Xxx गर्ल बॉय पोर्न कहानी में गली के कुछ लड़के लड़कियां नए नए जवान हुए तो उन्हें भी अपने माँ बाप को देख सेक्स का शौक चर्राया. उन्हें पता था कि चूत में लंड डालने से गर्भ हो सकता है.
दोस्तो, मैं निक्कू आपको अपनी युवावस्था में हुए गांड चुदाई के मस्ती भरे दौर की सेक्स कहानी सुना रहा था.
आपने अब तक इस गांड सेक्स कहानी के पहले भाग
कमसिन लड़की लड़कों का सेक्स गेम
में पढ़ लिया था कि मैंने सपना की गांड में लंड पेल दिया था, जिस वजह से वह चीख उठी थी.
हम सब में सबसे बड़ी सुचि थी, तो वह सपना को डांटने लगी कि चिल्ला क्यों रही है, कोई सुन लेगा तो सब गड़बड़ हो जाएगी.
अभी उसने यह कहा ही था कि सामने मोनी आती दिखी.
अब आगे Xxx गर्ल बॉय पोर्न कहानी:
मोनी- क्या हुआ शोर किसने मचाया?
मैं- सपना फिसल कर गिर गई थी तो वह चिल्लाई थी.
मोनी बोली- ठीक है. मुझे भूख लगी है मैं तो अब घर जा रही हूं.
उसके जाते ही मैं भी बाहर आ गया.
हम सब कमरे के बाहर मिले, फिर सबने लंच के बाद मिलने को बोला.
हम सब वहां से आ गए.
मैंने घर में आकर देखा तो मम्मी घर में नहीं थीं और सोनी खाना ले आई थी.
हम तीनों भाई बहनों ने साथ में खाया. मैंने जल्दी से खाना खत्म किया और उन दोनों के आने से पहले कल्लू के घर में आ गया.
वे सब भी खाना खा रहे थे.
मैं भी उनके पास ही बैठ गया.
खाना खाने के बाद सौरभ ने मुझसे कहा कि चल अपन बाजार घूमने चलते हैं.
पर मैंने मना कर दिया और वह कल्लू के साथ चला गया.
मैं सपना और सुचि के साथ उनके कमरे में चला गया.
वहां जाकर मैंने सपना से पूछा- क्या अब भी दर्द हो रहा है?
सपना- अब तो ठीक हूँ, वह तो थोड़ी देर हुआ था फिर ठीक हो गया था.
मैं- तो क्या बोलती है, फिर से वही खेल खेलें?
सपना- हां चलो खेलते हैं.
सुचि- यहां नहीं, कोई आ जाएगा … ऊपर चलो.
हम सब ऊपर आ गए.
मैंने आते ही अपना शॉर्ट्स नीचे करके खड़ा लंड दिखाया तो सुचि ने भी अपनी सलवार उतार दी.
वह बोली- पहले मेरी गांड में करो.
मैं उसके पीछे गया और लंड सैट करके धक्का दे मारा.
सुचि धक्का लगने से आगे को गिर गई.
मुझे लगा कि उसको चोट लग गई, पर वह खड़ी हुई और दीवार पर हाथ रख कर बोली- अब डाल!
मैंने फिर से पेल दिया और धक्के लगाने लगा.
अब लुच्ची मस्ती से गांड मरवा रही थी.
सपना हम दोनों को देख कर बोली- मुझे भी करवाने दो!
तो सुचि बोली- थोड़ी देर रुक जा, फिर करवा लेना!
पर वह तो मम्मी को बताने की धमकी देने लगी.
सुचि बोली- साली एकदम मचल जाती है, चल तू पहले इसके साथ ही खेल ले. मैं बाद में खेल लूंगी!
सपना ने अपनी स्कर्ट उठा दी.
मैंने उसकी चूत देखी और बोला कि सपना तेरे आगे से कर लूँ!
तो सुचि बोली- नहीं आगे से कभी मत करना, ब/च्चा हो जाएगा और सबको पता चल जाएगा.
उसकी बात से हम दोनों डर गए.
फिर सपना झुक गई और मैंने उसकी गांड के सुराख में लंड डाल दिया.
लंड पूरा घुस गया था, तो वह दर्द से बिलबिला उठी और दीवार पर चिपक गई.
उसके हिलने से लंड तो बाहर निकल आया पर सुराख खुलने से दर्द हो रहा था.
तब लुच्ची हंसती हुई बोली- बड़ी जल्दी थी साली को … अब फट गई!
यह सुनकर सपना को गुस्सा आ गया.
उसने कहा- निक्कू तू घुसा, कितना भी दर्द हो इस बार मैं बाहर नहीं निकालूंगी.
अब वह फिर से झुक गई, मैंने लंड धीरे धीरे से डाला और सपना ने भी हिम्मत दिखाई तो अबकी बार वह हिली भी नहीं.
मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए.
वह भी शांति से अपनी गांड में रगड़वा कर मजे लेती रही.
