सेक्सी सिस्टर Xx स्टोरी में मुझे पता था कि मेरी दीदी को लंड का शौक है. वे हर किसी से चुद जाती हैं. एक बार मैं दीदी के साथ ट्रेन में था. तो दीदी को पास बैठे लड़कों ने पटा लिया.
दोस्तो, मैं इस सेक्स कहानी में सभी पात्रों के नाम काल्पनिक लिख रहा हूँ.
पर ये सेक्स कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है.
यह सेक्सी सिस्टर Xx स्टोरी मेरी दीदी की चुदाई की है जिसमें मैं आपको बता रहा हूँ कि कैसे तीन लोगों ने मिलकर मेरी दीदी को चलती ट्रेन में चोदा और चोद चोद कर उनकी चुत का भोसड़ा बना दिया.
मेरे घर में मम्मी पापा, मैं और मेरी बड़ी दीदी रहती हैं.
मेरी उम्र 18 साल है और मेरी दीदी की उम्र 23 साल है.
वे बीएड के एंट्रेन्स एग्जाम की तैयारी कर रही हैं.
दीदी का नाम काजल है और उनकी हाइट साढ़े पांच फिट की है.
मेरी दीदी का रंग एकदम दूध सा गोरा है और उनका फिगर 34-30-36 का है.
उनकी बड़ी बड़ी चूचियों को देख कर ऐसा लगता है मानो अभी ही पकड़ कर चूस लूँ.
चूचियां चूसने के बाद मन करता है कि उनकी गांड मार लूँ.
सच में मेरी दीदी की मटकती गांड को देख कर पूरे मुहल्ले के सभी लौंडों के लंड खड़े हो जाते हैं.
एक मजे की बात यह है कि मेरी दीदी को मेरे पापा और उनके एक दोस्त अंकल दोनों चोद चुके हैं.
वे बड़ी वाली चुदक्कड़ रांड हैं.
दीदी की पापा से चुदने वाली सेक्स कहानी मैं कभी बाद में बताऊंगा, अभी जो कहानी लिख रहा हूँ … उसी का मजा लेते हैं.
ये उस समय की बात है, जब दीदी का एंट्रेन्स एग्जाम दिलाने आगरा जाना था.
हम लोग बनारस में रहते थे.
पापा की सरकारी जॉब थी, जिस वजह से उनको छुट्टी कम ही मिल पाती थी और मम्मी इतनी पढ़ी लिखी नहीं थीं कि उन्हें एग्जाम दिलाने दीदी के साथ भेजा जा सके.
इसलिए पापा ने मुझे दीदी के साथ उनके एग्जाम दिलाने जाने के लिए बोला.
मैंने कॉलेज से एक दिन की छुट्टी ले ली और दीदी के साथ जाने की तैयारी कर ली.
दीदी का एग्जाम संडे को था, पर सेकेंड मीटिंग में होना था.
इस वजह से हमें मंडे को आने में देरी हो जाने वाली थी.
इसी कारण से मैंने एक दिन की छुट्टी ले ली थी.
पापा ने सेकेंड क्लास एसी में दो टिकेट्स बुक कर दीं और हम लोग जाने के लिए तैयारी करने लगे.
हमारी ट्रेन रात को 11:30 में थी.
उस दिन दीदी ने सफेद रंग का सलवार सूट पहना था जिसमें से उनकी लाल कलर की ब्रा एकदम साफ दिख रही थी.
क्या गजब के फूले हुए दूध ब्रा में से साफ दिख रहे थे.
उनके दूध देख कर तो ऐसा लग रहा था कि बस अभी टूट पड़ू.
मेरी दीदी भी इतनी बड़ी चुदक्कड़ रांड है कि क्या ही कहूँ … साली ने जानबूझ कर ऐसी ड्रेस पहनी थी और मुझे उनकी इस रांडपना की जानकारी ही नहीं थी कि ये मेरी बहन कितनी बड़ी छिनाल लड़की है.
मम्मी ने रात का खाना बनाया और हम लोग खाना खाकर जाने के लिए तैयार हो गए.
पापा अपनी नाइट ड्यूटी पर गए हुए थे.
उन्होंने हमारे स्टेशन जाने के लिए ओला कैब बुक कर दी थी.
ओला वाला ठीक साढ़े दस बजे घर आ गया.
हम दोनों ओला कैब में बैठ गए.
ओला वाले की नज़र भी मेरी दीदी की चूचियों पर ही अटकी थी.
वह व्यू मिरर में से दीदी की चूचियों को ही देख रहा था.
शायद दीदी ने उसकी कामुक नजरों को भांप लिया था तो वे अपनी चुनरी को अपने मम्मों से काफी नीचे लेकर उसको अपने गहरे गले वाले कुर्ते से दूध की झांकी दिखाने लगी थीं.
कार चल पड़ी.
