मैं दीदी की चुदास का शिकार बना

सिस्टर वांट सेक्स कहानी में मेरी लुल्ली में चोट लगी तो मुझे सबके सामने नंगा होना पड़ा. मेरी दीदी ने मेरा लंड देख लिया. दीदी ने मुझे चुदाई के लिए पटाना शुरू किया.

नमस्ते, मेरा नाम आरव है. मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ.

यह मेरी पहली सच्ची सेक्स कहानी है जो मैं आप सबको बताने जा रहा हूँ.
इस सिस्टर वांट सेक्स कहानी में मैं अपनी दीदी के साथ पहली बार सेक्स के बारे में बताऊंगा.

मैं यह भी बताऊंगा कि कैसे दीदी ने अपनी भूख मिटाने के लिए मेरा फायदा उठाया और मुझसे अपनी सील तुड़वाई.

पहले मैं आपको अपनी फैमिली के बारे में बता देता हूँ.
हमारे परिवार में चार लोग हैं. मैं, मम्मी-पापा और मेरी बड़ी बहन नेहा दीदी.

मेरी बहन मुझसे बड़ी हैं और मैं घर में सबसे छोटा हूँ इसलिए सबका लाड़ला भी हूँ.
मैं दिखने में बहुत क्यूट और स्टाइलिश हूँ.

यह बात तब की है, जब मैं किशोर वय का था.
मुझे सेक्स के बारे में कुछ भी पता नहीं था और ना ही मैंने उस वक्त तक कभी मुठ मारी थी.

एक दिन सुबह 8 बजे, जब मैं घर के सामने साइकिल चला रहा था, तभी अचानक साइकिल से गिर गया.
गिरने की वजह से मुझे मेरी सुसु में चोट लग गई.
दरअसल, मैं अपने लंड को तब सुसु बोलता था.

चोट की वजह से मुझे मेरे लंड में बहुत दर्द हो रहा था.
दर्द के मारे मैं चिल्लाकर रोने लगा.
तभी पापा ने मेरी आवाज सुनकर भागते हुए आए.

पापा ऑफिस में काम करते हैं, पर उस दिन उनकी छुट्टी थी, इसलिए वे घर पर ही थे.
पापा आते ही पूछने लगे- क्या हुआ? कहां लगी चोट?
मैंने रोते हुए कहा- मेरी सुसु में दर्द हो रहा है!

पापा ने मुझे उठाया और घर के अन्दर ले गए.
मुझे बेड पर लिटा दिया. पीछे-पीछे मम्मी और दीदी भी आ गईं.
मैंने मम्मी को अपने दर्द के बारे में बताया.

पापा ने जल्दी से कहा- अपनी पैंट उतार आरव!
मैंने पैंट उतार दी. उस वक्त मैंने सिर्फ हाफ पैंट पहनी हुई थी.
अब मैं सिर्फ अंडरवियर में था.

पापा ने अंडरवियर भी उतारने को कहा.
पर मुझे शर्म आ रही थी.

मेरी दीदी भी वहीं खड़ी होकर सब कुछ देख रही थी.
मम्मी बोलीं- शर्म की क्या बात है? तू अभी छोटा है! घर वालों के सामने क्या शर्माना?

मैं कुछ बोल पाता, तभी पापा ने जबरदस्ती मेरा अंडरवियर उतार दिया.
अब मैं बेड पर बिल्कुल नंगा लेटा हुआ था.
मेरा सुसु सबके सामने था. मेरी सुसु 6 इंच की होगी.

मैं अपने लंड को टच करके दिखा रहा था- यहां दर्द हो रहा है! जल्दी कुछ करो!
मम्मी-पापा को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था कि मैं उनके सामने नंगा लेटा हूँ.
उन्हें लगता था कि मैं अभी छोटा ब.च्चा हूँ.

पर मेरी दीदी ना जाने क्यों मेरे सुसु की तरफ बार-बार देख रही थी.
मैं अभी भी रो रहा था.

चोट की वजह से मेरे सुसु पर लाल निशान पड़ गया था.
पापा ने दीदी को जल्दी बर्फ लाने को कहा.

दीदी फटाफट बर्फ लेकर आई और पापा को दे दी.
पापा ने बर्फ को मेरे सुसु पर लगाना शुरू किया.
मुझसे पूछा- अब कैसा लग रहा है?

मैंने कहा- अब थोड़ा ठीक लग रहा है!
बर्फ लगने से मुझे काफी अच्छा महसूस हो रहा था.

