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Xxx गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी में पढ़ें कि मैं पढ़ाकू किस्म का लड़का हूँ, मेरी कोई GF नहीं थी लेकिन दोस्तों को लड़कियों से मस्ती करते देख मुझे लगता था कि मेरी भी कोई हो!

दोस्तो, मैं अर्पण अहमदाबाद का रहने वाला हूँ.
मैं एक मल्टी नेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ.
साथ ही मैं आप सबकी तरह अन्तर्वासना का नियमित पाठक हूँ.

हर रोज नई सेक्स कहानियाँ पढ़ कर आज मुझे भी अपनी सेक्स कहानी को साझा करने का मन हुआ.
आज मैं आपसे अपनी जिंदगी की पहली चुदाई की कहानी के बारे में बात कर रहा हूँ.

यह Xxx गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी उस समय की है, जब मैं कॉलेज में था.
कॉलेज में नया नया गया था.

तब नए स्टूडेंट साथियों से मिलना, बातें करना थोड़ा अजीब सा लगता था.
पर जैसे जैसे पहचान हुई, दोस्त भी बनने लगे.
हमारी क्लास में सब लड़के लड़कियों की जोड़ियां शुरु के 6-8 महीने में ही बन गई थीं.

मैं कुछ पढ़ाकू था तो लड़कियों से दूर ही भागता था.

ऐसे ही दिन बीतते गए.
पूरा साल गुजर गया हम सब दूसरे साल में आ गए.

सब कपल्स को देखकर अब मुझे भी लगने लगा था कि मुझे भी किसी को पटा लेना चाहिए.
पर दिक्कत ये थी कि सैट किसे और कैसे करूं?
पूरे कॉलेज में हर लड़की किसी न किसी के साथ भिड़ी हुई थी.

एक दिन हम तीन दोस्त पार्किंग में बैठे थे.
हम तीन दोस्तों में मैं, हार्दिक और संजय थे.

उसी समय 2-3 लड़कियां हार्दिक से मिलने आईं. वो सब हमारे क्लास में ही थीं, तो सबसे जान पहचान थी.

हम सबने एक दूसरे को हाई हैलो कहा.
थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद वो लड़कियां चली गईं.
उसमें से एक लड़की ने हार्दिक से जाने से पहले इशारे से कहा- मैं बस स्टॉप पर वेट कर रही हूँ.

मैंने हार्दिक से पूछा- भाई, ये सब क्या है? कोई प्रोग्राम है क्या?
वो हंस कर बोला- अबे कुछ नहीं यार, वो मेरी बाजू की सोसाइटी में ही रहती है और बस में साथ में ही आती है.

मैंने भी कुछ नहीं कहा.
वो बोला- साले, अपनी सैटिंग बना ले फिर दूसरे की देखकर तुझे सब समझ आ जाया करेगा.

उसकी बात से फिर से लगा कि मुझे हर हाल में एक चूत सैट कर लेनी चाहिए.
ऐसे ही दो दिन गुजर गए.

दो दिन बाद नवरात्रि शुरू होने वाली थी तो कॉलेज में सेलिब्रेशन था.
उस टाइम पर वो लड़कियां हमारे साथ घुल मिल गयी थीं तो लगा कि चलो मजा आएगा.

दो दिन बाद सब गरबा खेलने के लिए अपनी तैयारी कर रहे थे. सबने अपना अपना ग्रुप बना लिया था.

मैंने भी सोचा कि यही सही समय है, लग जाओ प्यारे, हो सकता है कि कोई सैट हो जाए.
मैं अपने ग्रुप के साथ जुड़ गया.

हमारे ग्रुप में एक लड़की थी, उसका नाम मिताली था.
वो बिल्कुल सीधी सादी थी. वो चम्पू से बाल बना कर आती, एकदम बहन जी जैसी. वो भी मेरी तरह पढ़ाकू थी. कोई लड़का उसके सामने देखता भी नहीं था.

उस दिन से वो मेरे साथ बातें करने लगी.
मेरे मन में उसके लिए कोई ऐसे भाव नहीं थे.
हम दोनों हमेशा पढ़ाई की बातें करते थे.

