माय सेक्सी वाइफ स्टोरी में मेरी बीवी गजब की सेक्सी चोदने लायक माल है. वह खुले दिमाग की है तो खुल कर चुदाई की बातें करती है, पोर्न देखती है. मुझे खूब मजा देती है चुद कर.
दोस्तो, मेरा नाम आशीष है.
मैं सूरत, गुजरात से हूँ, और करीब डेढ़ साल पहले मेरी शादी हुई थी।
अन्तर्वासना पर यह मेरी पहली और सच्ची माय सेक्सी वाइफ स्टोरी है।
मजे के चक्कर में अनजाने में एक अमीर आदमी ने मेरी बीवी को पूरी तरह से चोद दिया!
मेरी बीवी का नाम सारिका है।
वह बेहद खूबसूरत और तगड़ी जवान है।
गोरा रंग, परफेक्ट शेप का पिछवाड़ा, मीडियम साइज के जापानी जैसे बेहद खूबसूरत बूब्स, और कर्वी बॉडी है सारिका की।
मेरी बीवी को कोई जब भी देखता है, तो देखता ही रह जाता है।
पतली कमर और बड़ा पिछवाड़ा होने के कारण V शेप की उसकी बैक साइड देखकर किसी का मन मचल जाता है!
शादी के बाद से ही हम लोग खूब सेक्स करते हैं, और एक-दूसरे के साथ खूब ओपन-माइंडेड हैं।
हम दोनों साथ मिलकर पोर्न देखते हैं, सेक्सी कहानियाँ पढ़ते हैं और खूब मजे करते हैं।
मेरा साइज लगभग 4.5 इंच का है, लेकिन सारिका को कोई शिकायत नहीं।
हम दोनों खूब खुश रहते हैं!
खैर, बात लगभग कुछ महीने पहले की है।
छुट्टियों में हम लोग गोवा घूमने गए थे।
हम लोग वहाँ शाम को पहुँचे थे।
फिर वहाँ हम लोग बीच पर काफी देर घूमे, और रात होते-होते वही पास में एक होटल में एक रूम लिया था।
अगले दिन सुबह उठकर बीच पर घूमने गए।
सारिका ने एक हॉट पैंट और शॉर्ट टॉप पहन रखा था जो कि गोवा के हिसाब से शॉर्ट बिल्कुल नहीं था।
खैर, हम लोग यहाँ सूरत से गए थे, तो हमारे पास सबसे छोटे और बीच पर पहनने लायक वही कपड़े थे।
मैंने भी शॉर्ट्स और टी-शर्ट पहनी थी।
काफी देर मॉर्निंग वॉक के बाद हम लोग वापस होटल में आ गए और ब्रेकफास्ट वगैरह खाया।
फिर वही पास में एक और बीच साइड के बारे में पता चला जो कि थोड़ा कम भीड़ वाला और शानदार बताया गया था।
करीब 8 बजे हम लोग वहाँ के लिए रवाना हुए।
वहाँ जाकर देखा, लोग काफी कम थे, लेकिन थोड़े अमीर किस्म के थे।
काफी सारी हॉट-हॉट लड़कियाँ वहाँ सनस्क्रीन लगाकर सन बाथ ले रही थीं।
कुछ कपल एक-दूसरे की बाहों में बाहें डाले पानी के किनारे घूम रहे थे।
काफी शानदार जगह थी वह!
मन कर रहा था कि काश यहाँ कोई रूम मिल जाता तो एक-दो दिन यहीं मस्ती करते।
काफी शांत और रोमांटिक जगह थी वह!
