सुबह सुबह डिलीवरी ब्वॉय से चुद गई

क्विक सेक्स इन द मोर्निंग का मजा लिया मैंने जब मैंने नाश्ता आर्डर किया और डिलीवरी लेने गयी. मैंने सिर्फ एक रॉब अपने ऊपर लेकर दरवाजा खोल दिया. मैं लगभग पूरी नंगी थी.

यह कहानी सुनें.

फ्रेंड्स, मैं मीता राठी एक बार फिर से अपनी सेक्स कहानी लेकर आप सबके सामने हाजिर हूँ.

इस बार अपनी नासमझी में मैं कैसे एक डिलीवरी ब्वॉय के साथ चुद गई, किए मैंने क्विक सेक्स इन द मोर्निंग का मजा लिया, उस दास्तान को आप सबको सुनाना चाहती हूँ.

घर पर मैं और मेरा पति राज हम दोनों ही रहते हैं क्योंकि मेरा आठ साल का बेटा हॉस्टल में रहता है.

हर शनिवार की शाम को हम बाहर खाना खाते हैं, फिर रात को कोई मूवी टीवी पर देखते हैं और देर तक चुदाई के मज़े लेते हैं.

ज्यादातर हम कोई रोमांटिक मूवी या कपल की ब्लू फिल्म देखकर मस्ती करते हैं.
कल रात यानि शनिवार को देर रात तक हमारी ठुकाई चल रही थी.

राज तो रविवार की सुबह दस बजे से पहले जागता ही नहीं.
मैं आमतौर पर आठ बजे उठ जाती हूँ, नहा-धोकर नाश्ता बनाती हूँ. फिर दस बजे राज को जगाती हूँ.

लेकिन कल रात राज ने मेरा जैसे कचूमर बना दिया था.
मेरा बदन दर्द कर रहा था और जागने का मन ही नहीं था … तो मैंने सोचा कि आज नाश्ता बाहर से मंगवा लेती हूँ.

बस मैंने फोन से मेदू वड़ा और सैंडविच का ऑर्डर दे दिया और फिर से सो गई.

मैं गहरी नींद में थी कि अचानक डोरबेल की आवाज़ आई.

पहले तो मैंने ध्यान नहीं दिया.
लेकिन जब बेल बार-बार बजी, तो मुझे ख्याल आया कि नाश्ता आ गया होगा.

अब बिस्तर से उठना ज़रूरी था.
मैं उठ तो गई लेकिन उस वक्त मेरे जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं था.

मैंने जल्दी में पास पड़ा बाथरोब लपेट लिया, लेकिन दुर्भाग्य देखिए, उसका बेल्ट ही गायब था.

मैंने दाएं हाथ से रोब को कसकर पकड़ा और दरवाज़ा खोलने चल पड़ी.

रोब को कसकर पकड़ने से मेरे बूब्स का उभार और भी आकर्षक लग रहा था.
उस जल्दबाज़ी में भी मुझे अच्छा अहसास होने लगा.

ये कमबख्त बाथरोब भी इतना अजीब था, मतलब बहुत छोटा.
अगर तेज़ी से कदम बढ़ाऊं, तो सामने वाले को मेरी चूत नज़र आ जाए और अगर थोड़ा झुक जाऊं, तो पीछे वाले को मेरी पूरी गांड दिख जाए.

खैर … मैंने सोचा था कि बस दरवाज़ा खोलकर डिलीवरी का पैकेट ही तो लेना है.
मैंने दरवाज़ा खोल दिया.

सामने खड़ा डिलीवरी ब्वॉय मुझे देखकर चौंक सा गया.
मेरी खूबसूरती और मेरे मम्मों का नुकीलापन उसकी आंखों को चकाचौंध कर गया.

मैंने उसकी ओर अनदेखा करते हुए एक हाथ बढ़ाया और नाश्ते का पैकट ले लिया.

मैं दरवाज़ा बंद करने लगी थी कि वह बोला- मैडम जरा रुकिए!
मैंने कहा- अरे भाई, पेमेंट तो फोन से कर दिया है … अब क्या?

