हिंदी गांडू कहानी में मुझे गांड मरवाने का शौक है. काफी दिन से लंड ना मिलने से मेरी गांड में खुजली हो रही थी. मैं ऐसे ही सड़क पर घूमते हुए किसी लंड की तलाश करने लगा.
मेरा नाम शिवम है. मैं कन्नौज का रहने वाला हूं.
मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है, रंग गोरा है. मेरी उम्र 22 साल है.
वैसे तो मैंने बहुत बार गांड मरवाई है मगर बहुत दिन से कोई चोदने वाला सही बंदा मिला नहीं था तो गांड में खुजली हो रही थी.
उन्हीं दिनों मैंने एक दोस्त से बात की तो उसने मुझे एक पहलवान का नंबर दे दिया था.
अपने इस दोस्त का लंड मैं अपने मुँह में ले चुका हूं इसलिए उससे मेरी चलती रहती थी.
मेरे दोस्त ने जिस पहलवान का नंबर दिया था, वह बहुत हैंडसम मर्द था.
उसका नाम मदन था, उसकी हाइट 6 फीट की थी.
उसके डोले-शोले भी बहुत मस्त थे.
बल्कि यूं कहूँ कि उसका पूरा बदन ही मस्त था.
मदन पहलवान मुझे मिलने को बुलाने लगा.
मुझे उसका कड़ियल जिस्म देख कर डर लगने लगा था तो मैंने मना कर दिया था.
हालांकि मैं उसे पहले से जानता था लेकिन वह इस बात को नहीं जानता था.
अब चूंकि मैंने बहुत दिन से अपनी गांड में किसी का लंड लिया नहीं था.
इसलिए मेरा बहुत मन हुआ कि आज इसका ही ले लेता हूँ.
मैंने मदन को फोन किया तो उसने मुझे मिलने आने को कह दिया.
मैं उससे मिलने चला गया … या यूं समझो कि उससे अपनी गांड मरवाने चला गया.
जब थोड़ी देर बाद मैं उससे मिला तो मुझे एक बार पुनः डर लगने लगा था कि कहीं गांड का गोदाम न बन जाए.
उससे बात हुई तो मालूम हुआ कि उसके पास कोई ऐसा रूम आदि नहीं था जिधर हम दोनों चुदाई का मजा ले सकें.
फिर उसने कहा- चलो झाड़ियों में चलते हैं.
मैं उसके साथ चल दिया.
कुछ दूर जाकर मैंने आस-पास नजरें घुमा कर देखा तो कोई नहीं था.
इससे मेरा डर थोड़ा कम हुआ.
उसने उधर खड़े होकर पेशाब की, तो मैंने उसका लंड देखने की कोशिश की.
उसने कहा- रुक भोसड़ी, देखता क्या है, सीधा मुँह में ही देता हूं तेरे!
मैं चुप रह गया और उसके बाजू में खड़ा हो गया.
उसने पेशाब की और बोला- चल आगे को चलते हैं.
हम दोनों आगे बढ़े और घनी झाड़ियों के पास आ गए.
उसने झाड़ियों की ओट में जाकर अपना पैंट खोला और लंड मेरे सामने कर दिया.
उसका टनटन करता हुआ मोटा लंड देख कर मैं आश्चर्यचकित हो गया.
उसका लंड 8 इंच लंबा था और काफी मोटा था.
उसने लंड हिलाते हुए कहा- अब अपने मुँह ले ले.
मैं घुटनों के बल बैठ गया और उसके लौड़े को मुँह में लेकर चूसने लगा.
उसका लंड लोहे की रॉड के जैसा था.
मैं मस्ती से उसके लौड़े को अपने हाथ से सहलाते हुए चूस रहा था.
कुछ ही पल बाद उसने मेरे मुँह में पूरा हथियार ठूंस दिया.
वह बार बार लौड़े को मेरे गले गले तक ठूंसने लगा और मेरे दूध मसलने लगा.
कुछ 5 मिनट में वह मुझे गाली देते हुए तेज तेज मुख चोदन का मजा देने लगा और आह आह करते हुए मेरे मुँह में ही झड़ गया.
मैंने उसका पानी पी लिया.
मुझे उससे गांड मरवानी थी मगर बहन के लौड़े ने गांड मारने से मना कर दिया और वहां से चला गया.
मैं मन मसोस कर रह गया और वापस अपनी बाइक के पास आ गया.
मेरी हिंदी गांडू कहानी अधूरी रह गयी.
मेरी गांड में आग लगी थी तो मैंने बाइक उठाई और क्रॉसिंग की तरफ आ गया.
वहां किसी मस्त लड़के को देखने लगा जो मेरी गांड की आग को बुझा सके.
तभी मुझे एक लड़का मिला, उसका नाम मनोज था.
वह दिखने में काफी गोरा था.
उसकी हाइट 5 फुट 7 इंच थी.
वह खुद मेरे पास आया और बस स्टॉप का रास्ता पूछने लगा.
मैंने उसके लौड़े को देखते हुए कहा- मैं भी उधर ही चल रहा हूं, आप बैठ जाओ मेरी बाइक पर!
