गर्लफ्रेंड की सील पैक चुत फाड़कर रख दी

वर्जिन चूत सेक्स कहानी मेरे साथ पढ़ने वाली मेरी गर्लफ्रेंड के साथ पहले सेक्स की है. वह तब बिना चुदी थी. बड़ी मुश्किल से मैंने उसे सेक्स के लिए मनाया था.

दोस्तो नमस्ते!
मेरा नाम दीप है। मैं झुंझुनू राजस्थान का रहने वाला हूँ।

आज मैं आपके साथ अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी शेयर करने जा रहा हूँ।
यह मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की पहली सेक्स की वर्जिन चूत सेक्स कहानी है।

मैं पिछले छह सालों से रोज़ सेक्स कहानियाँ पढ़ता हूँ।
इन कहानियों से मैं अपनी गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स के नए-नए तरीके आज़माता हूँ।

मेरी गर्लफ्रेंड का नाम अंकिता है।
उसका फिगर 30-28-34 का है।
वह बहुत खूबसूरत लड़की है।

हम दोनों लगभग पाँच साल से रिलेशन में थे।
स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई हमने साथ-साथ की थी।

उसने ही मुझे सबसे पहले प्यार का इज़हार किया था।

कॉलेज के दिनों में समय निकालना मुश्किल हो रहा था।
मैंने बिना अंकिता को बताए शहर की एक दूसरी लड़की से दोस्ती कर ली।
मैंने उस दूसरी शहरी लड़की के साथ कई बार सेक्स किया था।

दोस्तो, सेक्स की भी एक उम्र होती है! शायद यही सोचकर मैंने उस लड़की से दोस्ती की थी।

मैं दिखने में थोड़ा साधारण हूँ। मेरी हाइट और वजन एक सामान्य युवा की तरह है।
मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच चौड़ा है।
मेरी स्टैमिना भी काफी अच्छी है।

एक दिन की बात है, हम दोनों बाहर घूमने गए थे।

अंकिता ने मुझसे कहा, “दीप, आज हम कहीं अकेले में बैठकर बातें करेंगे, जहाँ हमें कोई डिस्टर्ब न करे!”
मैंने पूछा, “आज तुम ऐसा क्यों बोल रही हो?”

वह बोली, “मेरा भाई आज घर पर नहीं है। मुझे लेट जाने पर कोई कुछ नहीं पूछेगा। मैं मम्मी को बोल दूँगी कि मैं अपनी फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में हूँ।”

मेरे मन में भी ख्याल आने लगे कि आज एक वर्जिन लड़की के साथ सेक्स करने का मौका मिलेगा!

तभी अंकिता की एक सहेली का कॉल आ गया।
अंकिता उससे सारी बातें शेयर करती थी।

उसने अपनी सखी को हमारी मुलाकात की बात बता दी।
उसकी फ्रेंड बोली, “अगर मम्मी पूछे तो बोल देना कि आज तुम मेरे साथ थी!”

हमने एक होटल में कमरा बुक किया।

एक स्टाफ हमें रूम तक छोड़ने आया।
वह पानी की बोतल भी लाया और बोला, “सर, कुछ चाहिए तो एक रिंग कर देना, मैं सुविधा उपलब्ध करवा दूँगा!”

मैं और अंकिता पाँच मिनट तक बातें करते रहे।
फिर मैंने उसे लिप किस करना शुरू किया।

पहले उसने मुझे पीछे धकेल दिया।
मैंने दोबारा कोशिश की तो उसे भी मज़ा आने लगा।

हम 20 मिनट तक किस करते रहे।
फिर मैंने धीरे-धीरे उसके कपड़े उतार दिए।

मैंने उसे सिर्फ पैंटी में छोड़ दिया।

उसने भी मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझे पूरा नंगा कर दिया।

उसके गोरे बदन को देखकर मेरा लंड पूरा खड़ा हो चुका था।
वह मेरे लंड को बड़े गौर से देख रही थी।

मैं एक हाथ से उसके बूब्स मसल रहा था और दूसरे बूब को किस कर रहा था।

वह धीरे-धीरे सिसकारियाँ ले रही थी।
मैंने उसके पूरे शरीर पर किस करते हुए उसकी पैंटी तक पहुँच गया।

उसकी पैंटी से बहुत अच्छी खुशबू आ रही थी।
मैंने पैंटी पर एक प्यारा सा किस किया।

फिर मैंने धीरे-धीरे उसकी पैंटी उतार दी।
उसकी चिकनी गुलाबी वर्जिन चूत मेरी आँखों के सामने थी।

मैंने बिना देर किए उसकी चूत पर किस करना शुरू कर दिया।
वह बिना पानी की मछली की तरह तड़पने लगी।

