दोस्त को गर्लफ्रेंड बना कर मस्त चोदा

टीन देसी गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी में मैंने अपने पड़ोस की एक कमसिन कुंवारी लड़की की सील तोड़ कर मजा लिया. उसे भी इस चुदाई में बहुत मजा आया.

दोस्तो, मेरा नाम कार्तिक है।
मैं लखनऊ में रहता हूँ।

मैं एक खाते-पीते घर से हूँ, इसलिए मेरा शरीर भी ठीक-ठाक है।

ये टीन देसी गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी दो साल पुरानी है, जब मैं 19 साल का था।

मेरे घर से कुछ दूरी पर अंजलि का घर था।
वह भी 19 साल की थी।

उसके परिवार और हमारे परिवार में आपस में अच्छी बनती थी, तो आना-जाना लगा रहता था।

हम दोनों में बचपन से ही अच्छी दोस्ती थी।

दसवीं के बाद उसने अपना नाम गर्ल्स स्कूल में डलवा लिया।
फिर उससे बातचीत कम हो गई।

एक दिन उसके घर वालों और मेरे घर वालों को किसी दूर के रिश्तेदार की शादी में जाना था।

उसके घरवालों ने उसे हमारे घर पर छोड़ दिया।

उसके मम्मी-पापा और मेरे मम्मी-पापा व मेरी छोटी बहन शादी में जाने को तैयार हुए।

और सब लोग शादी में चले गए।

अब मेरे घर में मैं, अंजलि और उसके दादाजी ही बचे थे।

शाम होने पर हम सभी ने खाना खाया और सोने चले गए।

रात के करीब 10 बजे थे।
अचानक अंजलि मेरे कमरे में आई।

“मुझे नींद नहीं आ रही! क्यों न कोई मूवी देखी जाए?” उसने कहा।
मैंने हामी भर दी।

हम दोनों एक साथ एक बिस्तर पर लेटकर मूवी देखने लगे।

तभी अचानक मूवी में किसिंग सीन आ गया।
मैंने तुरंत उसे काट दिया।

“वह सीन क्यों काट दिया?” उसने पूछा।
“मुझे यह सब देखना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता!” मैंने कहा।
“अच्छा? पर मुझे तो अच्छा लगता है!” उसने जवाब दिया।

“अब तुम सो जाओ! 11 बजने वाले हैं!” मैंने कहा।
“मैं यहीं सोऊँगी! मुझे अकेले डर लगता है!” उसने कहा।
“ठीक है! यहीं सो जाओ!” मैंने कहा।

थोड़ी देर बाद मैंने उसकी तरफ देखा।
वह एकदम आलिया भट्ट लग रही थी।
उसका फिगर 30-28-30 का था।
वह एकदम गोरी-चिट्टी थी।

मेरा दिल उस पर आने लगा।
मन तो कर रहा था कि अभी इसे यहीं चोद दूँ।
मगर मैंने अपने ऊपर संयम रखना ठीक समझा।

अगले दिन मेरा पूरा ध्यान उसी पर था।
बार-बार मन कर रहा था कि अब इसे चोद दूँ।
मगर क्या करता, उसके दादाजी भी थे।

अब मैं रात का इंतज़ार करने लगा।
मुझे पता था कि वह आज भी मेरे साथ ही सोएगी।

और वैसा ही हुआ।

मैंने उससे पूछा, “तेरा कोई बॉयफ्रेंड है?”
“नहीं!” उसने कहा।
मैंने आगे कुछ नहीं पूछा।

रात में मेरी आँखें खुलीं।
मैंने देखा कि उसने अपनी एक टांग मेरे ऊपर रखी थी।

मेरे शरीर में एक अजीब-सी तरंग दौड़ गई।
मैंने उसके चेहरे को देखा और उसके गालों को छुआ।

उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
मैं धीरे से उसके पास खिसका, उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।

अचानक उसकी आँखें खुल गईं।
उसने मुझे जोर से धक्का दिया और मैं उससे दूर हो गया।

फिर मैंने उसे कसकर पकड़ा, उसके होंठों को चूमना शुरू किया।

शुरुआत में उसने बहुत मना किया।
“यह सब गलत है! मैं घरवालों को बता दूँगी!” उसने कहा।

मगर कुछ समय लगातार किस करने के बाद उसमें वासना की आग लग चुकी थी।
अब वह मेरा पूरा साथ दे रही थी।

मैंने कुछ देर बाद उससे पूछा, “क्या हुआ? अच्छा लगा?”
उसने कुछ नहीं कहा।
बस हाँ में आँखें बंद करके सिर हिला दिया।

