मुंबई की बस की भीड़ में लिए मजे

टीन गर्ल बस Xxx कहानी में पढ़ें कि 19 साल की एक लड़की को रात की बस में 5 घण्टे का सफर करना पड़ा तो उसके साथ क्या बीती और उसने अपने जीवन की पहली आधी अधूरी चुदाई का मजा लिया.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मेरा नाम नंदिनी दुसेजा है और मैं एक 19 साल की अभी टीनएजर गर्ल हूं.
मैं मुंबई शहर की रहने वाली हूं.

अभी मेरी उम्र केवल 19 साल है. मैंने इसी साल ट्वेल्थ बायो से पास किया है और मैं कॉलेज जाने लगी हूं. मेरा सपना एक डॉक्टर बनने का है.

आप लोग तो जानते ही हैं मुंबई लोकल बसों की हालत उन्हें पैर रखने की जगह नहीं देती और ऐसी स्थिति में बहुत सी बात लड़कियों के साथ बहुत से लोग पीछे से बहुत कुछ कर बैठते हैं.

मैंने कई बार सेक्स स्टोरियां पढ़ी हैं लेकिन कभी सेक्स नहीं किया किसी के साथ और न ही कभी हस्तमैथुन किया ज्यादा!
क्योंकि यह सब मुझे पसंद नहीं है.

यह मेरी पहली स्टोरी है.

टीन गर्ल बस Xxx कहानी आज से 1 महीने पहले शुरू होती है जब मैं अपनी बुआ के यहां गई हुई थी.
मैंने 1 महीने तो वहां बहुत इंजॉय किया.

लेकिन अभी एक सप्ताह पहले शाम 4:00 बजे यहां मुंबई कॉलेज से फोन आया कि मुझे कल सुबह कॉलेज में जाकर अपनी एडमिशन पेंडेंसी को पूरा करना है वरना मेरा एडमिशन कैंसिल हो जाएगा.

तो मैंने उसी वक्त पापा को फोन किया.
लेकिन उनके पास समय नहीं था मुझे लेने आने के लिए … और मेरे पास इतना टाइम भी नहीं था.
तो मैंने अकेले ही बस से जाने का तय किया.

मैंने जल्दी से अपने कपड़े पैक किए, अपने कपड़े चेंज किए और फूफा जी के साथ बस स्टैंड के लिए निकल गई.

हमें बस स्टैंड पहुंचने में 5:00 बज चुके थे और नासिक से मुंबई जाने में लगभग 5 घंटे लगते हैं.

फूफा जी ने मेरे बस का टिकट लिया और हम बस का इंतजार करने लगे.

बस आई तो उसमें काफी जगह भीड़ थी.
तो फूफा जी बोले- अगली बस से चली जाना!

लेकिन अगली बस रात को 12:00 बजे थी और मैं इतना इंतजार नहीं कर सकती थी.
तो मैंने इसी बस में जाने का तय किया और फूफा जी कहा- थोड़ी देर में जैसे ही जगह होगी तो मैं किसी सीट पर बैठ जाऊंगी.

फूफा जी ने भी बोला- ठीक है!
और वे मुझे बस में चढ़ा कर घर चले गए.

मैं बस की भीड़ में जगह बनाती हुई पीछे की साइड जाकर खड़ी हो गई.
लेकिन बस में पैर रखने की भी जगह नहीं थी, मैं किसी तरह एडजस्ट करके खड़ी हो गई.

तभी मुझे ध्यान आया कि मैं जल्दी-जल्दी में सलवार कुर्ते के अंदर ब्रा और पेटी तो पहनना ही भूल गई.

अब मुझे थोड़ा थोड़ा डर लगने लगा था कि अगर किसी को पता चल गया तो क्या होगा.
वैसे तो बस में बहुत भीड़ थी.

तो अब मैं थोड़ा डरी हुई चुपचाप अपना बैग हाथ में लेकर खड़ी हो गई.

आधे घंटे बाद तीन चार लोग और चढ़े.
बस में पहले ही बहुत भीड़ थी तो वे भी एडजेस्ट होकर खड़े हो गए.

तभी उनमें से एक लड़के की नजर मुझ पर गई और वह भीड़ को काटता हुआ मेरे पास आने लगा.

उसकी उम्र लगभग 21-22 साल के बीच में होगी.
रंग सांवला, बढ़िया मस्कुलर बॉडी और लगभग 6 फीट हाइट.

वह मेरे आगे आकर खड़ा हो गया.

अब बस चलने लगी.
बस का अगला स्टॉप सीधा मुंबई ही था.

वह लड़का मुझे ही देखे जा रहा था.

रात के 7:30 बज चुके थे.
और जैसा कि आप जानते हैं कि सरकारी बसों में लाइट होती है पर जलती बहुत कम है.
बस में हल्का हल्का अंधेरा होने लगा.

