चुदक्कड़ बहन के साथ मेरी भी गांड चुदी

Xxx सिस चुदाई कहानी में मैं अपनी बहन के साथ होता था जब वह ऑफिस में चूत से क्लाइंट्स को खुश करके खूब तरक्की कर रही थी। एक दिन एम डी ने दीदी को बुलाया.

दोस्तो, कैसे हो आप सब?
मेरा नाम बबलू है और मैं आपको आज अपनी चुदक्कड़ बहन दीपाली की कहानी बताने जा रहा हूं।

दीपाली दीदी का तलाक हो चुका है और फिलहाल वह पुणे में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करती है।

दोस्तो, मेरी दीपाली दीदी का फिगर बहुत ही सेक्सी है। उसके बूब्स बहुत ही मस्त हैं और गांड ऐसी है कि जब वो उसे मटकाती हुई चलती है तो अच्छे अच्छों के लंड बेलगाम हो जाते हैं।

अब मैं आपका इंतजार और न बढ़ाते हुए अपनी Xxx सिस चुदाई कहानी आपको बताता हूं।

मेरी दीदी के बॉस का नाम रजनीश है। उन्होंने दीदी को न जाने कितने कस्टमरों से चुदवाया था और बड़ी-बड़ी डील दीदी की चूत ने उनको दिलवायी थीं।
धीरे धीरे ये बात कंपनी के एमडी मिस्टर जतिन शाह के पास भी पहुंची।

अब एमडी ने दीदी को बुलवा लिया।
जतिन- मैंने सुना है कि तुम हमारी कंपनी के लिए बहुत मेहनत कर रही हो?
दीपाली दीदी- हां सर, मैं मन लगाकर काम करती हूं।

जतिन- हां, मैंने सुना है कि तुम तन, मन सब लगाकर काम करती हो!
दीपाली दीदी- जी सर, आपने सही ही सुना है।

जतिन- तो फिर हमें भी अपने काम से खुश कर दो!
दीपाली- क्यों नहीं सर, आपका तो मुझ पर पूरा हक है।

इतना बोलकर दीदी अब जतिन के पास जाकर बैठ गई।

दोनों एक दूसरे का इशारा समझ चुके थे और जाते ही जतिन ने दीपाली के बूब्स पर हाथ रख दिए और उनको धीरे धीरे सहलाना और दबाना शुरू कर दिया।
दीदी ने भी सीधे ही जतिन के लंड पर हाथ रख दिया और सहलाने लगी।

कुछ देर तक वो दोनों एक दूसरे के अंगों को सहलाते हुए उत्तेजित करते रहे।
दोनों पर वासना हावी होने लगी थी।

जतिन का लंड और दीपाली की चूत, दोनों ने ही पानी छोड़ना शुरू कर दिया था।

फिर संभलते हुए जतिन ने कहा- ठीक है दीपाली, अब तो तुम जाओ, रात को मेरे फार्म हाउस पर आ जाना!
दीपाली- ठीक है सर, लेकिन …
जतिन- लेकिन क्या?

दीपाली- इसमें मेरा क्या फायदा है?
जतिन- अरे दीपाली, तुम उसकी चिंता मत करो, तुम्हारा प्रोमोशन हो जाएगा।

इस पर दीपाली खुश हो गई और जतिन को किस किया।
वो बोली- ठीक है सर, मैं रात को आ तो जाऊं, लेकिन रात के समय मेरे घर वाले मुझे बाहर नहीं भेजेंगे।
जतिन- तो अब तक तुम रात भर क्लाइंट्स के साथ कैसे रहती थी?

दीपाली- वो मेरा छोटा भाई है न बबलू, वो मेरे साथ होता है तो घर वाले बाहर जाने की इजाजत दे देते हैं।
जतिन- लेकिन भाई के साथ रहते हुए ये सब तुम कैसे करती हो?
दीपाली- उसे सब पता है मेरे बारे में!

जतिन- तो फिर अच्छा है, उसे भी ले आना साथ में, मुझे तुम्हारे भाई के साथ होने से कोई दिक्कत नहीं है।
दीपाली- तो फिर ठीक है, रात को आ जाऊंगी मैं!

दीदी ने मुझे दोपहर में ही फोन पर ये सब प्लान बता दिया।
जिसके बाद हमने रात में जतिन के फार्म हाउस पर जाने की पूरी तैयारी कर ली।

हम तय समय पर उसके फार्म हाउस पर पहुंच गए।

काफी बड़ा फार्म हाउस था उसका!
उसमें स्वीमिंग पूल भी था।

पहुंचने के बाद नौकर ने हमें चाय आदि दी।

फिर नौकर के जाने के 10 मिनट बाद जतिन वहां आ पहुंचा।
उसने नाइट गाउन पहना हुआ था और उसके हाथ में एक गिलास था जिसमें शायद शराब थी।

दीदी ने जतिन से मेरा परिचय करवाया और फिर हम बातें करने लगे।
उसके बाद हम भी उसके साथ शराब पीने लगे।