हम लोग भी वहाँ पहले बीच पर नहाए, खूब मजे किए।
दोनों के कपड़े भीग गए थे और हम एक्स्ट्रा ड्रेस भी नहीं लेकर गए थे।
इसलिए भीगे कपड़ों में ही बीच से थोड़ा दूर किसी बड़े पेड़ की छाँव में आकर अपनी चादर बिछा रहे थे।
तभी मेरी नजर दूर एक आदमी पर पड़ी, जो बहुत देर से सारिका को घूरे जा रहा था।
वह लगभग 40-42 साल का था और दिखने में हट्टा-कट्टा और अमीर नजर आ रहा था।
हम लोग चादर बिछाकर रेस्ट करने लगे और बातें करने लगे।
“वो आदमी कब से तुम्हें ही घूरे जा रहा है, जबकि तुमने तो बाकी लड़कियों के मुकाबले ज्यादा कपड़े पहन रखे हैं!” मैंने सारिका से कहा।
“मुझे पता है, जब हम नहा रहे थे, तब से वो मुझे घूरे जा रहा है। लगता है, उसे मैं कुछ ज्यादा ही पसंद आ गई!” सारिका ने जवाब दिया।
मैंने तंज कसते हुए कहा, “है मेरी जान, तुम अगर इन लड़कियों की तरह बिकिनी में होती, तो सबकी छुट्टी कर देती!”
“रहने दो, मैं इतनी भी हॉट नहीं!” सारिका ने मुझे हल्के से मारते हुए कहा।
“सच में यार, तुमने ऐसे कपड़े नहीं पहने, वरना तुम्हारा रंग, तुम्हारा पिछवाड़ा, तुम्हारी कमर और ये सुंदर तीखे बूब्स देखकर लोग पागल हो जाते!” मैंने फिर से कहा।
वो थोड़ी सी शरमाई और इतराई।
फिर हम बातें करने लगे कि यार, ये बीच कितना शानदार है! काश यहाँ कोई रहने वाली जगह होती, तो दो-तीन दिन इधर ही मजे करते!
तभी वहाँ हमारे पास ही एक थोड़ी ज्यादा उम्र वाली लेडी आ गई जो लगभग सारिका जैसे कपड़ों में थी।
वह अपनी चादर बिछाकर लेट गई और सारिका की तरफ हल्की सी मुस्कुराई।
फिर सारिका में और उनमें हल्की-फुल्की बातचीत शुरू हो गई।
इसी बात का फायदा उठाते हुए मैं भी थोड़ा बीच पर चिकनी टाँगें देखने निकल गया और घूमते-घूमते थोड़ी दूर निकल गया।
तभी मेरे एक फ्रेंड का कॉल आ गया, और मैं उससे बात करते-करते थोड़ा बाहर की तरफ आया।
तभी वहाँ बीच से थोड़ी दूर कुछ कॉटेज भी बने हुए थे जो कि वहाँ रुकने के लिए बनाए गए थे।
कॉल खत्म करने के बाद मैं वहाँ कॉटेज के बारे में पूछने चला गया।
मुझे लगा, इस बीच पर रुकने का मेरा सपना पूरा हो गया।
पर जब मैंने कॉटेज की रेट पूछी, तो मेरा सपना चूर-चूर हो गया।
वहाँ पहले से सारे कॉटेज बुक थे।
तो मैं मन मारकर वापस बीच की तरफ लौटने लगा।
रास्ते में मुझे वही आदमी मिला, जो सारिका को घूर रहा था।
उसने मुझसे लाइटर पूछा, तो मैंने उसे दे दिया।
उसने एक सिगार जलाया और फिर मुझसे कहा, “वहाँ के कॉटेज पहले से बुक हो जाते हैं!”
वह इंडियन-अंग्रेज मिक्स लग रहा था।
उसकी हिंदी भी इतनी स्पष्ट नहीं थी।
वह हिंदी के बीच-बीच में इंग्लिश का ज्यादा इस्तेमाल कर रहा था।
“आप यहाँ अकेले आए हो क्या? क्योंकि काफी देर से मैंने आपके साथ किसी को देखा नहीं!” मैंने उससे पूछा।
“हाँ, मैं 5 साल से तलाकशुदा हूँ। तो अकेला ही आया हूँ!” उसने बताया।
फिर उसने मुझसे पूछा, “आप लोग कपल हैं क्या?”