जैसे कि मैं सबसे पीछे खड़ी थी और लास्ट में जो लोग बैठे थे, थक कर सो चुके थे.

पर वह लड़का अभी मुझे देखकर ही जा रहा था.
लड़का इतना समझ चुका था कि मैंने सलवार के अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी है.

वह मुझे घूरे ही जा रहा था और मैं उससे नजर चुरा के इधर-उधर देख रही थी.

अब लगभग 8:00 बजे के आसपास वह मुझसे बोला- मुझे पीछे खड़े होने दो, आप थोड़े आगे हो जाओ.
तो मैंने उससे बोला- ठीक है.

क्योंकि पीछे जो लोग सोए हुए थे, वे बार-बार मुझे धक्का दे रहे थे.

तो मैं थोड़ा आगे ओके खड़ा हो गई और वह मेरे पीछे जाकर खड़ा हो गया.

लेकिन मैंने जब पीछे देखा तो वह मुझे ही घूरे जा रहा था.
और अब बस में अंधेरा काफी हो चुका था.

जो लोग मेरे आस पास थे, खड़े-खड़े ही सो रहे थे, किसी का कोई ध्यान नहीं था किसी पर भी!
बस सबको अपनी मंजिल तक पहुंचना था.

कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि वह जो लड़का मेरे पीछे खड़ा था, वह धीरे-धीरे मेरे पीछे से चिपकने लगा और अपना एक हाथ मेरी कमर पर रख दिया.

मुझे लगा कि उसने यह भीड़ के मारे किया होगा थकान की वजह से!
तो मैंने उसे कुछ नहीं कहा.

लेकिन अब मुझे थोड़ा थोड़ा डर लग रहा था.

कुछ देर बाद वह अपने हाथ को मेरी कमर पर चलाने लगा और धीरे-धीरे अपने दूसरे हाथ को भी मेरी दूसरी कमर पर रख दिया.
वह लड़का इतना तो समझ चुका था कि मैंने ब्रा और पेंटी नहीं पहनी है और मैं डरी हुई हूं. तो मैं ज्यादा कुछ कर भी नहीं सकती.

और जैसा कि मैंने आपको बताया मैं अभी केवल 19 साल की हूं और मैं अभी इतना ज्यादा कुछ जानती भी नहीं हूं लोगों के बारे में!

अब वह अपना हाथ धीरे धीरे मेरी कमर से नीचे मेरी गांड की तरफ ले जाने लगा और उसको सहलाने लगा.

तब मुझे अजीब सा लग रहा था और थोड़ा डर भी लग रहा था.
लेकिन मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी क्योंकि मुझे डर था कि अगर किसी को पता चल गया तो मेरी ही इंसल्ट होगी तो मैंने चुपचाप खड़े रहना ही सही समझा.

और इससे उसकी हरकतों को और जोर मिल गया और वह जोर-जोर से मेरी गांड को सहलाने लगा.

अब धीरे-धीरे वह मेरे पास आने लगा और पीछे से आकर मुझसे चिपक गया. अपनी पेंट के अंदर से ही लंड मेरी गांड पर चलाने लगा.

और अब वह अपने आपको धीरे-धीरे ऊपर मेरी छाती की तरफ लाने लगा.
उसने मेरा एक स्तन पकड़ लिया और उसको धीरे-धीरे सहलाने लगा.

अब वह इतना तो समझ चुका था कि वह चाहे जो करे, मैं कुछ नहीं कहने वाली!

वह धीरे-धीरे मेरे बूब्स को दबाने लगा और मैं उससे बचने के लिए नाकाम कोशिश करने लगी.

तभी उसने मुझे अपनी बाहों में जकड़ लिया और मेरे कान के पास आकर बोला- चुपचाप खड़ी रह … तुझे बहुत मजा दूंगा.
तो अब मैं भी चुपचाप खड़ी रही.

वह उसी तरह मेरे बदन को सहलाने लगा और उससे मुझे भी अजीब सा हो रहा था.
धीरे-धीरे मजा आने लगा था.

लेकिन फिर भी मैं एक सीधी-सादी लड़की की तरह चुपचाप खड़ी रही.

उसने एक हाथ धीरे से मेरे कुर्ते के अंदर डाल दिया और मेरे स्तन को पकड़ लिया.
मेरे शरीर में एक अजीब सी सनसनी दौड़ चुकी थी और पूरे शरीर में करंट दौड़ रहा था.

उसने नीचे से अपनी चेन खोली और अपना लिंग पैन्ट में से बाहर निकाल कर मेरी गांड पर चलाने लगा.
अपने एक हाथ उसने मेरी सलवार का नाड़ा खोल दिया और नीचे कर दिया.

जैसे कि बस में अंधेरा था तो किसी को कानों कान खबर भी नहीं हुई कि क्या हो रहा है.

