मुझे कोई मिल गया सेक्स के लिए एक सेक्स चैट साईट पर … वो लड़की जल्दी ही मुझसे खुल गयी और चुदवाने को तैयार हो गई. मैं उसके शहर पहुंच गया.
मेरा नाम सचिन है और मेरी उम्र 24 साल है.
मैं पटना का रहने वाला हूं. मैं अभी कॉलेज में पढ़ रहा हूं.
यह मेरी पहली सेक्स कहानी है. यह बात फरवरी महीना 2021 की है.
कभी-कभी रात को टाइम पास करने के लिए मैं ऑनलाइन स्ट्रेंजर वेबसाइट पर अनजान लोगों से बात करता रहता हूं.
इस वेबसाइट पर ज्यादातर सेक्स चैट करने वाली लड़कियां ही मिलती हैं
मुझे भी कोई मिल गया. एक रात को मुझे उसी वेबसाइट पर मुझे एक लड़की मिली.
उसने अपना नाम श्वेता (बदला हुआ नाम) बताया.
वो 22 वर्ष की थी और प्रयागराज में रहती थी.
थोड़ी देर सामान्य बातचीत करने के बाद हम दोनों सेक्स चैट करने लगे.
जब सेक्स चैट खत्म हुई तो उसने अपनी ईमेल आईडी मेरे साथ शेयर की.
हम दोनों ने कुछ दिन तक ईमेल पर ही सामान्य बातचीत की.
जब उसे मुझ पर पूरा भरोसा हो गया, तो उसने अपना मोबाइल नम्बर मुझे दिया.
अब हम दोनों फोन सेक्स करने लगे. हम दोनों का वीडियो कॉल पर सेक्स करना और फोन सेक्स करना प्रतिदिन का काम हो गया था.
एक रात को फोन सेक्स के दौरान मैंने उसे मिलने की बात कही तो वो जोश-जोश में चुदवाने को तैयार हो गई.
उसने मेरा ट्रेन का टिकट करवा दिया और प्रयागराज में होटल भी बुक कर दिया.
प्रयागराज जाने से पहले मैंने अपने लंड के बाल साफ़ किए और उसको भी अपनी झांटें साफ़ करने को कहा क्योंकि मुझे झांट वाली चूत पसंद नहीं है.
चूत चूसने के समय में बाल मुँह में आ जाते हैं तो मूड खराब हो जाता है.
झांट के साथ-साथ उसको अपनी कांख के बालों को भी साफ करने को कहा. मुझे आर्मपिट चूसना भी बहुत पसंद है.
मैं निर्धारित दिन और समय पर पटना से ट्रेन में बैठा और प्रयागराज पहुंच गया.
वो मुझे लेने स्टेशन पर आई हुई थी.
वो दिखने में हल्की सी सांवली जरूर थी लेकिन उसका 32-28-34 का फिगर बड़ा ही कामुक था.
उसकी गांड हल्की सी बाहर निकली हुई थी.
वो मेरी पसंद का काले रंग का चुस्त टॉप और डार्क नीले रंग की जींस पहनकर आई थी.
उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो गया.
वो भी मुझे देखकर मुस्कुरा दी.
हम दोनों ने नॉर्मल सी बातचीत की और स्टेशन से सीधा होटल चले गए.
रूम में घुसते ही मैं अपना बैग फेंका और उसे उठा कर बेड पर पटक दिया.
उसके ऊपर आकर लिप किस करने लगा. वो भी साथ देने लगी.
हम दोनों ने एक दूसरे के मुँह में जीभ भी डाल कर चूसना शुरू कर दिया.
एक लम्बे फ्रेंच किस के बाद मैं उसके कान के बगल में किस करने लगा, उसके कान की लौ को चूसा, फिर नीचे सरकते हुए उसकी गर्दन पर किस किया.
इतने में ही वो काफी गर्म हो चुकी थी.