“हम लोग हसबैंड-वाइफ हैं!” मैंने बताया।
“आप दोनों काफी कूल हो! मैंने तो आप लोगों को GF-BF समझा था!” उसने हँसते हुए कहा।
“हाँ, हम लोग फ्रेंड्स की तरह ही रहते हैं। और यहाँ फन करने आए हैं। लेकिन यहाँ कोई कॉटेज नहीं मिला!” मैंने जवाब दिया।
फिर मैं वापस आ गया और सारिका से बात करने लगा।
“यार, यहाँ कुछ कॉटेज तो हैं, मगर सब बुक हैं!” मैंने सारिका को बताया।
वो भी उत्साहित हो गई और कहने लगी, “यार, वाकई कितनी गजब की जगह है! मेरा तो वापस उस होटल में जाने का मन ही नहीं कर रहा। अगर यहाँ कॉटेज हैं, तो आप प्लीज किसी तरह बुक कर लो, फिर हम 2-3 दिन यहीं रहेंगे!”
“मैंने फुल ट्राई कर ली यार, कोई खाली नहीं है। और वैसे भी बहुत महंगे हैं। सिर्फ अमीर लोग ही यहाँ रह सकते हैं!” मैंने जवाब दिया।
वो थोड़ा निराश हो गई।
फिर हम लोगों ने वहाँ खूब मजे किए।
दोपहर हुई, तो लोग पास में ही थोड़ी दूरी पर कुछ शानदार पेड़ों की छाँव में सॉफ्ट हो गए।
कुछ लोग वहाँ गेम्स खेल रहे थे।
सारिका थककर थोड़ा आराम कर रही थी।
मैंने थोड़ी दूरी पर जाकर सिगरेट जलाई ही थी कि मैंने देखा, वह आदमी भी वहीं बैठा था एक पेड़ के नीचे।
मैंने उसे देखकर लाइटर के लिए इशारा किया कि क्या फिर से लाइटर चाहिए।
“थैंक्स!” कहते हुए उसने लाइटर माँग लिया।
फिर हमने कुछ देर बातें की।
बाद में उस आदमी ने कहा, “I have an offer for you!”
“कैसा ऑफर?” मैंने पूछा।
“आप बुरा तो नहीं मानेंगे?” उसने कहा।
“पहले बताओ तो सही!” मैंने जवाब दिया।
“मैंने ये डबल रूम वाला कॉटेज 3 दिन के लिए बुक किया था लेकिन मुझे कल सुबह निकलना है। तो आप लोग चाहो, तो आज से ही यहाँ रुक सकते हो!” उसने बताया।
“आप तो बता रहे थे कि आप कल सुबह जाएँगे?” मैंने पूछा।
“हाँ, मुझे एक अर्जेंट काम आ गया है। इसलिए मैं यहाँ बस आज के लिए ही रुक पाऊँगा। अगर आप मेरी हेल्प करो, तो आप यहाँ 3 दिन तक रुक सकते हो, और किराया भी नहीं देना होगा। और फूड भी फ्री है कॉटेज के साथ!” उसने कहा।
“कैसी हेल्प?” मैंने पूछा।
उसने एक मैसेज दिखाया जो कि किसी एस्कॉर्ट कंपनी का था।
फिर उसने एक 10 हजार रुपये का ट्रांजैक्शन दिखाया, जो कि उसी कंपनी के किसी प्री-बुकिंग के नाम पर था।
मैं सोच रहा था कि ये आदमी मुझे ये सब क्यों दिखा रहा है।
फिर उसने एक सुंदर हॉट सी मॉडल टाइप लड़की की फोटो दिखाई और बोला, “मैंने 3 दिन के लिए इस एस्कॉर्ट की सर्विसेज बुक की हैं। आपको तो पता ही है कि मैं सालों से तलाकशुदा हूँ। इसलिए करीब 1 साल से सेक्स नहीं किया!”
