मैंने अपने जेठ को अपना पति बना लिया

Xxx बैड पोर्न जेठ बहू स्टोरी में मेरी पसंद मेरे जेठ से मिलती थी. मेरे पति अपने बिजनेसमेन लगे रहते थे. मेरी सास को भी आभास हुआ कि उनकी बहुएं अपने अपने पति से खुश नहीं हैं.

दोस्तो, मेरा नाम कणिका है. मेरी उम्र अब 28 वर्ष है.
मेरी शादी 23 वर्ष की उम्र में हो गई थी।

अंतर्वासना पर यह मेरी पहली कहानी है जो मेरे जीवन की सत्य घटना है
यह Xxx बैड पोर्न जेठ बहू स्टोरी मेरे और मेरी जेठ के बीच हुए प्यार की है.

दोस्तो, मेरे पति बहुत ही शांत स्वभाव के हैं. उन्हें ज्यादा घूमना फिरना मौज-मस्ती … यह सब चीज पसंद नहीं है.
वे अपने बिजनेस को ज्यादा महत्व देते हैं और अपना अधिकतम समय अपने बिजनेस में ही बिताते हैं.

ठीक उसके विपरीत मैं हूं. ऐसे घूमना फिरना, मौज मस्ती करना यह सब चीज बहुत पसंद है.

अब मेरी किस्मत देखिए.
घर में मेरे जेठ जी हैं जो बिल्कुल मेरी तरह मौज-मस्ती घूमना फिरना आदि चीजों को पसंद करते हैं.
और एक मेरी जेठानी है, वह बिल्कुल मेरे पति की तरह शांत स्वभाव की है घर में ही रहकर अपने जीवन शांत स्वभाव से जीना पसंद करती है.

इसी कारण मेरी जेठानी और जेठ जी के बीच शादी के बाद सें ही बहुत अनबन रहती थी।

मेरे जेठ जी उसे घूमने फिराने मौज-मस्ती करने हर दिन बाहर ले जाना चाहते हैं परंतु उसे यह सब पसंद नहीं है.
और वह बाहर उनके साथ नहीं जाती है जिससे उनके बीच आए दिन चिक चिक होती रहती थी.

जिस कारण उन दोनों का वैवाहिक जीवन बहुत ही खराब स्थिति में था।

मेरी शादी के कुछ दिनों में भी घर पर बोर होने लगी.
पति कहीं बार घूमने मौज-मस्ती करने नहीं लेकर जाते थे जिसके कारण हम लोगों के बीच भी आए दिन झगड़े शुरू हो गए.

जब मेरी सास को यह पता लगा तो वह भी बहुत परेशान होने लगी कि उनकी दोनों बेटों के घर ही बिखरने पर आ गए हैं.

पहले तो मेरी सास यह सब देखकर बहुत परेशान रहने लगी.
जब मेरी सास को पता लगा तो उन्होंने प्लान बनाया कि मुझे अपने दोनों बेटों की घर बचाने के लिए अब दोनों की पत्नियों को आपस में बदल देना चाहिए. जिससे दोनों लोगों को अपने पसंद के व्यवहार वाले पति मिल जाएंगे और दोनों का घर बना रहेगा.

उनका ज्यादा लगाव अपने बड़े बेटे से था तो उन्होंने शुरूआत वहीं से की.

जब भी उन्हें मौका मिलता, वे अपने बड़ी बेटे के सामने मेरी और मेरे सामने अपने बड़े बेटे की तारीफों की पुल बांधती।
वे हमेशा मुझे ऐसी बातें करती जिससे मैं अपने जेठ की तरफ आकर्षित हो जाऊं.

धीरे-धीरे उनका यह Xxx बैड पोर्न वाला प्लान काम करने लगा और मेरे जेठ मेरी तरफ और मैं मेरी जेठ की तरफ आकर्षित होने लगे.

जब उन्हें लगा कि अब हम दोनों एक दूसरे के बन सकते हैं तो उन्होंने एक प्लान बना कर अपने बड़े बेटे और बहू के बीच एक बड़ा झगड़ा करवा दिया।
जिससे मेरी जेठानी अपने पीहर चली गई और मैं यहां रह गई.