लगभग 15 मिनट तक किस करने के बाद मैंने उसको अपनी गोद में बैठाया और उसकी चूची को टॉप के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया.
उसके मुँह से सीत्कार निकलने लगी.
वो आहें भरने लगी.
मैंने उसका हाथ ऊपर करके टॉप उतार दिया.
वो काली और जालीदार ब्रा पहन कर आई थी.
उसकी चूचियां उस ब्रा में कमायत ढा रही थीं.
मैं ब्रा के ऊपर से ही उसकी चूची को मसलने लगा.
उसकी कामुक सिसकारियां पूरे कमरे में गूंज उठीं.
उसके हाथ ऊपर करवाकर मैं उसके आर्मपिट को चूमने लगा.
एकदम चिकनी बगल पर अपनी जीभ किसी कुत्ते की तरह से फेरने लगा.
वो मचलने लगी, उसे गुदगुदी हो रही थी.
आर्मपिट को चूमने चाटने के बाद मैंने फिर से उसकी गर्दन को चूमा. उसके बाद एक चूची को ब्रा के ऊपर से चूसा और मसला.
वो मेरी आंखों में वासना से देखती हुई बोली- सब कुछ ऊपर से करोगे क्या?
मैंने उसकी चूचियों को ब्रा से आजाद कर दिया और दबाने लगा.
चूचियों के ऊपर उसके कड़क हो चुके निप्पल बड़े प्यारे लग रहे थे.
मैं उसके एक निप्पल को जीभ से चाटने लगा.
वो कसमसा उठी और मेरे मुँह में चूची देने लगी.
मैंने उसकी दोनों चूचियों को चूस चूस कर लाल कर दिया.
जगह जगह पर काटने से चूचियों पर निशान आ गए थे.
चूचियां चूसते चूसते मैं नीचे की ओर बढ़ा और उसकी नाभि को भी जीभ से कुरेदा.
वो काफी उत्तेजित हो गई थी.
ये देख कर मैंने उसकी जींस को उतार फेंका.
वो काले रंग की जालीदार और एकदम छोटी सी पैंटी पहन कर आई थी.
मैंने पैंटी के किनारे से अपनी दो उंगलियां उसकी चूत में घुसा दीं.
इस अचानक हुए हमले से वो चिहुंक उठी.
मैं उंगलियां चलाता रहा, फिर उसकी पैंटी उतार कर उसे पूरी तरह से नंगी कर दिया.
उसने मुझे भी नंगा कर दिया और मुझे बेड पर बैठा दिया.
वो खुद नीचे बैठ गई और मेरे खड़े लंड को जीभ से चाटना शुरू कर दिया.
उसने लंड के सुपारे पर जीभ फिराना शुरू किया, तो मैं सातवें आसमान पर उड़ने लगा था.
धीरे-धीरे उसने आराम आराम से लंड को चूसना शुरू कर दिया.
वो थोड़ा सा लंड मुँह में लेकर बाहर निकाल लेती.
उसने अपने होंठों से लंड को अच्छे तरीके से जकड़ लिया था.
मैंने उसके बालों को पकड़ा और आराम आराम से उसके मुँह को चोदने लगा.
धीरे धीरे मैं अपनी रफ्तार बढ़ाता गया.
कुछ समय के बाद में बीच बीच में मैं अपना पूरा लंड उसके मुँह में घुसा देता और थोड़ी देर के लिए रुक जाता.
कई बार वो खांसी भी, लेकिन बंदी ने हार नहीं मानी.
बड़ी मस्त चुसक्क्ड़ रांड थी.
कुछ मिनट बाद मेरा काम होने वाला था, तो मैं उससे पूछा- कहां गिराऊं?
उसने इशारे में मुँह में ही झड़ने की बात कही क्योंकि उसे मेरा वीर्य टेस्ट करना था.
मैंने अपना वीर्य उसके मुँह में गिरा दिया और तब तक लंड बाहर नहीं निकाला जब तक वो पूरा वीर्य नहीं पी गई.