मैं उसकी तरफ देखता रहा।
मुझे अभी भी समझ में नहीं आया कि ये इंसान ये सब मुझे क्यों दिखा रहा है।
“इस एस्कॉर्ट सर्विसेज के टोटल 1 लाख रुपये देने हैं 3 दिन के लिए।
अगर आप लोग मेरी मदद कर दो, तो ये कॉटेज + 1 लाख रुपये आप रख लेना, पर बदले में मेरा एक काम करना होगा!” उसने कहा।
“बताओ?” मैंने पूछा।
“आपकी वाइफ बहुत हॉट है! मुझे तो देखते ही पसंद आ गई। You are a lucky man!” उसने कहा।
सुनकर मुझे गुस्सा भी आया। मेरी गाँड भी जली, और मैं सोचने पर मजबूर हो गया।
“अगर उस एस्कॉर्ट की जगह कल सुबह तक अपनी वाइफ को मेरी पार्टनर बनने दो, as a couple हमें रहने दो, तो कल सुबह मैं एक लाख रुपये और कॉटेज का बिल देकर चला जाऊँगा। और फिर आप मजे से 2 दिन और यहीं रहना। बस आज शाम और एक रात की बात है!” उसने कहा।
मैं चुप रहा और अजीब सा मुँह बनाया।
“कॉटेज में 2 रूम हैं। आप भी हमारे साथ ही रह लेना!” उसने आगे कहा।
“नो थैंक्स!” मैंने कहा और जाने लगा।
तभी उसने लाइटर और साथ में एक कार्ड दिया और बोला, “Call me if it’s okay!”
मैं कुछ नहीं बोला और चलते-चलते वही कार्ड गिराकर वापस आ गया।
मेरा चेहरा थोड़ा उतरा हुआ देखकर सारिका ने पूछा, “क्या हुआ?”
“कुछ नहीं!” मैंने कहा।
“बताओ तो?” सारिका ने फिर पूछा।
“कुछ नहीं यार, वो जो चूतिया तुम्हें घूर रहा था, वो मिला था। उसने लाइटर माँगा और फिर बकवास कर रहा था!” मैंने जवाब दिया।
“क्या बकवास कर रहा था?” सारिका ने फिर से पूछा।
लड़कियों को ऐसी बातें जानने की खुजली मची रहती है।
“वो तलाकशुदा है 5 साल से। और मैं जो कॉटेज बता रहा था, उसमें सबसे बड़ा वाला बुक कर रखा है उसने। और एक एस्कॉर्ट भी पूरे 1 लाख में, वो भी 3 दिन के लिए!” मैंने उसे बताया।
“बाप रे!” सारिका ने हैरानी से कहा।
“कह रहा था कि किसी जरूरी काम के कारण अब वो 3 दिन नहीं रुक पाएगा। वो हम लोगों को कॉटेज ऑफर कर रहा था!” मैंने आगे बताया।
“वाओ! तो ले लिया क्या आपने?” सारिका ने फट से पूछा।
“नहीं!” मैंने कहा।
“पहले तो मिल नहीं रहा था, और मिल गया, तो आपने लिया क्यों नहीं फिर?” उसने पूछा।
“यूँ ही, वो बकवास कर रहा था!” मैंने जवाब दिया।
“क्या बकवास कर रहा था?” उसने फिर पूछा।
“रहने दो!” मैंने कहा।
वो जिद करने लगी।
“तुम्हारे काम की बात नहीं है यार!” मैंने कहा।
पर वो कहाँ मानने वाली थी।
वो मुँह फुलाकर मेरी तरफ गाँड निकालकर नखरे दिखाकर लेट गई।
थोड़ी देर तक नाराज रहने के बाद मैंने कहा, “वो कह रहा था कि वो एस्कॉर्ट को कैंसिल कर देगा और कॉटेज और 1 लाख दे देगा, अगर एक दिन के लिए तुम उसकी पार्टनर, GF बन जाओ!”
“बाप रे! तभी वो मुझे घूर रहा था। यहाँ लोग ऐसे ही हैं क्या?” सारिका ने हैरानी से कहा।
“यार, यहाँ लोग मौज-मस्ती और चोदम-पट्टी करने ही तो आते हैं। और वो तो तलाकशुदा है, गिड़गिड़ा रहा था कि एक साल से सेक्स नहीं किया!” मैंने जवाब दिया।
सारिका चुप रही।
थोड़ी देर बाद वो बोली, “यार, वो कॉटेज कितने का होगा?”
