देसी गर्ल सेक्स कहानी में मैं मामा के बेटे से मिली तो वह मुझसे चिपट गया. उसने मेरी चुदाई करके की इच्छा जाहिर की. मैंने उसका लंड देखा जो मुझे पसंद आया.
यह कहानी सुनें.
नमस्कार दोस्तो! मैं समायरा आपका एक नई सच्ची सेक्स कहानी में स्वागत करती हूँ!
मैं फ़िलहाल बद्दी हिमाचल प्रदेश में रहती हूँ।
मेरे शौहर का नाम जाकिर है।
ये देसी गर्ल सेक्स कहानी मेरे और मेरे ममेरे भाई रिजवान के बीच की है।
ये घटना मेरी शादी के बाद की है।
वैसे, मेरा ममेरा छोटा भाई रिजवान मुझे बहुत पहले से चोदने के चक्कर में था, पर ये मौका उसे बहुत बाद में मिला।
पहले मैं आपको अपने बारे में बता दूँ।
मैं 28 साल की एक गृहणी हूँ, और रिजवान की उम्र 24 साल है।
मेरा बदन काफी भरा हुआ है।
मेरे बदन में सबसे ज्यादा मदहोश करने वाली हैं मेरी चूचियाँ और गांड, जो दोनों बहुत बड़े हैं।
जब मैं टाइट सलवार सूट पहनती हूँ, तो एकदम पंजाबी कुड़ी की तरह सेक्सी लगती हूँ!
मेरे अलावा मेरा एक सगा छोटा भाई रहमान और छोटी बहन जकारिया भी है।
मेरा मायका यमुनानगर के पास एक छोटे कसबे में है, जहाँ मेरे अब्बू अपनी एक केमिस्ट की दुकान चलाते हैं।
अब देसी गर्ल सेक्स कहानी पर आती हूँ।
इस बारे में मुझे तब पता चला, जब मैं अपनी अम्मी के साथ मामा के घर अपनी शादी का निमंत्रण देने गई थी।
ये बात 2020 की है। जब हम उनके घर गए, वहाँ मैं अपने मामा और मामी से मिली और उनके दो बेटों, जियान और रिजवान, से मिली, जो मेरे ममेरे भाई थे।
रिजवान हमेशा चुपचाप रहता था।
ज्यादा किसी से घुलता-मिलता भी नहीं था।
रिश्तेदारों के आने पर भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ता था।
लेकिन जैसे ही मैं उसके कमरे में गई, वो मुझे देखकर खुश हो गया।
उस दिन मैंने एक व्हाइट टॉप और टाइट ब्लैक पैंट पहनी थी, जिसमें मेरी गांड बहुत बड़ी लग रही थी।
वो आया और तुरंत मेरे गले लग गया और मेरी कमर पर अपना हाथ फिराने लगा, जो काफी अजीब था।
मैंने तुरंत कहा, “कैसा है मेरा भाई?”
रिजवान बोला, “ठीक हूँ, आपा! आप तो आती ही नहीं?”
मैंने कहा, “आ तो गई, अब छोड़ तो दे! बिठाएगा नहीं?”
रिजवान ने मुझे तुरंत छोड़ा और बैठने के लिए कहा।
मैंने पूछा, “और कैसे चल रही है तेरी पढ़ाई?”
रिजवान ने कहा, “ठीक चल रही है, आपा। आप पढ़ाई छोड़ो और ये बताओ, आप इतने दिनों में क्यों आई? और जकारिया को क्यों नहीं लाई?”
मैंने कहा, “अरे, वो बात नहीं है। जकारिया की पढ़ाई चल रही है। अभी मेरा रिश्ता हो गया है, शादी होने वाली है मेरी, इसलिए यहाँ आई हूँ। तेरी बुआ मेरे साथ हैं।”
उसने कहा, “अरे, समायरा आपा! मेरी प्यारी जकारिया आपा चली गई, अब आप भी चली जाएँगी!”
इतना कहकर उसने एक बार फिर मुझे गले से लगा लिया।
मैं उसके गले लगाने के तरीके से थोड़ा असहज महसूस कर रही थी।
इसलिए मैंने अपने आप को छुड़ाया और कहा, “क्या हो जाता है तुझे? अभी तो गले लगाया था, फिर क्यों बार-बार चिपक रहा है?”
रिजवान बोला, “आपा, क्या करूँ? एक तो आप इतने दिनों में आई हो, ऊपर से आप कितनी खूबसूरत लग रही हो! आप नहीं जानती, आपा, आप इस टॉप में बड़ी कयामत लग रही हो!”
