बड़े भाई ने मेरी चूत गांड चोद दी

Xxx ब्रो सिस हॉट कहानी में मैं और मेरा भाई कुछ दिन के लिए अकेले थे घर में. मेरा भाई मेरे शर्ट के बड़े गले से झाँक रहे मेरे गोरे बूब्ज़ देख रहा था. मुझे अच्छा लगा.

यह कहानी सुनें.

दोस्तो, मेरा नाम पायल बजाज है और मैं उत्तर प्रदेश से हूँ.
मेरी उम्र 23 साल है.
मेरे भाई का नाम आकाश है और वह अभी बारहवीं कक्षा में पढ़ता है. उसकी उम्र 19 साल है.

आज मैं आपको अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रही हूँ.
इस Xxx ब्रो सिस हॉट कहानी में मैंने आपको बताने की कोशिश की है कि मैंने कैसे अपने ही भाई से पहले चूत, फिर गांड मरवाई.

ये बात तब की है, जब मेरे नानाजी की मृत्यु हो गई और मम्मी-पापा को वहां जाना पड़ा.

मेरे नानाजी हावड़ा में रहते थे इसलिए मम्मी-पापा को आने में कम से कम 8 दिन लगने वाले थे.
मम्मी-पापा चले गए और जाते वक्त मम्मी ने मुझसे कहा- पायल, अपने भाई का ध्यान रखना.

मैंने उन्हें हां कहते हुए आश्वस्त किया.

फिर हम दोनों भाई-बहन साथ रहने लगे.

अगले दिन मैं फर्श पर पौंछा लगा रही थी.
भाई सोफे पर बैठा मेरी तरफ गौर से देख रहा था.

मुझे शक हुआ कि ये साला मेरे बूब्स देख रहा है क्योंकि मैंने गहरे गले का टॉप पहना था और मेरे बूब्स दिख रहे थे.

भाई मेरे बूब्स देखकर अपने लंड को पैंट के ऊपर से सहला रहा था.

एक दो पल तो मुझे गुस्सा आया, फिर न जाने क्या हुआ कि मुझे भी उसको अपने दूध दिखाने में मजा आने लगा.

मैं और ज्यादा झुक झुक कर उसे अपने दूध दिखाने लगी और वह अपने लौड़े को सहलाता रहा.
फिर मैं खाना बनाने चली गई.

खाना बनाकर हम दोनों भाई बहन ने साथ में खाया.

मैंने भाई से पूछा- भाई, तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है क्या?
वह बोला- तू ये क्यों पूछ रही है?

वह मुझसे ऐसे ही तू तड़ाक करके बात करता है.

मैंने कहा- ऐसे ही पूछा.
वह बोला- नहीं है!

फिर भाई ने मुझसे पूछा- तेरा कोई बीएफ है क्या?
मैंने कहा- पहले था, अब नहीं है!

वह बोला- तुमने वह सब भी किया है जो लड़का-लड़की करते हैं?
मैंने कहा- भाई, तू ये सब क्यों पूछ रहा है?

वह बोला- मैंने तो कभी नहीं किया, इसलिए पूछा!
मैंने कहा- हां, मैंने किया है!

वह फिर अपना लंड सहलाने लगा.

मैंने उसे देखा और गुस्से में बोली- ये क्या कर रहा है कुत्ते?
वह बोला- पता नहीं, मेरी सुसु को क्या हो गया!

तभी पड़ोस वाली भाभी आ गईं.
मैंने भागकर दरवाजा खोला.

भाभी बोलीं- पायल बेटा मैंने खीर बनाई थी, ले ले!
मैं खीर लेकर रूम में आ गई.

भाई बाहर खेलने चला गया.

शाम को जब वह लौटा, तो अपने साथ पिज़्ज़ा लाया. मुझे बहुत अच्छा लगा.

उसका प्यार भरा रवैया देख कर मुझे उससे मुहब्बत सी होने लगी थी.

उसने दिन में मेरे दूध देख कर अपना लंड सहलाया था तो मुझे भी कुछ कुछ होने लगा था.

