दो लड़कियों को एक साथ चोदा

टू गर्ल्स पोर्न कहानी में एक जवान लड़की से मेरी दोस्ती हुई. उसने मुझे अपने घर बुलाया सेक्स के लिए. मैं उसे चोद रहा था कि दरवाजे पर कोई आ गया.

हाय दोस्तो, मैं राज एक बार फिर आप लोगों के लिए अपनी सेक्स कहानी लेकर आया हूं.

जैसा कि आपने मेरी पिछली सेक्स कहानी
अमीर महिला की चुत शिमला में चोदी
पढ़ी और मज़ा लिया, आशा करता हूँ कि ये टू गर्ल्स पोर्न कहानी भी आपको काफी पसंद आएगी.

मेरी यह चुदाई की कहानी दो लड़कियों के साथ की पहली चुदाई की यानि फुल ऑन सेक्स की है.

आइए आपको बताता हूँ कि कैसे मैंने दोनों को एक साथ चोदा.

मेरी टू गर्ल्स पोर्न कहानी पढ़ने से पहले अपने कपड़े उतार लें फिर पढ़ें, बहुत मज़ा आएगा!

इस सेक्स कहानी में मैंने दो लड़कियों के साथ एक साल तक सेक्स किया और पूरा मज़ा लिया.
फिर उनकी शादी हो गई लेकिन अब भी मैं उन दोनों से कभी-कभी चुदाई कर लेता हूँ.

जब भी वे दोनों अपने मायके आती हैं तो मुझसे चुदे बिना नहीं रहती हैं.

उनमें से एक का नाम संगीता था और दूसरी का नाम सुमन.

संगीता को मैं बहुत पहले से जानता था.
हम कई बार मिले, पर कभी सोचा नहीं था कि ऐसा भी होगा.

संगीता ने वीआईपी रोड पर एक फ्लैट किराए पर लिया हुआ था.
उधर ही उसने मुझे बुलाया.

संगीता फ्लैट में मेरा इंतज़ार कर रही थी.

जब मैं फ्लैट में गया तो संगीता काली पैंट और लाल शर्ट में गेट पर मेरा स्वागत करने खड़ी खड़ी मुस्कुरा रही थी.

मैं एक बार तो उसे देखता ही रह गया … क्या माल लग रही थी!
ऐसा लगा जैसे कोई अप्सरा धरती पर उतर आई हो!

उसने मुझे हैलो बोला और मैं उसकी हैलो का जबाव दिए बिना बस उसे देखता ही रहा.

वह भी कुछ नहीं बोली, बस मुस्कुराती रही.

संगीता का फिगर 32-28-34 वाला था.
क्या माल लग रही थी वह …

सच कह रहा हूँ कि उस वक्त जो कोई भी उसे देखता, तो बस देखता ही रह जाता और उसका हाथ सीधे अपने लंड पर चला जाता.

संगीता के बड़े-बड़े दूध देखकर सच में मेरा दिल खुश हो गया था.

मैंने संगीता को गेट पर ही अपनी बांहों में खींच लिया और उसके होंठों पर किस करना शुरू कर दिया.
वह भी मेरा पूरा साथ दे रही थी.

जल्द ही हम दोनों फुल मूड में आ गए थे.

मैंने फ्लैट का गेट बंद किया और उसके कपड़े उतारने शुरू कर दिए.

कुछ ही पलों में मैंने उसे ब्रा और पैंटी में कर दिया.
लाल रंग की ब्रा और पैंटी में वह एकदम परी सी लग रही थी.

उसका पेट भी एकदम सपाट था, उस पर उसकी गहरी नाभि मानो मुझ पर न/शा सा बिखेर रही थी.

उसने भी मेरी तरफ देखा और मेरी शर्ट-पैंट उतार दी.
मैं सिर्फ़ चड्डी में आ गया था.

फिर मैंने आगे बढ़कर उसे अपने सीने से लगा लिया.
उसका गोरा-चिट्टा बदन मेरी बांहों में था.

मैंने उसके हर एक अंग को चूमना शुरू किया, पांव से लेकर माथे तक किस किया और उसकी ब्रा-पैंटी भी उतार दी.
उसे पूरी तरह नंगी कर दिया.