इतना बोलकर वो मेरे पूरे बदन को घूरने लगा।
फिर अचानक उसने मेरी जाँघों पर हाथ फिराना शुरू कर दिया।
मेरी सिसकारी निकल गई।
मुझे ये सब अच्छा नहीं लगा।
मैं समझ गई, उसकी नीयत खराब हो रही है।
मैंने चिल्लाकर कहा, “रिज्जू! ये क्या हो रहा है तुझे? मैं तेरी बहन जैसी हूँ! शादी होने वाली है मेरी। मुझसे आज के बाद बात मत करना तू!”
वो डर गया और सॉरी कहने लगा।
मैंने एक न सुनी और उसके कमरे से चली गई।
वो पीछे-पीछे आकर सॉरी-सॉरी करने लगा।
मैंने नहीं सुनी।
मैं थोड़ी ही दूर गई थी कि उसने मुझे पीछे से उठा लिया और दीवार के सहारे खड़ा किया।
वो सॉरी बोलने लगा।
मैंने कहा, “मैं नहीं माफ़ करूँगी तुझे! सबको बताऊँगी नीचे जाकर कि तू कितना गंदा है! क्या कर रहा था.”
वो बोला, “आपा, प्लीज मान जाओ! मान जाओ!”
इतने में मेरी अम्मी, यानी रिजवान की बुआ, ऊपर आने लगी।
उसने मुझे छोड़ दिया।
मैं वहाँ से अलग हट गई।
इतने में अम्मी आ गई और वो रिजवान से बातें करने लगी।
मैं वहाँ से नीचे आ गई और मामी से बातें करने लगी।
मैंने सोचा कि रिजवान की इस हरकत के बारे में मामी को बता दूँ।
फिर बाद में मैंने सोचा, ये गलत होगा। उसकी पहली गलती समझकर माफ़ कर देती हूँ।
अगले दिन सुबह मैं मामी के साथ किचन में काम कर रही थी।
सभी लोग एक अलग कमरे में बैठे थे।
उनकी बातों की आवाज़ें किचन तक आ रही थीं।
फिर मामी भी कमरे में चली गई।
रिजवान ऊपर अपने कमरे में ही था।
मैंने सोचा, एक बार जाकर उससे बात करती हूँ।
शायद वो मेरी वजह से डरा हुआ है और कल की बात पर शर्मिंदा है।
मैं चाय लेकर उसके कमरे में गई।
वो कुर्सी पर बैठा, एक टेबल पर लैपटॉप में अपना ऑफिस का काम कर रहा था।
दरअसल, वो घर से काम करता था।
मुझे अचानक कमरे में देखकर उसने मेरी तरफ़ देखा और कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया।
मैं समझ गई, ये कल की बात से मायूस है।
पर शायद मैं गलत समझ रही थी।
मैंने उसे चाय दी।
वो मेरे हाथ को छूते हुए हवसी निगाहों से मुझे देखने लगा।
मैं थोड़ी देर पहले नहाई थी।
मैंने एक पिंक कलर का टाइट टॉप पहना था और नीचे एक बेल-बॉटम पजामी, जिसमें मेरी चूत की शेप साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी।
ऊपर से मेरे खुले बाल उसे पागल कर रहे थे।
उसने चाय को वहीँ रखा और बोला, “आपा, आप नहीं जानती कि आप कितनी सेक्सी हो! आप जैसी हुस्न की मलिका को मैं कैसे छोड़ दूँ? न जाने कब से आपको बाहों में लेने के लिए मरा जा रहा हूँ!”
इतना कहकर उसने मुझे कसकर पकड़ लिया और मेरे गालों को चूमने लगा।
मैं अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करने लगी, पर उसने मुझे घुमाया और पीछे से जकड़ लिया।
उसकी मज़बूत पकड़ के आगे मैं कुछ न कर सकी।
उसके हाथ मेरी कमर से लेकर मेरे पेट तक आ गए थे। मैं उसकी मज़बूत पकड़ से चाहकर भी नहीं निकल सकी।
उसने मेरी गर्दन चूमना शुरू कर दिया।
मेरा टॉप ऊपर करके मेरी नाभि में उंगली फिराने लगा।
मैं मदहोश होने लगी।
मेरी आह-आह, अम्म-अम्म, सी-सी, आह की आवाज़ें निकलने लगीं।
मैं छटपटाने लगी और मदहोशी भरी आवाज़ में बोली, “कमीने, कुत्ते! छोड़ मुझे! कोई आ जाएगा तो मेरी बहुत बदनामी होगी! मैं तेरी शिकायत करूँगी अब तो पक्का मामी से! रुक जा, तू कमीने! छोड़ दे! आह-आह, सीयआह्ह, अह्ह्ह!”