मम्मी बोलीं- अभी मैं थोड़ा तेल मालिश कर देती हूँ, शाम तक ठीक हो जाएगा!

मम्मी ने तेल लगाना शुरू किया.
न जाने क्यों, तेल लगाते-लगाते मेरा सुसु खड़ा होने लगा.

मैं उसे हाथ से दबाने और छुपाने की कोशिश करने लगा.

मम्मी-पापा यह देखकर हंसने लगे.
वे कुछ नहीं बोले, क्योंकि उन्हें पता था कि इस उम्र में ऐसा होना स्वाभाविक है.

मम्मी के टच से मेरा सुसु पूरी तरह कड़क हो गया था.

मम्मी ने मेरे सुसु पर भी मालिश की.

पता नहीं क्यों, मुझे गुदगुदी-सी फील हो रही थी, पर अच्छा भी लग रहा था.
दीदी अभी भी मेरे सुसु को देखे जा रही थी.

वैसे तो दीदी ने मुझे कई बार नंगा देखा है क्योंकि हम दोनों एक ही रूम में सोते हैं.
पर आज न जाने क्यों उनके मन में कुछ और चल रहा था.
आपको तो पता ही है कि एक जवान लड़की को सेक्स की चाहत होती है.

दीदी भी मेरे खड़े लंड को देखकर कुछ मचल-सी रही थीं.

मम्मी ने मेरी मालिश पूरी की और बोलीं- आज स्कूल जाने की कोई जरूरत नहीं … दो दिन मालिश कर दूँगी, तो ठीक हो जाएगा!

मैं स्कूल की छुट्टी के पर मैं बहुत खुश हो गया और बोला- ठीक है, मैं थोड़ी देर ऐसे ही लेटा रहता हूँ!
सब लोग रूम से चले गए, पर दीदी के मन में मेरा खड़ा लंड घूम रहा था.
दीदी का मन अब मुझे चोदने का करने लगा था.

मेरी दीदी देखने में बहुत हॉट है.
पर मैंने आज तक कभी दीदी को गंदी नजर से नहीं देखा.

मेरी दीदी अब मेरे साथ चुदाई का प्लान बनाने लगी थीं.
उनकी चूत में आग लगी हुई थी.
वे अपनी चूत में उंगली डालकर खुद को शांत करती थीं.

पर आज उनका मन कुछ और ही चाह रहा था.

फिर रात होने के बाद हम सभी ने एक साथ मिल कर खाना खाया.
खाना खाने के बाद हम टीवी देखने लगे.

थोड़ी देर बाद मम्मी की आवाज आई- बेटा, मेरे रूम में आ! मैं मालिश कर देती हूँ, फिर सो जाना, कल सुबह स्कूल भी जाना है!

पर मेरी दीदी तो सुपरफास्ट थीं!
मेरे लंड को देखने के लिए पहले से ही कुछ काम के बहाने से मम्मी के रूम में जाकर बैठी हुई थीं.

मैं मम्मी के रूम में गया.

मम्मी ने कहा- पैंट-शर्ट उतार दे!
मैंने फटाफट पैंट-शर्ट उतार दी क्योंकि मुझे अभी कोई शर्म नहीं आ रही थी.
मेरी दीदी मुझे तिरछी नजर से देखने लगी थीं.

फिर मम्मी ने मेरी सुसु की मालिश की और अंडरवियर पहना कर बोलीं- अब अपने रूम में जाकर सो जा!
दीदी भी सोने के लिए आ गईं और चुपके चुपके मुझसे चुदवाने का प्लान बनाने लगीं.
हम दोनों एक ही बेड पर सोते हैं.

दीदी- आरव, तुझे अभी दर्द हो रहा है क्या?
मैं- नहीं, अभी नहीं हो रहा!

दीदी- एक काम कर, पैंट खोलकर सो जा … तुझे अच्छा लगेगा!

मैं- नहीं दीदी, मुझे अभी दर्द नहीं हो रहा!
दीदी- अच्छा, ठीक है!

दीदी- तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं- नहीं, पर क्यों?
दीदी- तू इतना हॉट है, एक तो गर्लफ्रेंड होगी ना!

मैं- नहीं है दीदी, मैं अभी छोटा हूँ ना!
दीदी- पर तेरा तो काफी बड़ा है!
मैं- क्या?

दीदी- कुछ नहीं! तुझे पता है बच्चा कैसे पैदा होता है?
मैं- हां, मम्मी ने बताया था कि एक परी आकर उनके पास देकर चली गई थी!
दीदी हंसती हुई बोलीं- अरे पागल!