फिर एक दिन जनवरी में सेकंड टर्म के एग्जाम थे तो मैं कॉलेज के नजदीक वाले गार्डन में बैठ कर पढ़ रहा था.
उसी समय दूसरे ग्रुप के कुछ लड़के लड़कियां आए और उन्होंने मुझसे पूछा-अर्पण हम लोग रिफ्रेशमेंट के लिए बाहर जा रहे है, तू चल रहा है क्या?

उन्होंने मुझसे ज्वाइन करने के लिए पूछा तो हार्दिक वाली लड़की ने हां बोल दिया.
ये वही लड़की थी जो हार्दिक के साथ आती जाती थी.
संजय तो वैसे ही मस्त मौला था, तो वो भी चलने के लिए राजी हो गया.

अब मैं और मिताली रह गए थे.
उन्होंने हमसे भी चलने को पूछा, तो हमने ना बोल दिया.

फिर वो लोग चले गए.
थोड़ी देर तक हम दोनों गार्डन में बैठे रहे अब पढ़ाई का मूड उखड़ गया था.

हम दोनों इधर उधर की बातें करने लगे.

फिर मिताली बोली- अर्पण, मैं घर जा रही हूँ. उधर ही पढ़ाई का मूड बनेगा
मैंने ओके कहा और उसको बस स्टॉप पर छोड़ कर मैं भी अपने घर आ गया.

रात को सोते समय मेरे मन में एक विचार आया. मैं उन कपल्स के बारे में सोच रहा था कि क्या मस्त लाइफ है उनकी और मैं साला झांटू प्रसाद बना लंड हिला रहा हूँ. अब तक एक लड़की भी सैट नहीं कर पाया.

तभी मेरे मोबाइल में मिताली का मैसेज आया.
उसे कुछ डाउट्स थे तो पूछ रही थी.

मैंने फोन लगा कर उसे सब क्लियर किया और कॉल काट दिया.

तभी मेरे दिमाग में घंटी बजी कि मिताली को कोई ठीक से ध्यान में नहीं लेता, तो क्यों न इसे ही पटाया जाए.
वैसे भी हम दोनों एक ही टाइप के हैं.

मैं अपने बारे में बताऊं, मैं किसी भी लड़की को देख कर अपने दिमाग में उसकी स्कैनिंग कर लेता हूं कि उसमें कैसे बदलाव किए जाएं तो वो कैसी माल दिखेगी.

मैंने भी मिताली के बारे में सोचा, तो लगा यार ये तो कयामत ही लगेगी.

वैसे मिताली के बारे में बताऊं तो वो दिखती तो ठीक ठाक ही थी. उसके बूब्स 28 के, कमर 26 की और गांड 30 की थी.
यानि अब जो भी बैटिंग करनी थी, वो मुझे ही करनी थी.

दूसरे दिन से ही मैं काम पर लग गया.
मैंने हार्दिक से बात की और उससे बोला- यार मैं सोच रहा हूँ कि मिताली को सैट कर लूं, पर तू इस बात को किसी से कहना मत!
हार्दिक बोला- तेरा विचार अच्छा है. लग जा काम पर!

अब मेरे सामने दिक्कत ये थी कि बात करूं तो कैसे करूं?

उतने में खबर आई कि शाम को हार्दिक की गर्लफ्रेंड की बड़ी दीदी की शादी थी.
तो उसने हम सभी को इनवाइट किया था.
हम सब शादी अटेंड करने गए.

रात की शादी थी और ठंड का मौसम था.

डिनर खत्म करके हम अपने घरों के लिए निकले.
रात के 12 बजने को आए थे.

पहले ये निश्चय हुआ कि लड़कियों को घर पर छोड़ कर हम घर पर चलते हैं.

हार्दिक ने साइड में ले जाकर मुझसे कहा- आज मौका है, चौका मार ले. प्रपोज कर डाल.
मेरी गांड फट रही थी … साली हिम्मत ही नहीं हो रही थी.
ऊपर से हार्दिक दबाव डाल रहा था.

उतने में हार्दिक के मुँह से निकल गया- मैं कुछ कहना चाहता हूँ.
मैंने उसे रोका- कुछ नहीं बोल.

मगर हार्दिक ने ही बोल दिया- अर्पण तुझे लाइक करता है और तुझे प्रपोज करना चाहता है.
मुझे लगा कि इस बात से मिताली गुस्सा हो जाएगी.

पर वो शांत रही, बस इतना ही बोली- मैंने इस बारे में कभी सोचा ही नहीं था.
वो इतना कहकर चली गई.

