कुंवारी लड़की को शादी से पहले चुदाई का पाठ

यह सेक्स एजुकेशन की सच्ची कहानी एक जवान अनचुदी चूत की है जो शादी से पहले लण्ड चूत के खेल के बारे में जानना चाहती है. उसे इसमें कितना आनंद मिला यह सब इस कहानी में पढ़िए.

मुझे सेक्स के विषय में काफी रोचक जानकारी है.
उस पर आधारित मैंने पूर्व में अपनी सच्ची घटनाएं लिखी हैं जो आप फ्री सेक्स कहानी व अन्तर्वासना के पटल पर पढ़ते भी रहते हैं.

मुझे बहुत से लोग मेल और कमेंट्स से मिलते हैं उनकी समस्याओं को लेकर मुझे उनको कई बार आमने सामने सेक्स दिखाना होता है या उन्हें देखना होता है.

उसके चलते कई बार मेरा उनके साथ सेक्स भी हो जाता है.
लेकिन हमारी आपसी बातचीत या कोई भी बात लीक नहीं होती.

सेक्स एजुकेशन की सच्ची कहानी पढ़ कर मजा लें.

हुआ यूं कि जनवरी 2023 में एक लड़की का मेल आया.

उसने लिखा- मेरा नाम शालिनी (बदला हुआ नाम) है. मैं आपसे मिलना चाहती हूँ.

मैंने जवाब दिया- क्या काम है?
उसने कहा- मैं यह मिलकर ही बताऊंगी.

मैंने कुछ नहीं कहा.
वह मेरा उत्तर समझ गई.

अगली सुबह वह आ गई.

उसने आते ही बताया कि उसका नाम शालिनी है और कल आपसे मेल पर बात हुई थी.
मैंने पूछा- जी, बताइए … क्या सेवा कर सकता हूँ?

उसने कहा- बात कुछ अजीब-सी है. यह बात आपको अपने तक ही रखनी होगी. क्या मैं खुलकर बात कर सकती हूँ?

मैंने कहा- जी, बेशक. जब तक आप खुलकर नहीं बताएंगी, मुझे कैसे पता चलेगा कि समस्या क्या है?
वह कुछ नहीं बोली.

तो मैंने उससे कहा कि मेरे पास लोग न जाने क्या-क्या समस्याएं लेकर आते हैं. आप पूरा विश्वास कर सकती हैं.

शालिनी बोली- बात यह है कि मेरी अगले महीने शादी होने वाली है.
मैंने कहा- शादी की अग्रिम बधाई हो.

उसने कहा- मेरी शादी हो रही है लेकिन मुझे सेक्स लाइफ के बारे में कुछ भी नहीं पता. इसलिए मैं थोड़ा जानना चाहती हूँ.

मैं हंस दिया कि यह भी क्या समस्या हुई.

उसने खुलते हुए बताया- दरअसल इसकी सबसे बड़ी वजह मेरी बड़ी दीदी की सेक्स लाइफ है.
मैंने पूछा- वह कैसे?

शालिनी बोली- बड़ी दीदी की शादी करीब 15 साल पहले हुई थी.
दीदी को भी सेक्स के बारे में कुछ नहीं पता था.
मैंने कहा- ओके, आगे बताएं?

शालिनी ने बताया- दीदी ने कहा कि उनके पति बिल्कुल नपुंसक जैसे हैं. न उनका खड़ा होता, न वह दीदी के साथ सोते. एक बच्चा न जाने कैसे हो गया.

मैंने कहा- ओह, यह तो बहुत बुरा हुआ!
वह बोली- वह दीदी के साथ सेक्स नहीं करते. उनका लिंग बिल्कुल सिगरेट जैसा पतला और छोटा है.
मैंने हैरानी से कहा- अरे!

शालिनी ने कहा- दीदी ने बताया कि तेरे जीजाजी ने उसे धोखा दिया. मैं तो फंस गई हूँ और अब इस मुकाम पर हूँ कि किसी को बताते हुए भी शर्म आएगी.
मैंने कहा- हां, वह तो है.
वह बोली- कुल मिलाकर दीदी की सेक्स लाइफ बिल्कुल जीरो है. यह बात दीदी को तब पता चली जब पार्क में घूमती औरतें अपनी सेक्स लाइफ के बारे में चर्चा कर रही थीं.

एक पल रुक कर उसने वापस कहना शुरू किया- तब दीदी को जीजाजी की असलियत पता चली कि इस आदमी ने मुझे कैसे बेवकूफ बनाया.
मैंने कहा- ओके.

शालिनी बोली- इसलिए मैं शादी से पहले एक बार लिंग का अनुभव करना चाहती हूँ, ताकि मैं अपने पति से बेवकूफ न बनूँ.
मैंने कहा- आजकल तो सबको सब कुछ पता ही होता है.