मैं- क्या हुआ दीदी, हंस क्यों रही हो?
दीदी- मैं तुझे बताऊंगी कि बच्चा कैसे पैदा होता है, पर तुझे प्रॉमिस करना होगा कि तू किसी को नहीं बताएगा! मम्मी-पापा को भी नहीं!
मैं- ठीक है, दीदी!

दीदी- ये जो तेरा सुसु है ना, उससे बच्चा पैदा होता है!
मैं- इससे कैसे होता है?

जब दीदी ने देखा कि मैं जानना चाहता हूँ, तो उन्होंने मौके का फायदा उठाया और बोलीं- अब सो जा! मैं कल रात को बताऊंगी, पर किसी को कुछ मत बताना!
मैंने हां में सिर हिलाया.
मुझे नहीं पता था कि माय सिस्टर वांट सेक्स!

फिर सुबह हुई, मैं तैयार होकर स्कूल चला गया.
स्कूल से लौटकर मैं रात होने का इंतजार करने लगा.
रात को हमने खाना खाया.

मम्मी ने फिर से तेल मालिश के लिए बुलाया.
पर मैंने मम्मी को कुछ नहीं बताया कि सुसु से बच्चा कैसे पैदा होता है, क्योंकि दीदी ने मना किया था.

मालिश के बाद मैं सोने के लिए अपने रूम में आ गया.

रूम में दीदी पहले से ही बैठी थीं.
मैंने जाकर पूछा- दीदी, अब तो बताओ कि बच्चा कैसे पैदा होता है?

दीदी ने कहा- तूने मम्मी को कुछ बताया तो नहीं?
मैंने कहा- नहीं बताया!

दीदी बोलीं- ठीक है, मैं तुझे बताती हूँ! तूने कभी मुठ मारी है क्या?
मैंने कहा- कैसी मारी जाती है?

दीदी बोलीं- कोई बात नहीं, मैं तुझे सिखाती हूँ!
फिर दीदी ने मुझे नंगा होने को कहा. मैंने पैंट-शर्ट उतार दी और नंगा हो गया.

दीदी ने फटाक से मेरा सुसु पकड़ लिया और सहलाने लगीं.

मैं पूछने लगा- ये क्या कर रही हो? मम्मी की तरह मालिश कर रही हो क्या?
दीदी बोलीं- हां, पर ये अलग तरह की मालिश है … इससे तुझे मजा आएगा!

फिर दीदी ने मेरी सुसु को पकड़ कर आगे-पीछे करते हुए हिलाना शुरू किया.
धीरे-धीरे मुझे भी मजा आने लगा.

हालांकि मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है, पर बहुत अच्छा लग रहा था.

दीदी भी गर्म हो रही थीं.
दीदी बोलीं- आरव, तेरा सुसु अब सुसु नहीं रहा, अब लंड बन चुका है!

अब दीदी की स्पीड बढ़ती गई और मुझे पहली बार इतना मजा मिल रहा था.

दीदी बोली- तूने कभी मुठ नहीं मारी ना? इसे ही मुठ मारना कहते हैं!
मैंने कहा- हां दीदी, इसमें बहुत मजा आ रहा है … और जोर से करो!

मैं मजे में सिसकारियां भरने लगा.

फिर दस मिनट बाद मैंने दीदी से कहा- मुझे जोर से पेशाब लगी है! मुझे छोड़ दो, नहीं तो मैं यहीं कर दूँगा!
दीदी बोलीं- वह पेशाब नहीं, क्रीम है! तू झड़ने वाला है, मेरे हाथ में झाड़ दे!

दस मिनट बाद मैं दीदी के हाथ में ही झड़ गया.
दही जैसा कुछ निकला.

मैंने पूछा- ये क्या है?
दीदी बोली- इस क्रीम को अगर लड़की की चूत में डाल दिया जाए, तो बच्चा पैदा होता है!

मैंने कहा- चूत में कैसे जाती है ये क्रीम?
दीदी- तेरा ये सुसु यानि लंड, उसे लड़की की चूत में डालना पड़ता है! जैसे लड़कों का लंड होता है, वैसे ही लड़कियों की चूत होती है!

मैं- लंड चूत में कैसे डालते हैं? बताओ ना दीदी, मुझे भी सीखना है!
दीदी- हां, ठीक है! मैं तुझे सब सिखा दूँगी! अब जैसा मैं बोलती हूँ, वैसा कर!

मैंने हां में सिर हिलाया.

