लॉकडाउन में बहन की चूत मिली

Xxxx सिस की चूत मारी मैंने लॉकडाउन के दौरान. अचानक हुए लॉकडाउन के कारण हम दोनों एक ही शहर में फंस गए थे तो हम साथ साथ रहने लगे. मेरे दोस्त भी मेरे साथ थे.

नमस्ते दोस्तो, मेरा नाम अभिषेक है और मैं तेलंगाना का रहने वाला हूँ.

मैंने Xxxx सिस की चूत मारी 2020 में, जब देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया था.

उस समय मैं हैदराबाद में गेट परीक्षा की तैयारी कर रहा था और एक बॉयज़ हॉस्टल में रहता था.

अचानक हुए लॉकडाउन के कारण मैं घर नहीं जा पाया और वहीं फँस गया.

मेरी मौसेरी बहन अंजलि मुझसे दो साल छोटी है.
वह हैदराबाद के एक सरकारी कॉलेज में पढ़ती थी. वह उसी कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी. मैं उसको अंजू भी कह देता था.

कुछ दिन बाद मेरी मौसी का फोन आया.
उन्होंने बताया कि अंजलि के हॉस्टल को सरकार ने कोरोना मरीजों के लिए ले लिया है और सभी स्टूडेंट्स को घर जाने को कहा गया है.

यह खबर सुनकर मेरी मौसी थोड़ी घबरा गई थीं इसलिए उन्होंने मुझसे बात की.

वे बोलीं- तू कुछ कर बेटा!
मैंने कहा- ठीक है, मैं उसे अपने हॉस्टल ले आता हूँ. वैसे भी मेरे हॉस्टल से कई पास के रहने वाले लड़के अपने अपने घर चले गए हैं, जिस वजह से हॉस्टल काफी खाली हो गया है.

मौसी ने कहा- बेटा, मैंने अंजलि को कुछ पैसे भेजे हैं, अपना ख्याल रखना!

मैं तुरंत अपने दोस्त की गाड़ी लेकर अंजलि के हॉस्टल पहुंचा और उसे अपने साथ ले आया.

मैंने कभी अंजलि को गलत नजर से नहीं देखा, न ही सपने में ऐसा सोचा.

वह बहुत सुशील और पढ़ाकू लड़की थी.

उसके इधर आने के बाद एक दिन में ही हॉस्टल मालिक को पता चल गया कि मैं किसी अंजलि नाम की लड़की को वहां लाया हूँ.

उसने हमें हॉस्टल छोड़ने को कह दिया.
जबकि मैंने उन्हें बहुत समझाया कि अंजलि मेरी बहन है.

लेकिन वे नहीं माने.
उन्हें कोरोना के संक्रमण का ज्यादा डर था.
वे बोले कि यह लड़की बाहर से आई है तो इसे घर में नहीं रखा जा सकता है.

फिर मेरे एक दोस्त ने हम दोनों अपने फ्लैट पर जगह दी.

वहां पर वे तीन लोग रहते थे. मेरा दोस्त रवि, कुमार और संतोष.

वे सभी मेरी तरह गेट परीक्षा की तैयारी कर रहे थे.

वह एक दो कमरे वाला फ्लैट था.
तो एक कमरे में मैं और अंजलि रहने लगे, और बाकी लोग दूसरे कमरे में.

कुछ दिनों में अंजलि और मैं उन सबके साथ घुल-मिल गए.

उन दिनों सारा सारा दिन घर में बैठकर हम लोग बोर हो जाते थे.
फ्लैट के नीचे एक वाइन शॉप थी जिसमें से ब्लैक में दारू बिक रही थी.

संतोष ने कहीं से जुगाड़ किया और वह तीन ओल्ड मोंक की बोतलें ले आया.
मैंने अंजलि से कहा- घर में किसी को मत बताना!

वह मुस्कुरा कर बोली- भैया मैं नहीं बताऊंगी, आप एंजॉय कीजिए!
उस रात हमने खूब दारू पी और बातें करने लगे.

रवि बोला- यार दारू तो मिल गई, काश कोई लड़की चोदने को मिल जाए, तो सब मिलकर उसे चोदते!
कुमार ने कहा- साले दारू ही इतनी मुश्किल से मिली है, रंडी कहां से मिलेगी? लंड हिलाकर सो जा!

हम सब हँसने लगे.

