चुदक्कड़ बहन ने तीन लौड़े लिए ट्रेन में- 2

गन्दी चुदायी स्टोरी में मैंने चलती ट्रेन में अपनी बड़ी बहन को 3 आदमियों से चुदायी करवाते देखा. दीदी बहुत गंदे तरीके से चुदी, उसने लंड चूसे, मूत पिया, गोल्डन शावर लिया.

दोस्तो, मैं आपको अपनी बहन की चुदायी की कहानी सुना रहा था.

कहानी के पहले भाग
मेरी दीदी ट्रेन में 3 लड़कों से सेट हो गयी
में अब तक आपने पढ़ लिया था कि मेरी बहन चलती ट्रेन में तीन मर्दों से चुदने के लिए राजी हो गई थी.
एक ने मेरी दीदी की जांघ पर हाथ फेरना शुरू कर दिया था, जिसका वे बिल्कुल भी विरोध नहीं कर रही थीं.

अब आगे गन्दी चुदायी स्टोरी:

तभी सुरेश ने मेरी बहन के दूध मसलते हुए कहा- बता न तुझे वीडियो देखने में मज़ा आया?
दीदी हंस दीं और इठला कर बोलीं- कौन सा वीडियो?

सुरेश उनके एक दूध को भींचता हुआ बोला- इतनी भी भोली मत बन, देख लिया तो कोई बात नहीं … हमें भी नींद नहीं आ रही थी तो हमने सोचा कि चलो सब साथ में देखते हैं.
दीदी ने हंस कर हामी भर दी.

कैलाश दीदी की दूसरी तरफ़ बैठ गया और सुरेश ने फोन में एक वीडियो चालू कर दिया.
उसमें पहले लड़के लोग लड़की को बैठा कर उस पर पेशाब कर रहे थे.

वे लोग वीडियो देख ही रहे थे कि सुरेश अपने हाथ से मेरी दीदी की चूत सहलाने लगा.
कैलाश दीदी की चूचियों को सहला रहा था और दबा रहा था.

दीदी चुदास से गर्म हो रही थीं और मादक आहें भर रही थीं ‘आहह उ उम्म्म्म.’

तभी महेश भी जाग गया और नजारा देख कर वह भी उनके पास आ गया.

वह भी मूड में आ गया.

उसने सामने बैठ कर दीदी के पैरों को उठाकर अपनी गोदी में रख लिया और सहलाने लगा.

तभी सुरेश ने कहा- क्या मस्त माल हो यार तुम!
उन सभी के लंड खड़े हो गए थे.

सुरेश ने दीदी से कहा- अब बस अब तुम्हें नंगी करके चोदने का मन हो रहा है.

दीदी ने मेरी तरफ इशारा किया.
तो वे बोले वह सो गया है, उसे दवा दे दी है.

अब दीदी हंस दीं और बिंदास हो गईं क्योंकि उनके ऊपर भी वियाग्रा का असर हो चला था.

सुरेश ने दीदी का एक हाथ पकड़ कर अपनी पैंट के अन्दर डलवा लिया और लंड पकड़ा दिया.
दीदी उसके लौड़े को सहलाने लगीं.

तभी महेश ने वह वीडियो बंद कर दिया मैं ये सब चुपके से देख रहा था.

सुरेश ने दीदी को अब खड़ा किया और उनके कपड़े उतार दिए.
दीदी ब्रा और पैंटी में आ गई थीं.

सभी ने अपने अपने कपड़े उतार दिए और वे सब केवल अंडरवियर में आ गए थे.
उनके अंडरवियर में से उनके लौड़ों का उभार साफ नज़र आ रहा था.

कैलाश ने दीदी की ब्रा को पीछे से खोल दिया और उतार कर एक तरफ रख दी.
दीदी एकदम शांत थीं.

कैलाश दीदी की चूचियों से खेलने लगा और उनकी एक चूची को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा.
दीदी की हल्की हल्की आह आह की आवाज़ निकल रही थी.

सुरेश ने दूसरे दूध को अपने मुँह मे ले लिया और वह उसे चूसने लगा.

फिर सुरेश ने दीदी की पैंटी उतार दी और घुटनों के बल बैठ कर वह दीदी की चूत में उंगली डाल कर मुँह से चूत को चाटने लगा.

कुछ देर ऐसा ही चला.
फिर कैलाश को पेशाब लगी तो उसने कहा कि जैसा वीडियो में हुआ वैसे ही करना है.

दीदी हंस दीं.
कैलाश- तुझे प्यास लगी थी ना … चल नीचे बैठ जा.

