बुरचोदी रेहाना की माँ का भोसड़ा

फॅमिली ओपन सेक्स कहानी मेरे निकाह के बाद की है. सुहागरात के बाद मैं मायके आई तो मेरी अम्मी ने मेरे से क्या पूछा, मैंने क्या जवाब दिए.

मैं रेहाना हूँ दोस्तों. मैं 24 साल की एक मस्त जवान खूबसूरत और हॉट लड़की हूँ।
मेरी ओपन सेक्स कहानी का मजा लीजिये.

मेरा निकाह अभी कुछ दिन पहले ही हुआ है।

मैं अपनी ससुराल से अपनी सुहागरात मना कर अपने मायके आयी हुई हूँ।

सबसे पहले मेरी मुलाकात मेरी अम्मी जान से हुई।
उसका नाम सायरा बानो है।

वह बहुत ही हंसमुख और मस्त औरत है। उसे गन्दी गन्दी बातें करना, लण्ड बुर चूत भोसड़ा की बातें करना और गालियां देना बहुत अच्छा लगता है।

वह मुझे देख कर बहुत खुश हो गयी और बोली- आये हाय, शादी के बाद तू तो बहुत ज्यादा ही हसीन हो गयी है रेहाना? तेरा बदन तो भर गया है यार! तेरे बूब्स इतने कम दिनों में ही बड़े बड़े हो गये हैं। तेरी गांड भी बड़ी मस्त और सेक्सी हो गयी है। लगता है कि तू अपनी ससुराल से कई लण्ड खा कर आयी है।

अम्मी आगे बोली- पहले तो ये बता की तेरे मियां का लण्ड कैसा है? और फिर ये बता कि तू कितने लण्ड खाकर आयी है. ये भी बता कि किस किस ने चोदा है तुझे और किसका लण्ड तुझे सबसे ज्यादा पसंद आया?

मैंने कहा- सबसे पहले मैं बताती हूँ कि मेरे मियां का लण्ड बिल्कुल वसीम अंकल के लण्ड जैसा है। वह लण्ड तुझे भी पसंद है और मुझे भी! मगर चोदने में वह अनवर अंकल के लण्ड जैसा है जो मेरे सामने तेरे भोसड़ा के छक्के छुड़ा देता है और तेरे सामने मेरी बुर को भी चोद चोद के मज़ा चखा देता है। ज्यादा नहीं बताऊंगी अपने मियां के लण्ड के बारे में … नहीं तो तेरा मज़ा किरकिरा हो जायेगा। मैं जानती हूँ कि तू मेरे मियां से बिना चुदवाये रह नहीं सकती। तू तो उसके आने का एक एक दिन गिन रही है। तुझे बहुत जल्दी है मेरे मियां के लण्ड पर बैठने की। तू चिंता न कर जिस दिन वह यहाँ आएगा उसी दिन मैं उसका लण्ड तेरे भोसड़ा में पेल दूँगी। तब तुझे उसके लण्ड के बारे में सब कुछ मालूम हो जायेगा।

आगे मैंने बताया- यह सच है कि मैं ससुराल से कई लण्ड खा कर आयी हूँ. पर मुझे सबसे बढ़िया लण्ड अपने ससुर के एक दोस्त शब्बीर का लगा। शब्बीर और मेरे ससुर दोनों ने एक दिन एक दूसरे की बहू एक दूसरे के सामने चोदी। इसी खेल में मैं शब्बीर से चुदी तो मुझे उसका लण्ड सबसे बढ़िया लगा। अपने ससुर के लण्ड से भी बढ़िया। ये दोनों एक दूसरे की बीवी भी चोदते हैं और एक दूसरे की बेटियां भी चोदते हैं। इसी वजह से मेरी दोनों ननद शब्बीर से चुदवाती हैं। शब्बीर मेरी दोनों ननद की फुद्दी बड़े मजे से लेता है। उसके लण्ड के बारे में तुम मेरी ननदों से भी पूछ सकती हो!

