बहन के यार ने चोदी मेरी कुंवारी चूत

देसी हिंदी सेक्स कहानी में एक रात मेरी बड़ी बहन ने अपने यार को बुलाया और उससे चूत चुदाई का मजा लिया. मैंने पूरा खेल अपनी आँखों से देखा. और उसने दीदी के बाद मुझे भी चोदा.

मेरा नाम शिखा है।
मैं इलाहाबाद की रहने वाली हूँ।

मेरे घर में मेरे पापा, भाई, मैं और मेरी दीदी स्वाति रहती हैं।

ये देसी हिंदी सेक्स कहानी आज से 5 साल पहले की है जब मैं यूनिवर्सिटी से बीएससी कर रही थी।

मेरी दीदी स्वाति डीएलएड की तैयारी कर रही थी।

मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने वाली लड़की थी.
लेकिन अचानक ऐसा हुआ कि मुझे सेक्स की लत लग गई।

हुआ ये कि हमारे दो मकान हैं।
मैं और दीदी कभी-कभी अपने दूसरे मकान में रहने चले जाया करते थे।

दीदी का एक बॉयफ्रेंड था जिसका नाम सोम था।
वो यहाँ रहकर एसएससी की कोचिंग करता था।
देखने में मस्त लड़का था।
उसकी उम्र कोई 25 साल की रही होगी।

दीदी देखने में थोड़ी मोटी थी, पर बहुत सेक्सी थी।
उनके बूब्स 34, कमर 30 और चूतड़ 36 के थे।

एक रात हम दोनों बहनें अपने दूसरे घर में सो रही थीं।
अचानक दरवाजा खुलने की आवाज आई।
मेरी आँख खुल गई।

मैंने देखा, दीदी बेड पर नहीं थीं।

मुझे लगा कि शायद पेशाब करने गई होंगी।
मैंने आँखें बंद कीं और आराम से सो गई।

लेकिन 15 मिनट बाद जब दीदी नहीं आईं तो मैं देखने गई।
दीदी कहीं दिखाई नहीं दीं।

दरवाजा भी अंदर से बंद था।
मुझे लगा शायद ऊपर रूम में होंगी।

मैं देखने गई तो मेरी आँखें फटी रह गईं।
मेरी दीदी अपने यार के साथ नंगी उसके नीचे लेटी थी और वो उसे हर जगह किस कर रहा था।

वो बस मस्त आवाज निकाल रही थी, “आह्ह्ह, ओह्ह्ह, येस! कस के चूसो, बहुत मजा आ रहा है!”
मेरी तो देखते ही चूत में खुजली होने लगी।

मुझे लगा अभी जाऊँ और दीदी के साथ मैं भी चुदवा लूँ।
फिर मैंने सोचा, यहीं खड़ी रहकर चुदाई देखी जाए।
इसलिए मैं वही खड़ी रही और उनकी आगे की क्रिया देखती रही।

दीदी का यार उसकी चूत में अपनी जीभ डालकर चूस रहा था।
मैं अपनी सलवार में उंगली डालकर अपनी चूत सहला रही थी।

फिर दोनों 69 की पोजीशन में हो गए।
दीदी अपने यार का 6 इंच का लंड चूसने लगी।

कुछ देर बाद उसने दीदी की चूत में लंड घिसना शुरू किया।
दीदी सिसकारी ले रही थी, “आह्ह, ओह्ह्ह, हम्म! मजा आ रही है, जान! डाल दो अब! ओह्ह, येस, फक मी!”

फिर उसने धीरे से एक धक्का दिया।
लंड का टोपा ही अंदर गया था कि दीदी की चीख निकल गई।
वो बोली, “धीरे से कर! बहुत दिन बाद चुदवा रही हूँ!”