वह बोला- पेमेंट की बात नहीं है. दरअसल हमारी कंपनी की आज दसवीं वर्षगांठ है, इसलिए हम हर कस्टमर को केक दे रहे हैं.
मैंने कहा- ठीक है.

मैं नाश्ते का पैकट टी-टॉय पर रखकर केक लेने वापस मुड़ी.

मैंने पैक टी-टॉय पर रखा और जैसे ही मुड़ी, तो देखा कि वह बंदा मेरे पीछे-पीछे अन्दर आ गया था.
मैंने फिर से दाएं हाथ से रोब कसकर पकड़ा और बाएं हाथ से केक ले लिया.
लेकिन उसके दूसरे हाथ में एक राइटिंग पैड था.

वह बोला- मैडम आपको बस इस फॉर्म पर फीडबैक देना है.

मैंने सोचा कि हां, ये बात तो सही है कि मुफ्त में केक दे रहे हैं, तो फीडबैक तो लेंगे ही!

मैंने केक भी टी-टॉय पर रखा और बाएं हाथ से पैड लेकर पढ़ने लगी.
तभी डिलीवरी ब्वॉय मेरे सामने पेन लेकर आया.

मैंने उसकी तरफ देखा और नासमझी में दाएं हाथ से रोब छोड़ दिया और पेन ले लिया.
मेरी नज़र उसके चेहरे पर थी, तभी मुझे अहसास हुआ कि मैं उसके सामने बिल्कुल नंगी खड़ी हूँ.

उसके होंठों से सीटी निकल गई और वह बोला- क्या संगमरमरी बदन है मैडम आपका … और चूत तो … आह बिल्कुल चिकनी है!

मैं उसकी इस बात को सुनकर एकदम से सकपका गई और जल्दी से मुड़ गई.
पैड और पेन टी-टॉय पर रखने के लिए झुक गई.

इससे हुआ यह कि अब मेरी खुली गांड उसके सामने थी.
बिना कुछ सोचे वह भी मुझसे चिपक गया.

मेरी गांड को अपनी जांघों से धक्का देते हुए उसने दोनों हाथों से मेरे मम्मे पकड़ लिए और कसकर मरोड़ दिए.

मेरे मुँह से एक ज़ोरदार ‘आह’ निकल गई.
उसे डांटने की बजाय मैं कह बैठी- धीरे-धीरे कर न … मेरे पति सोए हैं. जग जाएंगे.

बस फिर क्या था … उसे तो जैसे मेरी चुदाई का लाइसेंस मिल गया था.
उसने मेरा रोब खींचकर उतार दिया और मुझे घुमाकर अपनी ओर कर लिया.

मेरे दोनों कूल्हे पकड़ कर मुझे उठाया और मेरे मुँह में अपना मुँह डाल दिया.
उसका गुटखे का स्वाद मेरे मुँह में भर गया.

अपने दोनों हाथों से मेरे कूल्हे दबोचते हुए वह मुझे चूमने लगा.
फिर धीरे-धीरे नीचे आया और मेरे दोनों बूब्स से खेलने लगा.

एक दूध को मुँह में लेकर चूसता, तो दूसरे को हाथों से रगड़ता.
सुबह सुबह की वासना ने मुझे भी मज़ा देना शुरू कर दिया.

फिर वह और नीचे झुका और मेरी चिकनी चूत पर अपनी पूरी तवज्जो देने लगा.
वह मेरे कूल्हे पकड़ कर मुझे खींचता और अपनी जीभ मेरी चूत में डालकर घुमाता.

थोड़ी देर मैंने उसके सिर को अपनी चूत पर दबाकर पकड़ा, फिर दोनों हाथों से उसकी टी-शर्ट उतारने की कोशिश की.

उसने भी मदद की और अपने सारे कपड़े उतार दिए.

अब एक लंबा मोटा काला लंड मेरे सामने फुदक रहा था.
बड़े बेरहमी से उसने मेरा सिर पकड़ कर मुझे झुकाया और मेरे मुँह में अपना वह रॉड घुसा दिया.

मैं भी चाव से उसका लंड चाटने और चूसने लगी.