“20 हजार डेली का तो होगा। उसमें खाना-पीना और बीच एक्टिविटी सब फ्री है!” मैंने बताया।
“यार, लोगों के पास कितना पैसा है! 1 लाख 60 हजार रुपये सिर्फ 3 दिन में वो मौज-मस्ती में उड़ा देगा!” सारिका ने कहा।
“और क्या! अमीरों के ऐसे ही चलता रहता है!” मैंने जवाब दिया।
फिर हम लोग 3 बजे के करीब वापस होटल में लौट गए।
वापस जाकर मैंने बैग चेक किया, तो उसमें से मेरा पर्स और घड़ी दोनों गायब थे।
मैं हक्का-बक्का रह गया।
मैंने सारिका को बताया, तो उसने अपना सामान चेक किया।
उसकी भी कुछ कीमती चीजें गायब थीं।
बीच पर खो न जाए, इस डर से तो हम होटल में रखकर गए थे।
फिर हमने होटल के रिसेप्शन पर शिकायत की.
तो उसने एक बोर्ड की तरफ इशारा किया कि, “सर, हमने साफ-साफ लिख रखा है कि कीमती चीज रूम में न छोड़कर जाएँ!”
“रूम में कैमरा तो लगा नहीं सकते, और साफ-सफाई वाले कभी-कभी ऐसा कर देते हैं!” रिसेप्शनिस्ट ने कहा।
फिर हमने साफ-सफाई वाले का नंबर लगवाया, तो पता चला कि उनका सफाई करने वाला तो छुट्टी पर था, और उसकी जगह कोई नया ही आया था।
उसका कोई नंबर वगैरह भी नहीं था।
हम लोग बुरी तरह से फंस चुके थे, और मेरे अकाउंट में भी थोड़े ही पैसे बचे थे। हमारी टिकट, ID, और 40 हजार की एक-एक कैश की गड्डी गायब थी।
सारिका अपने गहने तो साथ नहीं लाई थी पर उसकी एक नोज पिन और मंगलसूत्र था, जो वो बीच पर खो न जाए, इस डर से यहीं रख गई थी।
क्योंकि घर पर हमने मुंबई में एक इंटरव्यू और फिर शिरडी जाने का बोलकर 4 दिन की ट्रिप पर आए थे।
फिर घर जाकर नोज पिन और मंगलसूत्र का क्या जवाब देते?
“घर चलते हैं!” सारिका ने कहा।
“इंटरव्यू का क्या कहेंगे? और पैसे नहीं बचे, तो मंगलसूत्र और नोज पिन कहाँ से लेंगे? चलो, पर्स तो चोरी हो सकता है, पर ये सब तो नहीं हो सकते। ये तो लेकर ही जाना पड़ेगा!” मैंने जवाब दिया।
हम लोगों ने होटल पर भी एक ही दिन का पैसा दिया था।
तो होटल वाले ने भी कह दिया, “सर, अगले दिन का एडवांस करवा दो, या आप चेकआउट करेंगे?”
हमने चेकआउट का बोल दिया, क्योंकि वहाँ पहले ही हमारी मौज-मस्ती की वाट लग चुकी थी।
हम दोनों का मूड बिल्कुल ऑफ हो चुका था, और समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें।
हम हाथ में बैग लिए बीच की तरफ आकर बैठ गए और सोचने लगे।
“यार, लाइफ की पहली ट्रिप पर ही वाट लग गई हमारी!” सारिका ने कहा।
मेरा भी मूड खराब था, और सब कुछ सही करने का कोई उपाय नहीं दिख रहा था।
शाम के 4 बज चुके थे।
यह माय सेक्सी वाइफ स्टोरी 3 भागों में है.
आप मेरी कामुक बीवी की कहानी पर अपने विचार मुझे बताएं.
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