वह बोली- नेट पर हर चीज असली नहीं होती. नकली माल भी असली दिखता है.
मैंने कहा- जी, आपकी बात ठीक है.

शालिनी ने कहा- जरूरी नहीं कि मैं आपसे आज सेक्स करूँगी.
मैंने जवाब दिया- कोई बात नहीं. मैं आपके संदेह दूर कर दूँगा … और जहां तक सेक्स की बात है, हम सेक्स नहीं करेंगे. मैं यहां आपकी समस्या सुलझाने के लिए हूँ, न कि आपको चोदने के लिए.

वह बोली- आप अपने लिंग और संभोग के बारे में बताइए.
मैंने कहा- मुझे इसके लिए पूरा नंगा होना पड़ेगा, अगर आपको ऐतराज़ नहीं हो तो!
वह बोली- कोई बात नहीं.

मैं एकदम नंगा हो गया और मेरा 8 इंच लंबा लंड फनफनाता हुआ बाहर आ गया.

मैंने कहा- यह असली लिंग है. अगर आप इसे छूकर देखेंगी, तो आपको ज्यादा अच्छी तरह समझ आएगा.
उसने मेरे मोटे लिंग को छुआ, तो वह बहुत हार्ड था.

उसने पूछा- क्या सबका इतना बड़ा और इतना हार्ड होता है?
मैंने कहा- नहीं, मेरा कुछ ज्यादा लंबा है. लेकिन आमतौर पर लड़कों का 6 इंच के करीब होना चाहिए.

वह हैरानी से बोली- अच्छा?
वह मेरे लंड को छूती रही, महसूस करती रही और मेरा लंड और बड़ा होता चला गया.

वह अभी भी हैरान थी कि लंड इतना बड़ा कैसे हो जाता है?

मैंने कहा- सेक्स का पूरा ज्ञान लेने के लिए आपको भी नंगी होना पड़ेगा.

वह एकदम से उछल पड़ी- अरे, क्यों? मैं नंगी नहीं होने वाली!
मैंने कहा- नंगी न होने में आपका ही नुकसान है, क्योंकि आप सेक्स का पूरा ज्ञान नहीं ले पाएंगी.

तो मैंने कहा- आप मुझे एक डॉक्टर और अपने को पेशेंट समझिए.

उसको बात समझ आ गई. उसने धीरे-धीरे अपने कपड़े उतार दिए.

अब वह सिर्फ़ गुलाबी पैंटी और ब्रा में थी.
ये उसके गोरे चिकने बदन पर बहुत जँच रहे थे.

इधर मैं आपको शालिनी के बारे में बताना चाहता हूँ.
वह एक सामान्य-सी दिखने वाली लड़की थी, जिसकी उम्र 25 साल थी.
उसके बूब्स का साइज़ 32, कमर 28 और गांड करीब 32 इंच की थी.

वह कोई बहुत ज़्यादा सुंदर नहीं थी.
लेकिन उसका नंगा हुस्न किसी नपुंसक का भी लंड खड़ा करने का दम रखता था.

मैंने कहा- और ये ब्रा और पैंटी?
वह दबी आवाज़ में बोली- इसकी ज़रूरत है क्या?

मैंने ज़ोर देकर कहा- इन्हें भी उतारो.

उसने धीरे से अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी.
तुरंत उसके दूध से भरे अमृत कलश उजागर हो गए.
चिकनी जांघों में उसकी छोटी-सी चूत छुपी थी.

लड़की अब तक चुदी नहीं थी.
तो चूत का छोटा होना तो बनता ही था.

मैंने कहा- मुझे सेक्स का ज्ञान देना है, तो इसके लिए मैं तुम्हारे शरीर को छूऊंगा और तुम्हें गर्म करूँगा.
‘ओके.’
‘जैसे पेशेंट डॉक्टर के सामने जाता है, वैसे ही तुम मेरे सामने करोगी.

वह नंगी होकर बिस्तर पर लेट गई.
मैं उसके पास चला गया.

मैंने धीरे-धीरे उसके शरीर को छूना शुरू किया.
सबसे पहले उसका माथा चूमा, फिर आंखें, फिर गाल.
उसके रस भरे होंठों को चूमा.

हम दोनों करीब 10 मिनट तक लिप-टू-लिप किस करते रहे.
इससे शालिनी बहुत ज़्यादा गर्म हो गई थी.

उसकी ज़िंदगी में पहली बार ऐसा हो रहा था और वह खुलकर मेरा साथ देने लगी.

मैं उसकी चूत की तरफ़ आया और उसकी टांगें ऊपर उठा दीं.
मैंने कहा- यह है चूत. इसमें आदमी का लंड घुसता है.