सुरेश ने अपने बैग से एक आर्मी का स्लीपिंग सैट निकाला और नीचे बिछा दिया.
उसने उस पर दीदी को बैठा दिया ताकि मूत का पानी बहे नहीं.

दीदी डर गईं और उठने लगीं, तो सुरेश ने पकड़ लिया और कहा- जैसा वीडियो में देखा था न … आज तुझे वैसे ही करना है.
अब सभी ने अपने अपने लंड बाहर निकाले.

सुरेश का लंड 8 इंच का, महेश का 7 इंच और कैलाश का भी 8 इंच का था.
दीदी उन तीनों के लौड़े देख कर डर गईं कि अब तो मेरा भोसड़ा बनेगा ही बनेगा.

वे बारी बारी से अपने लंड दीदी के मुँह में डालने लगे और उनसे चूसने के लिए कहने लगे.
दीदी वैसे ही कर रही थीं.

कैलाश- तुझे पानी पीना था ना … बहुत प्यास लगी थी … ले अब पी सभी का पानी.

उसने दीदी को मुँह खोलने के लिए कहा.
वे लोग दीदी का वीडियो भी बना रहे थे क्योंकि एक फोन ऊपर वाली बर्थ में रखा था जिसमें वीडियो बन रही थी.

कैलाश ने अपने लंड को पकड़ा और दीदी के मुँह में धार लगा कर मूतने लगा.
दीदी ने अपना मुँह बंद कर लिया और मना करने लगीं.

तभी सुरेश ने उन्हें पकड़ा और कहा- जानेमन, तुम्हारा वीडियो बन रहा है, अब तो तुम जल्दी ही नेट पर छा जाओगी. हम लोग तुम्हें फ़ेसबुक पर फेमस कर देंगे.

दीदी समझ गईं कि आज चूत का भोसड़ा बनवाने में ही भला है.
वे एक रंडी की तरह मुँह खोल कर नीचे बैठ गईं.

कैलाश ने कहा- चल मुँह खोल और पेशाब पी ले … तुझे बहुत प्यास लगी है ना मेरी जान.
वह दीदी के मुँह में मूतने लगा.

दीदी कुछ मूत पी रही थीं और कुछ बह जाने दे रही थीं, जो उनके मम्मों पर बह रहा था.
सभी ने बारी बारी से दीदी को अपना पेशाब पिलाया.

अब सभी के लंड ढीले पड़ गए थे.
सुरेश ने कहा- चल अब सबके लंड चूस कर खड़ा कर दे जानेमन.

सब मिल कर दीदी के मुँह में लंड घुसेड़ने लगे.
दीदी सांस भी नहीं ले पा रही थीं.

कैलाश ने तो अपना पूरा लंड दीदी के मुँह में गले तक डाल दिया था और वह अपनी गोटियां भी दीदी के मुँह में डाले जा रहा था.

कुछ देर बाद जब उसने अपना लंड दीदी के मुँह से निकाला तो दीदी ज़ोर ज़ोर से सांस लेने लगीं.
कुछ देर रुकने के बाद सुरेश में भी अपना लंड दीदी के मुँह में पेल दिया और उसका लंड केले के जैसे घुमावदार होने के कारण मुझे उसका गले तक जाता लंड … दीदी के गले से उभर कर पता चल रहा था.

इस तरह से सभी ने बारी बारी से अपने लंड को दीदी के मुँह में डाला और खड़ा करवा लिया.

मेरी दीदी को उनके लौड़े चूसने में बहुत मजा मिल रहा था.
अब सुरेश दीदी के मुँह के सामने बैठ गया और कैलाश उसके बगल में.

उन दोनों ने दीदी के हाथों में अपना लंड पकड़ा कर चुसवाना जारी रखा.
महेश दीदी के पीछे आया और उसने दीदी की चूत में उंगली की और रस निकाल कर चाटा.

फिर उसने अपने लंड को दीदी की चूत में सैट किया और एक जोरदार धक्का दे दिया.
दीदी की आह निकल गई और वे चिल्लाने ही वाली थीं कि कैलाश ने अपने लंड को दीदी के मुँह में डाल दिया, जिससे दीदी की आवाज़ निकल ही नहीं पाई.

सुरेश ने मेरी दीदी की चूचियों की मां चोदना शुरू कर दी थी.
वह भैंस को जैसे दुहते हैं, वैसे ही खींच रहा था.

तभी सुरेश ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और लौड़े को तेज तेज अन्दर बाहर करने लगा.
दीदी का भी दर्द कम हो गया था तो वे भी चुदायी का मजा लेने लगी थीं.

दस मिनट बाद सुरेश की जगह कैलाश आ गया और वह आगे से लग गया.
कैलाश ने दीदी की गांड में थूक दिया और लग गया.