आगे स्पीड ब्रेकर आने पर कार वाले ने एकदम से ब्रेक लगाए तो मेरी दीदी की चूचियां एकदम से उछल गईं और मेरी दीदी उनको अपने हाथों से पकड़ कर गले से बाहर आने रोकने की कोशिश करने लगीं.
कुछ देर बाद स्टेशन अ गया और हम दोनों नीचे आ गए.
मैंने अपना सामान उतार लिया ओर स्टेशन की ओर चलने लगे.
तभी पापा का मैसेज आया.
उसमें हमारा टिकट था.
मेरी सीट साइड अपर थी और दीदी की मेरे जस्ट सामने लोवर बर्थ थी.
हम लोग ट्रेन के समय पर स्टेशन पहुंचे थे.
हमारी ट्रेन बस आने ही वाली थी.
ट्रेन एक स्टेशन पहले से चलती थी तो यह उसका पहला स्टॉप था.
हम दोनों को चॉक्लेट खाना बहुत पसंद थी तो दीदी ने सिल्क वाली दो चॉक्लेट खरीदीं और ट्रेन के आने की राह देखने लगे.
कुछ ही पलों में ट्रेन भी आ गई.
ट्रेन चूंकि अभी चली ही थी तो बिल्कुल खाली थी.
कुछ लोग ही होंगे जो ट्रेन में बैठे थे.
हम लोग अपनी बोगी में चढ़ गए और सामान सैट कर लिया.
मैं दीदी की सीट पर बैठ गया.
अभी तक तो सारी सीटें खाली ही थीं तो कोई दिक्कत ही नहीं थी, जिधर मर्जी बैठ जाओ.
थोड़ी देर में हमारे सामने वाली सीट में तीन लोग आकर बैठ गए. बाद में मालूम हुआ कि वे तीनों भी आगरा ही जा रहे थे.
वे लोग आगरा घूमने जा रहे थे.
अब ट्रेन चल पड़ी और हम सभी शांत बैठे.
वे तीनों हमारे सामने बैठे हुए थे और आपस में बात कर रहे थे.
उनकी बातों से मालूम चल गया था कि वे तीनों आपस में दोस्त थे व शादीशुदा थे.
उन मर्दों की उम्र अंदाजन 35 – 40 की थी.
ट्रेन लेट हो गयी थी और साढ़े बारह पर तो बनारस से ही चली थी.
आज ट्रेन एकदम खाली थी. किस वजह से थी, यह मालूम नहीं हो सका था.
सामने बैठे वे तीनों मर्द मेरी दीदी की चूचियों को ही देखे जा रहे थे और आपस में गुपचुप गुपचुप भाषा में मेरी दीदी की जवानी की चर्चा कर रहे थे.
तभी मैंने देखा कि एक मर्द अपना लंड सहलाने लगा था.
उस वक्त ट्रेन रुक गई थी तो वह बोला कि लगता है, रेड सिग्नल होने की वजह से ट्रेन रुक गई है.
फिर इसी बात पर चर्चा होने लगी तो उन तीनों में से एक ने मुझसे पूछा- आप लोग कहां जा रहे हो?
तो मैंने कहा- आगरा और आप?
उन्होंने कहा- हम लोग भी आगरा जा रहे हैं … ताज महल देखने. क्या तुम लोग भी घूमने जा रहे हो?
इस बार दीदी ने जवाब दिया कि नहीं उधर मेरा बीएड का एंट्रेन्स एग्जाम है, मैं वही देने जा रही हूँ.
‘अच्छा!’
मुझसे पहले आदमी ने पूछा- तुम्हारा नाम क्या है?
मैंने कहा- रवि.
‘और तुम्हारी दीदी का क्या नाम है?’
मैंने कहा- काजल. और आप लोगों के क्या नाम हैं?
उसने बताया कि मेरा नाम सुरेश है. ये दोनों मेरे दोस्त हैं. इसका नाम महेश है और उसका नाम कैलाश है.
अब से मैं उन तीनों को उनके नाम से ही लिखूँगा.
अब तक रात के 1 बजने का समय हो गया था.
दीदी के ऊपर वाली सीट खाली थी क्योंकि उनका एक दोस्त नहीं आया था.
उन लोगों ने अपने बैग में से पान निकाले और उन्होंने मुझे व दीदी को एक एक पान खिला दिया.
मैंने पान का एक कोना काट कर खाया और बाकी का रख लिया.
मुझे उन लोगों की बातों से मालूम चल गया था कि वे मुझे दवा देकर सुलाना चाहते थे और दीदी को वियाग्रा खिला कर चोदना चाहते थे.
मेरी दीदी भी उन लोगों से बात करने लगी थीं जिससे मुझे समझ आ गया था कि आज मेरी दीदी इन लोगों के साथ मस्ती करना चाहती हैं.
