ग्रुप सेक्स करने की चाह में 3 लंड से चुदी- 3

स्लट सेक्स कहानी में मैं 4 बॉयफ्रेंड बदल कर चालू माल बन चुकी थी. अब मुझे हर पल लंड की जरूरत थी. एक दिन मेरा नया यार मुझे अपने दोस्त से चुदवाने ले गया.

कहानी के दूसरे भाग
नए यार ने अपने दोस्त के लंड पर चढ़ा दिया
में आपने पढ़ा कि मैंने अपने बॉयफ्रेंड और उसके दोस्त के साथ एक साथ चुदाई कर ली थी. हम लोग दूसरे राउंड की तैयारी में थे कि बॉयफ्रेंड के दोस्त का भाई कमरे पर आ गया.

अब आगे स्लट सेक्स कहानी:

यह कहानी सुनें.

मैंने मेरे कपड़े पहन लिए।

हम दोनों नीरज के जाने का इंतजार कर रहे थे।
मैं और फलित दोनों टेंशन में थे।

तभी बाहर से नीरज की आवाज़ सुनाई दी।
वो रोमिल से पूछ रहा था- तेरा वो दोस्त कहाँ गया? अभी थोड़ी देर पहले तो यहीं था।

रोमिल ने उसे झूठ कहा़ कि वो चला गया।

नीरज ने रोमिल से पूछा- देख, सच बता यहां क्या हो रहा है। तेरे दोस्त के जूते बाहर ही हैं।
रोमिल फंस गया और उसने बोल दिया वो बाथरूम गया है।

फलित ने मुझे इशारे में कहा़- तुम यहीं रुको, मैं बाहर जा कर संभालता हूं।

फलित बाथरूम से बाहर गया।
मैंने बाथरूम का दरवाज़ा बंद कर दिया।

नीरज ने फलित से कहा़- इसने झूठ बोला और ये पकड़ा गया। अब तू बता यहां क्या हो रहा हैं। इसने झूठ क्यूं कहा़?
फलित के पास कोई जवाब नहीं था।

फलित ने झूठ बोलने की कोशिश की लेकिन नीरज को यकीन था कि कुछ तो चल रहा हैं।

इसलिए नीरज ने सीधे सीधे उन दोनों से बात की।

नीरज ने फलित और रोमिल से पूछा- झूठ मत बोलो तुम दोनों! बाहर एक लड़की के सैंडल हैं। मैं थोड़ी देर पहले आया था तो यहां सोफे के नीचे एक हरे रंग की लड़की की पेंटी थी। अभी जब आया तो रोमिल को दरवाज़ा खोलने में बहुत वक्त लगा। तुम दोनों ने किसी कॉल गर्ल को घर पर बुलाया हैं। कहा़ है वो रंडी? बेडरूम में तो कोई भी नहीं है।

तभी रोमिल ने कहा- नहीं भाई, यहां कोई नहीं है. बस मेरा दोस्त अपनी गर्लफ्रेंड को साथ लाया था। अब वो चली गई है।
नीरज ने रोमिल से कहा़- तो बाहर सैंडल तेरी मम्मी की हैं?

नीरज ने उन दोनों को डरा दिया और उनसे सच बुलवा लिया।
रोमिल ने सब सच बता दिया।

फिर नीरज ने फलित से कहा़- कहाँ है तेरी दोस्त, बाहर बुला उसे!

फलित बाथरूम के पास आया और बोला- बाहर आ जाओ। कुछ नहीं होगा, डरने की कोई बात नहीं है।
मैं भी जानती थी अब कोई रास्ता नहीं है तो मैं भी बाहर आ गई।

मैं तो नज़र उठाकर सामने देख ही नहीं रही थी.
लेकिन नीरज मुझे ही घूर रहा था।

मेरे बाहर आते ही नीरज ने मुझे कहा- तुम अंदर रूम में जाओ।

फिर उसने पहले रोमिल को खूब डांटा फिर फलित को डांटने लगा।

थोड़ी देर बाद नीरज रूम के अंदर आया और मुझे भी डांटने लगा और लेक्चर झाड़ने लगा।
वो मुझे डराते हुए पूछने लगा- कहा़ रहती हो तुम, चलो मैं तुम्हे घर छोड़ने आता हूं और तुम्हारे पापा को सब बताता हूं।

