गे अंकल सेक्स कहानी में सड़क पर एक अंकल ने मुझे लिफ्ट दी और वे मुझे अपने घर ले गए. वहां उन्होंने गांड मरवाने की बात की. मैंने डरते हुए हाँ कर दी.
मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम सुमित है.
आज मैं आपको मेरी पहली गे सेक्स कहानी यानि गांड चुदाई की कहानी सुनाने वाला हूं.
मेरी गे अंकल सेक्स कहानी आपको बहुत पसंद आएगी.
यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है जिसमें मुझे बहुत मजा आया था.
यह बात तब की है, जब मैं 18 साल का था, तब मैं बिहार के लिए कबड्डी खेलता था.
उस वक्त मैं जिस मैदान पर अभ्यास करता था, वह मेरे घर से लगभग 16-17 किमी दूर था.
मैं अभ्यास के लिए वहां रोज जाता था.
उस समय समलैंगिक सेक्स के बारे में मुझे ज्यादा कुछ पता नहीं था!
एक दिन जब मैं अपना अभ्यास खत्म करके घर जा रहा था तो अभ्यास मैदान से कुछ दूर जाते ही मेरे पास एक अंकल आए और बोले- कहीं जाना है बेटा? मेरे साथ चले चलो, मैं छोड़ देता हूँ!
मुझे थोड़ा लेट हो गया था, लगभग 7 बज गए थे तो अंकल का यह कहना मुझे ठीक लग रहा था.
फिर अंकल अचानक से मेरे बिल्कुल पास आ गए और मुझसे पूछने लगे- जाना है, तो चलो न … सोच क्या रहे हो!
इस बार मैं थोड़ा डर गया क्योंकि मैं अंकल को नहीं जानता था.
तभी मैंने कहा कि अंकल में ऑटो से चला जाऊंगा!
तो उन्होंने कहा- जाना कहां है पहले ये तो बताओ!
मैंने उन्हें अपने घर का पता बताया तो उन्होंने कहा- मैं उधर तो नहीं जा रहा हूँ, लेकिन उस जगह से तुम्हें थोड़ा दूर छोड़ देता हूं. तुम मेरे बेटे जैसे हो, चलो मेरे साथ … तुम्हें कोई दिक्कत नहीं होगी.
जब अंकल ने इतना कुछ बोला तो मुझे भी लगा कि चलो ठीक है, कोई दिक्कत नहीं है. इनके साथ चला जाता हूँ.
अंकल के पास बाइक थी तो मैं उनके साथ बाइक पर बैठ गया और अंकल भी शायद मन ही मन यही चाह रहे थे.
जब मैं बाइक पर बैठ गया, तब अंकल मेरे बारे में पूछने लगे कि क्या करते हो, कहां से आए थे और तुम्हारे पापा क्या करते हैं?
उनके इन सवालों को मैंने सामान्य समझ कर उन्हें सब बता दिया.
मैं बता दूं कि अंकल ने सफेद कुर्ता और काली पैंट पहनी थी या अंकल लगभग 38-40 के होंगे व वे एकदम फिट थे.
अंकल ने अचानक से मुझसे कहा कि दूर को क्यों बैठे हो पास आओ.
मैं बाइक के पीछे था, इसी लिए मुझे यह थोड़ा अजीब लगा कि अंकल पास क्यों बुला रहे हैं.
खैर … फिर भी मैं थोड़ा आगे चला गया.
फिर अंकल ने थोड़ी देर बाद मेरी जांघ पर अपना हाथ रखा और उससे मेरी जांघ को सहलाने लगे.
इससे मेरे शरीर में कुछ अजीब सी हलचल होने लगी.
तभी अंकल थोड़ी और पीछे को हुए और मेरे जांघ पर लगभग अपने चूतड़ रख अर बैठ से गए.
अब मैं थोड़ा थोड़ा समझने लगा कि कुछ तो बात है.
फिर अंकल ने धीरे से मेरे लंड को अपने हाथ को पीछे कर के पकड़ लिया.
अब मैं उनकी इस हरकत से कुछ कुछ मस्त होने लगा और मेरे अन्दर भी सेक्स की मस्ती चढ़ने लगी.
पता नहीं, उस वक्त मुझे क्या हुआ कि मैं अंकल को कुछ बोल भी नहीं पा रहा था.