तभी संतोष बोला- मेरे पास एक तरकीब है. अगर तुम सब साथ हो, तो हम वह भी कर सकते हैं!
मैं न/शे में था, सो समझ नहीं पाया.

मैंने कहा- भाई, इस कठोर लॉकडाउन में अगर चूत मिल रही है, तो कौन तेरा साथ नहीं देगा?

कुमार ने पूछा- क्या संतोष तुझे कोई रंडी हाथ लगी है क्या … जो तू इतना बोल रहा है?
संतोष बोला- हां भाई ऐसा ही समझ लो! उसने अपना फोन निकाला और हमें कुछ फोटो दिखाने लगा, जिनमें एक लड़की के न्यूड्स पिक थे.

वह 20-21 साल की लग रही थी, उसके बूब्स और गांड कमाल के थे.
उसे देखकर हम सबके लंड टाइट हो गए. फोटो में उसका चेहरा नहीं दिख रहा था.

मैंने कहा- भाई क्या मस्त माल है. ये मिल जाए तो जन्नत है!
रवि ने पूछा- ये कौन है?

संतोष बोला- मेरे एक दोस्त की बंदी है और साली बहुत बड़ी चुदक्कड़ भी है!
कुमार ने कहा- तो वह हमें क्यों देगी?
संतोष बोला- भाई इसे एक बार चुदाई का चस्का लग जाए, तो ज्यादा दिन तक बिना चुदे नहीं रह पाएगी. इस वक्त मेरा दोस्त गांव गया है और वह लड़की हैदराबाद में ही है.

मैंने कहा- भाई कुछ भी करके उसे मना ले! उसका फिगर देखकर अब रहा नहीं जा रहा!
संतोष ने मेरी तरफ देखा और बोला- भाई तुम सबको मेरा साथ देना होगा और कोई पीछे नहीं हटेगा, वादा करो!

रवि बोला- इतनी एक्टिंग क्यों कर रहा है? कोई क्यों पीछे हटेगा!
कुमार और मैंने भी यही कहा.

संतोष ने कहा- क्योंकि हम सब उस लड़की को जानते हैं!
जोश में मैंने कहा- फिर तो और मज़ा आएगा साली को ठोकने में!

मुझे लगा कोई ट्यूशन वाली क्लासमेट होगी.
फिर सबने उससे वादा किया कि जो भी हो, उसे चोदने तक सब साथ देंगे.

रवि बोला- अब नाम भी बता दे भोसड़ी के!
तो संतोष ने एक गहरी सांस ली और बोला- अंजलि … अभिषेक की बहन अंजलि.

मैं एकदम से गुस्से से लाल हो गया और मैंने संतोष की कॉलर पकड़ ली.

तभी रवि और शाम ने मुझे रोका और संतोष से कहा- यह क्या बोल रहा बे … तुझे दारू चढ़ गई है. अभिषेक की बहन हमारी बहन की तरह है और वह वैसी लड़की नहीं है.

संतोष बोला- साले न्यूड देख कर तो बहुत लौड़े खड़े हो रहे थे तुम्हारे … और ये मैं नहीं कह रहा मेरे दोस्त ने उसे बहुत बार चोदा भी है. वह दिखती शरीफ है, पर अन्दर से उतनी ही बड़ी रांड है. अगर यकीन नहीं है तो मैं एक और प्रूफ भी दे सकता हूं.
कुमार ने कहा- अगर ऐसा है तो प्रूफ नहीं, सीधे उसकी चूत चाहिए.

मैं गुस्से से कुमार को देखने लगा.
तो रवि ने मुझे शांत किया और कहा- अगर संतोष सच कह रहा है तो हमें उसका साथ देना चाहिए. भाई हमने उससे वादा किया था और तू भी तो उसको पेलना चाहता था. हम कोई जबरदस्ती नहीं करेंगे. अंजलि अगर चाहेगी तो ही हम कुछ करेंगे.

कुमार बोला- भाई अभिषेक अगर हम नहीं चोदेंगे तो वह किसी और से चुदवा लेगी … और तुम्हें अगर गलत लगता है तो तू मत करना … पर हमें तो मजे करने दे.

अब वे तीनों एक हो गए थे और मैं अकेला.
यह मुझे बाद में पता चला था कि संतोष ने अंजू को सैट कर लिया था.

