मैंने अपने बायोलॉजी के टीचर को चोदा

यह गे टीचर सेक्स कहानी मेरे बायोलॉजी टीचर की गांड मारने की है. बहुत पहले से ही उनके ऊपर मेरी नजर थी क्योंकि वे बहुत चिकने गोरे और हैंडसम थे. उनकी गांड जबरदस्त थी.

हाय … मेरा नाम कौस्तव है. अभी मैं 24 साल का हूँ.
ये गे टीचर सेक्स कहानी मेरे और मेरे टीचर के बीच हुई कुछ मादक घटनाओं की है.

उस वक्त मैं बारहवीं क्लास में पढ़ता था. मुझे बहुत पहले से ही साइंस में इंटरेस्ट था, तो इसलिए मैंने साइंस विषय लिया हुआ था.

बायोलॉजी के लिए मैं एक भैया से ट्यूशन लेता था जो मेरे घर आकर मुझे पढ़ाते थे.
उन भैया का घर भी मेरे घर से बहुत नजदीक था.
उस समय भैया ग्रेजुएशन कर रहे थे.

भैया मुझे हफ्ते में सिर्फ 2 दिन पढ़ाने शाम को आते थे.
भैया बहुत ही हैंडसम थे, वे जिम करते थे इसलिए उनकी बॉडी भी काफी अच्छी थी.
उनके मसल्स मुझे बहुत पसंद थे.
भैया का रंग भी एकदम गोरा था और लम्बाई भी काफी मस्त थी.

सबसे ज्यादा भैया की जांघें और गांड मुझे बहुत अच्छी लगती थीं.
न जाने क्यों मुझे हमेशा भैया की गांड मारने की इच्छा होती थी पर मैं उन्हें कभी बोल नहीं पाया.

एक दिन मौका आया.
भैया मुझे बायो का एक चैप्टर पढ़ा रहे थे.
उसमें पुरुष जननतंत्र के बारे में लिखा था.
उन्होंने मुझे वह पढ़ाना स्टार्ट किया.

जो पाठक बायोलॉजी पढ़े हैं, उन्हें ये चैप्टर के बारे में सब पता ही होगा.
अब इस विषय को पढ़ाते पढ़ाते भैया का लंड बार-बार मोटा हो रहा था, इसलिए भैया बार-बार उसे अपने हाथ से ढक रहे थे.

उनकी यह हरकत मुझे भी समझ आ रही थी.
इधर मैं भी जननांग के बारे में जानकर बहुत गर्म हो रहा था.

मेरा भी लंड खड़ा हो गया था, मैं भी हाथ से किसी तरह अपने लौड़े को ढके हुए था.
भैया भी ये बात समझ रहे थे.

मतलब उस वक्त हम दोनों ही बहुत गर्म हो रहे थे.

भैया बहुत ज्यादा असहज महसूस कर रहे थे. वैसे तो हम दोनों हर वक्त मजाक करते थे.
मैं भैया से सेक्स के बारे में तरह-तरह के सवाल करता रहता था.

भैया भी खुल कर मेरे हर प्रश्न का जवाब देते थे.
उस दिन मेरे लिए भैया का लंड देखने का यह एक अच्छा मौका था.

मैंने थोड़ा साहस करते हुए बोल दिया- भैया, मेरा लंड भी मोटा हो गया है, इसलिए आपको बार-बार हाथ से छुपाने की जरूरत नहीं है!
ये बात सुनकर भैया थोड़ा चौंक गए.

फिर थोड़ा सोचने के बाद उन्होंने अपना हाथ हटा दिया.
उनकी देखा देखी मैंने भी अपना हाथ अपने लौड़े से हटा लिया.

जब भैया ने हाथ हटाया, तब उनका लंड एकदम कड़क हो गया था जो पैंट के बाहर से ही समझ आ रहा था.

मेरा मन कर रहा था कि मैं भैया को बोल दूँ कि आप अपनी पैंट खोल दो.
लेकिन यह रिस्क वाली बात थी, अगर मम्मी आ गईं तो गड़बड़ हो सकती थी.

