मेरे चचेरे भाई ने मेरी गांड मारी

गांड मारने की कहानी में मैं अपने ताऊ के घर रहता था. मुझे गांड सेक्स अच्छा लगता था. एक बार मेरे चचेरे भाई ने मुझे गे वीडियो देखते पकड़ लिया. फिर उसने मेरी गांड मारी.

दोस्तो, मेरा नाम राहुल है.
मुझमें सेक्स को लेकर बहुत चुल्ल थी और मुझे लड़कों से अपनी गांड मरवाने की बड़ी तमन्ना रहती है.

मैं आपको पहली बार हुई अपनी गांड मारने की कहानी सुनाना चाहता हूँ.

ऐसे ही एक रात मुझे मेरे बड़े पापा के लड़के ने मेरी गांड मारी … जिसकी दास्तान मैं यहां पेश कर रहा हूँ.

मैं राजस्थान का निवासी हूँ और मेरे बड़े पापा दिल्ली रहते हैं.
मैं बड़े पापा के घर में रह कर पढ़ने के लिए दिल्ली गया था.

बड़े पापा के घर में बड़ी मम्मी और उनका लड़का विजेश रहता था.

विजेश लगभग 20 साल का था और उसका रंग थोड़ा सांवला था.
उसकी बॉडी ठीक-ठाक थी.

बड़े पापा ने मुझे विजेश के रूम में साथ रहने को कहा.
मुझे भी कोई ऐतराज नहीं था.

रात को जब सब सो जाते थे, तब मैं गे सेक्स वीडियो देखता था.

एक रात जब मैं ऐसा ही वीडियो देख रहा था, विजेश अचानक उठ गया.
उसने मुझे वीडियो देखते हुए देख लिया.

उस रात तो उसने कुछ नहीं कहा.

लेकिन सुबह होते ही उसने मुझसे पूछा- रात को क्या देख रहा था?
मैंने झूठ बोला- क्लास देख रहा था!

उसने तुरंत कहा- मैं सब जानता हूँ, तुम क्या देख रहे थे. मैं सबको बता दूँगा कि तुम गे हो!

मैंने उसे बहुत मनाने की कोशिश की लेकिन वह नहीं माना.

मैं समझ नहीं पा रहा था कि विजेश को कैसे समझाऊं … यदि इसने सच में मेरी शिकायत बड़े पापा से कर दी तो मुझे उनके घर से भगा दिया जाएगा.

मैं विजेश के पैरों में गिर गया और मैंने उससे कहा- तुम जो कहोगे, मैं करने को तैयार हूँ … बस मेरी शिकायत नहीं करना.

वह कुछ देर चुप रहा और आखिर में उसने मेरे सामने एक शर्त रखी- तुम्हें रोज़ मेरे साथ सेक्स करना होगा!

उसने जैसे ही यह कहा, तो मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ.
लेकिन मैं ऊपर ऊपर से मना करता रहा कि ऐसा मत करो … मैं ऐसा नहीं हूँ!

उसने कहा- वह सब कुछ नहीं … तुम रात को मेरे रूम में आ जाना. यदि नहीं आए तो समझ लेना … मैं क्या करूंगा!
यह कह कर वह चला गया.

मैं सोचने लगा कि आज मेरी सुहागरात कैसी होगी … क्या विजेश मेरी लेगा या मुझे उसकी लेना पड़ेगी!

इसी सब ऊहापोह में रात हो गई थी.
मैं खाना खाकर विजेश के रूम में पहुंच गया.

विजेश पहले से ही बेड पर था.
मैं अन्दर आया और उसकी तरफ देखा.
उसने मुस्कुरा कर उठ कर दरवाज़ा बंद कर दिया.

मैं उसके बिस्तर के सामने एक कुर्सी पर बैठ गया.

फिर वह मेरे करीब आकर मुझे ऐसे सूँघने लगा, जैसे कुत्ता किसी कुतिया की चुत सूँघता है.

फिर उसने मुझे अपनी बांहों में उठाया और बेड पर लिटा दिया.
मैंने उसे मना किया लेकिन वह नहीं रुका.