रात में हम दोनों ने खाना खाया और सोने आने लगे.

मैंने भाई से कहा- भाई, मुझे अपने साथ सुला ले, मुझे अकेले सोने में आज डर लग रहा है.
भाई ने कहा- ठीक है, आ जाओ.

मैंने सोने से पहले एक पतली-सी नाइट ड्रेस पहन ली और ब्रा-पैंटी नहीं पहनी क्योंकि आज मुझे अपने भाई का लंड चाहिए था.

रात को सोते समय मुझे महसूस हुआ कि भाई मेरे बूब्स पर हाथ फेर रहा है.

मैंने देखा तो भाई बड़ी मस्ती से मेरे दूध सहला रहा था.

मैंने उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर अपने दूध और जोर से मसलवा दिए.

यह देख कर उसने मुझे चूम लिया और मेरी आंखों में देखने लगा.
मैंने भी वासना से उसे देखा और उसके हाथ से अपने दूध को दबवा दिया.

उसने उसी वक्त मुझे पलट कर अपनी तरफ कर लिया और अपने बाक्सर में से अपना लंड निकाल कर मेरे हाथ में दे दिया.

मुझे उसका लंड पकड़ते ही तेज झटका-सा लगा क्योंकि उसका लंड बहुत बड़ा था!

मैंने उसके लौड़े को सहलाया तो वह खुद अपने हाथ से अपने लंड की मुठ मारने लगा.

मैंने उसके लंड को छोड़ दिया और उसके मुठ मारने के अंदाज को देखने लगी.
उसने मुठ मार कर मेरे बूब्स पर अपना पानी निकाल दिया.

वह झड़ कर सो गया और मैं प्यासी रह गई.
कुछ देर बाद मैंने अपने भाई के वीर्य को अपनी उंगलियों से उठा कर चाटा तो मुझे बेहद सनसनी हुई.

मैं अपनी चुत में उंगली करके झड़ गई और सो गई.

अगली सुबह उठी तो देखा भाई बाहर बैठा टीवी देख रहा था.
मैं नहाने चली गई.

नहाते समय मुझे एक तरकीब सूझी.

मैंने बाथरूम मे जाकर अपने कपड़े उतारे और सिर्फ ब्रा पैंटी पहन कर जानबूझ कर गिरने का बहाना किया.
मैं ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी- आह आह बचाओ … मैं गिर गई!

तब तक मैंने एक तौलिया को अपने जिस्म पर लपेट लिया.

भाई भागकर आया और मुझे गोदी में उठाकर रूम में ले गया.

उस वक्त उसके उठाने से मेरी तौलिया खुल गई और मैं सिर्फ ब्रा पैंटी में अधनंगी उसकी बांहों में थी.
उसने मेरे दूध व चुत को मसलते हुए मेरी मदद की और मुझे बिस्तर पर लिटा दिया.

मैंने अपनी तौलिया को वापस से अपने ऊपर ढक लिया.

मैंने बिस्तर पर सही से लेट कर कहा- भाई, मेरी कमर में चोट लग गई है … मुझे बहुत दर्द हो रहा है!
मैं रोने का ड्रामा करने लगी.

भाई ने कहा- मैं तुझे डॉक्टर के पास ले चलता हूँ.

मैंने कहा- नहीं भाई तुम तेल से मालिश कर दो, तो दर्द ठीक हो जाएगा!

भाई बोला- ओके, तेल कहां है?
मैंने कहा- रसोई में है.

वह रसोई से तेल ले आया.

भाई ने कहा- दीदी तुम उल्टी होकर लेट जाओ और ये तौलिया हटा दो.
मैंने कहा- भाई मैं तो ब्रा-पैंटी में हूँ … कैसे हटाऊं?
वह बोला- पागल है क्या … यह तौलिया तेल से खराब हो जाएगा.

मैंने तौलिया हटा दिया.
भाई मेरे बदन पर तेल लगाने लगा, लेकिन मुझे महसूस हुआ कि कोई मोटी सी चीज़ मेरी गांड में चुभ रही है.
वह भाई का लंड था.