मैंने सोचा कि यार ये तो गलत हो गया.
अब मैं मुँह लटकाए घर पहुंचा, तो रात के डेढ़ बज गए थे.

घर जाकर फोन चैक किया तो मिताली का मैसेज पड़ा था.
मुझे लगा पक्का गाली दी होगी.

पर यहां पर तो कुछ और ही निकला.
वो भी मुझे लाइक करती थी और उसने मुझे आई लव यू लिखा था.

मेरी तो लॉटरी लग गई.
अब मैं सामने से क्या जवाब दूँ, वही सोच रहा था.

तभी उसका वापस मैसेज आया.
‘जाग रहे हो!’

मैंने उसे कॉल लगाया और कहा- थैंक्यू सो मच. आई लव यू टू.
वो शर्मा गई और बाद में हंसने लगी.

फिर हम दोनों ने थोड़ी बहुत बातें की और सो गए.

वो अगले दो दिन तक कॉलेज आने वाली नहीं थी क्योंकि उसके यहाँ एक फैमिली फंक्शन था तो वो घर वालों के साथ बाहर जाने वाली थी.
हमारी कॉल पर ही बातें होती रहीं.

उसने मुझे किसी को नहीं बताने को बोला.
वो सबको और स्पेशियली मुझे भी सरप्राइज देने की बात कर रही थी.

दो दिन बाद जब वो कॉलेज में आई तो सब लोग उसे देखते ही रह गए.
उसका हुलिया पूरा बदल चुका था.
वो चम्पू की जगह कोई मॉडल हो, ऐसी बला बन कर आई थी.
सब लोग उसे ही देख रहे थे.

जैसे मैंने उसके लिए सोचा था, वो उसके जैसी ही दिख रही थी.
मैंने भगवान को धन्यवाद किया, सच में तेरे यहां देर है, अंधेर नहीं.

सब लोग उसे ही देख रहे थे और वो मुझे!
मेरे पास आते ही उसने मुझे मेरे गाल पर किस किया तो सब लोग और भी ज्यादा अचंभित हो गए.

ये सब हो क्या रहा है, किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
मैं मन ही मन मुस्कुरा रहा था क्योंकि आज मेरा लकी डे था.

फिर मिताली ने सबको बताया, मैंने अर्पण का प्रपोजल रात को ही स्वीकार कर लिया था.
सब लोग इस बात से खुश थे.

अब तो वो बहन जी में से मॉडल हो गई थी. हर रोज मॉडल की तरह आना, आते ही मुझे किस करना.

कॉलेज में फाइनल एग्जाम आने वाले थे, उसकी टेंशन भी थी.
सब बारी बारी एक दूसरे के घर जाते और पढ़ाई करते.

फिर एक दिन हार्दिक का कॉल आया वो और उसकी गर्लफ्रेंड कहीं बाहर जा रहे थे तो वो लोग मिताली के घर पढ़ने नहीं आ पाएंगे.

मैं मिताली के घर अकेला चला गया.
आज उसके घर पर भी कोई नहीं था.

मैं एक बात बता दूँ कि हम दोनों हर रोज रात को कॉल और मैसेज से फ़ोन सेक्स करते थे.
उसे भी उत्तेजना होती थी कि वो मुझसे चुद जाए.
मैं भी उसे चोदने का बहाना ढूंढ रहा था.

लग रहा था कि आज मौका मिलने वाला था.

मैं उसके घर पे गया, देखा कोई नहीं था.

आज मिताली ने भी टी-शर्ट और नीचे स्कर्ट पहनी थी.
वो किचन में गई और चाय बनाने लगी.

मैं भी उसके पीछे गया और पीछे से उसकी कमर पर हाथ रख दिया.

उसने कोई विरोध नहीं किया और छोटी सी स्माइल देकर मेरे गाल पर किस कर दिया.
इससे मेरी हिम्मत बढ़ गई.

मैंने उसके कान के पास धीरे से किस की, जिससे वो थोड़ी उत्तेजित होने लगी.

उसने अपनी आंखें बंद की हुई थीं, वो आज कोई हूर की परी से कम नहीं दिख रही थी.
उतने में चाय तैयार हो गई, उसने एक ही कप में चाय निकाली.