उसने मेरे बदन पर हाथ फेरना शुरू किया, इससे मुझे अच्छा महसूस होने लगा.

फिर उसने मुझे किस कर दिया.
वह मुझसे बोला कि तुम भी किस करो … तुम्हें अच्छा लगेगा!

मैंने उसकी बात मान ली और उसके होंठों को चूमने लगा.
कुछ ही देर में अब मैं भी गर्म हो चुका था.

उसने मेरी टी-शर्ट उतारी और मेरे सीने के एक निप्पल को चूसने लगा.
उससे मुझे सुरसुरी होने लगी और मुझे यह लगने कि बस अब यह मुझे नंगा करके मेरी गांड मार दे.

फिर कुछ देर बाद उसने मेरी पैंट भी उतार दी.
अब मैं सिर्फ़ अंडरवियर में था.

उसने मेरे अंडरवियर में हाथ डाला और मेरे लंड को ऊपर-नीचे करने लगा.

मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया था.
उसका हाथ मेरे रस से गीला हो गया था.

फिर उसने वही हाथ मेरे मुँह में डाल दिया और मुझे ही मेरे लौड़े के वीर्य का स्वाद देने लगा.

फिर वह मेरी चड्डी से खेलने लगा.
उसने कहा- अब मेरा लंड निकालो, बिना हाथ लगाए!

मैंने अपने मुँह से उसकी ज़िप खोली और जैसे ही ज़िप खुली, उसका लंड बाहर आ गया क्योंकि उसने चड्डी नहीं पहनी थी.
उसका लंड बहुत बड़ा था, लगभग 7 इंच का!

मैं डर गया लेकिन चुदास से मजबूर था.

उसके लंड की खुशबू मुझे उसे मुँह में लेने के लिए उकसा रही थी.
मैंने उसके लौड़े को अपने मुँह में भरा और चूसना शुरू कर दिया.

थोड़ी देर बाद विजेश ने कहा- अब लेट जाओ. मैं तुम्हारी गांड चाटना चाहता हूँ!
मैं लेट गया.

उसने मेरी चड्डी उतारी, मेरी टांगें फैलाईं और मेरी गांड पर हाथ फेरा.
मैं तड़प उठा.

उसने मेरी गांड चाटना शुरू कर दिया.
मेरे मुँह से सुकून भरी आवाज़ें निकलने लगीं जिससे वह और उत्तेजित हो गया.

अब मेरी गांड मरने वाली थी.
उसने मेरी गांड पर तेल लगाया और मुझे घोड़ी बना दिया.

उसने कहा- ये तुम्हारा पहला बार है … है ना?
मैंने कहा- हां.

उसने कहा- थोड़ा दर्द होगा, फिर ठीक हो जाएगा!
मैंने कहा- ठीक है!

अब उसने मेरी गांड पर अपना लंड रखा और ऊपर-नीचे फेरने लगा.
उसके लौड़े के सुपारे से मेरी गांड में खुजली सी होने लगी और मेरी गांड का छेद खुल बंद होने लगा.

वह मेरे छेद को खुल बंद होते हुए देख रहा था.

अचानक से उसने एक ज़ोरदार झटके के साथ उसने अपना लंड मेरी गांड में डाल दिया.

लंड का सुपारा गांड में जाते ही मुझे बहुत तेज दर्द हुआ.

मैंने उसे हटाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं हटा.
मेरी आंखों से आंसू निकल आए, पर वह रुका नहीं.

कुछ देर बाद वह अपना लंड आगे-पीछे करने लगा.

मैं दर्द से रो रहा था, लेकिन पांच मिनट बाद दर्द कम हो गया और मुझे थोड़ा मज़ा आने लगा.

उसने मुझे कई तरीकों से चोदा और मुझे भी मज़ा आया.

आखिर में उसने अपना लंड मेरे मुँह में दिया.
मैं उसे चूस रहा था कि तभी उसने अपने लौड़े से सारा रस मेरे चेहरे पर गिरा दिया.

उस रात मैं दो बार चुदा और उसके बाद तो वह मुझे रोज़ ही चोदने लगा.

तो दोस्तो, यह मेरी गांड मारने की कहानी आपको कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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