मेरी अम्मी और मेरे बीच में इसी तरह की खुल कर बातें होतीं हैं।
वह मेरी अम्मी नहीं मेरी दोस्त हो गई है, मैं उसकी बेटी नहीं उसकी दोस्त हो गई हूँ।
दोस्ती का रिश्ता खुल्लम खुल्ला होता है।

यह सब कैसे हुआ इसकी एक बड़ी रोचक कहानी है।
अपनी फॅमिली ओपन सेक्स कहानी मैं आपको सुना रही हूँ:

उस समय मैं 19 साल की थी। एक दिन दोपहर में मैं घर पर थी लेकिन अम्मी को नहीं पता था कि मैं घर में हूँ।

इसी बीच उसके कमरे से अचानक कुछ आवाज़ आई तो मैं उत्सुकता बस अंदर चुपचाप झाँक कर देखने लगी।
जो मैंने देखा … उसकी उम्मीद मुझे बिल्कुल न थी।

मैंने देखा कि अम्मी जान अपने सारे कपड़े उतार कर एक अंकल का लण्ड हिला रही है, बातें भी कर रही हैं, लण्ड चूम भी रही हैं, उसका सुपारा चाट भी रही हैं।

लण्ड देख कर तो मेरी चूत की आग भड़क उठी।
बड़ा हक्कानी था लण्ड बहनचोद … मैं उनकी बातें गौर से सुनने लगी।

मैंने अपना मोबाइल का वीडियो ऑन कर दिया था।

वह आदमी बोला- सायरा भाभीजान, अब तो तेरी बेटी रेहाना जवान हो गयी है। किसी दिन उसकी बुर दिलवाओ न मुझे! मेरा बड़ा मन है उसकी बुर में लण्ड पेलने का और उसके मुंह में लण्ड घुसेड़ने का!
अम्मी ने कहा- अरे यार हनीफ, तू कुछ दिन और रुक जा … उस बुरचोदी को पूरी तरह जवान हो जाने दे। फिर मैं खुद ही तेरा लण्ड उसे पकड़ा दूँगी. फिर तुम चोद लेना उसकी बुर मेरे सामने! वह माँ की लौड़ी जवान तो हो ही गई है। लण्ड भी पकड़ने लगी होगी बहनचोद! मैंने उसे गालियां देते हुए भी सुना है। पक तो गयी है वह भोसड़ी वाली … पर थोड़ा रुक जा यार!

फिर अम्मी ने पूछा- पहले ये बता कि तूने कितनी लड़कियों की बुर ली है?
वह बोला- मैं अपने कुनबे की सभी लड़कियों की बुर लेता हूँ और अपने दोस्तों की बेटियां भी चोदता हूँ क्योंकि मेरे दोस्त मेरी बेटियां चोदते हैं। मेरे कुनबे के भी सब लोग मेरी बेटियां चोदते हैं। मेरी बेटियां भी अब चुदाई का मज़ा लेने लगी हैं, वो भी दिल खोल कर सबसे चुदवातीं हैं। रात भर बस चुदाई ही चुदाई होती है हमारे घर में। कोई किसी भी बुर में लण्ड पेल देता है। इसलिए मुझे भी सबकी बेटियां चोदने की आदत हो गयी है। मैं बिना चोदे रह नहीं सकता। रात में 2 / 3 बुर तो चोद ही लेता हूँ।

यह सब सुनकर मेरी चूत धधकने लगी।

फिर मैंने अम्मी की पूरी चुदाई देखी और वीडियो बना लिया।

दूसरे दिन मैंने कॉलेज में अपनी सहेलियों को दिखाया तो सब मज़ा करने लगीं।

हमारी सभी सहेलियां इसी तरह के वीडियो बनाती हैं और सबको दिखाती हैं, बड़ा मज़ा आता है।

इसी तरह मैंने भी एक दिन अपने दोस्त राउफ को बुला लिया घर में … क्योंकि मैं अकेली थी।
मैंने उसे नंगा किया उसने मुझे नंगी किया।

मैं उसका लण्ड चाटने लगी तो वह मेरी बुर चाटने लगा।

बुर चाटते चाटते वह बोला- रेहाना, मैं एक दिन तेरी माँ का भोसड़ा चोदना चाहता हूँ यार! तेरी माँ को देखता हूँ तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता है। बहुत मस्त जवान हैं तेरी अम्मी जान बहनचोद! मैं उसकी बुर में अपना लण्ड घुसाना चाहता हूँ। प्लीज मुझसे किसी दिन अपनी माँ चुदवा लो न रेहाना!

मैंने कहा- अरे यार, थोड़ा रुक जा! मैं जिस्म से जवान हो गयी हूँ पर अभी 3 / 4 महीने रुक जा. फिर मैं खुद ही तेरा लण्ड अपनी माँ के भोसड़ा में पेल दूंगी। तब चोद लेना मेरे आगे मेरी माँ का भोसड़ा! मेरी अम्मी बुरचोदी बड़ी मस्त चुदक्कड़ है। तुझे बड़ा मज़ा आएगा उसे चोदने में!