वह बोली- ये सब मुझे पता है, लेकिन आप लंड को मेरी चूत में मत घुसाना.
मैंने कहा- ठीक है. मैं नहीं घुसाऊंगा, सिर्फ़ बता रहा हूँ.

मैंने उसकी अनछुई चूत को हल्के से उंगली से सहलाया.

उसकी चूत इतनी संकरी थी कि मेरी उंगली भी मुश्किल से जा रही थी.्

शालिनी एकदम से उछल पड़ी.

चूत की फांक इतनी कसी हुई थी कि उंगली जा ही नहीं रही थी.
मैंने हल्का-सा ज़ोर लगाया, तो उंगली थोड़ी-सी अन्दर गई.

मुझे लगा जैसे शहद की कटोरी में मेरी उंगली घुस गई हो.
उसकी चूत कामरस छोड़ रही थी.

मैंने कहा- जब चूत रस से गीली हो जाए, तो इसका मतलब है कि चूत अब लंड लेने को बिल्कुल तैयार है. चिकनापन बहुत मदद करता है.
वह बोली- पता नहीं, मुझे ऐसा पहली बार हुआ है.

मैंने कहा- चूत के चिकने होने से लंबा लंड भी आराम से अन्दर चला जाता है.
उसने ‘हूँ’ कहा.

मैंने आगे कहा- मैं एक बार अपना लिंग चूत पर टच करना चाहूँगा, ताकि तुम्हें लंड की सख्ती का अहसास हो कि खड़ा हुआ हार्ड लंड चूत पर कैसा लगता है!
यह सुनकर शालिनी घबरा गई.

वह बोली- सिर्फ़ टच करना. अन्दर मत घुसाना. मैं ऐसी-वैसी लड़की नहीं हूँ. मैं सिर्फ़ सेक्स का ज्ञान लेने आई हूँ.
मैंने कहा- बस टच करूँगा.

मेरे लंड के चूत पर टच होते ही वह फिर ज़ोर से उछल पड़ी.

मैंने लंड को बस वहीं तक रखा, उसे आगे प्रवेश नहीं दिया.
ऐसा करना वादाखिलाफी होती.

मैंने एक-दो बार हल्के-हल्के झटके मारे.
लेकिन चूत इतनी तंग थी कि अन्दर जाने का सवाल ही नहीं था.
मैंने भी ज़ोर नहीं लगाया.

मैंने पूछा- क्या तुम्हें मर्द के असली लंड का अहसास हुआ या नहीं?
उसने कहा- हां हुआ … ये सब तो ठीक है, लेकिन लंड कितनी देर तक खड़ा रह सकता है?

मैंने कहा- औसत आदमी को कम से कम 40-50 मिनट का खेल तो खेलना ही चाहिए. मैं तो 2 घंटे चुदाई करता हूँ, लेकिन आधा-पौना घंटा तो कम से कम होना ही चाहिए. इसमें फोरप्ले, चूमा-चाटी, किसिंग, सब शामिल हैं.

वह सुनती रही.

मैंने कहा- मेरा लंड खड़ा है. तुम इसे शांत करोगी तो तुम्हें पता चल जाएगा कि लंड में कितनी ताकत है!

अब मैंने एक कटोरी में सरसों का तेल लिया.
मैं उससे बोला- यह तेल मेरे लंड पर लगाओ और इसकी मालिश करो.

उसने कटोरी के तेल को हाथ में लेकर मेरे लंड पर लगा दिया.
लंड बहुत चिकना हो गया और ऐसा लग रहा था जैसे लोहे के लंबे डंडे को तेल पिलाया हो.

मैंने कहा- अब इसकी मसाज करो.
उसने अपनी हथेली भी चिकनी की और अपनी हथेली को चूत के आकार में ढाल लिया.

उसके नाजुक हाथों को चूत के छेद का आकार देने से ऐसा लगा जैसे मेरा लंड उसकी चूत में ही जा रहा हो.
वह यह काम करीब 20 मिनट से आधा घंटा तक करती रही.

लंड औरत के नाजुक हाथों से मसल कर निहाल हो गया.
मुझे अचानक कुछ याद आया.

मैंने कहा- औरत का संभोग के दौरान डिस्चार्ज होना जरूरी है, वरना बेचैनी बनी रहती है.
वह मेरी तरफ देखने लगी.

‘मैं तुम्हारा डिस्चार्ज कर देता हूँ, उसके बाद तुम मेरा करवा देना!’

वह बोली- तुम बिना चूत मारे कैसे डिस्चार्ज करोगे?
मैंने कहा- डिस्चार्ज का मतलब है कि हमें सेक्स में पूरी तसल्ली मिल गई है. असली डिस्चार्ज तो लंड और चूत के मिलन से ही होता है, लेकिन हमें चुदाई तो करनी है नहीं!