उस दिन मेरे उन सभी कमीने दोस्तों ने मेरे साथ बहुत सारी इधर उधर की बातें करके बहका दिया और एक एक और पैग बना कर उन्होंने मुझे राजी होने पर मजबूर कर लिया.

मुझे अभी भी सही नहीं लग रहा था कि अंजलि ऐसा कैसे कर सकती है.
अगर मैं अब और कुछ बोलता तो हमें कल ही फ्लैट छोड़कर जाना पड़ता.

तो मैं बोला- मैं यहीं रहूंगा, तो क्या वह राजी होगी?
कुमार बोला- अभी की न मर्दों वाली बात. वह सब तू संतोष पर छोड़ दे. वह इसमें माहिर है.

संतोष प्लान बताने लगा.
वह ऐसे बता रहा था जैसे उसने ये सब बहुत पहले सोच रखा था.

प्लान के मुताबिक मुझे दारू पीकर उस रूम में सोने की एक्टिंग करनी थी.
मैं चुपचाप वहां पर सोने की एक्टिंग करने लगा.

संतोष उठकर अंजलि के रूम में चला गया, कुमार और रवि उसके सिग्नल का इंतजार करने लगे.

बहुत देर बाद कमरे से कुछ हल्की बातें सुनाई देने लगीं, जैसे वे दोनों कुछ बात कर रहे हों.

रवि और कुमार दीवार से कान लगाकर बातें सुनने लगे.
मैं अभी बेड पर ही था मुझे अभी भी गिल्ट फील हो रहा था.

मैं सोने की कोशिश करने लगा.

पर वहीं न्यूड फ़ोटो और अंजलि की गैंगबैंग का सोच सोच कर मेरा लंड खड़ा होने लगा.

थोड़ी देर बाद अंजलि की कराहने की आवाज आने लगी तो मैं उठ गया.
पर रवि ने मुझे रोक दिया.

अब रूम की आवाजें और क्लियर आने लगीं.

अंजलि मीठे दर्द से कराह रही थी- प्लीज मत करो यार … दर्द हो रहा है … निकाल दो प्लीज!
संतोष- कुछ नहीं डार्लिंग, बस थोड़ी देर में तुम्हें भी मजा आएगा.

संतोष बेरहमी से उसे पेलता गया.
मुझे बहुत बुरा लग रहा था, पर अब कोई फायदा नहीं था.

मैं बेड पर लेट गया.

संतोष के देर तक न आने के वजह से रवि और शाम बेचैन हो गए थे इसी लिए वे दोनों अचानक से अन्दर घुस गए.

उन्होंने दरवाजा बंद कर लिया था.
अंजलि उस वक्त भी कराह रही थी.

थोड़ी देर बाद उसकी आवाज आनी बंद हो गई.
शायद उसके मुँह में लंड पेल कर उसका बंद कर दिया गया था.

मुझे उसकी बहुत चिंता होने लगी.

आधा घंटा बाद उसकी सिसकारियां आने लगीं.
मैं उठ कर दरवाजे के पास चला गया और सुनने लगा.

अंजलि- बहुत हुआ. प्लीज अब छोड़ दो.
कुमार- अभी तो दूसरा राउंड भी चलेगा बेबी!

रवि- अंजलि देखो जितना तुम साथ दोगी उतना ही ज्यादा तुम्हें अच्छा लगेगा.
संतोष- चलो, अब घोड़ी बनो.

फिर से चुदाई की आवाजें आना शुरू हो गईं.
शायद किसी ने उसके मुँह में लंड दिया होगा तो इस बार अंजलि की आवाज नहीं आ रही थी, सिर्फ लंड पेलने से होने वाली फच फच की आवाज आ रही थी.

फिर से करीब आधा घंटा के राउंड के बाद सब उसके मुँह में झड़ गए.

यहां मेरा भी टाइट हो गया, मैं अभी लौड़ा निकाल कर हिलाने लगा.

रवि ने कहा- कैसा लगा अंजलि?
अंजलि ने कुछ नहीं कहा.

सब कपड़े पहन के रूम में आ गए.
मैं सोने का नाटक करने लगा.

वे सब भी सो गए.

दूसरे दिन मैं उठा तो अंजलि पहले ही उठ कर नहा चुकी थी.
वह थोड़ी थकी हुई लग रही थी.

मैंने पूछा- अंजलि क्या हुआ? तुम्हारी तबियत तो ठीक है ना!