फिर मैंने पूछा- अच्छा ये बता, कभी तूने अपनी माँ चोदी है या चुदवाई है?
वह बोला- हां, चोदी भी है और चुदवाई भी है। मेरे दोस्त मेरी माँ चोदते हैं। मैंने अपनी खाला की चूत, फूफी की चूत, मामी की चूत सब चोदी हैं। आजकल मैं उनकी बेटियां चोद रहा हूँ। बड़ा मज़ा ले रहा हूँ मैं!

एक दिन जाने किस तरह अम्मी जान के हाथ में वह वीडियो लग गया।
उसने मुझे बुलाया और बोली- ये क्या है माँ की लौड़ी रेहाना तेरे मोबाइल में?

मैं थोड़ा सहम गयी, चुप रह गयी।
तो वह मुस्कराकर बोली- मुझे मालूम हो गया कि अब तू जवान हो गयी है। शर्माने की कोई जरूरत नहीं है. तूने मेरा काम हल्का कर दिया। यह मैं चाहती थी। ज़रा इसे मेरे आगे प्ले कर के दिखाओ।

मैंने ऑन कर दिया।
हम दोनों ने उसे देखा और सुना भी!

अम्मी बोली- तू चिंता न कर … मैं तेरी बुर में हनीफ का लण्ड पेलूँगी जरूर! अब तेरी बुर मेरी चूत के बराबर हो गयी है। तूने अच्छा किया जो वीडियो शूट कर लिया। तुझे अपनी माँ के भोसड़ा के बारे में सब मालूम हो गया। अब तू मेरी बेटी नहीं, दोस्त है समझ में आया बुरचोदी रेहाना। अब जब तेरी माँ की चूत बजेगी तो तेरी भी चूत बजेगी.

फिर अम्मी बोली- अच्छा रुक, मैं अभी आती हूँ।
वह अपना मोबाइल लेकर आ गयी और उसका वीडियो ऑन कर दिया।

उसमे मेरी और राउफ की बातचीत थी और मेरी चुदाई थी।
उसे भी हम दोनों ने सुना और देखा।

अम्मी ने कहा- अब तू किसी दिन अपने यार राउफ का लंड मेरी चूत में पेल दे। अगर नहीं पेलेगी तो मैं तेरी माँ चोद दूँगी रेहाना!
मैंने कहा- जरूर पेलूँगी मेरी हरामजादी अम्मी जान! जब तेरी बिटिया की बुर बजेगी तो तेरी भी चूत बजेगी। समझ में आया मेरी भोसड़ी की अम्मीजान?

हमारे यहाँ माँ बेटी के चुदाई के रिश्ते इसलिए हो जाते हैं कि हमारे यहाँ शादियां बहुत ही नजदीकी रिश्तों में हो जाती हैं।
इसी कारण पता नहीं कब बेटी बहू बन जाये, ननद बन जाए, भाभी बन जाए, देवरानी या जेठानी बन जाए, या फिर सौतन बन जाए।

इसी तरह अम्मी पता नहीं कब सास बन जाए, ननद बन जाए, भाभी बन जाए, जेठानी बन जाये, देवरानी बन जाये।
जैसे कुनबे के भाईजान शौहर बन जाते हैं, चचा भी मियां बन जाता है, मामू भी मियां हो जाता है और भाईजान सब देवर हो जाते हैं, बहनें सब ननद हो जातीं हैं.

यानि हर जगह चुदाई का रिश्ता बन जाता है।
इसलिए हमारे यहाँ चुदाई किसी के भी साथ हो सकती है।
इसमें कोई गुनाह नहीं है, सब जायज़ है।

मैंने एक दिन राउफ को बुला लिया और अम्मी से कहा- आज मैं तेरा भोसड़ा चोदूँगी सायरा!
उसने भी फोन उठाया और बोली- आज मैं भी तेरी चूत में लौड़ा पेलूँगी बुरचोदी रेहाना!

मेरा अम्मी ने हनीफ को बुला लिया।
दोनों थोड़ी देर में ही आ गए।

मैं अम्मी के बॉयफ्रेंड हनीफ से मिली और अम्मीजान मेरे बॉय फ्रेंड राउफ से!