जतिन उम्र में 43 साल का हट्टा कट्टा आदमी था।
वो जिम भी करता था इसलिए शरीर से काफी गठीला और हष्ट-पुष्ट था।

कुछ देर के बाद जतिन बोला- दीपाली, साड़ी उतार लो। साड़ी में तुम अच्छी नहीं लग रही हो।
दीदी ने बिना कुछ सोचे ही साड़ी, पेटीकोट, ब्लाउज उतार दी।
अब वो सिर्फ ब्रा और पैंटी में थी।

ये देख जतिन की आंखों में हवस उतर आई।
उसने दीदी को किस करना शुरू कर दिया।
5 मिनट तक वह उसके होंठों और गर्दन को बारी बारी से चूमता रहा।

फिर उसने दीदी की ब्रा निकाल दी और उसके बूब्स को चूसने लगा।
वह मेरे सामने ही दीदी के चूचों को जोर जोर से हाथों में लेकर भींच रहा था।
दीदी की सिसकारियां निकलने लगी थीं।

चूस चूसकर उसने दीदी के बूब्स को लाल कर दिया।
फिर उसका हाथ दीदी की चूत की ओर बढ़ा।

उसने पैंटी के ऊपर से चूत पर हाथ फेरा तो दीदी की टांगें खुल गईं।
वो टांगें चौड़ी कर चूत पर हाथ फिरवाने लगी।
यह देखकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया।

उसके बाद जतिन ने दीदी की पैंटी को उतार दिया और चूत को नंगी कर दिया।

दीदी को पूरी नंगी कर वो उठा और अपना गाउन भी उतार दिया।
अब वो भी पूरा नंगा था और उसका 7 इंच का लंड एकदम से तना हुआ था।
उसका लंड बहुत मोटा था.

दीपाली ने एकदम से उसके लंड को हाथ में भर लिया और आगे पीछे करते हुए उसके साथ खेलने लगी।

लंड दीपाली के हाथ में जाते जतिन के मुंह से सिसकारी निकल गई- आह्ह … जानेमन … चूस ले इसे … उफ्फ … क्या सॉफ्ट हाथ हैं तेरे, बहुत मजा दोगी तुम तो!
दीपाली ने जल्दी से मुंह खोला और लंड को अंदर लेकर चूसने लगी।

जतिन ने पूरा लौड़ा दीदी के मुंह में घुसा दिया और आगे पीछे होते हुए उसके मुंह को चोदने लगा।
दीपाली पूरा लंड मुंह में लेने की कोशिश कर रही थी।
लेकिन जतिन का लंड काफी बड़ा था और दीपाली की सांस रुकने लगी।

अब जतिन ने दीदी के बालों को पकड़ कर तेजी से उसके मुंह में धक्के लगाने शुरू कर दिए।
दीपाली गूं … गूं … ऊंह् ऊंह .. की आवाज के साथ लंड मुंह में लेती रही।

कुछ ही देर में जतिन ने अपना पानी मेरी Xxx सिस के मुंह में छोड़ दिया जिसे वो पी गई।

जतिन का नशा अब थोड़ा ढीला हो गया था।
इसलिए हमने फिर से पैग बना लिए।

जतिन- यार बबलू, तेरी बहन तो बहुत मस्त तरीके से लंड चूसती है। ऐसा मजा कभी नहीं दिया किसी लड़की ने!
मैं- हां जतिन जी, ये बात तो सही कही आपने, इसलिए तो आपकी कंपनी के क्लाइंट इतने खुश हो जाते हैं इससे!

जतिन- हां, सही कह रहे हो।
इस तरह से बातें करते हुए हमें 10-15 मिनट बीत गए।
इतने में जतिन का लंड फिर से खड़ा होना शुरू हो गया था।

अब जतिन ने फिर से दीपाली को इशारा किया।
दीपाली ने पास आकर फिर से जतिन के लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
चूस चूसकर उसका लंड अब बहुत ज्यादा टाइट हो गया था।

उसने मुझे भी उसके पास आने के लिए कहा।
मैं बोला- आप लोग इंजॉय करो, मैं देखकर ही मजा लूंगा।
जतिन- अरे बात को समझा नहीं तू, यहां आ … और मेरा लंड चूस … मैं भी देखना चाहता हूं कि बहन के जैसा हुनर भाई में भी है या नहीं!

यह सुनकर मुझे बहुत अजीब लगा।
इतने में दीदी भी बोल पड़ी- आ जा ना बबलू, तू भी मजे ले ले आज!