हम दोनों ऊपर के कमरे में स्टडी करते थे और मेरी मम्मी-पापा नीचे के कमरे में रहते थे.

भैया का लंड नीचे हो ही नहीं रहा था.
थोड़ी देर बाद भैया बोले- दरवाजे को लॉक कर दो … क्योंकि अगर तेरी मम्मी आ गईं और वे हमें इस स्थिति में देख लेंगी तो मामला गड़बड़ हो सकता है.
मैं चुप रहा.

इसके बाद भैया खुद ही उठकर दरवाजा बंद करने के लिए आगे बढ़ गए.
उस वक्त मुझे उनके पैंट से ही खड़ा हुआ लंड दिख गया.

दरवाजा बंद करके आने के बाद भैया बैठ ही रहे थे कि मैंने बोला- भैया, क्या ये चैप्टर आज हम दोनों नंगे होकर ही पढ़ें?
भैया ये बात सुनकर थोड़ा सोचने लगे.

फिर उनके शरीर की भूख ने उन्हें नंगा होने पर मजबूर कर दिया.

अब हम दोनों ने अपनी अपनी टी-शर्ट उतार दीं, फिर कुछ पल बाद पैंट खोल दिए.
भैया पैंट खोलने के बाद चड्डी खोलने जा रहे थे तब मैंने उनका लंड को हाथ लगा दिया.

उनका लंड बहुत मोटा हो गया था.
मेरा हाथ लगते ही भैया के मुँह से आह निकल गया.

मैंने अपने दोनों हाथों से उनकी चड्डी को उतार दिया.
मैं उनका बड़ा सा लंड देख कर एकदम से सन्न हो गया था.

उनका लंड बहुत ही सुंदर था.
इधर भैया ने भी अपने हाथों से मेरी चड्डी उतार दी.
भैया ने मेरा खड़ा हुआ सात इंच का लंड देख कर ‘वाओ’ बोल दिया.

फिर मैं भैया से जोर से लिपट गया.
भैया ने भी उत्तेजित होकर मुझको गोदी में उठाकर बिस्तर पर फेंक दिया.

अगले ही पल वे भी मेरे ऊपर आ गए.

भैया ने मुझे किस किया और मेरे लंड से अपना लंड घिसने लगे.
कुछ मिनट तक ये सब करने के बाद भैया ने कहा कि मेरा लंड चूस लो.

भैया का लंड मेरे लंड से छोटा था, उनका करीब 6 इंच का रहा होगा.

मैं उनके लंड को चूसने के लिए अपने मुँह को लंड के नजदीक ले गया और धीरे से लंड मुँह में ले लिया.
भैया तो सातवें आसमान पर पहुंच गए.

कुछ मिनट तक लंड चूसने के बाद मुझे लगा कि सीढ़ी से कोई ऊपर चढ़ रहा है.

मैंने भैया से कहा और हम दोनों ने जल्दी जल्दी अपनी अपनी पैंट और टी-शर्ट आदि कपड़ों को पहन लिया.

मैंने धीरे से दरवाजा खोला.
सामने माँ थीं.

उन्होंने कमरे के अन्दर आकर भैया से पूछा- आज कितनी देर तक पढ़ाओगे?
भैया ने कहा- बस हो ही गया था.

ये सब करते-करते टाइम का ख्याल ही नहीं था कि कब 9:30 बज गए.

थोड़ी देर में भैया निकल गए.
मां भी नीचे चली गई थीं.

मां के जाते ही मैं जल्दी से बाथरूम में आ गया और अपना लंड हिला कर खुद को ठंडा करने लगा.

कुछ ही समय में मेरे लौड़े से बहुत सारा माल निकल गया.
मैं फोन लेकर बाथरूम गया था और वीर्य का पिक लेकर मैंने भैया को व्हाट्सएप्प कर दी.