वह एकदम ज़हर लग रही थी.
मुझसे खुद पर भी कंट्रोल नहीं हो रहा था.

मैंने उसकी चूत पर हाथ फेरा.
आह … एकदम क्लीन करके आई थी, उसकी चूत पर झांट का एक भी बाल नहीं था.

मुझसे रहा न गया, तो मैंने उससे लौड़ा चूसने को कहा.

संगीता पहले तो लौड़ा चूसने से मना करने लगी, पर मेरे बार-बार कहने पर वह मान गई.
मेरे मुँह से ‘आह आह!’ की आवाज़ें आने लगीं.

कुछ ही देर में उसे भी लौड़ा चूसने में मज़ा आने लगा था.
उसने काफी देर तक लौड़ा चूसा और जब मेरे लौड़े ने पानी छोड़ा, तो वह पूरा पानी पी गई.

मैंने संगीता से डांस करने को कहा.
तो वह डांस करने लगी.

संगीता को नंगी नाचती देखकर सच में बड़ा मज़ा आ रहा था.
ज़रा सोचिए कि बिना कपड़ों के लड़की को नाचते देखना कैसा लगता है!

मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कहीं का राजा या महाराजा हूँ और आराम से बैठकर मुजरा देख रहा हूँ.

उसके दूध मस्त उछल रहे थे.
संगीता नाचती हुई मेरे करीब आई और मेरे लौड़े को अपने हाथ में लेकर सहलाने लगी.

मेरा लौड़ा खड़ा हो गया था.

वह मुझे एकदम अप्सरा लग रही थी.
उसके बड़े-बड़े दूध ऊपर-नीचे होते हुए मुझे बेहद मज़ा दे रहे थे.

तभी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया.
मैं डर गया.

संगीता ने टॉवल लपेटा और मैं अपने कपड़े उठाकर साइड में खड़ा हो गया.
मैं परदे के पीछे छुप गया.

संगीता ने दरवाज़े के पीछे से पूछा- कौन है?
आवाज़ आई- सुमन हूँ, यार!

उसने दरवाज़ा खोल दिया और सुमन अन्दर आ गई थी.

सुमन ने अन्दर घुसते ही संगीता को देखा और बोली- क्या बात है? क्या हो रहा था जान? अकेली-अकेली मज़े ले रही थी क्या … मुझे भी बता कौन आया है?

संगीता ने मुझे आवाज़ लगाई- अरे कहां हो?
मैं तो उस वक़्त एकदम नंगा था!

सुमन ने मुझे नंगा देखकर सीटी मारी और बोली- तो ये बात है!
मैं चुप था और माहौल को समझने की चेष्टा कर रहा था.

‘मैं भी शामिल हो जाऊं आपकी पार्टी में?’

बस फिर क्या था, संगीता ने मेरे हाथ से मेरे कपड़े छीन लिए … और उसने अपना टॉवल भी उतार दिया.

अब हम दोनों सुमन के कपड़े उतारने के लिए उस पर टूट पड़े.
देखते ही देखते हमने उसे भी नंगी कर दिया.

सुमन सिर्फ़ ब्रा और पैंटी में थी.
उसने घुटनों पर बैठ कर मेरा लौड़ा मुँह में लिया और चूसने लगी.

ये तो संगीता से भी बेहतर लौड़ा चूस रही थी.
इधर संगीता सुमन के दूध पकड़ कर चूस रही थी.

थोड़ी देर बाद मेरे लौड़े ने सुमन के मुँह में पानी छोड़ दिया.
आधा पानी उसके गले में चला गया और आधा मैंने उसके चूचों पर डाल दिया.

अब हम तीनों आपस में बात करने लगे.

मैं बोला- क्या तुम दोनों बीयर पियोगी?
वे एक साथ बोलीं- हां!

मैं कपड़े पहन कर बाज़ार चला गया.

वहां से मैंने छह बीयर लीं और दवाई की दुकान से एक सेक्स का समय बढ़ाने वाली दवा भी ले आया.
रास्ते में ही मैंने वह दवा खा ली.

जैसे ही मैं कमरे में पहुंचा, दोनों एकदम नंगी थीं.