मैं मस्ती से अपनी टांगों को फैला कर उसके लंड को अपनी टांगों के बीच में घुसवा कर लंड रगड़ का सुख लेने लगी.

भाई ने जब देखा कि उसकी बहन गर्म हो रही है तो अपने लोअर को नीचे सरका कर उतार दिया और वह नीचे से पूरा नंगा हो गया.

मैंने कहा- भाई लोअर क्यों उतार दिया?
वह बोला- मुझे गर्मी लग रही है!

भोसड़ी का झूठ बोल रहा था क्योंकि एसी की ठंडक में किसे गर्मी लगती है!

मैंने कहा- भाई जरा नीचे मेरे कूल्हों पर भी मालिश कर दो, मुझे वहां भी चोट लगी है!

वह बोला- तो अपनी पैंटी उतार दो न!

मैंने भी कामुक भाव से देखते हुए कहा- तू ही हटा दे न!
उसने मेरी पैंटी हटा दी.

अब मैं नीचे से नंगी थी.

भाई ने अपना लंड मेरी गांड पर रख दिया और जोर लगाने लगा.

मैंने कहा- भाई तेल भी तो लगाओ!
वह मेरी गांड में तेल लगाने लगा.

उसने मेरी गांड और चूत दोनों छेद में भरपूर तेल भर दिया और मेरी गांड में उंगली घुसा दी.
मुझे हल्का-सा दर्द हुआ लेकिन मज़ा भी आया.

फिर भाई ने अपना मोटा लंड मेरी गांड पर रखा.
मैं डर गई कि कहीं मेरी गांड न फट जाए!

मैंने अपनी गांड को थोड़ा ऊपर उठा लिया तो उसका लंड नीचे सरक कर मेरी चूत के मुँह पर आ गया.

भाई लंड को चुत पर सैट करते हुए बोला- मैं अब तेरे कंधों पर तेल लगा रहा हूँ!
मैंने कहा- हां, लगा दे!

वह जैसे ही ऊपर हुआ, उसका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया.
मेरी चीख निकलने वाली थी लेकिन मैंने उसे दबा लिया.

न मैंने कुछ महसूस होने दिया, न भाई ने.

भाई धीरे-धीरे मेरी चूत में झटके मारने लगा.
धीरे धीरे करके उसका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया.

मुझे उसके लौड़े से चुदवाने में मज़ा आने लगा. भाई भी तेज़-तेज़ झटके दे रहा था.
हम दोनों Xxx ब्रो सिस को जन्नत-सी खुशी मिल रही थी.

भाई ने पूछा- कैसा लग रहा है … दीदी?
मैंने कहा- भाई, तुम बहुत अच्छी मालिश करते हो!

वह हंसकर बोला- हा हा … अब तो रोज़ करूँगा … करवाएगी न!

मैंने कहा- ज़रूर भाई, इस रगड़ सुख में तो तू एकदम एक्सपर्ट निकला … आह और जोर से चोद बहन के लौड़े आह साले … कल से मेरे दूध देख रहा है … मेरी चुत में आग सुलगा दी थी तूने!

वह हंसा और बोला- तो कल तूने मेरे लंड को चूसा क्यों नहीं था? मैं कल ही चुत फाड़ देता!
मैंने कहा- तू साले अपने लौड़े की मुठ मार रहा था.

वह हूँ हूँ करके मेरी चुत की जड़ में अपने लंड को घुसेड़ता और निकालता रहा.

कुछ ही पल बाद वह मेरी चूत में जोर-जोर से झटके मार रहा था.
उसका हर झटका बेमिसाल था.
उसका लंड मेरी ब/च्चेदानी को छूकर वापस आता था.

करीब दस मिनट बाद भाई बोला- दीदी अब तू खड़ी हो जा … तुझे आज काला-जाम खिलाता हूँ!
मैं उठ गई.

उसने अपना मोटा लंड मेरे मुँह में दे दिया और जोर-जोर से मुँह चोदने लगा.
मैं भी उसके लौड़े को चूसने लगी.

उसने सारा रस मेरे मुँह में डाल दिया और मैं उसे पीती गई.