बस स्टॉप थोड़ी दूर पर था.
फिर मैंने उससे बात शुरू की.
मैंने पूछा- आपकी शादी हो गई?
उसने कहा- हां भाई मेरी तो दो-दो शादियां हो गई हैं, एक गांव में रहती है और दूसरी इधर शहर में!
मैंने पूछा- दो-दो?
उसने बोला- हां सर्दियों के इस मौसम में काफी सुकून मिल जाता है.
मैं समझ गया कि इसको रोजाना अपनी बीवी की लेने की आदत है.
मैंने कहा- ऐसी सर्दी में तो तुम्हारे मजे हो जाते होंगे. दो-दो के साथ एक साथ सेक्स करने में!
उसने बोला- यार, एक महीने से मैं घर ही नहीं गया हूं और एक साथ दो दो की कैसे … मैंने तुम्हें बताया है न कि मेरी एक बीवी गांव में रहती है, एक इधर दिल्ली में!
मैंने पूछा- अच्छा हां, मैं भूल गया था. दोस्त तुम्हारी टाइमिंग भी बहुत देर तक वाली होगी?
यह सुनकर वह मुस्कुराया और बोला- हां एक घंटे तक बिना गोली खाए करता हूं!
यह सुनकर मेरे अन्दर का गांडू जग गया.
मैंने कहा- कहां तक जाओगे?
वह बोला कि कानपुर के आगे मेरा गांव पड़ता है, उधर तक जाऊंगा.
मैंने कहा- अभी बस नहीं मिलेगी तुमको, उधर के लिए बस एक घंटे बाद है.
उसने कहा- अच्छा ठीक है!
मैंने कहा- चलो तब तक मैं तुम्हें कन्नौज घुमा देता हूँ.
उसने कहा- रहने दो यार.
इधर मुझे उससे बात करने का बस बहाना चाहिए था.
एक घंटे में मेरा काम सैट भी हो सकता था.
मेरे मनाने पर वह मान गया.
मैं उसे एक सुनसान रास्ते तरफ ले जाने लगा और सेक्स की बातें करने लगा.
उस तरह की कामुक बातें करते करते उसने बताया कि बहुत सी लड़कियां उसके ऊपर मरती हैं, उसने बहुत सारि लड़कियों और भाभियों की चूत चोदी है.
तो मैंने पूछा- कभी किसी की गांड नहीं मारी?
वह बोला- नहीं मुझे गांड मारने में मजा नहीं आता है.
उसके मुँह से यह सुनकर मैं पुनः निराश हो गया.
कुछ देर के बाद मैंने उससे पूछा- तुम्हारा कितना बड़ा है?
वह बोला- मैंने कभी नापा नहीं है!
मैंने बोला- मैं नाप दूं क्या?
वह बोला- क्या मजाक कर रहे हो भाई?
मैंने कहा- अरे बताओ ना, तुम दिखाओ तो सही!
वह बोला- रहने दो भाई!
वह मेरे पीछे बैठा था, मैंने अपनी गांड उसके आगे कर दी और उससे कहा- एक बार खोल कर दिखाओ अपना!
वह बोला- मजाक मत कर भाई!
उसे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा था कि मैं उसके लौड़े के चक्कर में हूँ.
कुछ देर के बाद मैंने कहा- खड़ा तो नहीं हुआ आपका?
वह बोला- नहीं!
मैंने कहा- हो गया है … लगता है!
वह कहने लगा- हां थोड़ा-थोड़ा, बीवी की याद आने लगी न!
मैंने अपना एक हाथ उसके पेट की तरफ किया, वाकयी में उसका खड़ा हो चुका था.
मैंने बोला- मुँह में दोगे?
वह बोला- हां बहुत दिन से किया नहीं है तो हो सकता है कि जल्दी ही झड़ जाऊं!
मैंने कहा- देख लेंगे!
मैं उसे एक खाली रास्ते पर गया.
उधर सुनसान देख कर मैंने गाड़ी रोक दी.
वह ऐसी जगह थी कि उधर दूर-दूर तक कोई नहीं आता था.
मैंने उसका लंड पकड़ लिया.
वह कसमसा कर बोला- रहने दो यार, मैंने अभी तक एक भी लड़के के साथ में किया नहीं है!
मैंने उसकी एक न सुनी और जबरदस्ती उसकी पैंट खोल दी.
चड्डी को सरका कर मैंने उसका लंड बाहर निकाला तो मस्त था.
उसका लंड 7 इंच का था.
वह मना कर रहा था, मैं नीचे बैठ गया और जबरदस्ती मुँह में लेने लगा.
उसने मुझे पीछे हटाया और कहा- मैं नहीं लूँगा तुम्हारी!
मैं फिर से नीचे बैठ गया और उसका चूसने लगा.
वह गर्म होने लगा.
करीब 5 मिनट चूसने के बाद उसने कहा- मुझे पक्के में अपनी गांड मारने दोगे?
मैंने कहा- हां, ले लो न!
मैंने उसके सामने अपनी पैंट खोल दी और उसकी तरफ गांड कर दी.