फिर मैंने भी सोचा कि ट्राई करने में क्या जाता है।
मैंने कपड़े उतार दिए और पूरा नंगा हो गया।

पास गया तो जतिन का लंड पूरा दीदी की लार में सना हुआ था और फड़क रहा था।
मैंने लंड को हाथ में लिया और थोड़ा सा पौंछकर मुंह में भर लिया।

जतिन के मुंह से सिसकारी निकलने लगी- आह्ह … आह्ह … ओह्ह … हय … उफ्फ … हाए रे … चूस जा साले … पूरा चूस … आह्ह!
कुछ देर तक जतिन मुझसे लंड चुसवाता रहा।

फिर बोला- चल अब हट जा, तेरी बहन की चूत भी मारनी है मुझे!
इतना कहकर उसने मुझे हटा दिया और खुद नीचे लेट गया।
उसने दीपाली से उसके ऊपर बैठने को कहा।

दीदी उसके पास गई उसके लंड पर बैठने लगी।

उसने चूत पर लंड लगाया ही था कि जतिन बोला- बबलू, तुम अपना मुंह इसकी चूत और मेरे लंड के बीच में ले आओ।

मैंने वैसा ही किया; मैंने मुंह को जतिन के लंड के पास कर लिया।
दीदी ने लंड को चूत में ले लिया और आगे पीछे होते हुए चुदने लगी।

मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।
मैंने ऐसा अनुभव पहले कभी नहीं लिया था।

बीच बीच में जतिन चूत से लंड को निकलवाकर मेरे मुंह में दे देता और धक्के मारते हुए चोदने लगा।

इस तरह से वो कभी मेरा मुंह, कभी मेरी दीदी की चूत चोद रहा था।

10-15 मिनट तक वो ऐसे ही हम दोनों के मजे लेता रहा।
फिर बोला- अब घोड़ी बन जा बबलू … अब तेरी गांड भी मारनी है मुझे!

दोस्तो, मैंने कभी गांड नहीं मरवाई थी लेकिन जतिन से मैं गांड चुदाई का अनुभव लेने के लिए तैयार हो गया था।

उसने दीपाली से तेल मंगवाया।
वो तेल लेकर आ गई।

अब उसने दीपाली से कहा कि वो मेरी गांड पर तेल लगाए।
मेरी बहन अब मेरी गांड के छेद पर लगाने लगी।
तेल लगाकर वो दूर हट गई और जतिन ने मेरी गांड के छेद पर लंड टिका दिया।

जतिन ने दीपाली से कहा- तुम सामने की ओर आकर चूत को इसके मुंह के सामने कर लो।
उसे वैसा ही किया, वह मेरे मुंह के सामने अपनी चूत खोलकर बैठ गई।

जतिन ने पीछे से अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया और मेरी चीख निकल गई।
लेकिन इतने में दीदी ने अपनी चूत मेरे मुंह पर अड़ा दी।

मेरी आवाज बंद हो गई।
पीछे से जतिन लंड के धक्के लगाने लगा और मेरे होंठ दीदी की चूत में टकराने लगे।

कुछ देर मुझे असहनीय दर्द होता रहा।
गांड में उसका लंड जैसे चीर कर अंदर घुस रहा था।

फिर धीरे धीरे दर्द कम हुआ और मुझे मजा आने लगा।
अब मैं उनका साथ देने लगा।

10 मिनट तक जतिन ने मेरी गांड में खूब जोर जोर से धक्के लगाए।
फिर उसने लंड निकाला और दीदी की चूत में घुसा दिया।

लंड को उसकी चूत में डालकर वो मुझसे बोला- चल बबलू, अब अपना लंड मेरी गांड में डाल दे।
अब नीचे दीपाली थी, उसके ऊपर जतिन और जतिन के ऊपर मैं था, जो उसकी गांड में लंड लगा चुका था।

उसने दीदी की चूत में लंड डाल दिया और चोदने लगा।
वो बोला- तू भी घुसा ले मेरी गांड में!

जतिन रुक गया और मैंने उसकी गांड में लंड घुसा दिया।

अब दोनों के धक्के एक साथ लगने लगा।
जतिन दीदी की चूत चोद रहा था और मैं जतिन की गांड।

कुछ देर ऐसे ही हमारी थ्रीसम चुदाई चली।
फिर उसने पोजीशन बदलवा दी।

अब दीदी के ऊपर मैं आ गया था और मेरे ऊपर जतिन आ गया था।
चुदाई फिर से चालू हो गई।

दस मिनट तक चोदने के बाद जतिन एकदम से तेजी से चोदने लगा और मेरी गांड में उसने माल छोड़ दिया।

इससे मैं भी बहुत उत्तेजित हो गया और दीदी को चोदते हुए उसकी चूत में झड़ गया।

इसी तरह से मजे लेते हुए हमने रात में तीन बार चुदाई की।

इस चुदाई के जतिन बहुत खुश हो गया।
उसने दीदी के साथ मेरा भी प्रोमोशन कर दिया।

इस तरह से हम भाई-बहन ने चुदाई को तरक्की की सीढ़ी बनाया।

तो दोस्तो, आपको मेरी और मेरी Xxx सिस की चुदाई स्टोरी कैसी लगी मुझे जरूर बताना!
आप कहानी के बारे में अपनी राय देना न भूलें।

मेरी Xxx सिस चुदाई कहानी के बारे में आप ईमेल में मैसेज कर सकते हैं।
साथ ही कहानी के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में भी अपने विचार रख सकते हैं।
मुझे इंतजार रहेगा।
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