तभी दरवाजा खुल गया.
हमारी गांड चौड़ी हो गई क्योंकि हम दरवाजा अन्दर से बंद करना भूल गए थे.
मैं लंड गांड से निकाल कर शॉर्ट ऊपर करने लगा.
सपना भी सीधी खड़ी हो गई.
उसकी स्कर्ट नीचे गिर गई.
तभी हमने देखा तो हमें सांस में सांस आई.
वे मेरी दोनों बहनें थीं.
तब सुचि बोली- और कोई तो नहीं आ रहा?
मोनी बोली- नहीं हम दोनों तो अकेली आई हैं.
सुचि- सौरभ और कल्लू हैं नीचे?
मोनी- नहीं वे नहीं हैं नीचे!
सोनी- तुम लोग इधर क्या खेल रहे हो?
सुचि- छुपम छुपाई.
सोनी मोनी- हम भी खेलेंगी.
सपना को गुस्सा आ रहा था वह चिढ़ कर बोली- मैं नहीं खेलूंगी.
सुचि हंसने लगी और बोली- चलो हम सब खेलते हैं.
फिर हम सब हाथ पर हाथ रख ऑड वन आउट करने लगे.
मैंने और सुचि ने आंख मारी और हाथ को एक जैसे करने लगे.
तब सोनी का ऑड हो गया, उसको ढूंढने के लिए जाना पड़ा.
सोनी बाहर निकल गई और हम सब छुपने लगे.
सपना ने मुझे बुलाया और मेरे कंधे पर हाथ रख कर चलने लगी.
मैंने उसे कमरे के बाहर रखी वाली फोल्डिंग पर बैठा दिया और खेलने लगे.
मैं और सुचि एक जगह छुप गए और सलवार उतार कर मैं उसकी गांड में धक्के लगाने लगा.
थोड़ी देर में मेरी बहन सोनी आ गई और उसने हम दोनों गांड में लंड रगड़ते हुए देख लिया.
वह भी चुपचाप होकर हमारे पास आ गई और बोली- मुझे भी खेलना है!
सुचि बोली- दर्द होगा तुझे … फिर तू सपना की तरह चल भी नहीं पाएंगी.
सोनी बोली- ज्यादा मत घुसाना, थोड़ा सा घुसा कर खेल लेंगे.
तो मैंने बोला- चल ठीक है, उतार चड्डी नीचे!
सोनी ने अपनी सलवार और पैंटी उतार दी और घोड़ी बन गई.
मैंने पीछे से लंड उसके छेद पर रखा तो सुचि बोली- थोड़ा थूक लगा ले.
मैंने ढेर सारा थूक लंड पर लगाया और उसके छेद पर भी डाल दिया.
फिर धीरे धीरे से लंड अन्दर डाला तो वह हल्का सा डर रही थी.
पर मैंने रात की तरह पूरा नहीं पेला, सिर्फ टोपी ही अन्दर डाली और हल्का सा हिलाने लगा.
वह गर्दन पीछे घुमा कर देख रही थी कि दर्द न हो.
मैंने प्यार प्यार से उसको चोदकर मजा दे दिया.
कुछ मिनट करने के बाद वह थक गई और बोली- बस अब तुम दोनों खेलो.
मेरी छोटी बहन मोनी छुपी रही क्योंकि उसे ढूंढने वाली सोनी हमारे साथ गांड रगड़वा रही थी.
अब मैंने फिर से लुच्ची की गांड में डाल कर लंड को खूब रगड़ा.
जब तक लौड़े ने पानी नहीं छोड़ दिया, तब तक मैं लुच्ची की गांड का बाजा बजाता रहा.
हम लोग फिर से खेलने लगे.
पर सपना ने नीचे जाकर अपनी मम्मी को दर्द के बारे में बता दिया.
उसकी मम्मी ने पूछा- क्या हुआ दर्द क्यों हो रहा है?
सपना एकदम से डर गई और उसने झू बताया कि वह गिर गई.
उसकी मम्मी ने उसकी जांच की तो चोट नहीं मिली.
उसकी मम्मी को लगा कि कुछ हल्की फुल्की चोट लगी होगी, तो उन्होंने उसे आराम से लेट जाने को बोला और कमरे में भेज दिया.
हम सब भी सौरभ और कल्लू के आने के बाद फिर से खेलने लगे.
रात को घर वापस आ गए.
ऐसे ही छुप छुप कर हम लोग मस्ती करने लगे.
पर उस दिन के बाद सपना ने कभी गांड में लंड नहीं रगड़वाया.
फिर एक दिन लुच्ची हमारे घर आई और बोली- आज मैं अपने घर जा रही हूं, चलो उधर चल कर कुछ देर मस्ती करते हैं.
मैंने कहा- जब मस्ती ही करनी है तो आओ मेरे घर की छत पर चलते हैं.
मैं उसे अपने घर की छत ले गया और वहां एक खाली कमरे में पड़े एक पुराने बेड पर लेटा दिया.
