मेरी चाची को तीन लंड मिले

Xxx चुदाई चाची की कहानी में मेरे चाचा की उम्र ज्यादा होने के कारण चाची की जवानी सुलगती रहती थी. चाची ने मेरे बड़े भाई को पटा कर उनसे अपनी आग ठंडी की.

हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम अर्जुन है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूँ.
मेरी उम्र 25 साल है, मेरी हाइट 5 फीट 5 इंच है.

यह कहानी मेरी चाची के साथ हुए सेक्स पर आधारित है.
चाची का बदला हुआ नाम अंकिता है और उनकी उम्र 40 साल है.

मैं अपनी चाची के साथ मेरी और मेरे भाई की वास्तविक सेक्स की दास्तान को आप सबके लिए पेश कर रहा हूँ.
यह कोई बनावटी कहानी नहीं है, 100% सच्ची है.

यह Xxx चुदाई चाची की कहानी सन 2000 की है. उस वक्त मेरे चाचा और चाची की शादी हुई थी.

मेरे चाचा ने पहली रात से ही चाची को चोदना शुरू कर दिया था.
सभी कर देते हैं … इसमें कोई नई बात नहीं है.

लेकिन चाचा जी की उम्र ज्यादा हो गई थी और चाची कमसिन थीं तो नतीजा यह हुआ कि चाची की चुत प्यासी रहने लगी.

मेरे भाई की उम्र चाची जी के बराबर की ही है और उनका नाम सौरभ है.
वे अच्छे खासे पहलवान दिखते हैं और गांव भर में उनकी जैसी देह किसी लौंडे की नहीं है.

भाई साब घर के बाहर बने एक बाड़े में जिसमें भैंसें बंधती हैं, उधर अपना अखाड़ा बनाए हुए थे और अपनी कसरत किया करते थे.

वे लंगोट बांध कर दंड पेलते थे तो मैं भी उन्हें देखता रहता था.
मैं भी लंगोट बांध कर उनके साथ कसरत करने लगा था तो मेरी भी बॉडी बनने लगी थी.

जब चाची की जवानी प्यासी रहने लगी तो चाची को भाई की कसरती बॉडी अच्छी लगने लगी थी और वे उनसे काफी बात करने लगीं.

अब हाल यह हो गया था कि जब चाचा काम पर होते, तो भाई चाची के पास आकर बैठ जाता और वह उनसे सेक्सी बातें करता.

चाची खुद चुदासी थीं तो वे और भाई मौके की तलाश में रहते थे कि जैसे ही चाचा काम पर जाएं, वे दोनों आपस में मिलकर बात करें और मजे करें.

मेरे भाई चाची के कमरे में दरवाजा लॉक करके उनके साथ न जाने क्या क्या करता रहता था, इसका मैं बस अंदाज ही लगा पाता था.

कुछ दिन ऐसे ही बीते.

एक दिन वे दोनों सेक्सी बातें कर रहे थे तो बात करते-करते एक-दूसरे को छूने लगे.
भाई चाची के बूब्स छूने लगा और चाची भाई का लंड पकड़ने लगीं.

कुछ समय ऐसा ही चला.

अगले दिन जब चाचा काम पर गए, तो भाई चाची के कमरे में गया.
उसने कमरे के अन्दर जाते ही सीधे चाची के बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा.

आज मौका मिल गया था.
चाची ने भी भाई का लंड मसलना शुरू किया.

इसके बाद चाची ने अपने कपड़े उतारे और भाई ने उन्हें जमकर पेला.

उन दोनों में चुदाई का सिलसिला कुछ दिनों तक चलता रहा.

लेकिन एक दिन मेरे चाचा को कुछ शक हो गया.
उस दिन से भाई ने चाची को चोदना बंद कर दिया.

फिर जब मेरे भाई की शादी हुई और उन्हें एक बेटा हुआ तो मेरी भाई भाभी गुजरात में शिफ्ट हो गए.

उधर भाई का काम जम गया तो उन्होंने चाचा चाची और मुझे भी उधर ही बुलाया लिया.

चाचा चाची एक अलग घर लेकर पड़ोस में ही रहने लगे.
मैं भाई के साथ ही रहने लगा.

भाभी कुछ महीने बाद अपने मायके जाने लगीं.
इस बार वे एक महीने के लिए जा रही थीं.

तब भाई से रहा नहीं गया और उन्होंने चाची से कहा- आप सुबह 6 बजे आ जाया करो. आप मेरे पैर की मालिश कर दिया करो.
क्योंकि चाची घर में आती-जाती रहती थीं.
भाभी के मायके जाने पर जो काम होता, वह वे करतीं और चली जातीं.

जब भाई ने कहा कि सुबह 6 बजे आया करो, तो चाची ने मना नहीं किया और राजी हो गईं.