तब मुझे पता लगा कि दीदी पहले भी चुद चुकी हैं।
अब वो धीरे-धीरे दीदी को चोदने लगा।

फिर उसने दीदी को डॉगी स्टाइल में किया और दीदी की गांड पकड़कर चूत में लंड डालकर चोदने लगा।
इधर मैंने अपनी सलवार उतार दी थी और उन्हें देखकर अपनी चूत में उंगली कर रही थी।

6-7 मिनट हुए होंगे कि दीदी अकड़ने लगीं।
वो बोली, “ओह्ह्ह, आह्ह, येस! और तेज, और तेज!”
और वो झड़ गईं।

पर उसका अभी हुआ नहीं था।
उसने दीदी के मुँह में लंड डाला और मुँह को चोदने लगा।
फिर उसके मुँह में ही खाली कर दिया।

वे दोनों पसीने से भीग गए थे।
मैंने जैसे ही खिड़की से हटने की सोची, उसने मुझे देख लिया और मुस्कुरा दिया।

दीदी लेटी हुई थीं तो उन्होंने मुझे नहीं देखा।
मैंने भी उसे देखकर मुस्कुरा दिया।

दीदी बोली, “सोम, तुम जाओ, मैं थोड़ी देर बाद जाऊँगी!”
उसने कहा, “ओके!”

उसने कपड़े पहने नहीं, सिर्फ उठाया और बाहर आने लगा।
मैं धीरे-धीरे नीचे उतर आई।

वो मेरे पीछे-पीछे आने लगा।
मैंने भी सलवार उतार ली थी। जैसे ही मैं रूम में पहुँची, वो मेरे पीछे से आकर मेरे 32 साइज के दूध दबाने लगा।

मैं तो पहले से ही चुदने के मूड में थी।
मेरी चूत पानी-पानी हो रही थी।

मैंने उसका लटका हुआ लंड पकड़ लिया जो अभी मेरी दीदी की चूत मारकर आया था।
उसने मेरा कुर्ता उतार दिया।
मैंने ब्रा भी पहनी थी, तो मेरे 32 इंच के टाइट बूब्स गुलाबी निप्पल के साथ सामने आ गए।
वो उन्हें चूसने लगा और एक हाथ मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी गीली हो चुकी चूत में रगड़ने लगा।

मैं और ज्यादा कामुक हो गई।
अब बस जल्द से जल्द लंड लेना चाहती थी।
दीदी के आने से पहले मैंने उसका लटका हुआ लंड पकड़ा, जो अब 3 इंच का था।
मैंने उसे अपने हाथ से मसलना शुरू किया।

मैं उसके कान में बोली, “मेरी भी प्यास बुझा दो!”
वो भी जल्दी में था।
उसने मुझे नीचे घुटने के बल बैठाया और लंड चूसने को बोला।

पहले तो मुझे उसके लंड का टेस्ट थोड़ा अजीब लगा, पर चुदाई के जोश में मैं सब कर गई।

मैंने लंड को तब तक चूसा, जब तक वो खड़ा नहीं हो गया।
फिर उसने मेरी पैंटी उतारी और मेरी चिकनी चूत को चूसने लगा।

मुझे पहली बार ऐसा एहसास हुआ था।
मैं उसे हटाना चाहती थी, पर वो बहुत ताकतवर था।
मुझसे हटाया नहीं गया।

मैं और ज्यादा गर्म हो गई।
मेरी चूत तो जैसे जल रही थी।
मुझे लग रहा था, कोई तो चोद दे! पर वो बस चूसे जा रहा था।

मैंने उसे बोला, “जो करना है, जल्दी करो! दीदी कभी भी आ सकती है!”

उसने भी सोचा और मुझे बेड पर लिटा दिया।
उसने लंड को मेरी चूत में रगड़ना शुरू किया।

मैं तो पहले से ही तड़प रही थी।

फिर उसने एक जोर का धक्का दिया।
उसका लंड एक बार में आधा मेरी चूत में चला गया।

मुझे एक असहनीय दर्द हुआ।
उसने मेरे मुँह में अपने हाथ रख दिया और फिर एक जोर का धक्का दिया।

मैं तड़प गई।
मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने एक बड़ा सा बांस मेरे अंदर डाल दिया हो।

मैंने छुड़ाने के लिए एक पैर उसके सीने में मारा।
वो गिर गया और लंड मेरी चूत से निकल गया।

मैंने अपनी चूत में हाथ लगाया तो खू.न की हल्की सी बूँद मेरी उंगली में लगी।

वो उठा और बोला, “बस हो गया, अब दर्द नहीं होगा! दीदी को भी पहली बार ऐसा हुआ था!”
मैंने बोला, “मुझे नहीं करवाना!”