बड़ी बड़ी सिप लेते हुए हम दोनों ने एक ही कप से चाय पी. पर हमारा चाय पीने में कम और एक दूसरे को निहारने में ज्यादा ध्यान था.
दोनों की आंखों में एक अजीब सा नशा छाया था.

लग रहा था कि आज यही वो वक़्त है जब हम दोनों एक दूसरे में समा सकते हैं.

चाय खत्म होते ही मैंने उसे गोद में उठाया और बेडरूम में ले आया.
धीरे से मैंने उसे बेड पर बिठाया.

वो अब नशीली आंखों से मुझे देख रही थी.

मैं उसके पास गया और उसके रसीले होंठों को चूमने लगा.
वो भी मुझे सहयोग देने लगी.

फिर मैंने धीरे से उसकी टी-शर्ट निकाली.
वो मेरे सामने अपनी ब्रा में थी.

मैंने फिर उसके गले के आस पास किस करना चालू किया तो मदहोशी छाने लगी.
वो मादक सीत्कार भरने लगी.

फिर मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल दिया जिससे उसके छोटे छोटे बूब्स बाहर आ गए.
एकदम अनछुए से गुलाबी निप्पल.

एक बूब को मैं हाथ में लेकर धीरे धीरे दबाने लगा और दूसरे को जीभ से चाटने लगा.
इससे उसके मुँह से धीरे धीरे आवाजें निकलने लगीं- आह … अम्म.

फिर मैंने मजा लेते हुए धीरे से एक निप्पल को काट लिया तो उसके मुँह से आउच निकल गया.
वो मुझे गुस्से की नजर से देखने लगी और बाद में हंसने लगी.

मैंने उसे आगोश में भर लिया.
उसने मुझे धक्का दिया और एक पैर मेरे कंधे पर रख दिया, जिससे उसका स्कर्ट थोड़ा ऊपर को हो गया.

मैंने उसके स्कर्ट को ऊपर करते हुए उसके पैर को चूमना शुरू किया और धीरे धीरे ऊपर बढ़ने लगा.
जैसे जैसे मैं ऊपर जाने लगा, उसके मुँह से आवाजें बढ़ने लगी.

वो अपना आपा खोने लगी थी.
मैंने उसको उसकी गांड को थोड़ा ऊपर उठा कर उसकी स्कर्ट को निकाल दिया.

अब वो मेरे सामने सिर्फ पैंटी में ही थी.
मैंने भी अपनी टी-शर्ट और जीन्स निकाल दी और अपनी बनियान और अंडरवियर को भी निकाल दिया.

मैं उसके सामने बिल्कुल नंगा था.
उसने मेरे लंड को देखा तो सहम गई.
मेरा 7 इंच लंबा और मोटा था.
वो बस आंखें फाड़ कर लंड देखती ही रही क्योंकि उसने कभी वास्तव में लंड देखा ही नहीं था.

मैंने वापिस उसको किस करना शुरू किया.
पहले मैंने उसे होंठों पर, गले पर, उसके दोनों बूब्स को, फिर उसके पेट और उसकी नाभि पर किस किया.

उसकी नाभि पर एक तिल था जो मैंने आज पहली बार देखा था. उसकी नाभि एकदम गोल और गहराई वाली थी. कोई भी एक बार देख भर ले, तो उसका मन डोल जाएगा.

उसकी नाभि को मैंने जीभ डाल कर कुरेदा और चूमा.
उससे वो बहुत उत्तेजित हो गई और उत्तेजना भरी आवाजें करने लगी- आह … उम्म डियर!

ऐसी आवाज़ सुनकर तो मुर्दे का लंड भी खड़ा हो जाए, फिर मैं तो जिंदा आदमी था.
मेरा भी लंड लोहे की रॉड जैसा टाइट हो गया.

मैंने उसकी चूत को देखा.
पहले मैंने उसके छेद के ऊपर किस की तो उसके मुँह से मादक आवाज़ निकलने लगी.

फिर मैंने उसकी चूत की फांकों को खोला तो पता चला कि वो एकदम अनछुई सील पैक कली थी.
उसने अब तक अपनी चूत में उंगली भी नहीं की थी.

आज तो मेरी डबल लॉटरी लग गई थी.
मुझे आज पहली बार ओपनिंग करना था … और वो भी सील पैक पिच थी.

मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो वो अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगी.
कभी दाएं कभी बाएं, कभी ऊपर होती.

उसको बेचैनी हो रही थी तो वो बार बार पोजिशन बदलने लगी थी.
वो एकदम गर्म हो गई थी; उसका खुद पर से नियंत्रण खो चुका था. मेरी xxx गर्लफ्रेंड सेक्स के लिए तैयार थी.

अब मैंने अपना लंड उसके हाथ में थमाया तो वो अपने गोरे गोरे नर्म हाथों से उसे सहलाने लगी.
ऐसा लगा कि मक्खन को कटोरी में मैंने लंड को रख दिया हो.

फिर मैंने उसे लंड मुँह में लेने को बोला तो उसने मना कर दिया.
मैंने भी कोई जबरदस्ती नहीं की.

फिर मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया रखा, जिससे उसकी चूत का छेद सही तरीके से खुल जाए और लंड सैट हो जाए.

चूत खुल कर सामने आई तो मैंने उसकी चूत को अपनी उंगलियों से सहलाना शुरू कर दिया.
क्योंकि मुझे पता था कि अगर जोर डाला तो समस्या हो सकती है.

फिर मैंने धीरे उसकी चूत की फांकों पर अपने लंड को रखा और घिसने लगा.
उससे वो और उत्तेजित हो गई.

फिर धीरे धीरे मैंने लंड चूत में उतारना शुरू किया.
पर निराशा हाथ लगी, चूत टाइट होने के कारण लंड फिसल गया.

वैसे भी वो अपनी उत्तेजना में एक बार झड़ चुकी थी.

मैंने निराश न होते हुए 2-3 बार और कोशिश की.
पर फिर भी निराशा ही हाथ लगी.

फिर मैं क्रीम ले आया और मेरे लंड और उसकी चूत पर बहुत सारी क्रीम लगा दी.

अब मैंने उसकी चूत में लंड महाराज को डालने की कोशिश की.
लंड का सुपारा चूत की फांकों में अपना मुँह घुसा चुका था.

उधर मिताली की आंखें बंद हो गई थीं और दांत भिंचे हुए थे.

मैंने लौड़े को धीरे धीरे अन्दर बाहर करते हुए हिलाना शुरू कर दिया.

जैसे जैसे चूत पे लंड ठोकर देता, उसके मुँह से ‘आहह मम्मी मर गई अम्म्म … अर्णव स्लो … आह.’ की आवाजें आतीं.

उसकी आवाजें कुछ ज्यादा तेज होने लगी थीं और लंड को पूरा अन्दर पेलने आ समय आ गया था.
मैंने उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया और चूमना शुरू कर दिया.

वो भी मुझे साथ देने लगी.
अब वो समय आ गया था कि चूत की गहराई में लंड को उतारा जाए.

मैंने एक ही झटके में लंड को चूत में उतार दिया.
वो दर्द से छटपटाने लगी, उसकी आंखों से आंसू आ गए.

वो घुटी हुई आवाज में मुझे बोलने लगी- प्लीज, ऊंह उन्नह बाहर निकालो … मैं मर जाऊंगी.
मैं कुछ समय ऐसे ही पड़ा रहा, उसे सहलाता रहा.

कुछ समय के बाद मैंने लंड को अन्दर बाहर करना शुरू किया.
फिर भी वो कराह रही थी.

थोड़ी देर बाद वो भी मुझे साथ देने लगी.
हमारे बीच चुदाई का घमासान हो शुरू हो गया था.

करीब बीस मिनट में मैंने उसे दो बार और झाड़ा और खुद भी उसके पेट पर झड़ गया.

जब मैंने लंड चूत में से बाहर निकाला तो ढेर सारा खून देखकर वो डर गई.
मैंने उसे बताया कि जब पहली बार करते हैं, तब ये सब होता ही है.

उस दिन वो बहुत खुश थी, मुझे अपनी बांहों में भर कर ढेर सारी चुम्मियां की.

मैंने उस दिन उसे एक बार और चोदा. मैंने बाथरूम में शॉवर लेते हुए Xxx गर्लफ्रेंड सेक्स किया.

उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता, हम एक दूसरे में खो जाते.

तो दोस्तो, मेरी ये सच्ची Xxx गर्लफ्रेंड सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, बताइएगा जरूर!
आपका प्यारा दोस्त अर्पण
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