फिर मैं खाना खाने चला गया.
जब मैं खाना खाकर लौट कर कमरे में आया और अपना फोन चेक किया तो भैया ने लाइक और किस का इमोजी सेंड किया हुआ था.

मैंने लिखा- आप भी भेजो अपने माल का फोटो!
तो भैया ने लिखा- कल भेजूँगा!

उस रात से हम दोनों ने सेक्स चैट करना स्टार्ट किया.

मैंने भैया से कह दिया- मैं बहुत दिन से आपका फिगर देख कर रोज अपना हिलाता हूँ. आपकी गांड मारने को बहुत मन करता है.
भैया ने कहा- ठीक है, एक दिन मैं तुम्हारी गांड मारूँगा और तुम मेरी मार लेना.

उस रात हम दोनों वीडियो चैट पर थे और दोनों ही नंगे थे.
उस रात बात इतनी देर तक हुई कि नींद आने में सुबह हो गई.

दो दिन बाद भैया शाम को मेरे घर आए और मेरी मम्मी से बोले- आज रात क्या मैं कुश (मेरा पेट नेम) को अपने घर ले जा सकता हूँ … कुछ प्रोजेक्ट के काम हैं, कल ही कॉलेज में जमा करना है!
तो मम्मी बोलीं- ठीक है, ले जाओ.

उस वक्त मैं ऊपर वाले कमरे में पढ़ रहा था, तभी मम्मी ने ऊपर आकर मुझसे कहा- तुम जाओ, ऋत्विक भैया बुला रहा है. आज रात तुझे उनके घर में रुकना पड़ेगा, तुम्हें उसके प्रोजेक्ट में मदद करना है.
मैं तो यह सुनकर एकदम से खुश हो गया और मैंने माँ को तुरंत ‘हां’ बोल दिया.

फिर नीचे आकर देखा कि भैया मुझे ले जाने के लिए खड़े हैं.
मैं खुशी-खुशी उनके साथ जाने लगा था.

उनके साथ चलते समय मैंने उनसे पूछा कि भैया, आप अपने पेरेंट्स को क्या बहाना बनाओगे?
तो भैया बोले- आज मैं घर में अकेला हूँ, मेरे पेरेंट्स बाहर गए हैं. वे 2 दिन बाद वापस आएंगे.
ये सुन कर तो मैं उछल पड़ा.

फिर हम दोनों उनके घर पहुंच गए.
तब आठ बज रहे थे.

घर के गेट बंद करके हम दोनों सीधा भैया के बेडरूम में चले गए.
कमरे में आते ही भैया ने मेरे होंठ से अपने होंठ लगा दिए और किस करने लगे.

हम दोनों मानो कि अलग ही दुनिया में पहुंच गए.
किस करते-करते हम दोनों बिस्तर पर लेट गए.

साथ में ही हम दोनों लिपटा-लिपटी कर रहे थे.

बिस्तर के एक तरफ से दूसरी तरफ … एक बार मैं उनकी ऊपर तो कुछ पल बाद वह मेरे ऊपर.

पूरे 20 मिनट तक हम दोनों किस किया.

उसके बाद धीरे-धीरे हमने एक-दूसरे के कपड़े उतार दिए और पूरे नंगे हो गए.

भैया नीचे बैठ कर अपने हाथों से मेरे लंड को मसलने लगे.
मुझे बहुत आराम महसूस हो रहा था.

थोड़ी देर में उन्होंने मेरे लंड की फोर-स्किन को दांतों से धीरे से काटा और सुपारे पर अपनी जीभ घुमाने लगे.
मैं मस्ती में ‘उम्म्म उम्म्’ करने लगा.

भैया बोलने लगे- यार, इतना बड़ा लंड मैंने कभी नहीं देखा … और तुम्हारा ये बहुत टेस्टी भी है.
यह कह कर भैया मेरा पूरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगे.

वे पूरे लंड को अपने गले तक ले जा रहे थे.
भैया के सलाइवा से मेरा पूरा लंड गीला हो गया था.