सब कुछ अपने आप ही होते जा रहा था.
फिर अंकल ने मेरे लंड को सहलाते हुए कहा- गांड चुदवाओगे मुझसे … मैं तुमको पैसे दूंगा!
यह सुनकर मैं थोड़ा डर गया और मैंने अंकल से गाड़ी रोकने के लिए कहा.
तभी अंकल थोड़ा डर गए और बोलने लगे- अरे बुरा मत मानो बहुत मजा आएगा … कोई दिक्कत भी नहीं होगी.
उस टाइम न जाने क्या हुआ कि मेरे मन में भी सेक्स करने का मूड बनने लगा.
वैसे भी मुझे अंकल लोग बहुत पसंद आते थे लेकिन मैंने इसे पहले कभी सेक्स नहीं किया था. इस वजह से मैं थोड़ा डरा हुआ था.
जब मैंने ये बात अंकल को बताई, तो अंकल के चेहरे पर एक ख़ूबसूरत सी मुस्कान आ गई थी.
उसी मुस्कान के साथ उन्होंने कहा- बेटे, कोई दिक्कत नहीं होगी और तुम्हें मज़ा भी आएगा!
तभी मैंने अंकल से कहा कि आप यह सब किधर पर करेंगे?
वे बोले- क्या सब किधर करेंगे!
मैंने कहा- अरे मेरा मतलब है कि हम लोग सेक्स किधर करेंगे?
इस पर अंकल ने कहा- हम लोग मेरे घर पर चल रहे हैं, वहां मैं अकेला रहता हूं. मैं पटना के हाई कोर्ट में नौकरी करता हूं.
यह सुनकर मैं थोड़ा रिलैक्स फील करने लगा कि यह आदमी कोई बदमाश नहीं है सरकारी नौकरी वाला आदमी है तो मेरे साथ कोई गलत नहीं होगा.
मैं अंकल के साथ अब उनके घर चला गया.
तब तक 7:40 का टाइम हो गया था.
मुझे अपने घर के लिए देरी हो रही थी लेकिन मैं अपने घर पर फोन करके कह सकता था कि मुझे आने में देर हो जाएगी.
जब हम दोनों उनके घर गए.
तब अंकल का घर बहुत सुंदर तो नहीं था लेकिन अच्छा था.
फिर अंकल बैठे और मुझे समझाने लगे- डरो मत, कुछ नहीं होगा.
उसके बाद अंकल मुझे अपने करीब बिठा कर मेरे साथ चिपकने लगे और अपने पास खींचने लगे.
मैं भी उनके बदन से आती मर्दानी महक में खोने लगा.
अंकल मुझे किस करने लगे और मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए कहने लगे कि तुम बहुत सुंदर हो.
मुझे किस करते हुए वे मेरे बदन को चाटने लगे.
शुरू में तो मुझे बहुत अजीब लग रहा था लेकिन न जाने क्यों मुझे मजा भी बहुत आ रहा था.
अंकल का लंड और मेरा लंड एकदम टाइट हो गया था.
फ़िर अंकल ने मेरा लंड अपने हाथ में ले लिया और उसे हिलाने लगे.
थोड़ी ही देर बाद उन्होंने झुक कर मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया.
उनके लंड को मुँह में लेते ही मेरे अन्दर बहुत मस्ती छाने लगी और मेरी पूरी बॉडी में एकदम बिजली सी तड़कने लगी.
थोड़ी देर तक अंकल ने मेरा लंड चूसा, फिर उन्होंने मुझसे कहा- तुम अपने घुटनों के बल बैठ जाओ.
जब मैं अपने घुटनों के बल बैठा, तो अंकल ने अपना पैंट निकाल दिया.
उनके पैंट निकलते ही मैं एकदम हैरान हो गया.
उनका लंड एकदम घोड़ा की तरह मोटा था और वह 7-8 इंच लम्बा रहा होगा.
मैंने इतना बड़ा लंड कभी भी नहीं देखा था.
मैं लंड देख कर न जाने क्यों रोने लगा.
तब अंकल ने मेरे सर को पकड़ा और अपने लंड को मेरे मुँह में डालने लगे.
अंकल का लंड जब मेरे मुँह में गया तो मुझे एकदम उल्टी जैसी आने लगी.