फिर उन्होंने एक प्लान बनाया और मेरे पति और ससुर को बिजनेस के किसी काम से 15 दिन के लिए बाहर भेज दिया।
क्योंकि घर में ससुर जी और मेरे पति नहीं थे तो मेरे जेठ जी काफी समय घर में ही बिताते थे जिससे मेरी सास को यह मौका मिल जाता था कि वह हम दोनों से एक दूसरे को आकर्षित करने के कई बहाने बनाती हमेशा कोशिश करती कि मैं किसी न किसी बहाने मेरे जेठ की कमरे में जाऊं.

मेरी सास ने जिस तरह मुझे और मेरे जेठ को हम दोनों लिए हम दोनों की तारीफों के पुल बांधे थे, हम दोनों भी एक दूसरे को मन ही मन पसंद करने लग गए थे.

जब मेरी सास को लगा कि अब हम दोनों एक दूसरे के लिए पसंद बनते जा रहे हैं तो वह कुछ दिन के लिए हमें बाहर घूमने भेजना चाहती थी जहा हम दोनों एक दूसरे को अपना बना लें और इसके लिए उन्होंने हम तीनों का शिमला जाने का प्लान बनाया.

और जिस दिन हमें जाना था, उस दिन उन्होंने अपनी माँ के बीमार होने का बहाना बना लिया, हम दोनों को ही जाने को कहा.

हम दोनों भी मन ही मन ये ही चाहते थे कि हम अकेले बाहर जायें जहाँ हम एक दूसरे को अपना बना लें।

हम दोनों शिमला पहुंचे.
वहाँ होटल में हमारे दो कमरे बुक थे.
तो जेठ जी ने कहा- अब यहाँ हम दोनों ही हैं, और अलग अलग रहेंगे तो बोर हो जायेंगे.

तो हमने एक बड़ा फेमेली रूम ले लिया.

सुबहके चार बजे हुए थे और हम अलग अलग बिस्तर पर सो गए.

मैं जेठ जी के साथ पहली बार घूमने निकली थी तो दोनों में ही झिझक थी.
पर जैसे-जैसे दिन बीतता गया, हम दोनों की झिझक कम होती गई.

और शाम तक हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए, एक दूसरे के हाथ में हाथ डालकर घूमने लगे.

शाम को होटल पहुंचे, वहां खाना खाया और अपने कमरे में चले गए.

वहां रात भर खूब बातें करी- काश, हम दोनों एक साथ होते.
इस तरह बातें करते-करते दोनों एक दूसरे के और नजदीक आते गए और आज हम एक ही बिस्तर पर अलग-अलग ही सो गए.

सुबह फिर हम घूमने चले गए.
आज हम लोग एक दूसरे से खुल गए थे और हाथ में हाथ पकड़ने के साथ-साथ मेरे जेठ जी का हाथ मेरी कमर पर आ गया.

एक समय तो मैं भूल गई थी कि वे मेरी जेठ जी हैं.
ऐसे लग रहा था जैसे मैं अपने बॉयफ्रेंड या पति के साथ घूम रही हूं.

मेरे जेठ जी की मेरे लिए इतनी परवाह और उनका प्यार देखकर मुझे उनसे बहुत प्यार होने लगा.

और दोपहर मै जैसे ही हम लोग बर्फ में घूमने निकले, उनके कंधे पर सिर रखकर मैंने उन्हें कहा- मुझे आपसे बहुत प्यार है. मैं आपके साथ आगे की जिंदगी जीना चाहती हूं!
पर उन्होंने मुझे उस समय कोई जवाब नहीं दिया।

रात को मैंने जेठ जी के पास जाकर कहा- मैंने अपनी बात का जवाब अभी सुनना है.
तब उन्होंने मुझे अपने सामने खड़ा किया और अपनी बाहें फैला दी.

मैं एक ही पल में उनकी बाहों जाकर समा गई.

फिर उन्होंने मुझे कहा- आप तैयार हो जाओ, हमें कहीं चलना है.

कुछ ही देर में मैं बिल्कुल दुल्हन की तरह तैयार हो गई और कहा- हां पतिदेव, अब बताओ हमें कहां चलना है?
वे उठे, मुझे बाहों में लिया और मेरी गालों पर किस करते हुए कहा- मैं आज आपकी जिंदगी बदलने वाला हूं!

