मैं अपने दोस्त की कुँवारी बहन की चुदाई एक बार खेतों में कर चुका था. अब रात को उसी के घर में रात भर सुहागरात मनाने का कार्यक्रम था. क्या मैं उस देसी लड़की के साथ सेक्स कर पाया?
मेरे ख़ास दोस्त की बहन की चूत चुदाई की इस कहानी के दूसरे भाग
दोस्त की बहन बनी गर्लफ्रेंड-2
में आपने पढ़ा कि मैं अपने दोस्त की बहन से दोस्ती करके उसे अपने साथ अपने खेतों के बीच में बने कमरे में ले आया उसकी चुदाई का कार्यक्रम बना कर. वो भी अपनी पहली चुदाई का मजा लेकर चुद गयी थी.
अब आगे:
नमस्कार दोस्तो मैं फिर से हाजिर हूँ अपनी कहानी को लेकर!
तो पीहू को खेत में चोदने के बाद मैं उसे उसके घर छोड़ने गया। वहाँ मैंने पीहू को उसका गिफ्ट नीले रंग की जीन्स और सफेद रंग का टॉप उसे दिया।
उसे पीहू लेकर काफी खुश हो गयी.
मैंने उससे कहा- पहन कर देख लो कि ठीक है या नहीं!
तो वो रूम में उसे पहनने चली गयी।
मैं उसकी मम्मी से बातें करने लगा।
वो जीन्स टॉप पहन कर जब बाहर आई तो बोली- बिल्कुल सही साइज का है।
और हम लोग आपस में बातें करने लगे।
उसकी मम्मी ने कहा- राज, आज पीहू के पापा घर पर नहीं हैं, ऐसा करो कि तुम आज यही हमारे साथ खाना खाकर यहीं सो जाओ।
मैंने कहा- ठीक है आंटी, पर अभी मैं घर जा रहा हूँ कुछ देर बाद आऊंगा तो सभी लोग साथ खाएंगे।
उसके बाद मैं बाइक लेकर वहां से सीधे मार्केट चला गया। रास्ते में मैंने पीहू को कॉल कर पूछा- मम्मी कहाँ हैं?
तो वो बोली- रसोई में!
मैंने कहा- पीहू तैयार रहना, आज अपनी सुहागरात मनाएंगे।
उसके बाद मैंने मार्केट में मेडिकल की दुकान से गर्भ रोकने की दवाई, सेक्स की गोली और नींद की गोली खरीद ली।
वापसी में मैंने एक दुकान से दो जोड़ी ब्रा और पैंटी और दो बड़े वाले डेरी मिल्क चॉकलेट और सुनार की दुकान से सोने की एक चेन लेकर पीहू के घर आ गया।
अपने घर पर मैंने कॉल कर बता दिया कि आज दोस्त के घर पर सोऊंगा क्योंकि उसके पापा घर पर नहीं है।
उसके बाद पीहू के घर गया तो उसकी मम्मी ने कहा- तुम लोग बैठो, मैं खाना निकालती हूँ।
उसकी मम्मी खाना निकालने रसोई में चली गयी तो मैंने पीहू से कहा- ये नींद की गोली किसी तरह से अपनी मम्मी को खिला दो।
पीहू ने मुझसे वो दवा ले ली और अपनी मोबाइल से अपने भाई को कॉल कर बात करते हुए रसोई में चली गयी।
थोड़ी देर बाद उसकी मम्मी मोबाइल पर बात करते हुए मेरे पास आकर बैठ गयी और मेरे दोस्त से बात करने लगी।
कुछ देर बाद पीहू खाना लेकर आई और हम लोगों के सामने रख दिया। फिर एक प्लेट में वो खीर लेकर आई और एक कटोरी मेरे सामने रखी, एक अपनी मम्मी को दी और एक कटोरी अपने लिए रखी।
उसके बाद हम सभी लोगों ने खाना खाया।
खाने के बाद हम लोग बातें करने लगे।
कुछ देर बाद उसकी मम्मी बोली- मुझे नींद आ रही है, मैं सोने जा रही हूं.
उन्होंने मुझसे कहा- तुम बाहर वाले रूम में सो जाना और पीहू अपने रूम में सो जाएगी।
फिर वो और पीहू अपने अपने रूम में सोने चली गयी।
उनके जाने के बाद मैंने वियाग्रा की गोली खा ली और बाइक की डिग्गी में से सामान निकल कर रूम में आया और आराम करने लगा।
कुछ देर बाद मैंने पीहू को कॉल किया और बोला- देखो, तुम्हारी मम्मी सो गई हैं या नहीं?