लंड बाहर निकालने के बाद उसने बचे खुचे वीर्य को, जो मेरे लंड पर लगा रह गया था, उसे जीभ से चाट कर साफ किया और सुपारे को भी जीभ से चाट कर चमका दिया.
उसके बाद वो वाशरूम जाकर मुँह धोकर कर आई.
वो नंगी थी और बड़ी मादक लग रही थी.
अदा से चलती हुई वो मेरे बाजू में आकर लेट गई.
मैं उठा और उसके पैरों के पास जाकर उसकी तरफ चेहरा करके बैठ गया.
उसकी दोनों टांगों को मैंने फैलाया और उसकी गांड के नीचे एक तकिया लगा दिया जिससे उसकी चूत उभर कर सामने आ गई.
मैंने अपने हाथों से उसकी चूत को सहलाया और दो उंगलियां चूत में घुसा कर निकाल लीं.
उसकी चूत गीली थी और उसकी पानी मेरी उंगलियों पर लग गया था.
उसकी चुत की मलाई को मैंने सूंघा.
बड़ी मनमोहक खुशबू थी.
फिर चूत के पानी को टेस्ट भी किया.
काफी नमकीन और टेस्टी था.
उसकी दोनों टांगों को पकड़ कर मैंने अपना मुँह सीधा उसकी चूत पर लगा दिया और जीभ फिराने लगा.
उसके दोनों हाथ मेरे सर पर आ गए और वो बालों को सहलाने लगी.
उसकी कामुक सिसकारियां कमरे में गूंजने लगीं.
मैं उसकी चूत को पूरी तन्मयता से चूसने लगा, उसकी चूत में अपना जीभ डाल कर अन्दर बाहर करने लगा.
मैं बार बार उसकी चूत में दो उंगलियों को घुसा कर अन्दर बाहर करता और उंगली पर लगे रस को खुद चाटता और उसको भी चटवा देता.
वो इससे कामुक होती जा रही थी.
अब हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए थे.
वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा.
उसने लंड को चूस-चूस कर खड़ा और रसीला कर दिया.
मैंने कहा- अब 61-62 करते हैं.
उसने सीधे होकर मेरे लंड पर कंडोम चढ़ा दिया और वो टांगें फैला कर चित लेट गई.
मैं उसके ऊपर चढ़कर लेट गया, उसको किस करने लगा और साथ में लंड को उसकी चूत पर ऊपर से घिसने लगा.
उसने गांड उठा कर पूरा लंड अन्दर लेने की कोशिश की लेकिन मैं ठीक उसी समय पर लंड को थोड़ा ऊपर कर लेता.
लंड घिसने की वजह से वो बहुत ज्यादा गर्म हो गई और लंड को चूत में डालने के लिए विनती करने लगी.
मैं मिशनरी पोजीशन में हुआ और सुपारे को उसकी चूत में फंसा दिया.
वो आह करके मजा लेने लगी.
मैंने उसके दोनों पैरों को अपने कंधों पर रखा और उसकी कमर पकड़ कर एक झटका दे दिया.
पूरा लंड उसकी चूत में उतरता चला गया. वो दर्द की वजह से छटपटाने लगी और जोर से चिल्ला उठी.
उसकी आंखों में आंसू आ गए.
मैं रुक गया और उसका ध्यान भटकाने के लिए चूची दबाने लगा, होंठ चूमने लगा.
कुछ पल बाद वो सामान्य हो गई और धीरे धीरे अपनी गांड हिलाने लगी.
मैंने भी धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू कर दिया और उसे चोदने लगा.
वो अब भी मीठे दर्द से कराह रही थी.
कुछ ही देर में उसका दर्द खत्म हो गया तो उसकी चीख की जगह गर्म सिसकारियां पूरे कमरे गूंजने लगीं.
साथ में ही वो जोर जोर से चिल्लाने लगी- आंह चोदो … तेजी से चोदो … चोदकर मेरी चूत फाड़ दो.