क्विक सेक्स इन द मोर्निंग करने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
उसका वह काला मूसल जैसा लंड मेरे मुँह में अन्दर-बाहर होता हुआ बड़ा हसीन लग रहा था.

मेरे मुँह में और चूत में पानी आने लगा. मुझसे रहा नहीं गया, तो खड़ी होकर मैंने उसका लंड अपनी चूत की तरफ खींचा.

लेकिन वह सोफे पर बैठ गया और मुझे अपनी ओर खींचकर अपने लंड पर बिठा लिया.

मेरी चूत पानी-पानी हो चुकी थी, तो उसका लंड आसानी से अन्दर चला गया.

मैं उसके लंड पर नाचने लगी.
सोफे पर दनादन चुदाई शुरू हो गई.

मेरी आहें थोड़ी तेज़ हो गई थीं और वह ब्वॉय भी मस्ती में ‘आह-उह’ करता हुआ मुझे धकापेल चोद रहा था.

फिर अपना लंड मेरी चूत में रखते हुए उसने मेरी कमर पकड़कर मुझे उठाया, घुमाकर सोफे पर पटक दिया और झुककर मुझे तेज़ी से चोदने लगा.
मेरी चूचियां उसके दोनों हाथों में दबी हुई थीं और बेरहमी से रगड़ी जा रही थीं.

वह झुककर मेरे होंठ और गाल चूम रहा था.
मेरी चूत अब बहुत गीली हो गई थी और मैंने अपना पानी भी छोड़ दिया था.
लेकिन उसके लंड का दिल अभी भरा नहीं था.

उसने मुझे घोड़ी बनाने को कहा और मेरे पीछे से मुझ पर चढ़ गया.

अब धपाधप चुदाई होने लगी.
उसने अपने दोनों हाथ आगे बढ़ाकर मेरी चूचियां पकड़ लीं और उन्हें रगड़ते हुए गंदे-गंदे लफ्ज़ों से मुझे पुकारता हुआ चोदने में लग गया.

कुछ ही समय में उसने मेरी चूत का पूरा भोसड़ा बना डाला.
फिर जब उसने अपना एक हाथ मेरे कूल्हों पर रखा, तो उसका अंगूठा मेरी गांड के छेद में चला गया.

वह बोला- साली रंडी, हमेशा गांड मरवाती है शायद … चल अब तेरी गांड मारता हूँ.

ऐसा कहते हुए उसने चूत से लंड निकाला और मेरी गांड में घुसा दिया.
‘हाय … मैं मर गई …’

मैं और ज़ोर से चिल्लाने वाली थी, तभी याद आया कि राज अन्दर सोया हुआ है.
मैंने झट से अपने मुँह पर हाथ रखा और गांड की ठुकाई सहने लगी.

जब उसकी गांड मारने की इच्छा पूरी हो गई, तो उसने अपना सारा माल मेरी गांड में, चूत पर और मेरी पीठ पर फेंक दिया.
मेरे पूरे जिस्म पर माल छपा कर वह बोला कि तुमने मेरा लंड गंदा कर दिया है और मुझे अभी ड्यूटी पर जाना है, चल कुतिया लंड चाट कर साफ कर दे जल्दी से!

इस तरह से उसने मुझसे अपना लौड़ा साफ करवाया.
मैंने भी मुँह से चूसकर और चूमकर उसका लौड़ा पूरी तरह साफ किया और उसकी निक्कर में डाल दिया.

फिर उसने अपने कपड़े पहने, मुझे ‘थैंक्यू’ कहा और चला गया.
मैं अपना पूरा जिस्म धोने के लिए वॉशरूम की ओर बढ़ गई.

दोस्तो, मेरी सेक्स कहानी आपको कैसी लगी … प्लीज बताना जरूर.

अगली बार स्लीपर कोच वाली बस में मैं किस तरफ चुद गयी, मैं आपको वह सेक्स कहानी बताउंगी.
मेरी चुदाई की कहानी का इंतजार करना.
क्विक सेक्स इन द मोर्निंग कहानी कैसी लगी आपको?
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मेरी पिछली कहानी थी: पड़ोसी अंकल ने जमकर चोदा, गांड मारी