चाची सुबह 6 बजे काम करने के बहाने चाचा से कहकर आतीं और भाई के पैर की मालिश करतीं.

वे ऊपर तक मालिश करने के बहाने लंड भी छूतीं, जिससे भाई का लंड तन जाता.

भाई ने तो इसी लिए चाची को बुलाया था.

दो दिन बाद ही जब चाची उनकी मालिश कर रही थीं तो भाई का लंड तन गया.

तो भाई ने उठ कर चाची के बूब्स पकड़ लिए और उन दोनों में चुदाई का खेल आरंभ हो गया.
भाई चाची को जमकर चूस रहा था और बाद में वह चाची को चोदने लगा था.

अब चाची की मौज हो गई थी.
वे भाई से खुल कर चुदवाने लगी थीं.

जब तक भाभी अपने मायके से वापस नहीं आ गईं, उन दोनों का यह सिलसिला चलता रहा.

एक दिन मुझे शक हुआ कि चाची रोजाना आती हैं और भाई के कमरे में जाती हैं.
फिर वे 30 मिनट बाद ही बाहर आती हैं.

मैंने समझ लिया कि मेरा भाई चाची को चोदने के लिए बुलाता है.

फिर मैंने सोचा, क्यों न मैं भी चाची चुदाई के लिए ट्राई करूँ?
हो सकता मेरा भी काम बन जाए!

भाभी के आ जाने के बाद से चाची की दाल गल नहीं रही थी तो वे भी लंड के लिए Xxx चुदाई की प्यासी हो गई थीं.

उसी दौरान मेरा काम बन गया.

हुआ यूं कि एक दिन मैंने चाची से कहा- मेरे पैर में बहुत दर्द होता है, रात को मुझे नींद नहीं आती. आप सुबह आकर मेरे पैर की मालिश कर दिया करो!

चाची ने कहा- नींद नहीं आती तो मुझे कॉल कर दिया करो, मैं सुबह आ जाया करूँगी.

मैंने कहा- जब भाई चले जाते हैं तब आप आ जाया करो.
मेरा कमरा पीछे की तरफ बना था और उसका एक रास्ता पीछे से भी खुलता था.

मैंने चाची को पीछे वाले रास्ते से आने के लिए कहा.
तो चाची ने मुस्कुरा कर हां कर दी.

उनकी मुस्कान से मैं भी समझ गया कि ये भी छिप कर अन्दर आना चाह रही हैं.

वे सुबह से मेरे कमरे में आ गईं.
मैंने उन्हें अपने बिस्तर पर बैठने को कहा तो वे अपनी साड़ी उठा कर किसी रंडी के जैसे मेरी टांगों के बीच में बैठ गईं.

बस चाची चालू हो गईं. वे झुक कर मेरे पैरों में मालिश कर रही थीं तो मुझे उनके दूध साफ दिख रहे थे और उसी वजह से मेरे लौड़े में तनाव आने लगा था.
मालिश करते-करते मैंने एक दिन कहा- जांघ तक करो!

वैसे तो मैं अंडरवियर में होता हूँ. पर उस दिन मैं सिर्फ लुंगी पहनी हुई थी.

मेरे कहने पर वे वैसा ही करने लगीं.
क्योंकि चाची ने मेरे नहाते समय मेरा लंड पहले कई बार देख लिया था, तो शायद उनका मन ललचाने लगा था.

अब मालिश करते-करते वे मेरे लंड को छूने लगीं.
उससे मेरा लंड खड़ा हो गया.

वे लंड पकड़ कर हंसने लगीं- अरे तेरा तो खड़ा हो गया!
मैंने उनसे कह दिया कि खड़ा हो गया तो अब आप मेरा लंड चूस लो न!

वे हंस कर राजी हो गईं और मेरे लवड़े को मुँह में भर कर चूसने लगीं.
जब वे लंड चूस रही थीं तो 69 के पोज में हो गई थीं.

मैंने उनकी साड़ी उठा डी और उनकी चुत में उंगली कर दी.
वे सिहर उठीं और मेरे हाथ से अपनी चुत को रगड़ने लगीं.

मैंने समझ लिया कि चाची चुदासी हो रही हैं, तो मैंने उनकी चुत में दो उंगलियां पेल दीं और उनकी चुत के दाने को रगड़ता हुआ मजा उन्हें देने लगा.

कुछ ही देर में चाची की चुत का पानी निकल गया.

वे खुश हो गईं और मेरे लौड़े की मुठ मारने लगीं.
जल्द ही मेरे लौड़े ने भी दम तोड़ दिया और वे मेरे लंड का सारा रस खा गईं.

उस दिन वे हंसती हुई मुझे दूध दिखाने लगीं.
मैंने कहा- अब चुदाई का मजा और दे दो!

वे बोलीं- मैं तो इतने में ही थक गई. अब बाद में मजा ले लेना!