वह बोली- हां, चुदाई आज नहीं करनी.
मैंने हंसकर कहा- तो किस दिन करनी है?
वह बोली- कभी नहीं करनी.

मुझे उसकी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा क्योंकि चूत तो मेरे पास बहुत हैं.

मैंने कहा- मैं अपनी जीभ से ही तुम्हारा कर देता हूँ, ताकि तुम्हें पता चले कि झड़ने का मतलब क्या होता है.

वह बोली- हाय, तुम जब चूत पर मुँह मारोगे तो मुझे बहुत शर्म आएगी.

मैं उसकी रेशमी टांगों की तरफ गया और उसके दोनों पैर उठाकर घुटने मोड़ दिए.
उसकी चूत के बीच में बाल से भी पतली लकीर दिखने लगी.
चूत पर एक भी बाल नहीं था.

उसकी चूत कामरस में पूरी डूबी हुई थी.
चूत तो कहीं नजर ही नहीं आ रही थी.

मैंने उसकी दोनों जांघों के बीच अपना मुँह डाला.

उसकी चूत की फांक के ऊपर ही अपनी जीभ फेरता रहा.

शालिनी नीचे से घोड़ी की तरह कूद रही थी और अपने चूतड़ों को पटक-पटक कर मार रही थी.

बीच-बीच में उसकी चूत के मटर के दाने को मैं अपनी जीभ से खा रहा था.

ऐसा करने के करीब 10-12 मिनट बाद वह डिस्चार्ज हो गई और अचानक शांत हो गई.
चूत से मलाई जैसा चिपचिपा पदार्थ निकलने लगा.

औरतों का पानी आदमियों की तरह नहीं निकलता, कहानियों में सब झूठ लिखा होता है.

आदमी का पानी तो एक झटके में सारा निकल जाता है, लेकिन औरतों का पानी इतना नहीं निकलता.

औरतें बढ़िया तबीयत से चुदने पर 4 से 5 बार तक डिस्चार्ज हो सकती हैं और उनकी उत्तेजना बनी रहती है.

लेकिन आदमी का डिस्चार्ज होने के बाद वह कुछ नहीं कर सकता, उसे लंड दोबारा खड़ा करना पड़ता है, जिसमें समय लगता है.

शालिनी बोली- अपने जीवन का पहला ऑर्गस्म पाकर मुझे बहुत तसल्ली मिली है. लगता है जैसे कोई तूफान था जो अब शांत हो गया है.
मैंने कहा- मुझे इस बात की दिल से खुशी है.

वह कुछ नहीं बोली.

मैंने कहा- बधाई हो. तुम्हारा तो हो गया, अब मेरा और कर दो. तुम्हें पता चलेगा कि लंड के झड़ने पर कितना वीर्य निकलता है, क्योंकि फिल्मों में सब झूठ दिखाते हैं.

उसने मेरे तने हुए लंड पर दोबारा तेल लगाया और उसे मुठियाना शुरू कर दिया.
लंड बहुत देर से अकड़ में था.

शालिनी के नाजुक हाथों ने उसकी सारी मरोड़ निकाल दी और 10-12 मिनट में उसे शहीद कर दिया.

मेरा वीर्य लावा की तरह जोर से निकला और शालिनी के पेट पर जा गिरा.
उसमें से बहुत सारा वीर्य निकलकर उसके मुँह पर जा गिरा.

वीर्य लगभग 2 चम्मच के करीब होगा.
उसने वीर्य को हाथ में लिया और उंगलियों से छुआ, उसे बड़ा चिपचिपा लगा.

उसने कहा- बस इतना ही? फिल्मों में तो बहुत सारा निकलता दिखाते हैं.
मैंने कहा- वह सब झूठा ड्रामा होता है.

हम दोनों का तूफान शांत हो चुका था.

शालिनी बोली- आज आपसे मिलकर मेरे बहुत से फंडे क्लियर हो गए हैं. यह सब मैं अपने पति के साथ करूँगी.

यह कहकर उसने अपने कपड़े पहने और चली गई.
वक्त ने करवट बदली और शालिनी मुझे एक बार फिर मिली.
उसके साथ एक खूबसूरत महिला और थी.

वह कौन थी? शालिनी उसे क्यों लेकर आयी?
हमारे बीच क्या क्या हुआ?

वह सब जानने के लिए आप मुझे मेल डालें.
सेक्स एजुकेशन की सच्ची कहानी आपको कैसी लगी?
अगर आप भरपूर मेल डालेंगे, तभी मैं अगली सत्य कथा लिखूंगा जो कि इस से भी ज्यादा मज़ेदार होंगी और आपके लंड और चूत का पानी भी शर्तिया निकालेगी.
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