जेठ जी मुझे आंखें बंद कर अपने साथ ले गए.
जैसे ही मैंने अपनी आंखें खोली तो देखा कमरा फूलों से सजा हुआ है बहुत ही सुंदर … जैसे आज मेरी सुहागरात है!

यह देखते ही मैं मन ही मन बहुत खुश हो गई.
मैंने जेठ जी को अपनी बाहों में लिया और ‘आई लव यू’ कहा और उनसे चिपक गई.

कुछ ही देर में कमरे में हम दोनों के प्यार की गर्मी बढ़ने लगी.

उन्होंने पूछा- अब क्या करना है?
मैंने उनके कान में प्यार से कहा- सुहागरात!!

वे प्यार करने में बहुत माहिर थे.
मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि यह मेरी सुहागरात थी.

मैंने उन्हें कमरे में लाइट थोड़ी कम करने के लिए कहा.
उन्होंने छोटी लाइट जला दी.

तब उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और उसे अपने लण्ड पर रख दिया.

जैसे ही मेरा हाथ उनके लंड पर छुआ, मेरे मुंह से आह … निकल गई.
वो बोले- मेरी जान यह तुम्हारे जिस्म को बहुत सारा प्यार करने के लिए है. जब तुम इसे लोगी तो दुनिया को भूल जाओगी!

यह सुनकर मेरी खुशी का ठिकाना ना रहा और मैंने कसकर उनका लण्ड पकड़ लिया.

कुछ ही देर में मैं ब्रा और पेंटी में ही रह गई.
उनके लण्ड को छोड़ने का मेरा बिल्कुल मन नहीं कर रहा था.

मैंने एक हाथ से ही कुछ ही देर में मैंने उन्हें पूरा नंगा कर दिया.

अब उन्होंने भी धीरे-धीरे मुझे सहलाते सहलाते मेरी ब्रा उतार दी और मेरे दोनों बोबे उछल के उनके सामने आ गए.

उन्होंने खूब देर तक मेरे स्तनों से प्यार किया, फिर उन्हें मुंह में भर लिया.

ऐसा मेरे पति ने कभी नहीं किया था तो मुझे इसमें बहुत आनंद आ रहा था.

अगले कुछ ही पलों में मैं मेरे जेठ जी के सामने नंगी हो गई.
वे मुझे बड़े प्यार से सहलाते गए, मैं गर्म होती गई.

अब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने उनके कान में कहा- जेठ जी, अब जल्दी से मुझे अपनी पत्नी बना लो. अब मुझ से नहीं रहा जा रहा है.
तो वे बोले- ठीक है रानी!

उन्होंने मेरे दोनों पैरों को खोला और मेरी चूत के सामने आकर बैठ गए.
वे अपने लंड का सुपारा मेरी चूत पर रगड़ने लगे.

मैं तड़पने लगी.

परंतु उन्हें तो मुझे तड़पाने में भी बहुत मजा आ रहा था.

बहुत देर तक वैसे ही करते रहे.
मैं तड़पते हुए कहती रही- जेठ जी, पत्नी बना लो, जेठ जी पत्नी बना लो.

मुझे लगा कि अब कुछ ही पलों में मेरी चूत को नया लण्ड मिलने वाला है.
पर मेरी जेठ जी मुझे इतनी जल्दी यह सुख देने की मूड में नहीं थे.

उन्होंने अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने के बाद वापस अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों बोबों को पकड़ लिया और उनको प्यार करने लगे.
फिर वे मेरे ऊपर आकर मेरे होठों पर किस करने लगे अपने दोनों हाथों से मेरे पूरे बदन को सहलाते रहे.

मेरी हालत खराब होती जा रही थी और मैं झड़ गई.

पर मेरे जेठ जी नहीं रुके।
वे मेरी पीठ पर किस करने लगे और अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों बोबों को सहलाने और प्यार करने लगे.

फिर उन्होंने अपना एक हाथ मेरी चूत पर लगाया और उसे सहलाने लगे.
मैं तड़पती जा रही थी और उनसे कहे जा रही थी- जेठ जी, मुझे अपनी पत्नी बना लो. पूरी जिंदगी ऐसे ही तड़पाते रहना पर आज तो मेरी चूत में अपना लण्ड डाल दो. मैं बहुत देर से तड़प रही हूं आपके इस लंड के लिए!