दोनों ने मेरे हाथ से सामान लिया और सुमन ने मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.

जैल के असर से मेरा लौड़ा और भी बड़ा लग रहा था.
संगीता बीयर गिलास में डाल रही थी, जबकि मैं और सुमन चूमाचाटी कर रहे थे.

फिर हम तीनों ने एक-एक बीयर ख़त्म की और चुदाई शुरू कर दी.

हमें हल्का-हल्का न/शा चढ़ रहा था.

मैंने संगीता और सुमन को घोड़ी बनाया और पीछे से संगीता की चूत में लौड़ा डाल दिया.
वह चिल्ला पड़ी- आह … धीरे जान!

मैंने उसकी बुर से लौड़ा निकाला और सुमन की चूत में डाल दिया.

वह भी मेरे मूसल लंड से चिल्ला दी- उफ्फ़ … कितना अन्दर तक पेल दिया आह!

अब मैं कभी संगीता की चूत में, तो कभी सुमन की चूत में लौड़ा डालता रहा.

सचमुच ऐसा करते हुए मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था.
मैं पीछे से ही आगे हाथ बढ़ा कर उनके उछलते दूध पकड़ता रहा.

दोनों के दूध लाल हो गए थे पर मेरा लंड अभी शांत नहीं हुआ था.

यह दवा का असर था.

वे दोनों एक-एक बार झड़ चुकी थीं.

मैं अभी भी उन्हें चोदे जा रहा था.
फिर मैंने सुमन को सीधा किया और लौड़ा उसकी चूत में डाल दिया.

उसने तो टांगें हवा में उठा लीं, पर जैसे ही मैंने संगीता की चूत में लौड़ा डालने की कोशिश की, जोश में लौड़ा सीधा उसकी गांड में चला गया.

वह रोने लगी- आह गलत जगह पेल दिया आपने आह निकालो इसे!
मैंने सोचा कि अब लंड तो नहीं निकलेगा इसकी गांड चोदने का मजा ही ले लेता हूँ.

सुमन ने संगीत के दूध चूस कर उसको चुप कराया और गांड चुदाई में साथ दिया.
थोड़ी देर में मैं झड़ गया.

फिर हम तीनों ने खाना खाया, जो संगीता ने अपने हाथों से बनाया था.

खाना खाकर हम तीनों लेट गए.
एक तरफ़ सुमन, दूसरी तरफ़ संगीता और बीच में मैं.

सुमन ने मेरे लौड़े को फिर से चूस कर खड़ा कर दिया और मेरे लौड़े के ऊपर बैठ गई.

संगीता को यह देखकर जोश आ गया और वह अपने दूध मेरे मुँह में देने लगी.

थोड़ी देर बाद सुमन झड़ गई, पर मेरा नहीं हुआ था.

जैसे ही वह मेरे ऊपर से हटी, संगीता बोली- इसकी गांड में भी डालो ना!
मैंने सुमन को बिस्तर पर घोड़ी बनाया और अपना लौड़ा सीधा उसकी गांड में डाल दिया.

वह चिल्लाने लगी- निकालो इसको!
पर मैं रुकना नहीं चाहता था.

संगीता सुमन की चुत को चूसने लगी.
थोड़ी देर में वह झड़ गई.

मेरा अभी हुआ नहीं था, मैं उसकी गांड मारता रहा.
काफी देर तक गांड मारने के बाद मैं भी झड़ गया.

फिर मैं संगीता के दूध दबाने लग गया.
जिससे मेरा लौड़ा फिर खड़ा हो गया.

संगीता ने मेरा लौड़ा चाटकर फुल कड़क कर दिया.

मैंने धीरे-धीरे संगीता की चूत में लंड डालना शुरू किया.
संगीता मदभरी सिसकारियां भरने लगी- ओहह राज … क्या लंड है आपका … साला थकता ही नहीं है … आह बिल्कुल लोहे की रॉड जैसी घुसा दी है … आआह!

कुछ ही शॉट लगने से संगीता की आवाज़ बदल गई- आह उम्म्मा … उम्म्म … मज़ा आ रहा है … आह जरा ज़ोर से!