वो मेरे पास आया और मेरे आँसू पोंछे।
फिर धीरे-धीरे मुझे किस करना शुरू किया।

10 मिनट बाद मुझे कुछ आराम मिला।
मैंने उसे बोला, “दीदी को देखकर आओ!”
वो दीदी को देखने चला गया।

मैं बाथरूम गई और अपना ब्ल.ड साफ किया, गर्म पानी से धोने लगी।

इतने में वो आया, बोला, “दीदी सो गई हैं!”
मैंने बोला, “फिर कभी कर लेंगे!”

पर वो कहाँ मानने वाला था।
उसका खड़ा 6 इंच का लंड बैठा ही नहीं था।

फिर उसने मेरे 32 इंच के दूध पीने शुरू किए।
मुझे अब कुछ आराम मिला।

फिर मैं धीरे-धीरे गर्म होना शुरू हुई।
उसने धीरे-धीरे मेरी चूत को घिसना शुरू किया।

जब मैं गर्म हो गई, तो उसने धीरे से अपना लंड मेरी चूत में लगाया और हल्का सा धक्का दिया।
लंड 1 इंच तक चूत में गया।
मुझे हल्का दर्द हुआ।
वो रुका और मेरे होंठ चूसने लगा।

फिर एक धक्का दिया, इस बार 3 इंच गया।
वो उसी तरह मुझे चोदने लगा।
अब मुझे भी हल्का-हल्का मजा आने लगा था।

फिर उसने तेज धक्के लगाए।
फिर एक बार जोर से धक्का दिया। पूरा लंड मेरी चूत में चला गया।
मैं बस “आह्ह, ओह्ह, मम्मी!” करती रही।

अब धीरे-धीरे मुझे भी मजा आने लगा और मैं सिसकारी लेती रही।
वो मुझे चोदता रहा।

8-10 मिनट में मैं झड़ने को हो गई।
उसे पता लग गया।
वो और तेजी से धक्के देने लगा।

मेरी आवाज और तेज हो गई।
फिर उसने मुझे घोड़ी बनाया और पीछे से लंड डालकर चोदने लगा।
मुझे और मजा आने लगा।
मस्त आवाज आ रही थी चुदाई में।
पट-पट की आवाज थी।
उसकी जाँघें मेरे चूतड़ में लग रही थीं।

5-6 मिनट बाद वो भी झड़ने को होने लगा।
उसने पूछा, “कहाँ डालूँ?”
मैंने बोला, “चूत में ही निकाल दो!”

उसने सारा रस मेरी चूत में निकाल दिया और उसके साथ मेरा भी रस निकल गया।
मैं थक गई।
वो भी थककर मेरे ऊपर आ गया।

10 मिनट आराम करने के बाद जब हम उठे, उसने कपड़े पहने और मैंने भी अपने कपड़े पहने।

जैसे ही वो जाने को हुआ, दीदी आ गई।
मेरी तो जान ही सूख गई कि अब क्या होगा?
इतने में दीदी बोली, “हो गया, सोम? चोद ली मेरी बहन!”
और वो दोनों हँसने लगे।
मुझे कुछ समझ नहीं आया।

फिर दीदी ने बोला, “ये मेरा ही प्लान था तुझे इससे चुदवाने का! बोल, कैसा लगा मेरे चोदू यार का लंड? मजा आया?”
मैं भी शर्माकर बोली, “हाँ!”

बाकी कहानी बाद में।
दोस्तो, कैसी लगी देसी हिंदी सेक्स कहानी? कमेंट में बताएँ!