मैंने भी धीरे धीरे पैसेंजर ट्रेन वाली चुदाई की गति को एक्सप्रेस … और एक्सप्रेस को सुपरफास्ट में बदल दिया.
जैसे जैसे चुदाई की गति बढ़ती गई, उसकी सीत्कार और चीखें भी बढ़ रही थीं.
साथ ही वो उतनी ही तेजी से गांड उठा उठा कर नीचे से धक्के भी लगा रही थी.
कुछ देर की जोरदार चुदाई के बाद हम दोनों ने अपनी पोजीशन बदली.
मैं नीचे लेट गया और वो मेरे ऊपर आकर लंड पर बैठ गई.
उसने मेरे लंड को अपनी चूत से चोदना शुरू किया.
वो जोर से धक्का लगा रही थी और साथ में उतनी ही तेजी से उसकी सिसकारी भी निकल रही थी.
उसके मेरे लंड पर कूदने से उसकी दोनों चूचियां हवा में गेंद की तरह उछल रही थीं.
जब वो थक गई, तो मैं उसी पोजिशन में नीचे से उसकी चूत चोदने लगा.
चोदते चोदते जब कुछ समय बीता, तो हम दोनों ने फिर से अपना पोज बदल लिया.
अब मैंने उसे घोड़ी बना दिया और उसकी कमर पकड़ कर चोदने लगा.
जब मैं पीछे से धक्के लगाता, तो वो भी अपनी गांड से पीछे को धक्के लगाती.
इस वजह से चुदाई के दौरान उसकी गांड पर जोर जोर की ठोकर लग रही थी जिससे थप थप की मधुर आवाज आ रही थी और उसकी सिसकारी पूरे कमरे में गूंज रही थी.
इतने समय में वो दो बार झड़ चुकी थी.
काफी समय तक चोदने के बाद मैं भी झड़ने की कगार पर आ गया था.
उसने वापिस से वीर्य पीने की बात कही.
मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा.
जब झड़ने वाला था तब एकदम से चूत में से लंड निकाला और कंडोम उतार कर लंड को उसके मुँह में दे दिया.
वो भी प्यासी कुतिया सी मेरे लंड को मुँह लेकर चपर चपर चूसने लगी.
मैंने उसके बालों को पकड़ा और मुँह चोदने लगा.
थोड़ी देर में मेरा वीर्य निकलने लगा.
मैंने अपना सारा वीर्य उसके मुँह में ही निकाल दिया और उसने मेरा रस खा लिया.
हम दोनों काफी थक गए थे.
झड़ने के बाद दोनों वहीं बेड पर लेट गए.
इतनी जोरदार चुदाई की वजह से दोनों पसीने से भीग चुके थे.
हम दोनों ने थोड़ी देर तक आराम किया.
फिर वो उठी और मुँह धोने चली गई.
मैंने बैग से सिगरेट निकाली और जला ली.
श्वेता मुँह धोकर वापिस आई तो मैंने उसको अपनी गोद में बिठा लिया.
सिगरेट का एक कश मैं और एक कश वो खींचने लगी.
जब सिगरेट खत्म होने को आई, तो हम दोनों ने स्मोक किस किया.
स्मोक किस खत्म होते ही वापिस से हम दोनों 69 पोजीशन में आ गए.
वो लंड मुँह में लेकर चूसने लगी, कभी कभी आंडों को चूसती, लंड को अपने कोमल हाथों से हिलाती.
कुछ देर में ही लंड वापिस से खड़ा हो गया और चूत में जाने के लिए तैयार हो गया.
इधर मैंने उसकी चूत पर मुँह लगाया और जीभ फिराने लगा.
फिर मैंने जीभ को चूत के अन्दर डाल दिया और जीभ से चूत चोदना शुरू कर दिया.
बीच में रुक कर मैं उसकी चुत में दो उंगलियां भी डाल देता था और उंगली से चूत चोदन करने लगता था.