लगभग 20 मिनट तक मैं उसकी चूत चाटता रहा।
वह एक बार झड़ चुकी थी।
मैंने उसकी चूत का नमकीन पानी पूरा पी लिया।

फिर मैं खड़ा हुआ और अपना लंड उसके मुँह के सामने ले गया।

मैंने कहा, “अंकिता, इसे मुँह में लो!”
उसने मना कर दिया।

मैंने बहुत कोशिश की।
आखिरकार उसने मेरा लंड अपने मुँह में लिया।

जैसे ही उसने मुँह में लिया, मैंने एक झटके में पूरा लंड उसके मुँह में डाल दिया।
उसकी आँखें बाहर आ गईं!

15-20 मिनट तक मैं उसके मुँह को चोदता रहा।
जब मेरा होने वाला था, मैंने बिना पूछे सारा पानी उसके मुँह में निकाल दिया।

मैंने पीछे से उसका सिर जोर से पकड़ लिया ताकि पानी बाहर न आए।

5 मिनट आराम करने के बाद मैंने उसे फिर से किस करके गर्म करना शुरू किया।

वह मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत पर रगड़ने लगी।
वह बोली, “दीप, अब डाल भी दो! फाड़ दो मेरी चूत को! यह मुझे बहुत परेशान करती है। जब मैं तुमसे रोज़ कॉल पर बात करती हूँ, तो यह मुझे उंगली करवाकर ही मानती है!”

मैंने बिना देर किए अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी चूत पर सेट करने लगा।

पहली बार में लंड फिसल गया।
दूसरी बार मैंने लंड पर तेल लगाया और उसकी वर्जिन चूत पर भी तेल लगाया।

मैंने अंकिता को किस करना शुरू किया ताकि उसकी आवाज़ बाहर न जाए।

मैंने धीरे से लंड उसकी चूत पर सेट किया और एक जोरदार झटके के साथ उसकी चूत को चीरते हुए मेरा लंड अंदर समा गया।

वह तड़पने लगी।
उसकी आँखों में आँसू आ गए।

मैंने उसे फिर से किस करना शुरू किया।

जैसे-जैसे उसका दर्द कम हुआ, उसने अपनी गांड उठाकर इशारा किया।

मैं कहाँ रुकने वाला था … मैंने अलग-अलग पोजीशन में बहुत देर तक उसे चोदा।

इस दौरान अंकिता दो बार झड़ चुकी थी।
जब मेरा होने वाला था, मैंने पूछा, “अंकिता, कहाँ निकालूँ?”

वह बोली, “मेरी जान, मेरी चूत में ही निकाल दो! मैं तुम्हारा पानी अपनी चूत में लेना चाहती हूँ!”
मैंने दो-चार लंबे झटके मारे और उसकी चूत में सारा पानी निकाल दिया।

फिर मैं उसके ऊपर ही लेट गया।

थोड़ी देर बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत से निकाला।
मेरा लंड खू.न से सना हुआ था।

यह देखकर अंकिता ने बिना कुछ सोचे मेरा लंड अपने मुँह में लिया और उसे साफ करने लगी।

हम दोनों बाथरूम गए।
शावर चालू करके मैंने उसकी चूत को अच्छे से साफ किया।

उसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था।
मैंने उसे उठाकर बेड पर लाकर सुला दिया।

एक घंटे तक हम बिना कपड़ों के लेटे रहे और सेक्स से संबंधित बातें करते रहे।

फिर हमने कपड़े पहने और खाना ऑर्डर किया।
हमने एक-दूसरे को खाना खिलाया।

मुझे फिर से किस करने का मन हुआ।
मैंने उसे पाँच मिनट तक अच्छे से किस किया।

अंकिता ने अपनी फ्रेंड को कॉल किया और बोली, “हम होटल से बाहर आ रहे हैं। तुम अभी कहाँ हो?”

उसकी फ्रेंड ने जो एड्रेस बताया, मैं अंकिता को बाइक से उसकी फ्रेंड के पास छोड़ आया।

उसकी फ्रेंड हमें देखकर हँसने लगी।
मैंने उसकी फ्रेंड की तरफ आँख मार दी।

वह मेरे इशारे को समझ गई और अंकिता को अपने साथ ले गई।

अब जब भी हमें मौका मिलता है, हम तूफानी सेक्स कर लेते हैं।

दोस्तों, कैसी लगी मेरी पहली सेक्स कहानी?
मुझे मेल करके अपना फीडबैक जरूर दें ताकि मैं अपनी ज़िंदगी की और सेक्स कहानियाँ आपके सामने पेश कर सकूँ!
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