पर वे तो रुकने को तैयार ही नहीं थे.
मेरे शरीर के हर हिस्से पर उन्होंने अपने होठों से किस किया और दोनों हाथों से मेरे पूरे शरीर को सहलाना चालू रखा.

इस दरमियान मैं दो बार और झड़ गई.

फिर उन्होंने वापस मुझे सीधा लिटाया और मेरी चूत के सामने आकर बैठे और पूछा- हां रानी, अब क्या विचार है?
मैंने कहा- मुझे बिना चुदाई करे ही मार डालोगे क्या … अगर मारना है तो मुझे चोद चोद कर मार देना. पर ऐसे तड़पा तड़पा कर मत मारो. मैं आपका लण्ड लेने के लिए मरी जा रही हूं. प्लीज मुझे लण्ड दे दो मेरी जान … मेरी चूत में अपना लंड दे दो.

मैं आंखें बंद करके बस यही बोले जा रही थी- जेठ जी, अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो, अपना लण्ड मेरी चूत में डाल दो!
फिर उन्होंने धीरे-धीरे अपना लण्ड अपनी कनिका की चूत में डालना शुरू किया और मैं आनंद के मारे तड़पती हुई बोलने लगी- आई लव यू मुकेश! आई लव यू मुकेश! मैं अब पूरे जीवन इस लण्ड की दासी बनकर रहूंगी। इस लण्ड से बहुत सारा मजा लूंगी.

क्योंकि उनका लण्ड बहुत मोटा था तो मुझे थोड़ा दर्द भी हो रहा था.
पर उनके लण्ड की लंबाई देखकर मैं सारा दर्द भूल गई और उस लण्ड को पूरा अपनी चूत में लेने की तैयारी में लग गई.

धीरे-धीरे जेठ बहू की चुदाई चलती रही और लन्ड चूत की गहराई में पहुंचने लगा.

वे बोलते रहे- कैसा लगा रानी?
मैं बोली -आज मेरे जेठ मेरे पति बने हैं और इतना बड़ा लंड मुझे मिला है. मैं आज बहुत खुश हूं.

उस रात उन्होंने मुझे कई कई बार चोदा और अगले दिन से पूरे चार दिन जब तक हम शिमला में रहे, मुझे होश ही नहीं उन्होंने मुझे कितनी बार चोदा.
हम सिर्फ खाना खाने के लिए बिस्तर से बाहर निकलते थे, बाकी पूरा समय मैं अपने जेठ जो कि अब मेरे पति बन चुके थे उनकी बाहों में, उनके लंड के नीचे और कभी उनके लंड के ऊपर.

बस चार दिन तक ही चला रहा, पता ही नहीं चला कब हमारा शिमला का टूर खत्म हो गया.

जब हम होटल से निकले और घर पहुंचे तब तक सारी बात का अहसास हुआ कि यह सारा कार्यक्रम मेरी सास का बनाया हुआ है.
और उनका पूरा प्लान अब कामयाब हो चुका था.

जैसे ही हम घर पहुंचे हम दोनों ने मेरी सास के पैर छुए और उनको मन ही मन धन्यवाद किया.
तो सास ने मुझे आशीर्वाद दिया- सदा सौभाग्यवती रहो!
और गले लगा कर मेरे कान में धीरे से कहा- अब जल्दी से मुझे दादी बना दो.

मैं उनकी इस बात पर शर्मा के अंदर भाग गई.

डेढ़ महीने बाद मैंने अपनी सास को खुशखबरी दी कि अब वे दादी बनने वाली हैं.
यह सुनकर मेरी सास बहुत खुश हुई.

मेरे पति और जेठानी को हमने कैसे मिलाया?
यह सारी कहानी मैं आपको अपनी अगली कहानी में बताऊंगी.

पर मैं आज अपने जेठ जी को अपना पति बना कर बहुत खुश हूं.
जब मैं उनका मोटा लण्ड अपनी चूत में लेती हूं तो सारी दुनिया को भूल जाती हूं.

मैं चाहती हूं कि मेरी तरह हर औरत को इतना बड़ा और मोटा लण्ड मिले कि उसकी जिंदगी सफल हो जाए.

मेरे जीवन की सच्ची घटना को पढ़ने के लिए आप सभी का धन्यवाद.
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