इस बार मैंने उसे बेड के किनारे पर लिटाया और खुद जमीन पर खड़ा हो गया.
मैंने उसने दोनों पैर हवा में कर दिए और उसके दोनों पैरों को पकड़ कर उसके सिर के पास तक ले गया, जिससे उसकी चूत उभर कर सामने आ गई.
मैंने उसकी चूत पर थूक लगाया और बिना कंडोम पहने ही लंड चूत में डाल दिया.
लंड सटाक से अन्दर घुस गया और मैं उसको तेजी से चोदने लगा.
वो भी मस्ती से चिल्लाने लगी ‘आह … चोदो … जोर से चोदो … मुझे अपना रण्डी बना लो … मैं आज से तेरी रखैल हूं … मेरी चूत मुझे बहुत परेशान करती है … इसको चोद कर भुर्ता बना दो.’
तेज धक्के लगने की वजह से थप थप की आवाज भी कमरे में गूंज रही थी.
लम्बी चुदाई के बाद मैंने फिर से उसके मुँह में अपना वीर्य निकाल दिया.
हम दोनों काफी थक गए थे और जोरों की भूख भी लग रही थी.
होटल के रिसेप्शन पर कॉल करके खाना मंगवाया. खाना आने तक वो मेरे लंड से खेलती रही.
खाना आने पर वो मेरी गोद में बैठ गई और मेरे लंड को अपनी चूत में डाल कर बैठ गई.
चूत में लंड डाले हुए ही हम दोनों ने खाना खाया, फिर सिगरेट फूंकी.
खाना खाने के बाद हम दोनों थोड़ी देर आराम करने लगे.
आराम करने के बाद मैं उसके ऊपर आ गया और उसको लिप किस करने लगा.
जब वो वापिस से गर्म हो गई तो मैंने अपना लंड उसकी चूचियों में फंसा दिया और उसकी चूचियों को चोदने लगा.
जब भी मैं धक्का लगाता तो लंड उसके होंठों को छूकर आता.
इसमें हम दोनों को बहुत मजा आ रहा था.
चूची चोदते-चोदते हुए मैं झड़ने के कगार पर आ गया.
मैंने अपना सारा वीर्य उसके चूचों पर ही निकाल दिया.
वो अपनी उंगली से सारा वीर्य उठाकर चाट गई.
फिर हम दोनों बाथरूम गए और दोनों साथ में नंगे ही नहाए.
मैंने उसके पूरे शरीर पर साबुन लगाया और उसने मेरे शरीर पर!
जब वो लंड पर साबुन लगा रही थी तो लंड वापिस से खड़ा हो गया.
मैंने साबुन लगे हुए लंड को उसकी चूत में घुसा दिया और खड़े-खड़े बाथरूम में चोदने लगा.
चुदाई खत्म करके हम दोनों ने एक दूसरे के शरीर पर लगे साबुन को धोया.
नहाने के बाद हम दोनों बाहर आ गए और थोड़ी देर आराम करने लगे.
उस दिन अलग अलग आसानों में मैंने उसको रात को 8 बजे तक चोदा.
फिर वो अपनी घर चली गई.
मैं भी चादर तान कर सो गया.
सुबह मेरी वापसी की ट्रेन थी.
मैं प्रयागराज से पटना के लिए निकल पड़ा.
कुछ लोग कहानी पढ़ कर सोच रहे होंगे कि ये असली सेक्स कहानी नहीं है, इतनी ज्यादा चुदाई कर पाना सच नहीं हो सकता है.
दोस्तो, अपने मन से ये भ्रम दूर कर लें. ये सेक्स कहानी एकदम असली है और इसमें कुछ भी गप्प नहीं जोड़ी गई है. मुझे सच में कोई मिल गया था.
मुझसे सेक्स कहानी लिखने में कोई गलती हुई हो, तो प्लीज़ माफ कीजिएगा.
आप लोगों को यह कहानी कैसी लगी, कॉमेंट करके बताएं.
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