मैंने हनीफ को दूर से देखा था उसका लण्ड भी देखा था।
अम्मी ने भी राउफ को दूर से देखा था और उसके लण्ड को भी देखा था।

लेकिन न अम्मी ने राउफ का लण्ड पकड़ कर देखा और न मैंने हनीफ का लण्ड पकड़ कर देखा।

अम्मी ने सबके लिए थोड़ा नाश्ते का इंतज़ाम किया था तो वह होने लगा।
नाश्ता करते करते मैंने हनीफ के पजामा का नाड़ा खोला और हाथ अंदर घुसेड़ दिया।
हाथ मेरा उसके लण्ड से टकरा गया तो मुझे मज़ा आ गया।
मैं लण्ड पकड़ कर अंदर ही अंदर सहलाने लगी।

उधर अम्मी ने तो राउफ पजामा खोल कर बाहर फेंक दिया।
वह नंगा हो गया तो अम्मीजान उसका लण्ड मुठ्ठी में लेकर आगे पीछे करने लगी और बोली- हां यार राउफ, तेरा लंड तो मादरचोद बड़ा दमदार है। सुना है तू इसे रेहाना की माँ की चूत में पेलना चाहता था। रेहाना की माँ चोदना चाहता था।
तो वह बोला- हां, यह बात सही है आंटी।
अम्मी ने कहा- तो फिर आज मजे से चोदो रेहाना की माँ का भोसड़ा।

तब तक हनीफ का लौड़ा भी खुल कर बाहर आ गया था।
मैंने उसे चूमा और कहा- अंकल, तुम मेरी बुर चोदना चाहते थे न? तुम्हें बेटियां चोदने का शौक है। सबकी बहू बेटियां चोदते हो और अपनी भी बहू बेटियां चुदवाते हो। तुम तो सही में बड़े चुदक्कड़ आदमी हो। दूसरों की बहू बेटियां चोदने के लिए अपनी बहू बेटियां दूसरों से चुदवा लेते हो। चलो कोई बात नहीं आज तुम मेरी बुर चोद कर देखो। अपना ये भोसड़ी का लंड संभाल कर रखना। आज मैं तेरा लण्ड अपनी बुर में डाल कर भून डालूंगी।

इतने में किसी ने डोर बेल बजा दी।
मैंने दरवाजा खोला तो सामने मेरी खाला की बेटी लैला खड़ी थी उसके साथ एक और लड़का था।

मैंने दोनों को अंदर किया और अम्मी के पास ले आयी।

अम्मी ने पूछा- लैला, तू क्या करके आ रही है?
वह बोली- अपनी माँ चुदा के आ रही हूँ, खाला जान!

मैंने पूछा- तो किसका लौड़ा पेला तूने अपनी माँ की चूत में लैला?
वह बोली- इसी का लौड़ा पेला था मैंने! ये है कासिम मेरा बॉयफ्रेंड! फिर सोचा कि चलो खाला जान और उसकी बेटी रेहाना से मिल लेती हूँ तो चली आयी।

मैंने कहा- यार लैला, तेरा तो निकाह गया है … वहां तूने अपने मियाँ के अलावा भी और लोगों से चुदवाया होगा?
वह बोली- हां चुदवाया तो है। बल्कि वहां के लोगों ने ही लण्ड मुझे पकड़ा दिया तो फिर चुदवाना जरूरी हो गया।

अम्मी ने छा- तो फिर बता कि कितने लोगों से चुदवाकर आयी है तू? और किसका लण्ड सबसे बढ़िया था?
वह बोली- मुझे मेरे मियां के अलावा 4 लोगों ने चोदा। सबसे बढ़िया लण्ड मादरचोद ससुर का ही था। गधे के लण्ड जैसा है उसका लण्ड! पता नहीं उसकी माँ ने किससे चुदवाया था जो इतना बड़ा लण्ड पैदा हो गया। पर एक बात है चुदवाने में बड़ा मज़ा आया। मेरे तो छक्के छूट गए थे।

अम्मी बोली- हाय रे, किसी दिन उसका लण्ड मेरे भी भोसड़ा में पेल देना लैला।
फिर कहा- अच्छा अब खोल के दिखाओ न सबको अपने दोस्त कासिम का लण्ड!

लैला ने कासिम को नंगा किया और उसका लण्ड हिला हिला कर सबको दिखाया।
फिर खुद भी नंगी हो गयी।

वो दोनों भी हमारी चुदाई में ख़ुशी ख़ुशी शामिल हो गए।

कासिम का लंड जैसे ही खुला और वह खड़ा हुआ तो अम्मी ने हाथ बढ़ाकर उसे पकड़ लिया और बोली- हायल्ला … ये भोसड़ी का मेरी बहन की चूत चोद कर आया है। कितना प्यारा लौड़ा है यार लैला तेरे यार का!