मेरा पूरा लौड़ा चूत में खपाखप अन्दर-बाहर होने लगा था.
मैं संगीता के दूध के चूचुक चूस रहा था.

पूरे कमरे में हम दोनों की चुदाई की आवाज़ें गूँज रही थीं ‘ओह्ह्ह … आआह्ह … उम्म!’

संगीता ने अपनी दोनों टांगें हवा में उठा दीं और वह मस्त बड़बड़ाने लगी थी- आआह राज … क्या मस्त लंड है … आह आप बस चोदो मुझे … मेरी चूत फाड़ कर रख दो … आह और ज़ोर से!

उसने अपना पानी छोड़ दिया और मुझे कसकर पकड़ लिया, पर मैं उसे चोदे जा रहा था.

थोड़ी देर में ही वह झड़ गई और उसके कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया.
मैंने उसकी चूत में ही पानी निकाल दिया.

इस तरह से हम दोनों का लंबा राउंड चला.

मैंने सुमन से पूछा- आप नाराज़ तो नहीं हो न?
सुमन बोली- नहीं मैं नाराज़ नहीं हूँ! मैं तुमसे बहुत खुश हूँ … तुम्हें जो अच्छा लगे, वही करो!

मैंने उसे मुस्कुरा कर देखा और कहा- मैंने तुम्हारी गांड मार दी थी न इसलिए पूछा.
‘मुझे कोई परेशानी नहीं है, लेकिन एक वादा करो कि तुम हम दोनों को ऐसे ही चोदोगे!’

संगीता ने भी हां में सिर हिलाते हुए मुझसे यही वादा मांगा.

मैंने उन दोनों को एक साथ अपने सीने से लगा कर कहा- जब तक तुम दोनों चाहोगी, मैं तुम्हें चोदूंगा.

थोड़ी देर आराम करने के बाद हम तीनों एक साथ नहाने चले गए.
दोस्तो, सच कहूँ तो नहाने में आज तक इतना मज़ा नहीं आया, जितना आज आ रहा था.

मैं और संगीता बाहर आ गए, पर सुमन नहाती रही.
तब तक मैं संगीता के साथ छेड़छाड़ करता रहा.

इतने में सुमन नहाकर बाथरूम से बाहर निकली.
उसे नंगी देखकर मैंने उसे भी पकड़ लिया.

सुमन बोली- अरे तुम तो फिर से शुरू हो गए! इस बार संगीता के साथ मज़ा लो!
मैंने कहा- कोई बात नहीं, उसे भी चोद दूँगा! चलो, मेरा मूड बन गया है, जल्दी से एक राउंड हो जाए.

मैंने उसे चूमना शुरू किया.
सुमन भी गर्म थी, उसने भी साथ देना शुरू कर दिया.
हम दोनों ने एक राउंड पूरा किया और फिर अलग हो गए.

आप सब यही सोच रहे होंगे कि मैंने क्या किस्मत पाई है.
दो-दो पटाखे साथ में … दोनों के बारे में सोचकर सबके लौड़े खड़े हो गए होंगे!

फिर सुमन का मोबाइल बजा, उसके घर से फोन आ रहा था.
वह कपड़े पहन कर चली गई.
अब मैं और संगीता ही बचे थे.

सुमन के जाते ही मैंने संगीता को बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी टांगों पर चूमने लगा.

वह पूरी नंगी थी, तो बड़ा मज़ा आ रहा था.

इसके कारण मेरा लौड़ा हवा में फनफना रहा था.
उसे देखकर संगीता की जीभ लपलपाने लगी.

काफी देर तक मेरा लौड़ा चूसने के बाद संगीता बोली- राज, प्लीज़ अपना लौड़ा मेरी चूत में डालो. काफी दिनों बाद ऐसा मज़ा मिला है … प्लीज़, जल्दी अन्दर लंड डालो न!

कमाल का मज़ा आ रहा था यार!
मैं फिर से चुदाई की पोजीशन में आया और संगीता की चूत पर लंड घिसने लगा.
उसने अपनी टांगें फैलाकर चूत खोल दीं.