वो मेरे पेट पर हाथ फिराता, तो कभी जाँघों पर।
उसने मुझे नहीं छोड़ा।
धीरे-धीरे मेरा विरोध कम होने लगा।
मुझे ये सब न चाहकर भी अच्छा लगने लगा।
वो मेरे पूरे शरीर को चूमता रहा—कभी गर्दन, कभी गाल, कभी बाल, कभी पीठ, कभी कमर।
फिर उसने मुझे घुमाया और नाभि पर किस करने लगा, जीभ मेरे पेट पर लगाने लगा.
तो मैं सिहर सी गई; मेरे पूरे शरीर में करंट दौड़ने लगा।
फिर मेरे पेट को चूमते हुए उसने अपना पूरा मुँह मेरी चूत पर लगा दिया, जिसकी शेप मेरी पजामी में साफ़-साफ़ नज़र आ रही थी।
मैं देसी गर्ल सेक्स के लिए अब पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।
इस तरह मेरी चूत पीने के बाद उसने मुझे उठाया।
अब मैंने उसका कोई विरोध नहीं किया।
पास में सोफे पर वो बैठ गया।
मैं भी एक सेक्सी स्माइल के साथ दोनों टाँगें फैलाकर अपनी मामी के लड़के रिजवान के ऊपर बैठ गई।
मेरे खुले हुए बाल और मेरी पीठ पर अब वो हाथ फिराता हुआ मेरे मुँह को अपने मुँह की तरफ़ ले जाने लगा।
उसने मेरे होंठों पर अपना दूसरा हाथ फेरते हुए मेरे होंठों को अपने होंठों के करीब लाया। हमारे होंठ मिल गए और कब लिपलॉक हो गया, पता ही नहीं चला।
मैं पूरे जुनून के साथ उसे किस कर रही थी और वो मुझे। मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी और वो चूसने लगा।
काफी देर तक हम यूं ही किस करते रहे।
वो मेरी कमर में हाथ डालकर मेरे बालों के साथ खेलता रहा।
करीब 15 मिनट बाद हमारी किस ख़त्म हुई।
फिर मैंने उसे एक सेक्सी स्माइल दी।
वो समझ गया कि मैं उससे पट गई हूँ।
मैंने उससे कहा, “रिज्जू! अभी मुझे जाने दे। मैं तेरे साथ भी सेक्स कर लूँगी, पर मेरी शादी हो जाने दे। मैं शादी से पहले ये सब कर लूँगी, तो गलत हो जाएगा। हो सकता है मेरी शादी टूट जाए।”
रिजवान बोला, “अच्छा, आपा! शादी तक अपनी चूत संभालकर रखना चाहती हो?”
मैं बोली, “हाँ! मैं पहले तेरे जीजा के साथ ही करना चाहती हूँ सेक्स!”
रिजवान बोला, “ओके, सेक्सी समायरा! मान ली आपकी ये बात। पर जब आपको देखता हूँ, मेरा लंड खड़ा हो जाता है। इसकी मुठी मार दो और चली जाओ!”
मैंने कहा, “ठीक है, मेरे भाई! तेरी ये बात भी मान ली!”
और एक सेक्सी स्माइल के साथ मैंने उसके पजामे में से उसके मुसल जैसे लंड को बाहर निकाला।
मेरी चीख निकल गई, “हाय! इतना बड़ा लंड! कोई कैसे लेगा इसको?”
वो बोला, “आपा, आपको देखकर ये इतना बड़ा हुआ है! मैं प्यार से दूँगा आपके अंदर!”
मैं उसकी बात सुनकर बिना कुछ बोले उसके लंड के टोपे को छूने लगी और हल्के-हल्के सहलाने लगी।
फिर एक ज़ोरदार किस भी कर लिया और हमारा लिपलॉक हो गया।
मेरा भाई तो पूरी तरह से मदहोश हो गया।
उसके लंड को देखकर मेरी चूत भी गीली हो गई।
फिर मैंने ज़ोर-ज़ोर से उसका लंड हिलाना शुरू कर दिया।
जितना मैं उसका हिला रही थी, उतना ही उसका लंड बड़ा और मोटा हो रहा था।
आख़िर में उसका लंड कुछ 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा हो गया।
उसका लंड बिल्कुल किसी पॉर्न साइट में काम करने वाले लड़के की तरह था।
मेरा लंड चूसने का मन तो किया पर मैंने चूसा नहीं।
क्योंकि ये सब मैं अपने शौहर के साथ पहले करना चाहती थी।
मैं लगभग 20 मिनट तक उसका मुठ मारती रही।
और फिर उसके लंड ने एक तेज़, गाढ़ी, सफ़ेद वीर्य की धारा ऊपर मारी, जिसके कुछ छींटे मेरे होंठों पर आ गए।
मैं हिचकिचाई, पर मुझे बहुत मज़ा आया।
मैंने उसकी वीर्य पर अपनी जीभ फिराई, तो वो बहुत खुश हुआ।
मैंने मन ही मन सोचा कि अगर 20 मिनट तक ये हिला सकता है, तो मेरी चूत तो ये घंटों तक बजाएगा।
फिर उसे एक छोटा-सा किस देकर मैं नीचे चली आई।
ऐसे ही दो-तीन दिन तक रिजवान मुझे चूमता रहा और मैं उसका लंड पकड़ती रही।
अब मैं भी अकेले में मौका पाकर उसके साथ किस करने लगी।
फिर हमारा वहाँ से जाने का वक़्त आ गया, क्योंकि अब्बू हमें लेने आ गए थे।
फिर सबको शादी का निमंत्रण देकर हम वहाँ से मामा-मामी को अलविदा कहकर चल दिए।
जब मैं जाने लगी तो रिजवान का मुँह उदास हो गया।
वो अपने लंड को मसल रहा था।
मैंने इशारा किया, “बस, कुछ दिन मेरे भाई!”