अम्मी लण्ड पकड़ कर चाटने लगी तो लैला मेरे दोस्त राउफ का लण्ड पकड़ कर चाटने लगी.
मेरे हाथ में हनीफ का लौड़ा था ही!

हम तीनों अपने अपने लण्ड में खो गईं और हमें मज़ा आने लगा।

मैं लण्ड कभी मुंह में घुसाती, कभी उसे अपनी चूचियों के बीच पेलती और कभी अपने पूरे बदन पर घुमाती और कभी लण्ड अपने गालों पर रगड़ती।

लैला भी बुरचोदी ऐसा ही कुछ कर रही थी।

और मेरी अम्मी तो भोसड़ी वाली पराये मरद लण्ड पाकर पागल हो जाती है।
वह लण्ड को खिलौना समझ कर उसका मज़ा लेने लगी।

इतने में कासिम ने लण्ड अम्मी के भोसड़ा में पेल दिया।

इधर हनीफ ने भी लौड़ा मेरी बुर में घुसा दिया और मुझे बड़ी मस्ती से चोदने लगा।
मैं भी बड़े मजे से चुदवाने लगी।

लैला भी भोसड़ी वाली मेरे यार राउफ से अपनी गांड उठा उठा के भकाभक चुदवाने लगी।

मैं आज पहली बार लैला को चुदवाते हुए देख रही थी और वह भी मुझे शायद पहली बार!
मैंने पूछा- लैला तूने कितने लंड पेले हैं अपनी माँ की चूत में?

वह बोली- मैं तो हर दूसरे तीसरे दिन लण्ड पेलती हूँ अपनी माँ की चूत में! और वह भी हरामजादी अपने बॉयफ्रेंड के लंड मेरी चूत में पेल देती है। वह तो मुझसे ज्यादा बेशर्म है मेरी बुर चोदने चुदाने में! वह कहती है लैला बेटी, तेरी बुर और तेरी माँ के भोसड़े दोनों में लंड पेले जायेंगे। एक से एक बेहतरीन लण्ड घुसेड़े जायेंगे। तू भी चुदेगी बुर चोदी और तेरी माँ भी चुदेगी भोसड़ी वाली। मेरे सारे दोस्त मेरी माँ की बुर लेते हैं और उसके सारे दोस्त मेरी बुर लेते हैं।

हनीफ तो मेरी बुर बुरी तरह चोद रहा था। उसके मन की मुराद पूरी हो रही थी। वह मुझे अपने दोस्त की बेटी की तरह चोद रहा था।

उसने मेरी अम्मी से कहा भी- भाभी जान, तेरी बिटिया की बुर बड़ा मज़ा दे रही है। आज मेरी तमन्ना पूरी हो रही है। मैं बहुत दिनों से इसकी बुर चोदने के फिराक में था। एकदम टाइट है इसकी बुर! मेरा लण्ड चिपक कर घुस रहा है। मैं तो कहता हूँ कि मुझे हर रोज़ इसकी बुर चोदने का मौका मिले तो अच्छा है।

उधर राउफ बड़ी ललचाई नज़रों से मेरी माँ का भोसड़ा देख रहा था जबकि वह लैला की चूत मार रहा था।
वह पहले मेरी माँ का भोसड़ा चोदना चाहता था पर चोदने लगा लैला की फुद्दी।

हालांकि उसे लैला की बुर भी मज़ा दे रही है पर उसका मन तो मेरी माँ के भोसड़ा में ही अटका था।

फिर जाने क्या हुआ कि वह उठा और कासिम का लौड़ा खसका कर अपना लौड़ा घुसा दिया मेरी माँ के भोसड़े में।
कासिम ने हनीफ का लण्ड खिसका कर अपना लंड मेरी बुर में पेल दिया।

उधर हनीफ फिर लैला की बुर में लण्ड पेल कर चोदने लगा।

इस तरह हम सबने लण्ड बदल बदल कर चुदवाया और सबके लण्ड का मज़ा लिया।

मैंने फिर एक एक करके सबसे चुदवाया। जवानी बुरचोदी सब कुछ करवा लेती है।

फॅमिली ओपन सेक्स कहानी आपको कैसी लगी?
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मेरी पिछली कहानी थी: ग़ैर मरद के लण्ड का चस्का