मैंने उसे फिर से किस करना शुरू किया।
इस बार वह मेरा भरपूर साथ दे रही थी।

मैंने धीरे-धीरे उसके सारे कपड़े उतार दिए।
उसके मम्मों को अपने हाथों से पकड़कर दबाने लगा।

अब मेरे होंठ उसके होंठों को छोड़कर उसके मम्मों पर आ चुके थे।

मैं उसके प्रत्येक मम्मे को बारी-बारी चूस रहा था।

मैंने अपना हाथ उसके नीचे लगाया।
पता चला कि उसने नीचे कुछ नहीं पहना था।

मेरे हाथ का स्पर्श पाकर वह सिहर उठी।

मैंने उसकी चूत को सहलाना शुरू कर दिया।

उसने मेरे सिर को पकड़कर धीरे-धीरे नीचे कर दिया।

मुझे समझ आ गया कि वह अपनी चूत चटवाना चाहती है।

मैंने अपना मुँह उसकी चूत पर रख दिया, अपनी जीभ से चाटने लगा।

वह अपने हाथों से मेरे सिर को अपनी चूत की ओर दबा रही थी।
कुछ देर बाद उसने कामुक आवाजें निकालनी शुरू कर दीं।

फिर अचानक कुछ गर्म लावा बाहर आया।
मैंने चाटकर उसे एकदम साफ कर दिया।

मैंने अपने लौड़े को उसके हाथ में थमा दिया।

वह मेरे लौड़े को देखकर डर गई।
“मैं इतना बड़ा नहीं ले पाऊँगी!” उसने कहा।

मैंने जबरदस्ती अपना लिंग उसके मुँह में डाल दिया।

उसके मुँह में चलाने लगा।
मेरा लंड उसके गले की गहराइयों में उतर गया था।

जब मुझे लगा कि वह साँस नहीं ले पा रही, मैंने अपने औज़ार को बाहर निकाल लिया।

“तूने मुझे मार ही डाला! 7 इंच लंबा लंड कोई नहीं ले सकता!” उसने गाली देते हुए कहा।

मैंने उसे शांत कराया।
“अब तू चुदने के लिए तैयार हो जा!” मैंने कहा।

इतना कहते ही वह मना करने लगी।
“कल से मेरे पीरियड्स शुरू हैं!” उसने कहा।

मगर मैं मानने वालों में नहीं था।
मैंने उसकी चूत पर आक्रमण करना उचित समझा।

अब मेरा लंड उसकी बुर पर खुजली कर रहा था।
मैंने उसकी बुर को थोड़ा-सा हाथों से फैलाया, अपना लंड उसकी बुर में सेट किया।

मैंने धीरे से धक्का दिया तो मेरे लौड़े का ऊपरी हिस्सा उसके अंदर चला गया।
अंजलि अचानक रोने लगी।

अभी मेरा लंड सिर्फ आधा ही अंदर गया था, ऐसा लग रहा था कि उसकी बुर ने मेरे लंड को कसकर पकड़ लिया है।
तभी मैंने एक और धक्का दिया।

मेरा लंड उसकी बुर की गहराइयों में जाकर बच्चेदानी से टकरा गया।
वह लगातार रोए जा रही थी।

मैं उसी अवस्था में कुछ देर रुक गया क्योंकि उसे बहुत दर्द हो रहा था।
टीन देसी गर्ल का फर्स्ट सेक्स था ना!

कुछ देर बाद वह थोड़ा शांत हुई।
मैंने धीरे से लौड़े को अंदर-बाहर करने का कार्यक्रम शुरू कर दिया।

अब वह भी मेरे साथ सेक्स का खूब मज़ा ले रही थी।
“और चोदो! और चोदो! और जोर से धक्का लगाओ! और जोर से!” वह मादक स्वरों में कह रही थी।

करीब 15 मिनट तक हमने इस तरह सेक्स किया।
वह एक बार झड़ चुकी थी।

फिर हमने अपनी जगह बदली।
हम दोनों बाथरूम में गए।

वहाँ मैंने देखा कि उसकी बुर से खू.न निकल रहा था।
शायद यह उसका पहली बार था।

मगर मेरा लंड अब भी उसकी चूत को सलामी दे रहा था।
मैंने दोबारा उसे चोदना शुरू किया।

इस बार उसे पहले से ज्यादा दर्द हो रहा था क्योंकि इस बार वह खड़ी होकर चुद रही थी।

मैंने अपनी स्पीड बढ़ाई।

अब वह मुझसे खुद को छोड़ने की भीख माँग रही थी।
मगर मैं रुका नहीं।

करीब 15 मिनट तक लगातार चुदाई करने के बाद मैं उसके अंदर ही झड़ गया।
फिर हम दोनों ने एक-दूसरे को साफ किया और सोने के लिए चले गए।

टीन देसी गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी कैसी लगी, कमेंट्स में बताएं.