तो कुछ देर बाद उसका कॉल आया- मैंने मम्मी को आवाज दी मगर वो बोल नहीं रही हैं।
मैंने कहा- अब तुम्हारी मम्मी सुबह ही उठेंगी। अब तुम जल्दी से मेरे रूम में आ जाओ।
कुछ देर बाद मेरे रूम का दरवाजा खुला और पीहू अंदर आ गयी। वो लाल रंग की साड़ी पहन कर आई थी।
साड़ी में पीहू और भी खूबसूरत लग रही थी।
मैंने पूछा- साड़ी पहन कर क्यों आयी हो?
तो उसने कहा- आज पूरी रात अपनी है. आज मैं भैया आपकी दुल्हन बनकर आपके साथ सुहागरात मनाना चाहती हूं। क्या आप मुझको अपनी दुल्हन बनायेंगे?
मैंने कहा- क्यों नहीं मेरी प्यारी बहना।
इसके बाद वो बाहर चली गयी कुछ देर बाद वापस आयी तो वो अपने साथ सिंदूर,एक ग्लास दूध और एक जलता हुआ दीया लेकर आई।
उसने कहा- पहले मेरी मांग में सिंदूर भरिये!
तो मैंने उसकी मांग में सिंदूर लगा दिया.
उसके बाद उसने मेरा हाथ पकड़ कर कहा- इस दीये के चारों तरफ हम सात फेरे लेंगे।
फिर हमने दीये के चारों तरफ घूमकर सात फेरे पूरे किए।
मैंने पीहू को अपने सीने से लगाते हुए कहा- अब तुम मेरी दुल्हन हो, तुम्हारे मन और इस खूबसूरत तन पर किसका अधिकार है?
तो वो बोली- मेरे प्यारे भइया का … जो अब मेरे सईंया भी हैं।
मैंने पीहू से कहा- अब हम सुहागरात मनाएंगे.
तो वो बोली- हाँ!
मैंने कहा- जानती हो न कि सुहागरात में तुम्हारे साथ क्या होगा?
तो वो मेरी आँखों में देखती हुई बोली- आप ही बता दो न आप क्या करेंगे?
पीहू से मैंने कहा- आज तुमको मैं सुहागरात की सेज पर चोदूंगा।
मैंने पीहू से पूछा- बताओ मैं तुम्हारे साथ क्या करूँगा?
तो वो बोली- आप मुझे चोदेंगे।
मैंने उससे पूछा- तुम चुदाई के तैयार हो?
तो उसने कहा- हाँ!
मैंने कहा- बिस्तर पर ले चलूं?
तो उसने कहा- हाँ!
मैंने उसको गोद में उठाया और बिस्तर पर ले जाकर बैठा दिया।
उसने अपने चेहरे पर घूंघट खीच लिया और बोली- दूल्हन का चेहरा देखने के लिए भइया आपको मुंह दिखाई देनी पड़ेगी।
मैंने कहा- ठीक है, दूंगा.
और उसके घूंघट को उठा दिया।
इस पर पीहू बोली- अब मेरी मुँह दिखाई दीजिये?
तो मैंने कहा- अपनी आँखें बंद करो.
उसने अपनी आँखें बंद कर ली।
मैंने सोने की चैन निकाल कर उसके गले में पहना दी।
उसने आँखें खोल कर चैन को देख कर बोली- बहुत खूबसूरत मुंह दिखाई दी है भइया आपने।
तो मैंने कहा- इसलिए कि मेरी प्यारी बहन ही मेरी ही दुल्हन बनी है।
मैंने पीहू से पूछा- क्या अब तुम्हारे बदन का दीदार करने की इजाज़त है मुझे?
तो उसने कहा- हाँ, पर पहले आप दूध पी लीजिये।
मैंने कहा- जरूर पिऊंगा पर उसे तुम्हें अपने मुंह में लेकर पिलाना होगा।
उसने कहा- ठीक है!