मैं सच में थोड़ा डर गई और रोने लगी।
फलित रूम में आया और नीरज से माफी मांगने लगा।

रोमिल ने भी फलित का साथ देते हुए माफी मांगी।

नीरज थोड़ा सा नरम पड़ गया था।
लेकिन बहुत लेक्चर झाड़ रहा था।

मुझे रोती हुई देखकर उसने कहा़- जाओ अपना मुंह धो लो. और चलो मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं।

मैं बाथरूम में गई और अपना मुंह धो रही थी।

तभी मुझे ख्याल आया कि बचना है तो इसको पटाना पड़ेगा।
वैसे देखने में तो अच्छा खासा हैंडसम है। और मैं तो स्लट बन ही चुकी थी.

मैंने बाथरूम से फलित को आवाज़ लगा कर बुलाया।

तो नीरज बाहर से चिल्लाते हुए बोला- वो नहीं आएगा, तुम्हीं बाहर आ जाओ।
मैंने फिर से फलित को आवाज़ लगाई।

मैंने तीन से चार बार फलित को आवाज़ लगाई तो वो अंदर आ गया।
मैंने उसे कहा़- अब क्या करेंगे?

फलित ने कहा- सोरी यार, मैं उसे समझाने की कोशिश करता हूं।

मैंने फलित से कहा़- मेरे पास एक रास्ता है।
फलित ने मुझसे पूछा- क्या रास्ता है?

मैंने फलित को कहा़- वो जैसे मुझे देख रहा था, वो देखकर लगता था कि वो मुझ में इंटरेस्टेड है। मैं उसे पटाने की कोशिश करती हूं।

फलित ने मुझे कहा़- हां यार, अगर तू उसे पटा लगी तो सब ठीक हो सकता है।

फलित ने थोड़ा टेंशन में मुझे पूछा- लेकिन तू उसको पटा सकेगी?
मैंने मुस्कुराते हुए फलित से कहा़- तुम बाहर जाओ, मैं अभी आती हूं। बस तुम देखते रहना कैसे मैं उसे उसको पटाती हूं।

फिर फलित बाहर चला गया।

नीरज ने चिल्लाते हुए कहा- कितना वक्त लगेगा तुम्हें बाहर आने में?
मैं ठीक से फ्रेश हो कर बाहर गई।

नीरज वहीं सोफे पर बैठा हुआ था।
रोमिल और फलित उसके अगल बगल खड़े थे।

नीरज बोला- चलो मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं. कहाँ रहती हो तुम?
मैं धीरे धीरे सोफे की तरफ़ आगे बढ़ी।

नीरज सोफे से उठकर खड़ा होने लगा था।
मैंने जान बूझकर गिरने का नाटक किया और मैं नीरज के ऊपर गिरी।

नीरज ने कहा- संभल कर चलो।
उसके हाथ मेरी कमर पर आ गए।

वो मुझे कमर से पकड़कर खड़ी होने के लिए मदद कर रहा था।
मैंने अपना हाथ उसके लन्ड पर रखा और उसका लन्ड दबा लिया।

उसका लन्ड खड़ा था और मैंने उसे सोरी बोलते हुए उसके हाथ पकड़ कर मेरी कमर पर लपेट दिए।

नीरज कुछ बोलने की कोशिश कर रहा था और मैंने उसके होंठों पर मेरे होंठ रख कर किस कर दिया।

नीरज सोफे पर बैठा हुआ था.
मैंने उसके गले में मेरी बाहें डाल दी और उसके होंठों पर किस करने लगी।

मैंने ही उसके हाथ मेरी कमर पर लपेट दिए थे।
उसका भी तो खड़ा हो गया था।

जब लन्ड खड़ा हो और हॉट लड़की गोद में बैठी हों तो कोई भी मर्द का खुद को कैसे संभाल सकता है।

मैं उसे होंठों पर किस कर रही थीं और वो भी मुझे किस करने लगा था।

नीरज भी चूदाई के लिए गरम हो रहा था।
फलित और रोमिल वहाँ से दूसरे कमरे में जाने लगे।

मैंने नीरज को किस करते हुए फलित को रुकने का इशारा किया और वो दोनों भी वहीं रुक गए।