अब मैं अपनी सीट में आकर सोने का नाटक करने लगा.
वे सभी लोग अपनी अपनी सीटों पर लेट कर बातें कर रहे थे.
मैं सुन रहा था.
वे लोग मेरी दीदी से बात कर रहे थे.
तभी सभी लोग एक मूवी देख रहे थे.
उन तीनों में सुरेश बहुत चालू लग रहा था.
उसने शायद कई लड़कियों को चोदा था.
तभी टीटीई आया और सभी टिकेट चेक करके चला गया.
उसी से मालूम हुआ कि आज यह ट्रेन वीकली ट्रेन होने के कारण खाली ही रहेगी.
अब उन लोगों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी थी.
टीटी के जाने के बाद सुरेश ने दीदी से कहा- आपकी शादी हो गयी क्या?
तो दीदी ने हंस कर कहा- नहीं, अभी कहां … अभी तो मैं पढ़ रही हूँ.
तो कैलाश हंसते हुए बोला- बी एफ तो होगा ही.
उसकी बात सुन कर दीदी भी हंस दीं.
शायद वे लोग दीदी से उनकी भरी हुई चूचियों को देख कर जानना चाह रहे थे कि तुम्हारे दूध किसने चूस कर और मसल कर बड़े कर दिए हैं.
तभी दीदी का फोन बंद हो गया तो उनमें से सुरेश ने कहा- क्या हुआ कुछ काम है क्या?
तो दीदी बोलीं- मैं ऑनलाइन क्लास ले रही थी और मेरा फोन बंद हो गया.
अब तक कैलाश अपने ऊपर वाली सीट में आकर लेट गया और सुरेश फ्रेश होने गया था.
जाते वक्त सुरेश ने अपना फोन दीदी को दे दिया.
उसमें उसकी फाइल खुली थी, जिसमें चुदाई के बहुत सारे वीडियो थे.
दीदी अपनी बर्थ में थीं और महेश अपनी बर्थ में खिड़की की तरफ सिर रख कर लेट गया था.
दीदी ने जैसे ही फोन खोला, उसमें वीडियो चल रहा था.
फोन की आवाज़ स्लो थी, जिससे केवल बगल वाला ही सुन सकता था.
दीदी ने 10 सेकेंड तक चुदाई वाला वीडियो देखा और जल्दी से बंद कर दी, पर महेश ने देख लिया था.
फिर दीदी ऑनलाइन क्लास लेने लगीं.
मैं चुपके से देख रहा था.
वह मेरे ठीक सामने ही था.
तभी कैलाश ने महेश से कहा कि तेरा फोन कहां है?
महेश ने इशारा किया.
कैलाश अपनी सीट पर लेट गया जो कि दीदी के ऊपर वाली थी.
वह ऊपर से सब कुछ देख रहा था.
तभी दीदी ने करवट ले ली और चादर ओढ़ ली.
दीदी ने दुबारा से गेलरी खोली और सेक्स वीडियो देखने लगीं.
साथ ही वे अपनी चुत में उंगली करने लगीं.
ये सब सुरेश ओर कैलाश देख रहे थे.
तभी सेक्सी सिस्टर Xx की मादक आवाज़ आई- आहह आह.
बस दीदी झड़ गईं.
अब दीदी जल्दी से उठ कर बाथरूम में चुत साफ करने चली गईं.
पर उन्होंने फोन बंद नहीं किया था.
सुरेश उठा और उसने फोन को देखा तो उसमे सेक्स वीडियो चल रही थी.
तभी वह जान गया और बाथरूम की ओर चल दिया.
दीदी बाथरूम से बाहर निकलीं और दरवाजे पर सुरेश को खड़ा देख कर चौंक गईं.
सुरेश ने कहा- वीडियो में मज़ा आया?
दीदी हंस दीं.
अब वह दीदी के साथ अपनी सीट पर आया तो कैलाश नीचे आ गया था और सामने बैठ गया.
सुरेश दीदी के बगल में बैठ गया.
दीदी ने कहा- पानी होगा?
तो कैलाश ले अपने खड़े लंड की ओर इशारा किया कि हां नल लगा है.
तो दीदी समझ गईं और बोलीं- इतने में कुछ नहीं होगा मुझे बहुत प्यास लगी है.
सुरेश यह सुनते ही समझ गया कि लौंडिया सैट हो गई है और वह दीदी की जांघों पर हाथ फेरने लगा.
दीदी ने कुछ नहीं बोला.
मैं भी समझ गया कि अब आज दीदी की चुदास का मजा लाइव देखने को मिलेगा.
दोस्तो आपको भी मैं अपनी चुदक्कड़ बहन की चुदाई की कहानी को अगले भाग में विस्तार से लिखूँगा.
अब तक की सेक्सी सिस्टर Xx स्टोरी आपको कैसी लग रही है?
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