मैं अंकल को मना करने लगा.
अंकल ने कहा- बस थोड़ा सा चूस लो, फिर छोड़ देना!
मैंने जैसे तैसे अंकल का लंड अपने मुँह में लिया और चूसने लगा.
कुछ देर चूसने के बाद अंकल बोले कि अब औंधे होकर लेट जाओ.
मैं उल्टा लेट गया.
अंकल ने मेरे पेट के नीचे एक तकिया लगाया ताकि मेरी गांड ऊपर को रहे और अंकल अच्छे से चोद पाएं.
पास की टेबल पर ही पहले से ही एक तेल की शीशी रखी हुई थी.
अंकल ने वह तेल लिया और मेरी गांड पर और अपने लंड पर लगाने लगे.
फिर उन्होंने मेरी गांड के छेद के पास अपना लंड रखा और लंड का सुपारा मेरे छेद पर रगड़ने लगे.
जैसे ही उन्होंने अपना लंड मेरे छेद पर रखा, मेरे शरीर में एक अजीब सी तरंगें उठने लगीं और झुरझुरी सी होने लगी.
उस वक्त मेरे अन्दर से डर खत्म हो गया था और बस यह लग रहा था कि अंकल का लंड अन्दर घुस जाए.
शायद अंकल ने उस तेल में कुछ ऐसा मिलाया हुआ था, जिससे मेरे अन्दर गांड मरवाने की चुदास जागने लगी थी.
अंकल ने कहा- तुम्हारी गांड तो बहुत छोटी सी है, तब भी मुझे बहुत मजा आएगा. तुम्हें हल्का सा दर्द होगा, सहन कर लेना!
उनकी दर्द वाली बात से मैं थोड़ा डर गया और धीमे से बोला- आप आराम से करना!
उन्होंने भी मेरी गांड थपथपा कर कहा- अरे मैं तुमको कुछ नहीं होने दूंगा. मैं तुम्हें आराम से मजे लेकर पेलूंगा.
मैं चुप रहा.
अब उन्होंने धीरे से अपना लंड अन्दर घुसाने की कोशिश की.
तो मुझे दर्द होने लगा.
मैं आह आह किया और कहा कि अंकल दर्द हो रहा है!
उन्होंने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे मुँह को अपने हाथ से बंद कर दिया.
अब उन्होंने मेरी गांड के छेद पर अपना लंड इतना जोर से दबाया कि मेरी आंखों में आंसू गए और मैंने अपनी पूरी ताकत लगा कर अंकल से छूटना चाहा.
मैं कुछ आगे को आ भी गया.
उधर अंकल ने मुझे वापस पीछे खींचा और कहा- अरे थोड़ा दर्द होगा शुरू में बाद में सब नॉर्मल हो जाएगा और मजा भी आएगा.
यह सब कहते हुए अंकल ने मुझे नीचे खींचा और उसी तरह पेलने लगे.
इस बार वे थोड़ा हांफ रहे थे और छेद में पूरा लंड पेलने की कोशिश कर रहे थे.
उन्होंने मुझे कसके पकड़ा और अपने लंड को मेरी गांड के छेद पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का मारा.
मेरे मुँह से चीख निकल गई- आ हहह!
अंकल मुझे सहलाने लगे.
मैंने अपना हाथ अपनी गांड के पास किया तो गीला सा लगा.
मैंने हाथ आगे करके देखा कि हाथ पर खून लगा हुआ है.
तो मैंने वापस गांड की तरफ देखा.
मेरी गांड से ही खून निकल रहा था और उनके लंड में भी लगा हुआ था.
मैं घबरा गया कि मेरी गांड फट गई है शायद!
अंकल कहने लगे- अरे जब किसी की पहली बार मारी जाती है न तो सील टूटती है और उसमें से खून आता ही है. बस यह हो गया है न … अब देखना तुमको बहुत मजा आएगा.
यह कह कर अंकल ने फिर से मुझे अपनी तरफ खींचा और लंड अन्दर बाहर करते हुए मेरी गांड चोदने लगे.
चूंकि गे अंकल ने वह जादू वाला तेल लगाया था तो मुझे मीठे दर्द के मजा आने लगा.