मैं नीरज के होंठों पर किस करते हुए उसकी पैन्ट के ऊपर से उसके लन्ड को पकड़ कर दबा रही थी।
उसका लन्ड पूरी तरह से खड़ा हो गया था।

नीरज भी गरम हो गया था और मुझे किस करने लगा था।
वो भी अपने हाथ मेरी कमर पर लपेट कर मेरे बदन को मसलने लगा था।
फलित और रोमिल सिर्फ देख रहे थे।

नीरज को किस करते हुए मैंने नीरज की शर्ट खोल दी और मैं उसको उसकी छाती पर चूमने लगी।

नीरज भी मेरी गांड को पकड़ कर मेरे कूल्हों को दबाने लगा।

फिर मैं खड़ी हो गई और मैंने मेरी कुर्ती उतार दी।
नीरज ने मुझे कहा़- यू स्लट … ब्रा भी उतार दे, तेरे दूध बहुत बड़े हैं।

मैंने उसकी तरफ स्माइल करते हुए मेरी ब्रा उतार दी।

मेरे बड़े बड़े बूब्स को देखकर नीरज खुद को रोक नहीं पाया और वो भी सोफे से खड़ा हो गया।
फिर उसने मेरी कमर में अपना हाथ डालकर मेरे बूब्स को चूसना चालू कर दिया।

नीरज मेरे बूब्स को बारी बारी चूस रहा था और मैंने फलित को मेरे पास आने का इशारा किया।
फलित मेरे पास आकर खड़ा हो गया और मैं उसके लन्ड को पकड़ कर मसलने लगी।

तभी अचानक से रोमिल मेरे पीछे आके खड़ा हो गया और मुझे चिपक कर खड़ा हो गया।
रोमिल का लन्ड मेरी गांड पर छू रहा था। उसका भी खड़ा हो गया था।

रोमिल ने मेरी सलवार को नीचे कर दिया और वो मेरी पैंटी में अपना हाथ डालकर मेरी चूत को रगड़ने लगा। मेरी चूत गीली हो गई थीं और मैं बहुत ही गरम हो चुकी थी।

थोड़ी देर बाद तीनों ने मुझे एक पल के लिए छोड़ा और मैंने मेरी गीली पैंटी उतार दी। मैं स्लट बनकर उन तीनों के बीच में नंगी खड़ी थी। फिर उन तीनों ने अपने पूरे कपड़े उतार दिए और नंगे हो गए।

नीरज, फलित और रोमिल तीनों के लन्ड तन कर खड़े हो गए थे। मैं उन तीनों के बीच में मेरे घुटनों पर बैठ गई और मैंने पहले नीरज का लन्ड मुंह में ले लिया।

नीरज का लन्ड मुंह में लेकर मैं उसे चूसने लगी। तभी रोमिल मेरे करीब आया और उसने अपना लन्ड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। मैं उसके लन्ड को हिलाने लगी।

वो देख कर फलित भी मेरे करीब आ गया और उसने भी अपना लन्ड मेरे दूसरे हाथ में पकड़ा दिया। मैं दोनो हाथो में एक एक लन्ड को पकड़ कर हिलाते हुए नीरज का लन्ड चूस रही थीं।

थोड़ी देर बाद मैं तीनों के लन्ड को बारी बारी मुंह में लेने लगी और बारी बारी सबके लन्ड को पकड़ कर हिला रही थीं। मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था।

मैंने करीब बीस मिनट तक बारी बारी तीनों के लन्ड को मुंह में लेकर चूसा था। उसमे सबसे ज्यादा मैंने नीरज का लन्ड मुंह में लिया था।

नीरज का लन्ड मेरी चूदाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया था। उसका लन्ड भी मेरे थूक से चिकना हो गया था और मेरी चूत भी चुदने के लिए तड़पने लगी थी।

फिर नीरज ने मुझे खड़ा किया और मुझे बेडरूम में ले गया। फलित और रोमिल भी बेडरूम में चले आए। बेडरूम में जाते ही नीरज ने मुझे बिस्तर पर लेटा दिया।

फिर नीरज ने मेरे पैरों को फैला कर मेरी चूत में अपना लन्ड डाल दिया। नीरज का आधा लन्ड एक ही झटके में मेरी चूत में चला गया।