उसने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड रखा और रगड़ने लगा.
मुझे मजा आने लगा.
मैंने कहा- थूक लगा कर पेल दो.
यह सुनकर उसने लौड़े पर थूक लगाया.
एक बार मेरी गांड पर भी थूका और अपना टोपा मेरी गांड पर सैट कर दिया.
उसकी हरकतों से लग तो ऐसे रहा था मानो उसे गांड मारने का बहुत अनुभव हो.
उसने शॉट मारा और एक ही झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया.
मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ, फिर धीरे-धीरे उसने झटके देना चालू कर दिए.
मैं सिसकारियां लेते हुए ‘आह आह’ की आवाज निकालते हुए उसका लंड अपने अन्दर समेटे जा रहा था.
कुछ देर बाद उसने मुझे एक पैर बाइक पर रखने को कहा और दूसरा नीचे.
मैं उसके कहे अनुसार हो गया.
तभी उसने एक झटके में मेरी गांड में लंड डाल दिया और धीरे-धीरे से गांड मारने लगा.
वह मस्ती से मेरे दूध मसलता हुआ गांड में लंड पेले जा रहा था.
मैं आनंदित हो रहा था और वह गाली दे रहा था.
धीरे-धीरे मुझे बहुत मजा आने लगा और गांड हिला-हिला कर मैं उसे मजा देने लगा.
अपनी गांड देते-देते कम से कम 20 मिनट हो चुके थे.
उसने भी देर तक मेरी गांड की चुदाई की और अपना लंड बाहर निकाल लिया.
वह मेरी बाइक से कपड़ा निकाल कर लौड़े को पौंछने लगा, फिर उसे मेरे मुँह पर हिलाने लगा.
कुछ देर के बाद उसने अपने लौड़े का रस मेरे मुँह में झाड़ दिया.
मैंने भी उसका रस चाट लिया और लंड को मुँह में लेकर चाट-चाट कर साफ करने लगा.
जब मामला फिनिश हो गया तो मैंने उससे कहा- तुम एक बार मेरे मुँह के अन्दर पेशाब कर दो!
उसने मना किया, तो मैंने जिद करते हुए कहा- कर दो न यार!
उसने मेरे मुँह के अन्दर लंड ठेल दिया और मूतने लगा.
मैंने उसकी मूत्र की धार को पूरा पी लिया.
मूत पिलाते पिलाते हुए ही मैं उसके लौड़े को चूसने लगा था तो उसका लंड फिर से खड़ा होने लगा.
मैंने उसका पूरा लंड मुँह में ले लिया और चूसने के साथ साथ उसके टट्टे सहलाने लगा.
वह मस्त होने लगा.
दस मिनट में तक मैंने उसका लंड चूसा तो वह बोला- रुको, अभी सही इंतजाम करता हूँ.
उसने अपने बैग से एक चादर निकाल कर नीचे बिछा दी और लेट गया.
अब उसने मुझे अपने लंड पर बैठने को कहा. मैं अपनी गांड उसके लंड पर सैट करके बैठ गया,
मेरी गांड पहले ही खुल चुकी थी तो मुझे दर्द नहीं हुआ. वह मस्ती से मेरी गांड में लंड पेलने लगा. मैं भी उछलने लगा.
कुछ ही देर में हम दोनों की रफ्तार बढ़ गई और वह अब इतनी तेज-तेज धक्के दे रहा था कि मैं एक-दो बार नीचे भी गिर गया.
फिर उसने मुझे कुतिया बनाया और चोदने लगा.
उसने दूसरी बार में कम से कम 30 मिनट तक मेरी गांड की चुदाई की.
उसने मेरे दूध मसलते हुए कहा- तुम तो मेरी बीवी से भी ज्यादा मजा देती हो!
मैंने कहा- मैंने बहुत से लोगों से करवाया है!
उसने कहा- मुझे लग ही रहा है तुम बहुत बड़े गांडू हो!
मैं अपनी तारीफ सुनकर बड़ा खुश हुआ और कसकसके झटके लेने लगा और मादक आवाज निकालता रहा.
जब उसका लंड झड़ने को हुआ तो उसने अपना माल मेरी गांड में ही निकाल दिया.
उसके लौड़े से गर्म-गर्म माल निकल कर मेरी गांड में भर गया.
फिर उसने पैंट पहन ली.
वह बोला- अब चलो!
मैंने भी कपड़े पहन लिए और चलने लगा.
मैंने उससे उसका नंबर ले लिया और कहा- अगली बार आना तो मिलना!
वह कहने लगा- ठीक है!
मैंने उसे बस स्टॉप पर छोड़ दिया.
मैं घर आ गया.
मैंने उस दिन अपनी गांड मरवा कर पूरा मजा लिया.
उसने सुबह मेरे पास फोन किया और बोला- रात को कैसा लगा था?
मैंने कहा- बहुत मजा आया!
वह कहने लगा- मैं कभी आऊंगा, तो फिर से मिलूंगा आपसे!
दोस्तो, आज की मेरी यह हिंदी गांडू कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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