दीदी अब तक तीसरी बार झड़ चुकी थीं और वे थक गई थीं.
कैलाश की हरकत को देख कर दीदी को लग रहा था कि अब कहीं उनकी गांड भी न फाड़ दी जाए.

वही हुआ.

कैलाश ने अपना लंड दीदी की गांड में पेल दिया.
दीदी दर्द से तड़फने लगीं.

पर दीदी की आवाज़ नहीं निकल सकी क्योंकि महेश ने अपना लंड दीदी के मुँह में पेल रखा था.

कुछ देर गांड मारने के बाद दीदी का दर्द कम हो गया और अब उन्हें गांड मरवाने में मजा आने लगा.

करीब दस मिनट बाद उसने अपना लंड दीदी की गांड से निकाला और दीदी से कहा कि अब महेश के लंड पर बैठ जाओ.

दीदी ने वैसे ही किया.

महेश ने दीदी की गांड पर लंड सैट किया और दीदी उसके लौड़े पर बैठ गईं.
दीदी ‘अहह उहह उम्म्म्’ की आवाज़ निकाल निकाल कर गांड मरवाने लगीं.

तभी सुरेश ने दीदी के हाथ में अपना लंड पकड़ा दिया.
दीदी उसके लंड की मुठ मारने लगीं.

उसी वक्त कैलाश ने पोजीशन सैट की और दीदी की चूत में लंड पेल दिया.
वह दीदी को किस करने लगा, जिससे दीदी की आवाज़ ना निकल पाए.

अब दीदी को दो मर्द एक साथ चोदने लगे थे.
उनकी सैंडविच चुदायी देख कर मुझे भी मजा आ रहा था और मैं भी अपने लौड़े की मुठ मारने लगा था.

करीब 15 मिनट तक दोनों छेद एक साथ चोदने के बाद कैलाश और महेश ने अपनी अपनी जगह बदली और वापस चोदना चालू कर दिया.
गन्दी चुदायी के काफी देर बाद सभी तीनों एक साथ झड़ने को हो गए थे.

उन्होंने दीदी को नीचे बैठा दिया और दीदी के मुँह में एक एक करके लंड मुँह में देकर झड़ते गए.
दीदी को उनका पूरा माल पीना पड़ा.

दीदी की चुदायी को सुबह के 4 बज गए थे.
उन्होंने दीदी को एक एक बार और चोदा और अलग हो गए.

अब सुबह के 5:30 बज रहे थे.
दीदी ने जल्दी जल्दी साफ सफाई की और फ्रेश होकर सीट पर बैठ गईं.

दीदी चल नहीं पा रही थीं.
मैं उठा और नीचे आकर बैठ गया.

दीदी ने कहा कि मेरा शरीर दर्द कर रहा है.
उन्होंने नेट में देख कर एक दवा लिखी और कहा कि उतर कर मेडिकल से ये दवा ले लेना.

जैसे ही मैं बाथरूम में गया, सुरेश ने दीदी का नंबर ले लिया.

मैं वापस आया तो सभी हंस रहे थे.
कुछ देर बाद हम लोग आगरा पहुंच गए.

दीदी चल नहीं पा रही थी तो उन लोगों ने हमें टैक्सी तक सामान को ले जाने में मदद की.

जैसे ही मैं ड्राइवर से बात करने आगे गया, उन्होंने दीदी से कहा कि हम एग्जाम के बाद कॉल करेंगे, उठा लेना. होटल में चोदने आएंगे.

दीदी हंस कर मान गईं और हम दोनों अपने रास्ते चले गए.
वे लोग घूमने चले गए.

मेरी दीदी का एग्जाम 12 से 2 बजे तक था और ट्रेन रात में 10:30 की थी.

मैंने रास्ते में दीदी के लिए दवा ले ली और दीदी को खिला दी.

फिर दीदी सही हो गईं और एग्जाम देने जाने लगीं.
मैंने कहा- बाकी समय का क्या करेंगे?
तो दीदी ने कहा- होटल का रूम बुक कर लो. तुम वहीं रूक जाना … मैं आ जाऊंगी.

मैंने वैसा ही किया.
अब होटल में वे लोग कैसे आते हैं और मेरी दीदी उन तीनों से कैसे फिर से चुदवाती हैं, इसकी सेक्स कहानी फिर कभी लिखूँगा.

मुझे विश्वास है कि मेरी गन्दी चुदायी स्टोरी आप सभी को पसंद आई होगी और सभी ने इसे पढ़ कर अपना अपना पानी निकाला होगा.
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इस गन्दी चुदायी स्टोरी के सभी पात्र काल्पनिक हैं.