तो उसने कहा- हां भैया, सब ठीक है … बस कल नींद पूरी नहीं हुई.
यह कह कर वह रूम में चली गई.

मैंने ध्यान से देखा कि उसकी चाल पूरी तरह से बदल गई थी.
उसे चलने में शायद दिक्कत हो रही थी मानो कल ही उसकी सील टूटी हो.

फिर अगले एक हफ्ते तक वही रूटीन चला.
मैं दारू पीकर सोने का नाटक करता था और ये तीनों अंजलि की चुदाई करते.

अब अंजलि उन तीनों से घुल-मिल कर रहने लगी थी मानो वह अब सब एंजॉय कर रही हो.

अब तो पूरे घर में शॉर्ट पहन कर ढीली टी-शर्ट पहन कर घूमने लगी.
उसमें काफी बदलाव आ गए थे.
उसकी भाषा भी बदल गई थी.

वह अब सबके सामने ही चूतिया, भैनचोद ऐसी गालियां भी देने लगी थी.

एक दो बार उसके मुँह से यह सब मेरे सामने भी निकल गया.
तो उसने मुझे सॉरी भैया कह दिया.

वह दिन ब दिन मस्त माल दिखने लगी थी.
अब मुझे भी उसे चोदने की इच्छा होने लगी.

एक दिन मैंने रवि से कहा- भाई प्लान में तो सब को मौका मिलने वाला था, पर मेरा नंबर अभी तक नहीं आया!
तो वे सब हंसने लगे.

संतोष बोला- तो अब भैनचोद बनने के लिए राजी हो … पहले तो बहुत ज्ञान पेल रहा था.
मैं चुप हो गया.

वह बोला- भाई तेरी रांड बहन तो अब किसी का भी लौड़ा लेगी … सात दिन से उसे पेल पेल कर हम तीनों ने उसे पूरी छिनाल बना दिया है. एक बार तूने उसका मजा ले लिया तो समझो कि ये फ्लैट कोठा … और तेरी बहन यहां की रांड. उसे पूरा दिन नंगी रखेंगे यहां. जब चाहे, जहां चाहे ले लो अपनी बहन की.

वह बार बार बहन शब्द बोल रहा था.
पर अब गुस्से की जगह मेरा लंड और ज्यादा कड़क हो रहा था.

मैंने कहा- यार संतोष, अब रहा नहीं जाता. कुछ कर भाई …
संतोष बोला- आज कमरे की लाइट बंद रखता हूं, तू चुपचाप अन्दर आ जाना.

मैं रात का इंतजार करने लगा.

रात होते ही हर रोज की तरह ये लोग दारू पी कर रूम में घुस गए.

थोड़ी देर बार रवि ने मुझे मैसेज किया- भाई अन्दर आ जा, तेरी रांड लेने को तैयार है!
मैं अन्दर गया तो लाइट चालू थी और बेड पर अंजलि को देख कर मैं पागल हो गया.

वह पूरी नंगी थी.
उसकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई थी.
उसके दूध 34 के लग रहे थे और सुडौल कमर, मस्त मोटी गांड.

मैंने झट से अपने कपड़े उतार दिए और Xxxx सिस की चूत मारने के लिए नंगा हो गया.

मेरे सभी दोस्त मुझे देखने लगे क्योंकि मेरा लंड सबसे बड़ा था.
मुझे भी लगा नहीं था कि इनसे मेरा लौड़ा बड़ा होगा.

मैं आगे बढ़ ही रहा था कि संतोष ने मुझे रुकने का इशारा किया और वह अपना लंड अंजू के मुँह के पास ले गया और उसे चूसने को कहा.

कुमार ने अपना पांच इंच का लौड़ा उसके चूत पर टिकाया और एक ही झटके में अन्दर डाल दिया.
पहले झटके पर अंजू ने थोड़ी सिसकी ली पर बाद में वह अपनी गांड उठाकर उसका साथ देने लगी.

वह सीन देख कर मेरा लंड नाग की जैसे फन उठाने लगा.

तभी संतोष ने अपना लौड़ा अंजू के मुँह से निकाला और उसने कहा- यार अंजू, कभी कभी मुझे तेरे भाई अभिषेक की दया आती है. हम यहां मजे कर रहे है और वह बेचारा सो रहा है.