वह गांड मरवाने को मचल रही थी तो उसने जल्दी से अपनी गांड नंगी कर दी.
मैंने उसकी गांड में लंड डाल कर छेद को चिकना किया और लंड पेल कर गांड मारना चालू कर दिया.
मैं उसके दूध मसल कर उसकी लेने लगा और गांड चुदाई का मजा ले लिया.
कुछ देर बाद सोनी और मोनी भी खेलने के लिए ऊपर आ गईं.
उन दोनों ने हम दोनों को गांड में लंड डालते हुए देख लिया.
सोनी तो जानती थी, पर मोनी समस्या खड़ी कर सकती थी.
सुचि बोली- मोनी को अन्दर बुलाओ वर्ना ये हम दोनों को फंसवा देगी.
मैंने सोनी मोनी दोनों को अन्दर बुलाया.
उन दोनों के अन्दर आ जाने पर मैंने मोनी को समझाया कि हम लोग खेल रहे हैं, पर तुम ये सब मम्मी को मत बताना.
इस पर वह बोली- यह खेल मुझे भी खेलना है.
मैंने ओके कह कर उसे भी झुका लिया और उसकी पैंटी हटा कर पीछे से उसकी गांड में लंड डालने लगा.
सुचि ने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया और उंगली से उसकी गांड का सुराख थूक लगा कर रगड़ने लगी.
मोनी भी मजा लेने लगी.
चूंकि उंगली ज्यादा मोटी नहीं थी तो वह समझी कि यह तो मस्त खेल है.
कुछ देर के बाद सोनी बोली- मुझे भी लेना है.
मैंने उसकी गांड में भी लंड पेल कर हल्का सा धक्का लगा दिया और धीरे धीरे से गांड रगड़ने लगा.
सोनी भी मजे से गांड में लंड लेती रही.
उसी समय सुचि ने बताया कि सपना की गांड में बहुत दर्द हो गया था, खून भी निकला था तो तुम मोनी की गांड के अन्दर अभी अपना लंड मत डालना. बस उंगली से गांड को ढीली कर देना वर्ना उसकी गांड फट जाएगी.
मुझे उसकी यह बात बहुत अच्छी लगी कि जब भी किसी की गांड में पहली बार लंड पेलना हो तो उंगली से छेद को ढीला करना चाहिए, तभी गांड मारने का सही मजा आता है.
मैंने मोनी की गांड में थूक लगा कर उंगली डाली तो वह मजा लेने लगी.
फिर वह बोली कि सोनी जैसे करो.
तो मैंने उसे समझाया कि मेरा हथियार मोटा है, तुम झेल नहीं पाओगी. मैं बाद में तुम्हें हथियार से मजा दूंगा.
वह राजी हो गई.
उसके बाद हम लोग कुछ देर गांड चुदाई का खेल Xxx गर्ल बॉय पोर्न खेल कर नीचे आ गए.
अगले दिन सुचि और उसका भाई सौरभ अपने पापा के साथ घर चले गए थे क्योंकि छुट्टी खत्म होने वाली थी.
अब हम तीनों भाई-बहन अपने ही घर में खेलते थे क्योंकि माही और निकिता तो अब तक वापस ही नहीं आई थीं.
इधर सुचि-सौरभ भी चले गए थे.
कभी-कभी सपना और कल्लू हमारे घर खेलने के लिए आ जाते थे पर अब हम गांड में लंड रगड़ने वाला खेल नहीं खेलते थे क्योंकि मैं सोनी के साथ अकेले में कर लेता था और किसी को पता ही नहीं चलता था.
एक हफ्ते बाद माही और निकिता भी वापस आ गए.
मैं उनके घर गया था, फिर वापस अपनी छत पर गया.
वहां देखा तो कल्लू साला, मोनी की गांड में लंड पेल रहा था और वह उससे अपनी गांड में बड़े आराम से लंड घुसवा रही थी.
सोनी भी उसके पास खड़ी थी.
उस काले सांड को मेरी गोरी सुंदर बहन के साथ देखकर मुझे तो गुस्सा आ गया.
मैं कमरे में घुसा और उसके कान पर जोर से थप्पड़ लगा दिया.
मेरी बहनें भी डर गईं और वह हमारे घर से भाग गया.
मैंने अपनी बहनों को डराया- अगर तुमने उसके साथ खेला तो मैं मम्मी को बता दूँगा और फिर तुम्हारी पिटाई होगी.
उस दिन के बाद उन्होंने कल्लू के घर जाना भी बंद कर दिया.
सपना और कल्लू भी हमारे घर नहीं आते थे.
अब मैं अपने घर में ही अपनी दोनों बहनों की गांड मार लेता और हम तीनों मजा ले लेते.
दोस्तो, यह Xxx गर्ल बॉय पोर्न कहानी आपको कैसी लगी प्लीज बताना जरूर.
[email protected]