मैं बार-बार ये सोचकर हँस रही थी कि कुछ ही दिनों में मेरी शादी होने वाली है और मैं अपने मामा के लड़के के साथ सेट हो चुकी हूँ।
मैंने सोच लिया था कि मुझे अपने मामा के लड़के रिजवान का लंड ज़रूर एक बार अपनी चूत में लेना है।
पर पहले अपने शौहर को देख लूँ कि वो चुदाई में कैसे हैं क्योंकि मैं अपनी पहली चुदाई तो अपने शौहर से ही करवाऊँगी।
अब्बू ने एक बड़े बैंकेट हॉल में हमारी शादी करवाई।
खूब पैसा खर्च किया अब्बू ने मेरी शादी पर।
शादी के दौरान हॉल में मुझे सभी रिश्तेदार दिखाई दिए, पर मामा का लड़का रिजवान नहीं दिखा।
जब शादी पूरी तरह से हो गई, तब भी वो कहीं नहीं दिखा।
जियान वहाँ पर था।
मैं समझ गई कि वो आया ही नहीं।
मुझे उस पर बहुत गुस्सा आया।
उससे नफ़रत-सी हो गई।
मेरे शौहर जाकिर दिखने में काफी हट्टे-कट्टे थे।
उनकी चौड़ी छाती, चेहरा—सब कुछ मिलाकर वो काफी हैंडसम मर्द थे।
मेरी शादी एक मस्त जवान मर्द से हुई थी इसलिए मैं बहुत खुश थी।
सुहागरात वाले दिन ही मेरे शौहर ने मुझे बड़े प्यार से बातें कीं और धीरे-धीरे मुझे अपनी आगोश में ले लिया।
वो मुझे किस करने लगे और एक-एक करके मेरे सारे कपड़े मेरे जिस्म से उतार दिए।
उन्होंने ज़्यादा देर तक किस नहीं किया।
फिर सीधे मेरी चूत पर आ गए और मुँह लगा दिया।
मैं सकपका गई।
वो काफी देर तक मेरी चूत पीते रहे।
फिर अचानक मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
इसके बाद उन्होंने मुझे उलट दिया और लिप किस करने लगे।
मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
पर उनके साथ किस करने में मुझे उतना ही मज़ा आ रहा था, जितना अपनी मामी के लड़के रिजवान के साथ आता था।
कुछ देर बाद उन्होंने अपना लंड निकाला और चूसने को बोला।
मैंने उनका लंड पकड़ा, तो मैं अवाक रह गई। उनका लंड रिजवान से भी ज़्यादा लंबा था – लगभग 9 इंच लंबा … और वो एकदम टाइट लग रहा था।
मेरा चेहरा इतना खिल गया कि मैंने ज़ोर-ज़ोर से, किसी पॉर्न स्टार की तरह, अपने शौहर का लंड चूसना शुरू कर दिया।
उसके बाद उन्होंने मुझे मज़े लेकर चोदा।
मैं पूरी तरह से उनसे संतुष्ट हो गई।
मैं अपने शौहर के साथ ख़ुशी-ख़ुशी रहने लगी।
मेरे शौहर शादी के बाद मुझे रोज़ चोदने लगे।
ऐसे ही एक साल बीत गया।
मेरे शौहर ने मुझे चोद-चोदकर एक जवान लड़की से एक गदराई हुई सेक्सी औरत बना दिया।
अब अपनी मामी के लड़के रिजवान को तो मैं बिल्कुल भूल गई।
मैंने उसे वादा किया था कि अपने शौहर से चुदने के बाद मैं उससे भी चुदूँगी।
अब देसी गर्ल सेक्स कहानी के अगले भाग में आपको बताऊँगी कि कैसे मैं रिजवान से वापस मिली और जमकर उसके साथ चुदाई की।
आप अपनी राय कमेंट्स में लिखें.
प्राईवेसी के लिए मैं इमेल आईडी नहीं दे रही हूँ.
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