तो अंजू हंस कर बोली- तुम भी तो भाई जैसे ही थे मेरे … पर भैनचोद बन गए न!
रवि बोला- साली रांड, तू तो अब अपने भाई का भी ले लेगी, बहुत शरीफ थी नखरे कर रही थी पहली रात में …

अंजू ने कहा- पहली रात में लड़की कली से फूल बनती है. तुमने तो पूरा भोसड़ा बना दिया … वर्जन से रांड.
मैं एकदम चौंक गया.

कुमार बोला- चल आज एक रोल प्ले करते हैं. तू मान ले कि मैं अभिषेक हूं और तुझे चोद रहा हूं.
अंजू ने कहा- ठीक है मेरे अभिषेक भैया … आ जाओ.

यह कह कर वह हंस दी.
कुमार बाजू हो गया और उसने मुझे इशारा कर दिया.

मैं अपने आप पर कंट्रोल नहीं कर पाया और एक ही झटके में पूरा सात इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा लौड़ा बहन की चुत में डाल दिया.
उसकी चीख निकल गई, आंखों से पानी आने लगा.

मैंने धक्के जारी रखे.
वह कहने लगी- कुमार भोसड़ी के … आज क्या खाया है … लग रही है साले … लौड़ा चुत से निकाल बाहर!

शाम बोला- बहन की लौड़ी रांड … मैं अभिषेक हूं तेरा भाई. मुझे भाई कह कुतिया!
अंजू मस्ती में कहने लगी- अभी भैया, अपनी बहन की चुत फाड़ ही दोगे क्या … प्लीज भैया अपना लंड निकालो न … मैं मर जाऊंगी.

उसके मुँह से यह सुन कर मुझे और जोश आ गया.
मैं उसे और जोर से उसे पेलने लगा.

कुछ धक्कों के बाद उसे मजा आने लगा.

अंजलि- साले अभिषेक … भैनचोद लगता है तुझमें बहुत जोश है … तेरे तीनों दोस्तो का एक साथ पानी निकाल देती है ये तेरी रांड बहन … तो तू क्या चीज है … चोद बहन के लौड़े आह मजा आ गया.

अब मुझसे रहा नहीं गया और मैं बोल पड़ा- छिनाल अगर पहले पता होता तो कब का तुझे पेल दिया होता!

मेरी आवाज सुनकर वह चौंक गई और उसने अपनी आंखों से पट्टी निकाल दी.

अपने ऊपर मुझे चढ़ा देख कर वह एकदम से मेरे नीचे से हट गई और अपने आपको कपड़े से ढकने लगी.

‘भैया आप … सॉरी भैया!’
मैंने कहा- अंजू, अभी तो तुम मेरा पानी निकालने वाली थी!
‘भैया पर मैं आपके सामने …’

मैंने उसको वापस अपनी ओर खींच लिया और उसे किस करने लगा.
थोड़ी ही देर में वह आंखें बंद करके मेरा साथ देने लगी.

मैंने उसके कान में धीरे से कहा- मुझे सब पता है … और हम दोनों इसे राज ही रखेंगे.
वह खुश हो गई.

मैं अपनी बहन के दूध चूसता हुआ उसे मस्ती से चोदने लगा.
वह भी मेरे साथ आसन बदल बदल कर चुदी.

उसने मेरे लौड़े पर कूद कूद कर मुझे अपने मम्मों का मजा दिया.

उस दिन से पूरे पंद्रह दिन तक मेरी बहन नंगी बिना कपड़ों के घर में घूमती रही.

हम सब एक साथ दारू पीने लगे थे और वह मेरे साथ सबसे ज्यादा चुदती थी क्योंकि मेरा लंड सब लड़कों में बड़ा था.

हालांकि अभी तक हम सभी उसकी गांड नहीं मार पाए हैं.
लेकिन जल्द ही वह हम चारों के साथ गांड भी मरवाने लगेगी.

हर वक्त घर के किसी कोने में कोई न कोई उसे चोद रहा होता.

वह अब पूरी तरह से रांड बन गई थी.
फिर हमारे घर वालों ने हमें लाने गाड़ी भेजी और हम दोनों घर चले गए.

आगे क्या हुआ, वह अगले भाग में जानिए.
दोस्तो, आपको मेरी छिनाल बहन की चुदाई की कहानी कैसी लगी?
मैंने Xxxx सिस की चूत मारी. आपको भी इसमें मजा आया होगा.
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