थोड़ी ही देर में मेरा लंड बिलकुल सख्त हो गया और मैं भैया के मुँह में ही झड़ गया.
भैया ने बड़े चाव से पूरा माल निगल लिया.
एक-दो बूँद जो भैया के गाल पर गिर गई थीं, उसे भी भैया ने उंगली से उठा कर चाट लिया.

उसके बाद अपने मुँह से मेरा लंड पूरा चाट कर साफ कर दिया.

ये सब होते ही भैया कुत्ते के पोज में हो गए और उनकी गांड मेरे लंड की तरफ हो गई.

वे बोले- आज से मैं तेरी रंडी हूँ … चल जल्दी से अब मेरी गांड फाड़ डाल.

भैया की मखमली गांड देख कर मेरे मुँह में पानी आ गया.
उनकी गांड इतनी गोरी थी कि क्या ही कहूँ.
उनके मोटे मोटे दोनों चूतड़ पूरे बैलून की तरह फूले हुए थे.

भैया के बदन पर एक भी बाल नहीं था, उन्होंने शेव किया हुआ था.

मैंने पहले भैया की गांड के छेद को सूँघा.
उनकी गांड की गंध ने मुझे मदहोश कर डाला.

मैंने धीरे से अपनी जीभ से गांड के छेद को लिक किया … फिर जीभ से गांड के फूल को सहलाने लगा.

भैया मस्त हो गए और उन्होंने अपनी गांड के फूल को लुपलुप करके खोल बंद करना चालू कर दिया.
मैं अपनी जीभ को उनकी गांड के अन्दर डाल कर चाटने लगा.

भैया को इससे इतना आराम मिल रहा था कि वे आह आह करने लगे थे.

भैया के कंठ से निकलने वाली आवाजों से ही उनकी मस्ती का पता चल रहा था.
भैया अब कामुक हो गए थे और गाली देते हुए बोलने लगे थे- आह चूस मादरचोद … चूस पूरा रस पी जा बहन के लंड … आज मेरी गांड फाड़ दे साले चूस और चूस!

ये सब सुनकर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गया और बोलने लगा- हां साली रंडी … तुझे मैं छोडूँगा साले … पूरी रात पेलूँगा तेरी गांड … मेरा लंड कब से तेरी गांड मारने के इंतज़ार में था … साली चिकनी रंडी … आह आज से तू मेरी रंडी बनकर रहेगी साली!

कामवासना के नशे में मैं सारा रेस्पेक्ट भूल गया था और वे भी मस्ती भरी बातें कर रहे थे.

हम दोनों की इन्हीं रसीली बातों में हम दोनों फिर से गर्म हो गए.
मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

दस मिनट गांड चाटने के बाद मैंने एक उंगली को छेद में अन्दर डाला, फिर दो उंगली डाल दीं.

भैया की गांड कुंवारी थी तो एकदम टाइट छेद था.
उन्हें थोड़ा दर्द हो रहा था तो वे चीख पड़े.
पर कुछ देर में वे सामान्य हुए तो फिर से उंगली डालने को बोलने लगे.

इस बार मैंने शुरू में ही तीन उंगलियां अन्दर डाल दीं.
भैया ‘आह्ह आह्ह उम्म्म उम्मम’ करके कराहने और चिल्लाने लगे थे.

मुझे उनकी गांड में उंगली करने में बेहद मजा आ रहा था, तो मैं उंगलियां करता रहा.
कुछ ही देर में भैया की गांड ढीली हो गई.

उसके बाद मुझे अपना लंड गांड में डालना था तो मैं बोला- अब लंड डाल रहा हूँ भोसड़ी के … तेरी गांड के छेद में आज पूरा पेल दूंगा … रंडी साली!
तो भैया ने बोला- हां डाल दो मालिक, मेरी गांड अब तुम्हारे हवाले है.

मैंने अपने लंड को धीरे से भैया की गांड की छेद में लगाया और सुपारे से गांड के छेद को सहलाने लगा.
इससे भैया को मजा आने लगा और वे अपनी गांड को मेरे लौड़े के सुपारे से रगड़वाने लगे.