अपनी सारी बंदूक मेरे मुँह में खाली करने के बाद भाई ने लंड मुँह से बाहर निकाला और हम वैसे ही सो गए.

सारा दिन मैं अजीब सी मस्ती में मस्त रही.

उस रात भाई ने कुछ नहीं किया.
मैंने भी उससे कुछ नहीं कहा.

अगले दिन जब मैं उठी, तो देखा कि भाई जिम चला गया था.

मैं उसके लौड़े की याद में खुश होती हुई घर के कामों में व्यस्त हो गई.

तकरीबन 10 बजे भाई आ गया.
आते ही उसने मुझे गले लगाया और मेरे होंठों पर चूमने लगा.

धीरे-धीरे मेरे कपड़े उतारने लगा.

मैंने कहा- भाई, मुझे काम करने दे!
वह बोला- काम नंगी होकर कर रंडी साली!

ये गाली उसने मुझे पहली बार दी थी और सच मानो मुझे बहुत अच्छा लगा था.

मैंने ध्यान दिया तो उसके मुँह से दारू की स्मेल आ रही थी.

यह मेरी एक फैन्टेसी थी कि कोई मुझे दारू पीकर चोदे.
मैं उसकी शराब की महक से ही मस्त होने लगी और मैंने उसे नहीं रोका.

वह मेरे कपड़े उतारने लगा.

कुछ ही पलों में मेरे भाई ने मुझे पूरी तरह नंगी कर दिया और बोला- चल लंड चूस साली रांड … बहन की लवड़ी ने रात को लौड़ा गर्म कर दिया था.

मैं उसके खड़े लंड को चूसने लगी.
फिर भाई ने रसोई में रखे फ्रिज से अमूल की क्रीम निकाली, मेरी गांड पर लगाई और बोला- झुक जा रंडी, आज तेरी गांड फाड़ता हूँ!

मैंने कहा- भाई चूत मार ले, लेकिन गांड में नहीं … मैं मर जाऊंगी!
मेरा Xxx ब्रो गुस्से में बोला- फालतू मत बोल, साली चुत न जाने किससे फड़वा आई अब कम से कम कुंवारी गांड तो मुझे फाड़ लेने दे हरामन आह चल कुतिया बन जा.

यह कह कर उसने मेरी गांड पर जोर से थप्पड़ मार दिया.
मैं कराह उठी और कुतिया बन गई.

भाई ने मेरी गांड में भरपूर मक्खन मला और अपना बड़ा सा लंड मेरी गांड में एक ही बार में घुसा दिया.
मेरी गांड फट गई और मैं ज़ोर से रोने लगी.

भाई ने मेरे मुँह को अपने हाथ से दबा दिया ताकि आवाज़ बाहर न जाए.
वह मेरी गांड मारता रहा.

कुछ देर बाद दर्द कम हुआ और मुझे गांड मरवाने में मज़ा आने लगा.

भाई मेरे ऊपर कुत्ते की तरह चढ़ा हुआ था और वह अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों दूध को जोर-जोर से दबा रहा था.
बीच बीच में वह एक हाथ मम्मे से हटा कर मेरी गांड पर थप्पड़ भी मार दे रहा था.

करीब दस मिनट तक मेरी गांड मारी और उसके बाद उसने मेरी गांड में ही अपने लंड का पानी निकाल दिया.

जब भाई ने लंड बाहर निकाला, तो उस पर मेरी गंदगी लगी थी.

इससे उसे और गुस्सा आ गया. उसने गंदगी से सना लंड मेरे मुँह में डाल दिया.

मुझे उल्टी आ रही थी, लेकिन मैं क्या कर सकती थी.

भाई बोला- चाट जा साली!
मैंने उसका लंड चाटकर साफ कर दिया.

जब मैं थूकने जा रही थी, भाई बोला- खा जा इसे … वरना मैं आगे से तेरी चुत नहीं चोदूँगा!
मजबूरन मुझे उसकी बात माननी पड़ी. क्योंकि अब वही मेरा भरतार बनने वाला था न!

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