अब अंकल ने वापस तेल की शीशी से तेल को अपने लंड के जरिए मेरी गांड में टपकाया, मुझे मस्ती छाने लगी.
दर्द तो अभी भी हो रहा था लेकिन ऐसा लग रहा था कि अंकल अन्दर बाहर अन्दर बाहर करते रहें.
इस बार जैसे ही अंकल ने मेरी गांड में एक तेज धक्का दिया, तो उनका लंड और अन्दर घुस गया.
मुझे फिर से दर्द हुआ और एक दो पल बाद ही गांड में हेनू हेनू होने लगा.
अंकल थोड़ी देर के लिए रुक गए. वे मेरे सीने की घुंडियों को मींजने लगे.
यह तो और ज्यादा मजेदार लगने लगा था.
उसके बाद अंकल फिर से धीरे-धीरे अपने लंड को मेरी गांड में घुसेड़ने लगे और निकालने लगे.
जब उनको लगने लगा कि अब लंड और ज्यादा मस्ती से अन्दर बाहर अन्दर बाहर हो सकता है, तो वे धीरे-धीरे मेरी गांड मारने लगे और अपने मूसल लंड को मेरी छोटी सी गांड में अन्दर बाहर अन्दर बाहर करने लगे.
मुझे उस समय थोड़ा सा पेट में दर्द हो रहा था.
फिर अंकल एकदम मस्त होने लगे.
उनकी रफ्तार धीरे-धीरे बढ़ने लगी और वे लंबी लंबी सांसें लेते हुए मुझे चोदने लगे.
लगभग 5 मिनट मुझे चोदने के बाद उनकी स्पीड बहुत तेज हो गई थी और वे मुझसे बार बार पूछ रहे थे कि मजा आ रहा है न!
मैं बार बार हां में जबाब दे देता था क्योंकि मुझे भी बहुत मजा आ रहा था.
इसी तरह गे अंकल ने दस मिनट तक मुझे पेला और मेरी गांड के छेद को गड्ढा जैसा बना दिया.
उसके बाद अंकल ने अपने लंड का सारा माल मेरी गांड में ही झाड़ दिया और मेरे ऊपर ही ढेर हो गए.
मेरी गांड मारने के बाद उन्होंने मुझे बहुत देर तक मेरी गर्दन और गालों पर किस किया.
फिर हम दोनों साथ में बाथरूम में गए. उधर अंकल ने अपने लंड को धोया और मुझसे लंड चुसवाया.
फिर हम दोनों फव्वारे के नीचे खड़े होकर नहाने लगे और मस्ती करने लगे.
करीब दस मिनट बाद हम दोनों बाहर आ गए.
अंकल नंगे ही कुर्सी पर पसर गए और सिगरेट पीने लगे.
मैं उनके सामने अपने कपड़े पहन कर तैयार हो गया.
अंकल ने इस बीच मुझसे मेरा नंबर मांगा और डायल कर दिया.
इस तरह से हम दोनों ने एक दूसरे का फोन नंबर ले लिया.
उसके बाद अंकल ने मुझे एक दर्द वाली दवा की गोली दी कि रात को यदि दर्द हो तो यह दवा खा लेना. क्योंकि तुम्हारी गांड पहली बार चुदी है तो रात को पक्का परपराएगी.
मैंने दवा जेब में रख ली.
उन्होंने मुझे 1000 रुपये दिए और मेरे घर तक छोड़ दिया.
वे बोले- जब भी मन करे … मुझे कॉल करना. मैं तुम्हें अच्छे से पेलूंगा.
मैंने उन्हें ओके कहा और अपने घर चला गया.
अंकल ने सही कहा था कि रात को गांड में दर्द होगा.
मैंने दर्द की दवा खा ली तो दर्द खत्म हो गया.
अगले ही दिन से मेरी गांड में सनसनी होना शुरू हो गई और मैं फिर से अंकल के लौड़े से चुदने को मचलने लगा.
दोस्तो, यही थी मेरी सच्ची सील तोड़ गांड चुदाई की गांडू की कहानी.
इसके बाद मैंने बिस्तर वाली कबड्डी किस किस के साथ खेली, वह सब मैं आपको बाद में लिखूँगा.
फिलहाल आप बताएं कि आपको यह गे अंकल सेक्स कहानी कैसी लगी.
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