न्यू पुसी वर्जिन ऐस कहानी में मैंने अपनी पहली गर्लफ्रेंड के साथ सेक्स के अनुभव को साझा किया है. तो कैसे मैंने उसकी चूत की आग को शांत किया, आइये जानते हैं.
दोस्तो, मेरा नाम अशोक राज है.
मैं 21 साल का एक नौजवान, हट्टा-कट्टा लड़का हूँ.
मेरा 7 इंच लंबा लंड किसी भी लड़की की चूत को संतुष्ट करने के लिए काफी है.
मैं मूल रूप से राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले से हूँ.
न्यू पुसी वर्जिन ऐस कहानी उन दिनों की है, जब मैं अपने कॉलेज के सेकंड ईयर में था.
उन दिनों कॉलेज में एक अच्छे स्टूडेंट के रूप में मेरी पहचान थी क्योंकि मैं पढ़ाई में बहुत अच्छा हूँ.
इन्हीं दिनों मेरी मुलाकात अपूर्वा नाम की एक लड़की से हुई जो हमारे साथ क्लास में पढ़ती थी.
उसके पापा स्कूल में स्पोर्ट्स के सर थे इसलिए वह शुरू से ही स्पोर्ट्स में हिस्सा लेती थी.
शायद इस वजह से उसका सफेद दूध सा गोरा, मखमली बदन बहुत मस्त था.
उसका 34-30-36 का साइज मानो जान ही ले लेता था, बस यूँ समझ लो, जो उसे देख ले, वह मुठ मारे बिना रह नहीं सकता था.
मेरा भी मन होता था कि काश ये मेरी गर्लफ्रेंड होती, तो मजा आ जाता,
ऐसे ही एक दिन हम लंच के समय साथ बैठे थे.
वह खुद मेरे पास अपनी बुक लेकर आई और बोली- राज, ये टॉपिक समझ में नहीं आ रहा … प्लीज समझा दो!
मैंने झट से उसकी बात मान ली और उसे अच्छे से समझा दिया.
इसके बाद हर दिन किसी न किसी टॉपिक को लेकर वह मेरे पास आती और मैं उसकी मदद करता.
इस तरह हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त बन गए.
कुछ समय बाद मुझे समझ आ गया कि वह मुझे पसंद करती है.
एक दिन, जब मेरा बर्थडे था, उसने मेरे लिए एक पार्टी रखी.
मुझे उसका ये अंदाज बहुत अच्छा लगा.
उसी वक्त उसने पार्टी में सबके सामने मुझे प्रपोज किया, मैंने भी खुशी से उसे हां कह दिया.
सबके जाने के बाद मैंने उसे बांहों में भर लिया और उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर पीने लगा.
हाय … क्या रसीले होंठ थे उसके!
क्या बताऊं, मजा ही आ गया!
ये मेरे जीवन का पहला अनुभव था.
धीरे-धीरे मैंने उसके 34 के मम्मों को दबाना शुरू किया.
वह गर्म होने लगी, उसे बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी.
अचानक मैंने उसे छोड़ दिया और कहा- जान यहां नहीं, कहीं और चलते हैं … आज मेरी बरसों की प्यास मैं बुझाकर ही रहूँगा!
उसने भी हां कहा और हमने होटल में रूम बुक कर लिया.
रूम में आते ही हमने दरवाजा बंद किया और एक-दूसरे को किस करने लगे.
मैं अपने मुँह से उसकी जीभ को चूस रहा था और दोनों हाथों से उसकी चूचियों को मसल रहा था.
मैंने उसका टॉप निकाल दिया और बूब्स को मसलने लगा.
उसे दर्द हो रहा था, लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था.
मैंने उसकी जींस निकाल दी.
अब वह मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में थी. मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा, तो महसूस हुआ कि उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी.
मैंने उसकी पैंटी और ब्रा दोनों निकाल फेंकी.
आह … उसका गोरा बदन बिल्कुल सोने की तरह चमक रहा था.
मैं किसी भूखे शेर की तरह उस पर टूट पड़ा और उसका बदन चूमने लगा.
मैंने उसके दोनों मम्मों को चूस-चूसकर लाल कर दिया.
इसके बाद मैंने उसकी गोरी चूत पर अपने होंठ रख दिए और उसकी चूत को चाटने लगा.
इस दौरान वह सिसकारियां ले रही थी और कह रही थी- मेरी जान, जी भर के चूसो … आह आज मेरी चूत की आग ठंडी कर दो … ये मुझे बहुत तड़पाती है!
मैंने करीब 20 मिनट तक उसकी चूत को चाटा.
इस दौरान वह दो बार झड़ गई थी.
अब मैंने अपना लंड निकाला.
मेरा 7 इंच लंबा लंड देखकर वह डर गई.
वह बोली- यार इतना बड़ा अन्दर कैसे जाएगा? मेरी चूत फट जाएगी!
मैंने कहा- जान चिंता मत करो, मैं आराम से करूँगा!
काफी समझाने के बाद वह मान गई.