अगले दिन मैंने शुरू से ही उन्हें पकड़ लिया और उनके बूब्स दबाए.

चाची ने भी चुदास भरी आवाज में कहा- आज तुम मुझे चोद दो … मुझसे अब बर्दाश्त नहीं होता!

मैंने उनको तड़फाने का सोचा और कहा कि यह सही समय नहीं है.
वे बोलीं- सही समय कब होगा? किसी पंडित से मुहूर्त निकलवाना पड़ेगा क्या?

वे यह बोलीं तो मैं चुप हो गया और उनके मम्मों को चूसने लगा.

कुछ देर बाद मैं गर्म हो गया.

मैंने उनके दूध पकड़ लिए और अपने ऊपर खींच लिया.
वे भी राजी थीं तो मेरे होंठों से होंठ लगा कर मजा देने लगीं.

कुछ देर बाद वे मेरा लंड चूस रही थीं, तो मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ.
मैंने उनसे कहा- चलो अब चोदता हूँ!

उन्होंने कहा- मैंने तो पहले ही कहा था कि मुझे चोदो! लेकिन तुम तो मुझसे सिर्फ अपने लंड का पानी निकलवा कर ही रह जाना चाह रहे थे!

मैंने जल्दी ही अपनी लुंगी को बाजू किया और उनकी चड्डी हटाने के लिए अन्दर हाथ डालना चाहा तो चाची बोलीं- मैंने पहनी ही नहीं है.

मैंने कहा- तो बैठ जाओ न लौड़े पर … देरी क्यों कर रही हो?
चाची लपक कर लंड पर बैठ गईं और धकापेल Xxx चुदाई चालू हो गई.

कुछ देर के बाद मैंने उन्हें चित लिटाया और चुत में लंड पेल कर चोदना शुरू कर दिया.
चाची को चुत में मजबूत लंड की टक्करें मिल रही थीं, तो वे सड़क छाप कुतिया की तरह मिमिया रही थीं.

मैंने अपने लौड़े को सुपारे तक पूरा बाहर निकाल निकाल कर चाची की चुत का कचूमर बना दिया.

आधा घंटा बाद जब मैं झड़ा तो चाची लंबी सांस लेती हुई कहने लगीं- तू तो बड़ी देर तक चोदता है … मेरी चुत में तो जलन होने लगी है.

मैंने कहा- अभी तो खेला शुरू हुआ है चाची … किसी दिन कोई नई लौंडिया लाओ, तब देखना मेरे लौड़े का कमाल!
वे हंस दीं.

उस दिन चाची ने दो बार चुत चुदवा कर मजा लिया.
मैं भी उनकी चुदी पिटी चुत से खुश था कि कुछ नहीं से तो कुछ भला.

अब चाची हफ्ते में दो बार आतीं. पहले वे मेरे पैरों की मालिश करतीं, फिर मैं उनके बूब्स दबाकर उन्हें तबीयत से चोदता.

अब जब भी मेरा दिल करता, मैं चाची को कॉल कर देता.
वे आ जातीं और मालिश करने के बहाने चुत चुदवा लेतीं.

चोदने के दौरान ही चाची ने मेरे भाई की पूरी कहानी मुझे बताई कि वह मुझे क्यों पसंद था और उसने मुझे किस तरह से पकड़ कर चोद दिया था.

अब तो मेरा हाल यह हो गया है कि जिस दिन सुबह चाची को आना होता है, उससे पहले की रात मुझे नींद नहीं आती. सिर्फ उन्हें चोदने का ख्याल ही आता रहता है.
जब सुबह वे आती हैं और मैं उन्हें चोद लेता हूँ, तब जाकर मुझे सुकून मिलता है.

वे भी मुझसे चुदवा कर खूब मज़ा लेती हैं, तभी तो आती हैं.
अगर मैं 15 दिन बाद भी उन्हें कॉल न करूँ, तो वह मुझे कॉल करती हैं और कहती हैं कि मुझे चोदने का मन नहीं है क्या!

तो मैं कह देता हूँ कि अरे मेरी सेक्सी चाची, आपको मैं कैसे भूल सकता हूँ!

मेरी चाची की किस्मत तो देखो! उन्हें अपनी जिंदगी में 3 मर्दों से चुदवाने का मौका मिला.

एक उनके पति, जो उन्हें रोजाना चोदने की कोशिश करते हैं, पर चोद नहीं पाते हैं.
दूसरा मैं, जो उन्हें हर दो तीन दिन में एक बार चोद लेता हूँ.
तीसरा मेरा भाई, जो तब चाची को चोदता है, जब मेरी भाभी अपने मायके गुजरात जाती हैं.

आपको मेरी यह Xxx चुदाई चाची की कहानी कैसी लगी, प्लीज मुझे जरूर बताएं.
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