दीदी ने टी-शर्ट पहनी हुई थी.
उन्होंने अपनी टी-शर्ट के ऊपर से ही अपने बूब्स दबाने को कहा.

मैं वैसा ही करता गया.
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था!

दीदी बहुत गर्म होने लगी थीं.
वे बोल रही थीं- और जोर से दबा इसे!
फिर मैं और ज़ोर से दबाने लगा.

मेरा लंड एक बार झड़ने के बाद फिर से खड़ा हो गया.
दीदी उसे सहलाती रहीं.

अब दीदी से रहा नहीं गया.
उन्होंने फटाक से अपनी टी-शर्ट उतार दी!

उनके बूब्स मेरे बिल्कुल सामने थे.
दीदी के बूब्स बहुत बड़े-बड़े थे.

दीदी ने कहा- अब एक को चूस!
मैं उनके एक बूब को चूसने लगा और दूसरे को हाथ से दबाने लगा.

दीदी अब सिसकारियां भरने लगीं- आह आह उह!
फिर दीदी ने अपनी पैंट उतार दी.

उन्होंने अन्दर कुछ भी नहीं पहना था.
उनकी चूत मेरे बिल्कुल सामने थी.

उनकी चूत गुलाबी रंग की थी, बिल्कुल साफ, उस पर एक भी बाल नहीं और उनकी चूत पूरी गीली हो चुकी थी.

उन्होंने कहा- इसे चाट!
पहले तो मैंने मना किया लेकिन दीदी बोलीं- इसमें तुझे भी बहुत मज़ा आएगा!

फिर दीदी के कहने पर मैं चाटने लगा.
मुझे भी बहुत मज़ा आने लगा.

दीदी फिर सिसकारियां भरने लगीं.

कुछ देर बाद दीदी ने मेरे मुँह में ही सारा माल छोड़ दिया.
मैंने सारा पी लिया.

अब मैंने कहा- दीदी, इसमें लंड कैसे डालते हैं? मुझे सीखना है!
दीदी बोलीं- ठीक है, अपने लंड को मेरी चूत में डाल!

पहली बार में तो मुझे हो नहीं रहा था.
फिर कोशिश करने के बाद थोड़ा अन्दर गया.

अब दीदी बोलीं- इसे अन्दर-बाहर कर, पूरा मत निकालना, बस अन्दर-बाहर करता रह!

दीदी की चूत सील पैक थी क्योंकि उन्होंने भी पहले कभी सेक्स नहीं किया था.
उनकी चूत बहुत टाइट थी.

थोड़ी देर बाद मैं एक्सपर्ट हो गया.
लेकिन अचानक दीदी की चूत में से खू.न निकलना शुरू हो गया.
मैं बहुत डर गया!

मैंने कहा- दीदी, खू.न निकल रहा है! रुक जाऊं क्या?
दीदी कराहती हुई आवाज में बोलीं- रुकना मत! बस ऐसे ही करते रहो!

पहले दीदी को बहुत दर्द हो रहा था लेकिन थोड़ी देर बाद उन्हें भी मज़ा आने लगा.

मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
मैंने जिंदगी में इतना मज़ा कभी नहीं लिया था.

दीदी अब चिल्लाने लगीं- फाड़ डाल आज अपनी बहन की चूत … आह और ज़ोर लगा और ज़ोर से चोद भाई!

मैं भी जोश में आ गया और ज़ोर-ज़ोर से करने लगा.

कुछ देर बाद मैं थक सा गया.
दीदी ने मुझे लेटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गईं.

वे खुद ऊपर-नीचे करने लगीं.
मुझे लग रहा था कि मैं सातवें आसमान पर पहुंच चुका हूँ. इतना मज़ा आ रहा था!

फिर मैंने कहा- दीदी, मैं झड़ने वाला हूँ! क्या करूँ?
दीदी बोलीं- निकालना मत! मेरी चूत में ही डाल दे अपना सारा माल!

मैंने अपना सारा माल दीदी की चूत में डाल दिया.
फिर दीदी भी शांत हो गईं.

इस तरह मेरा पहला सेक्स पूर्ण हुआ.

उस रात हमने तीन बार चुदाई की.
इस तरह पहली बार दीदी ने मुझे सेक्स करना सिखाया और मुझे बहनचोद बना दिया.

अब हम दोनों अक्सर सेक्स करते हैं.

दोस्तो, यह मेरे सबसे पहली सेक्स कहानी है.
सिस्टर वांट सेक्स कहानी में कुछ गलती हुई तो मुझे माफ कर देना.
धन्यवाद.
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