मैंने उसे लंड चूसने को कहा.
पहले तो उसने मना किया, पर काफी समझाने के बाद वह मान गई और धीरे-धीरे लंड चूसने लगी.
मैं भी उसके मुँह में धक्के लगाने लगा और उसके गले तक लंड उतार दिया.
वह भी मजे लेकर चूसने लगी.
अब बारी चूत चोदने की थी.
मैंने लंड उसकी न्यू पुसी पर रखा और रगड़ने लगा.
वह तड़प रही थी और कहने लगी- जान, अब और मत तड़पाओ … जल्दी से अन्दर डाल दो और फाड़ दो मेरी वर्जिन पुसी को … बना दो मुझे कली से फूल … चोद दो मुझे … बिल्कुल रहम मत खाना मुझ पर!
मैंने भी लंड छेद पर रखा और धक्का मारा लेकिन लंड फिसल गया.
मैंने थोड़ा थूक लगाया और एक झटके में आधा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
उसकी चीख निकल गई.
वह रोने लगी और बोली- मुझे नहीं करना ये सब, मुझे बहुत दर्द हो रहा है … छोड़ो मुझे आह जल्दी से निकालो इसे!
पर मैंने उसे समझाया कि पहली बार में थोड़ा दर्द होता है.
जब उसका दर्द थोड़ा कम हुआ, तब मैंने एक और धक्का मारा और पूरा लंड उसकी चूत में समा गया.
उसकी चूत से खू.न आने लगा.
उसकी आंखें बाहर आ गई थीं और वह बुरी तरह रोने लगी.
वह गालियां देने लगी- भोसड़ी के साले … मेरी चूत फाड़ दी तूने … आह निकाल इस लंड को!
लेकिन मैं नहीं माना और लंड डाले हुए उसके ऊपर पड़ा रहा.
थोड़ी देर बाद जब उसका दर्द कुछ कम हुआ, तो बोली- अब करो, धीरे-धीरे!
मैं उसकी चूत में लंड चलाने लगा और वह गांड उठाकर मेरा साथ देने लगी.
अब तक वह दो बार झड़ गई थी.
करीब आधा घंटा चोदने के बाद मैंने उसे कहा- मेरा पानी निकलने वाला है, कहां निकालूँ?
तो वह बोली- अन्दर ही निकाल दो, मैं बाद में गोली ले लूँगी!
मैंने अपना सारा वीर्य उसकी चूत में भर दिया और उसके ऊपर लेट गया.
वह मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरने लगी और चूमने लगी.
कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
इस बार मैंने उसे डॉगी स्टाइल में 20 मिनट तक चोदा.
मैं बिना थके लगातार उसे पेलता जा रहा था.
पूरे कमरे में फच-फच की आवाज़ गूंज रही थी.
उसकी चूत से लगातार पानी बह रहा था जिससे उसकी चूत और ज्यादा चिकनी हो गई थी.
मैंने उसकी चूत से लंड निकाला और उससे कहा- जान, मुझे तुम्हारी गांड मारने का मन है!
वह मना करने लगी, बोली- रहने दो, वर्जिन ऐस है, बहुत दर्द होगा!
मैंने कहा- शुरू-शुरू में दर्द होगा, फिर मजा आएगा!
थोड़ा समझाने पर वह मान गई.
मैंने उसकी गांड के छेद पर खूब सारा थूक लगाया और अन्दर उंगली डालकर चलाने लगा.
थोड़ी देर में उसे भी मजा आने लगा.
तो मैंने ज्यादा देर न करते हुए अपने लंड पर थूक लगाया और उसकी गांड के छेद पर रखकर धक्का दे मारा.
करीब आधा लंड अन्दर घुस गया था.
उसकी गांड से खू.न आने लगा, शायद उसकी गांड फट गई थी.
उसकी तो मानो जान ही निकल गई थी, पर मैंने उसे कसकर पकड़ रखा और धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया.
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ, तो वह भी खुलकर मेरा साथ देने लगी.
आधा घंटा उसकी गांड चोदने के बाद मैं उसके अन्दर ही झड़ गया और अपने वीर्य से उसकी गांड को लबालब भर दिया.
हमें चुदाई करते हुए चार घंटे बीत गए थे.
दोनों बुरी तरह थक गए थे और घर भी जाना था.
हम दोनों फ्रेश हुए और होटल से निकले.
तब मैंने देखा कि उसकी चाल बदल गई थी और वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी.
मैंने उसे पेनकिलर और गर्भनिरोधक गोली लाकर दी और उसे उसके घर छोड़कर आ गया.
उसके बाद हमें जब भी मौका मिलता, हम सेक्स करते और लंड चूत की आग बुझाते.
मेरी दूसरी गर्लफ्रेंड के साथ चुदाई की कहानी फिर कभी लिखूँगा.
न्यू पुसी वर्जिन ऐस कहानी पर आपके कमेंट्स मुझे अच्छा महसूस कराएंगे.
मेरी मेल आईडी है
[email protected]