अब वह एक हाथ से मेरी चूचियां मसल रहा था और दूसरे हाथ को मेरी योनि पर फेर रहा था.
और पीछे से अपने दिल को मेरी जान छुपा रहा था.

अब वह अपने मुंह को मेरे कान के पास लेकर आया और मदहोश करने वाली आवाज में बोला- रानी, अभी तो तुम्हारी चूत की सील भी नहीं टूटी है. अगर तुम मेरा साथ दो तो मैं तुम्हें पूरा मजा दूंगा.
और उसने बोला- अगर टांगें चौड़ी कर दो तो मुझे आसानी होगी.

अब मेरे मन में भी धीरे-धीरे उसके साथ यह सब करने का मन कर रहा था तो मैंने अपनी टांगें थोड़ी चौड़ी कर दी.
उसने हाथ से मेरी कमीज उठाई और मेरी चूत में उंगली देने लगा.

पीछे से थोड़ा नीचे होकर मेरी गांड पर अपना लंड दबाने लगा.
उसका लिंग लगभग 7 इंच का होगा.

अब उसने अपने लिंग पर पूरा थूक लगाया और मेरी गांड में घुसाने लगा.
मैंने अपने मुंह को जोर से भींच लिया और उसने भी अपना एक हाथ मेरे मुंह पर रख दिया और जोर से धक्का दिया.

मुझे एकदम से बहुत दर्द हुआ और मैं इधर-उधर होने लगी.
उसने बोला- हिल ना … कोई देख लेगा!
और थोड़ी देर वह शांत हो गया.

लगभग 1 मिनट बाद वह फिर से धीरे-धीरे धक्के देने लगा.
लंड गांड में तो क्या घुसना था, वह मेरे चूतड़ों की दरार में ही मजे लेने लगा, धीरे-धीरे आगे पीछे होने लगा.

अब मुझे भी थोड़ा थोड़ा मजा आ रहा था.
वह मेरे कान के पास आकर बोला- रानी मजा आ रहा है ना?
शायद उसे लग रहा था कि उसका लंड मेरी गांड में घुस गया है.

अब वह पूरे मन के साथ मुझे चोदने लगा और मेरी चूचियों को दबाने लगा.

काफी देर तक उसने ऐसे ही बहार बाहर से मेरी गांड मारी और फिर उसने मुझे अपनी तरफ घुमाया और मेरे लबों को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा.

और अब वह मेरे बूब्स को चूस रहा था और मुझे भी मजा आ रहा था.

तभी मैंने एक हाथ उसके लिंग की तरफ बढ़ाकर उसे छुआ.
तो वह बोला- घबराओ मत, यह तुम्हारा ही है, आराम से मजा लो.

तब उसने मुझे थोड़ी ऊपर उठाया और अपने लिंग के पास लाकर मेरी चूत के मुंह पर अपना लिंग लगाकर उसने मुझे एकदम से नीचे किया जिससे मेरी एकदम से चीख निकल गई.

और शायद मेरे साथ वाले को अंदाजा हो गया था कि यहां क्या हो रहा है.
लेकिन फिर भी वह कुछ नहीं बोला और चुपचाप सोता रहा.

उसके लंड का सुपारा मेरी चूत में घुस गया था शायद क्योंकि मुझे बहुत दर्द हो रहा था.

कुछ देर बाद उसने मुझे धीरे-धीरे धक्के देने शुरू कर दिए.

तब मैंने महसूस किया कि मेरी सील टूट चुकी थी और मेरी योनि से खून बह रहा था.
अब उसने धीरे-धीरे मुझे धक्के देने शुरू किए और मुझे भी मज़ा आने लगा.

काफी देर तक ऐसे ही चलता रहा.

अब मैं भी पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी और उसका पूरा साथ दे रही थी.

वह बीच-बीच में मुझे किस भी कर रहा था और बूब्स को पी रहा था.

कुछ देर बाद वह अपने लिंग को जोर-जोर से हिलाने लगा और उसने एक पिचकारी के साथ अपना सारा माल मेरे पेट पर निकाल दिया.

उसके बाद मैं उसी तरह उसकी बाहों में रही और उसने बीच में कई बार अपना लिंग खड़ा करके मेरी चूत पर रगड़ा.

फिर पता नहीं कब मेरी आंख लग गई और जब उसने एकदम मुझे जगाया तो मुम्बई पहुँच चुके थे हम!
वह मुझे जगा के नीचे उतर गया.
उसके बाद उसका कोई पता नहीं!

और उसने मेरी 19 साल की उम्र में चूत चोद कर मेरी सील तोड़ दी और मुझे लड़की से औरत बना दिया और मेरी वर्जिनिटी भी खत्म कर दी.
एक अनजान था जो मेरे ताले को अपनी चाबी से खोल कर चला गया.

तो दोस्तो, कैसी लगी मेरे टीन गर्ल बस Xxx कहानी?
आप जरूर बताना!
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