उसी वक्त भैया ने अपनी गांड का मुँह खोल दिया और मैंने लंड पेल दिया.
मेरा सुपारा भैया की गांड में घुस गया.

वे आह करके अभी कराहे ही थे कि मैंने और जोर लगाते हुए लंड को दो इंच और घुसेड़ दिया.

भैया दर्द से बोले- आह फट गई … साले ने फाड़ दी … आह धीरे धीरे कर … भोसड़ी के जान लेगा क्या … मादरचोद लग रही है, फर्स्ट टाइम लंड ले रहा हूँ!

मैं उनकी एक बात भी नहीं सुन रहा था, उस वक्त मैं एक अलग ही दुनिया में था.

मैं अपने लंड से उनकी में झटके देने लगा.
भैया ‘आह्ह आह्ह’ करने लगे.

धीरे-धीरे करते-करते मैंने देखा कि वे अब सामान्य हो गए हैं और मजा लेने लगे हैं तो मैंने अचानक से जोर दिया और अपना पूरा लंड उनकी गांड के अन्दर घुसेड़ दिया.

भैया जोर से चीख पड़े- आई … लग गई ऊई मां .. मर गया.

इस झटके से उनकी गांड से थोड़ा सा खून भी निकल आया था, जो मैंने भैया को नहीं बताया.

थोड़ी देर तक अपने लंड को बिना हिलाए मैंने गांड में पड़ा रहने दिया.

जब भैया की गांड का दर्द थोड़ा कम हुआ तो वे बोले- अब चोदो जोर-जोर से!
उनके मुँह से चुदाई की बात सुन कर मैं जोर-जोर से झटके देने लगा.

भैया मजे से सीत्कार करने लगे- आह मजा आ रहा है … आह चोद साले … पूरा लंड पेल कर मेरी गांड फाड़ दे मादरचोद चोद साले और जोर जोर से पेल … आअह्ह आअह उम्म् उम्म्म मार मेरी गांड … अपने लवड़े की सारी गर्मी मेरे अन्दर डाल दे हरामी आह चोद और जोर-जोर से चोद!

मैं भी बोलने लगा- हां बे भोसड़ी के साली भूखी रंडी … आज तेरी गांड को फाड़ ही दूँगा साली आह आज से तू मेरी रंडी है कुतिया … समझी … तुझे रोज रात को चोदूंगा साली आह ये ले लौड़ा साली … और ले!

कुछ देर बाद भैया बोले- अब मिशनरी टॉय करते हैं!
वे बेड पर चित लेट गए और अपने दोनों पैर उठा कर अपने सर की तरफ करते हुए गांड को फैला दिया.

इतनी जोर-जोर से गांड मारने के बाद भैया की गांड का छेद मस्त गड्डा सा दिख रहा था.

मैंने निशाना साधा और एक ही बार में अन्दर पेल दिया.
उनकी खुली हुई गांड ने एक झटके में ही मेरा लंड अन्दर ले लिया था.

मैं अपना पूरा लंड घुसा कर उनकी गांड को चोदने लगा.
भैया और जोर जोर से सीत्कार करने लगे- आअ ह्ह्ह आआह आअह्ह आह्ह ऊम्मम उम्म बेबी आई लव यू.

मैं भी प्यार से आवाज निकालने लगा- यस बेबी तू सिर्फ मेरी है … लव यू टू!

कुछ देर पेलने के बाद अब मेरा माल निकलने वाला था, तो मैंने उनसे पूछे बिना ही उनकी गांड में लंड झाड़ दिया.

भैया ने अपने लौड़े को हिला कर झाड़ लिया था.
मैं भैया के ऊपर ही उनसे लिपट कर सो गया.

दो घंटे बाद हम दोनों ने फिर से सेक्स किया और नंगे ही लिपट कर पूरी रात सोए रहे.

दोस्तो, मेरी यह गे टीचर सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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