फिर नीरज ने मेरे पैरों को अपने कंधो पर रख दिया और वो मेरी चूत में अपना लन्ड डाल कर मुझे चोदने लगा। फलित मेरी दाई तरफ आ कर मुझे अपना लन्ड मुंह में देने लगा।

रोमिल मेरी बाईं तरफ आ गया और उसने अपना लन्ड मेरे हाथ में पकड़ा दिया। फलित और रोमिल मेरे बूब्स को दबाने लगे थे और नीरज मुझे जोर जोर से चोद रहा था।

थोड़ी देर बाद रोमिल ने मुझे कहा मेरा भी चूस। और मैं बारी बारी फलित और रोमिल का लन्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। नीरज जोर जोर से मुझे चोद रहा था।

नीरज ने करीब पन्द्रह मिनट तक लगातार मेरी चूदाई की। मेरी चूत ने दो बार पानी छोड़ दिया था और फिर नीरज ने भी मेरी चूत में अपना सारा वीर्य निकाल दिया।

नीरज ने अपना वीर्य निकालने के बाद मेरी चूत से अपना लन्ड बाहर निकाला और कहा, क्या मस्त माल है बड़ा मज़ा आया चोदने मे।

नीरज ने अपना लन्ड निकालते ही रोमिल सीधा हो कर मेरे बगल में लेट गया और कहा़, आजा अब मेरे लन्ड की सवारी कर ले थोड़ी देर।

रोमिल का लन्ड भी खड़ा होकर मेरी चूत में घुसने के लिए तैयार था।
मैं धीरे से रोमिल के ऊपर चढ़ गई और मैंने मेरी चूत को उसके लन्ड पर सेट किया।

रोमिल के लन्ड पर चूत को सेट करने के बाद मैं धीरे धीरे उसके लन्ड पर दबाने लगी।
धीरे धीरे मेरी चूत ने रोमिल का पूरा लन्ड निगल लिया।

रोमिल का पूरा लन्ड मेरी चूत में चला गया था और वो नीचे से उछल उछल कर मेरी चूदाई करने लगा था।
मेरे मुंह से आह्ह्ह आह्ह्ह्ह करते हुए सिसकियां निकल रही थीं।

मैं फलित के लन्ड को मुंह में नही ले पा रही थीं। मैंने एक हाथ से फलित का लन्ड पकड़ा हुआ था। मेरे बूब्स ऊपर नीचे उछल कूद कर रहे थे।

थोड़ी ही देर में नीरज मेरे पास आया और मेरे बूब्स को दबाने लगा।
मैंने उसे कहा, अभी मत दबाओ लेकिन वो मेरे बूब्स को दबाने लगा।

उसने भी मेरे एक हाथ में अपना लन्ड पकड़ा दिया।
मेरा बैलेंस बिगड़ने लगा था और मैं रोमिल के ऊपर से नीचे उतर गई।
रोमिल ने मेरे पैरों को फैला कर मेरी चूत में अपना लन्ड डाल दिया।

रोमिल से चुद्ते हुए मैं फलित और नीरज के लन्ड को मुंह में ले रही थी।
थोड़ी देर में रोमिल ने भी मेरी चूत में अपना सारा वीर्य निकाल दिया।

रोमिल के बाद फलित ने भी मेरी चूत में अपना लन्ड डाल कर मुझे चोदना चालू किया।
फलित से चुद्ते हुए मैं नीरज का लन्ड चूस रही थीं।

नीरज का लन्ड भी खड़ा हो गया था और मुझे दुबारा चोदना चाहता था। फलित ने भी मुझे दस मिनट से ज्यादा चोदा और जब उसका वीर्य निकलने वाला था तो उसने अपना लन्ड मेरे मुंह में दे दिया।

फलित ने अपना सारा वीर्य मेरे मुंह में दे दिया। मैं उसका सारा वीर्य निगल गई। तीनों ने मुझे जमकर बहुत चोदा, उनसे चुदने में मुझे भी बहुत मज़ा आया था।

उस दिन मैं दो से चुदने गई थीं लेकिन दो के बदले मुझे तीन लन्ड मिले।
उस दिन फलित और रोमिल से चार बार और नीरज से मैं तीन बार चूदी थी।

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