद ये मुझे गांड मारने का मौका नहीं देगी.

वो चिल्लाती रही और मैंने जोर से लंड को गांड में पेल दिया.
दोस्तो, आपको क्या बताऊं, लेकिन मेरा लंड साक्षी की गांड में सच में फंस सा गया था क्योंकि साक्षी की गांड कुंवारी थी और बहुत ज्यादा टाइट थी.

मेरे मोटे लंड के गांड में पेलने से साक्षी को दर्द बहुत ज्यादा हो रहा था और उसकी आंखें भर आयी थीं.
वो मेरी पकड़ से छूटने के लिए छटपटा रही थी, लेकिन मैंने उसे बहुत जोर से पकड़ा हुआ था.

मैंने साक्षी के ऊपर लेटे हुए ही उसकी गर्दन को किस करना शुरू कर दिया और साथ ही साथ उसके कान की लौ को चूसना शुरू रखा.
इससे साक्षी कुछ शांत होने लगी और गर्म गर्म आहें भरने लगी.
अब वो अपनी आंखें बंद करके गांड को हिला रही थी. ये देख कर मुझे भी लगा कि साक्षी का दर्द खत्म होने लगा है.

कुछ ही देर बाद वो थोड़ी गर्म भी हो गयी थी, तो सही मौका देख कर मैंने भी धीरे धीरे अपना लंड गांड में पेलना शुरू कर दिया.
साक्षी अपने मुँह से ‘स्स्स आह …’ करने लगी और वो भी नीचे गांड उठा कर मेरे लंड को अपनी गांड में लेने लगी.
मुझे बहुत मजा आ रहा था.

थोड़ी देर ऐसे ही मैं उसकी गांड के ऊपर चढ़ा रहा और अपना लंड उसकी गांड में पेलता रहा; Xxx एस सेक्स का मजा लेता रहा.

फिर मैंने बाजू की दीवार में लगे आईने में साक्षी और अपने नंगे बदन को एक-दूसरे से लगा हुआ देखा, तो मुझे सेक्स का नशा चढ़ने लगा.
मैंने साक्षी को शीशा देखने को कहा और उससे अपनी गांड उठाने को कहा.

मैं उसकी एक चूची को मसलने लगा.
साक्षी भी थोड़ा खुल गयी थी और उसके ऊपर भी सेक्स का नशा चढ़ गया था.

फिर मैंने साक्षी को डॉगी स्टाइल से थोड़ा और नीचे झुकाया और उसकी गांड में लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया.
बीच बीच में मैं गांड और लंड में तेल टपकाता जा रहा था. इससे मुझे और उसे हम दोनों को ही बहुत मजा आ रहा था.

दोस्तो, आपको बता दूँ कि जब भी आप किसी औरत या लड़की की गांड मार रहे हों … और आपके सामने या बाजू में अगर कोई आईना है, तो आप डॉगी बनी लौंडिया की गांड मारने का दोगुना सुख ले सकते हैं.

ठीक ऐसा ही आनन्द मुझे आ रहा था. मैं साक्षी के ऊपर चढ़ा था और उसकी गांड में लंड पेल का उसके नंगे बदन को रौंद रहा था.
उसकी गांड मारने के साथ ही मेरा एक हाथ उसकी कमर से होते हुए उसकी चूत के ऊपर दाने को सहला रहा था.

उस वक्त मेरा एक हाथ साक्षी के गले को पकड़ कर उसके कंधे को चूम रहा था.

मैं ये गर्मागर्म सीन आईने में देख कर मजा ले रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे कोई नाग अपनी नागिन को पीछे चोद रहा हो और वो दोनों मदहोश हो कर चुदाई मजा ले रहे हों.

हम दोनों दस मिनट तक ऐसे ही चुदाई करते रहे. अब तक मेरा हाथ साक्षी की चूत को सहलाते हुए पूरा गीला हो गया था.
उसकी चूत से लगातार कामरस बह रहा था.

उसकी कामुक आवाजें मुझे पर सेक्स का नशा चढ़ाती जा रही थीं.
मैं कुछ और जोर से साक्षी की गांड मारने लगा और साक्षी भी अपनी तरफ से कुछ और ज्यादा गांड उछाल उछाल कर साथ देने लगी.

दो ही मिनट के बाद मेरा लंड अपने चरम पर आ गया था और अब लंड से रस साक्षी की गांड में कभी भी छूटने वाला था.
मैंने साक्षी से कहा कि अब मेरा लंड पानी छोड़ने वाला है. मैं तुम्हारी गांड में आज सारा लावा छोड़ना चाहता हूँ.

साक्षी ने हामी भर दी.
बस दसेक झटके लगाने के बाद मेरा लंड साक्षी की गांड में रस छोड़ने लगा.

साक्षी भी जोर जोर से मेरे लंड पर अपनी गांड आगे पीछे करने लगी.

लंड रस निकल जाने के बाद भी साक्षी की गांड का छेद मेरे लंड को बहुत टाइटली कसे हुआ था.
मैं ऐसे ही साक्षी के बदन के ऊपर ढेर हो गया. साक्षी की और मेरी दोनों की सांसें तेज तेज ऊपर नीचे हो रही थीं.

ऐसे ही मैं साक्षी की गांड में अपना लंड फंसाए हुए बिस्तर पर लुढ़क गया.
मैंने साक्षी को अभी भी अपनी बांहों में जकड़ा हुआ था.

मैं अपनी पीठ के बल बिस्तर पर लेट गया और साक्षी मेरे ऊपर आ गई थी.
अभी भी मेरा लंड साक्षी की गांड में ही था.

मैंने साक्षी की गर्दन पर चूमना शुरू कर दिया और साथ ही साथ अपने हाथ को उसकी चूत के ऊपर फेरने लगा. मैंने महसूस किया कि साक्षी की चूत बहुत ज्यादा झड़ी थी और मेरी उंगलियां बहुत ज्यादा चिपचिपी हो गयी थीं.

ऐसे ही साक्षी की चूत में मैंने अपनी उंगली फिर से घुसा दी तो साक्षी के मुँह से मादक आह निकल गई.
मैं नीचे से साक्षी की गांड में अपना फंसा हुआ लंड ढीला होता देख रहा था.

लंड पर लगा हुआ कामरस धीरे धीरे निकल रहा था. कामरस मेरे लंड से मेरे लंड की गोलियों से होता हुआ मेरी जांघों में जाता हुआ मुझे साफ महसूस हो रहा था.

फिर साक्षी ने कहा- जान अभी मुझे थोड़ा छोड़ो. मैं इसे साफ़ करके आती हूँ. ये कुछ ज्यादा ही टपक रहा है.

दोस्तो, गांड चुदाई में मजा आ रहा होगा.
ये Xxx एस सेक्स की कहानी अभी बाकी है.
कहानी कैसी लग रही है, मेल जरूर करें.
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