और थोड़ा सा दूध अपने मुंह में लेकर मेरे मुंह में डाल दिया।
इसी तरह मैंने भी थोड़ा सा दूध उसकी मुंह में डाल दिया।
इस तरह सारा दूध हम दोनों ने एक दूसरे को पिला दिया।
इसके बाद मैंने पीहू को बिस्तर पर लिटा दिया और उसके ऊपर चढ़ के उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर चूमने लगा। उसके बाद मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा।
फिर मैंने उसके सीने पर से उसकी साड़ी को हटा दिया। ब्लाउज के ऊपर से ही मैं उसकी दोनों चूचियाँ दोनों हाथों से कसकर मसलने लगा।
पीहू अब तक एकदम चुदासी होकर आह भरते हुए आह भ..इ..या कहने लगी। उसकी मद भरी आहें सुनकर मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही थी। मैंने उसकी साड़ी के चुन्नट जो साया के अंदर किये हुए थे, उनको निकाल दिया और पूरी साड़ी उतार दी।
अब वह साया और ब्लाउज में मेरे सामने थी। मैंने बिस्तर पर अपने दोनों पैर सटाकर फैला दिए और पीहू को अपनी जांघों पर बैठने का इशारा किया।
पीहू अपने दोनों पैर मेरे कमर के दोनों तरफ करके अपना मुँह मेरी तरफ करके मेरी जाँघों पर बैठ गयी। मैंने कसकर उसे सीने से लगा लिया उसने भी मुझे कसकर अपनी बांहों में भर लिया।
मैंने पीहू का सर अपने हाथों में पकड़ कर पहला चुम्मा उसकी माथे पर किया तो उसने शर्म से अपनी आँखों को बंद कर लिया।
उसके बाद मैं उसके पूरे चेहरे को चूमने लगा।
कुछ देर बाद मैंने पीहू से अपने चेहरे पर किस करने को कहा तो वो मेरे पूरे चेहरे पर चुम्बन करने लगी।
मैं पीहू के होंठों को अपने होंठों में लेकर चूसने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी. उसके बाद मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी तो वो मेरे जीभ को चूसने लगी. फिर उसने अपनी जीभ मेरे मुंह में डाल दी मैं उसकी जीभ चूसने लगा।
फिर मैं उसके दोनों कानों और गर्दन को चूमते हुए उसके कंधे तक आया।
अब तक पीहू पूरी तरह चुदासी हो गयी थी।
फिर मैंने उसके ब्लाउज के हुक को खोल कर उसका ब्लाउज निकाल दिया और उसकी कमर को सहलाते हुए अपने हाथों को सजी पीठ पर ले जाकर उसकी ब्रा के हुक को खोल दिया।
फिर धीरे धीरे उसके कंधे से ब्रा की डोरी को सरका कर नीचे कर दिया और ब्रा को भी निकाल कर उसके जिस्म से अलग कर दिया।
उसके बाद मैंने कहा- मेरी बहन, अपनी चूची अपने हाथों से मुझे पिलाओ!
तो उसने घुटनों के बल होकर अपने हाथ से अपनी बायीं चूची का निप्पल मेरे मुँह में दे दिया और बोली- भइया मेरी चूची का सारा रस पी जाइये।
मैं उसकी चूची का निप्पल अपने दांतों में दबाकर चूसने लगा और बायें हाथ से उसकी दूसरी चूची और उसके निप्पल को मसलने लगा।
पीहू मेरे सर को सहलाते हुए मादक आहें भर रही थी।
बारी बारी उसकी दोनों चूचियों को पीने और मसलने के बाद पीहू को लिटा कर उसकी साया का डोरी खोल दिया और उसके साया को निकाल दिया। फिर मैंने उसकी पैंटी भी निकाल कर उसको बिल्कुल नंगी कर दिया औऱ मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नंगा हो गया।
मैंने अपना लन्ड उसके हाथ में देकर पूछा- ये क्या है?
तो उसने कहा- आपका लन्ड है.
मैंने पूछा- इससे क्या करूँगा मैं?
तो वो बोली- इससे आज अपनी बहन को दुल्हन बना कर चोदोगे।
मैंने उसे लन्ड चूसने का इशारा किया तो मेरे दोस्त की बहन मेरा लन्ड अपने मुंह में लेकर चूसने लगी.
कुछ देर बाद मैंने अपना लन्ड उसके मुंह से निकाल लिया और उसको लिटा कर उसकी टाँगें फैला दी और अपना मुंह उसकी बुर पर लगा उसे चूसने लगा।
मैं उसकी बुर तब तक चूसता रहा जब तक उसकी बुर ने पानी नहीं छोड़ दिया। मैं उसकी बुर के पानी को पी गया।
उसके बाद मैं उसकी दूसरी चूची के निप्पल को मुंह में लेकर चूसने लगा और एक को अपने हाथों से मसलकर उसको चुदने के लिए गर्म करने लगा।
लगभग दस मिनट तक दोनों चूचियाँ दबाने और चूसने के बाद वो चुदने के लिए फिर से तैयार हो गयी और बोली- भैया, प्लीज अब मुझे चोद दीजिये।
कहानी का अगला भाग: दोस्त की बहन बनी गर्लफ्रेंड-4