मैं धीरे-धीरे लौड़े को अन्दर बाहर करते हुए पेलने लगा.
संगीता मादक सिसकारियां भर रही थी- आआह राज क्या मस्त लंड है आपका! डाल दो पूरा एक ही बार में … और फाड़ दो मेरी चूत को … आह!

यह सुनकर मैंने एक ही बार में पूरा लंड संगीता की चूत में डाल दिया.

संगीता जोर से चिल्ला उठी- आआह आआह राज … चोद दी मेरी … आआहहह फाड़ दी भोसड़ी मेरी!

वह ऐसा बोलकर माहौल को और कामुक कर रही थी.

थोड़ी देर बाद संगीता की आवाज़ें बंद हो गईं.
अब उसके मुँह से सिर्फ़ गूँ-गूँ की आवाज़ें आ रही थीं.

मैं संगीता की ताबड़तोड़ चुदाई कर रहा था और बोल रहा था- आज तो तेरी चूत फाड़कर इसका भोसड़ा बना दूँगा! तुम भी क्या याद करोगी कि क्या यार मिला है!

संगीता गांड उठाकर चुदाई का मज़ा ले रही थी और कह रही थी- आह हां … वह बात तो है राज! आपके लौड़े में दम है!
मैं ‘हुम हुम’ करके उसकी चुत फाड़ने लगा था.
और वह बड़बड़ा रही थी- मेरी किस्मत अच्छी थी जो आपका लौड़ा मेरे भाग्य में आया है … आआ आह्हह, और जोर से राज … फाड़ दो आज मेरी चूत को … कुतिया बनाकर चोदो मुझे … आह … फाड़ दो!

मैं भी गाली देते हुए उसे पेल रहा था- हां साली रंडी … ले लौड़े का मजा ले हरामजादी … कुतिया!

‘आह आज दिखा दो अपनी ताकत … आज मेरी चूत का वह हाल करो कि ज़िंदगी भर बस आपका नाम लूँ … फाड़ दो आआआहह … ये चूत बहुत परेशान करती है!’

मैंने अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर एक जोर का झटका संगीता की चूत में मारा.
वह चिल्ला उठी क्योंकि मैंने एक बार में ही पूरा लौड़ा चूत में डाल दिया था.

संगीता बोली- आआह … उई मां … मेरी चूत राज … धीरे करो न … मेरी चूत फाड़ दी आपने!
मैंने कहा- हां संगीता … आज तुम्हारी चूत फाड़ दूँगा!

मैं उसे जोर-जोर से चोदने लगा और वह ‘राज, राज!’ चिल्लाती रही.
संगीता के शोर को रोकने के लिए मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर चिपका दिए और उसे ताबड़तोड़ चोदने लगा.

मैं बीस मिनट तक चोदता रहा.
संगीता का हो गया था और वह लेटी रही.
मैंने चूत में लंड डाल रखा था. कुछ मिनट और चोदने के बाद मैं भी झड़ गया.

मैं दोनों की चुदाई के बाद काफी थक गया था.
मैंने कहा- मुझे एक बार और चाहिए … क्या तुम दे सकती हो?’

संगीता ने ‘न-न-न!’ करते हुए कहा.
पर वह मेरे बार-बार कहने पर मान गई.
वह बोली- हां ठीक है, कर लो! इसके बदले में मुझे एक वादा चाहिए, वह आपको करना होगा!

मैंने कहा- हां, मंज़ूर है!

उसने कहा- तुम जब तक मेरी और सुमन की शादी नहीं हो जाती, हमको ऐसे ही चोदोगे!
मैंने कहा- वादा है जी!

उस दिन मैंने कुल मिलाकर बहुत बार सेक्स किया.

संगीता अगर अकेली होती तो रो पड़ती, पर दो थीं, तो बात संभल गई.
कसम से, इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया.

मैंने बहुत सी लड़कियों के साथ सेक्स किया, पर इसके आगे क्या हुआ, वह फिर कभी लिखूंगा.

आप सब प्लीज मुझे मेल करते रहें कि आपको मेरी ये टू गर्ल्स पोर्न कहानी कैसी लगी.
जल्दी ही मैं आगे बहुत सी कहानियां लिखूंगा.
आपका अपना डॉक्टर राज सिंगला चंडीगढ़ से.
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