Xxx आंटी सेक्स रिलेशन का मजा लिया मैंने अपनी जवान सेक्सी मामी के साथ. मैं अक्सर उन्हें यहाँ वहां छू दिया करता था. वे मुझे नहीं रोकती थी. एक रात हम दोनों घर में अकेले थे.
दोस्तो, मैं आपको अपनी सेक्स कहानी सुनाने के लिए हाजिर हूँ.
मैं अभी 19 साल का ही हुआ हूँ.
मैंने अब तक अपने हरामी दोस्तों की संगत में रह कर अन्तर्वासना और फ्री सेक्स स्टोरी की साइट को देख कर चुदाई का ज्ञान पा लिया था.
साथ ही कुछ सेक्स वीडियो भी देख लिए थे.
मगर जो मजा सेक्स कहानी पढ़ने में है, वह सेक्स वीडियो में नहीं है.
इसमें कोई दो राय नहीं है क्योंकि सेक्स वीडियो में न भाषा समझ में आती है और न ही मजा आता है.
जबकि सेक्स कहानी में चुदाई के लिए किस तरह से सैटिंग बिठाई जाती है, वह सब पढ़ कर भारी मजा आता है.
Xxx आंटी सेक्स रिलेशन का मजा मुझे मेरी सगी मामी से मिला.
हुआ यूं कि मेरी मामी और मामा दोनों हमारे घर के पास ही रहते थे.
मेरा अपनी मामी को चोदने का मन तो काफी समय से कर रहा था पर मौका नहीं मिल रहा था.
जब मामी मेरे घर आतीं तो मैं मजाक मजाक में कभी उनके दूध छू लेता, कभी उनकी मखमली गांड को छू लेता.
उनको भी इस बात का अहसास हो जाता था लेकिन उन्होंने कभी कुछ कहा नहीं.
उनकी इसी बात से मुझे लगा कि कुछ बात तो है मुझमें कि मामी को भी मैं पसंद आ रहा हूँ.
हां एक और बात … मामी का एक छोटा सा बेबी भी था.
कभी जब मामी अपने बच्चे को दूध पिलातीं … तो मुझे मामी के बूब्स दिख जाते और वे भी अपने चूचे ढकने की कोशिश नहीं करतीं.
इससे एक बार को लगता कि मामी कुछ सिग्नल दे रही हैं.
एक दिन मेरे मम्मी पापा और मामा मामी रिश्तेदारी में चले गए थे.
शाम को मेरे पापा और मामी घर आ गए.
मैंने पूछा कि मामा और मम्मी कहां हैं?
मामी ने बताया- बाबू (बेबी) की तबियत वहां ठीक नहीं लग रही थी. इसलिए मुझे आपके पापा के साथ वापस आना पड़ा. आपके पापा रात में फिर से उधर चले जाएंगे और सुबह सब आ जाएंगे.
पापा ने जाते हुए कहा- आज मामी यहीं पर सोएंगी. तुम AC मत चलाना. वरना बाबू को ठंड लग जाएगी.
पापा ने ऊपर के रूम में मामी को सुलाने के लिए कहा, उधर पर कूलर लगा है.
और पापा फिर से चले गए.
पापा के जाने के बाद मामी ने कहा- ऊपर नहीं, नीचे ही सो जाते हैं. बाबू को अन्दर के रूम में सुला देती हूँ और उसे चादर से ढक दूँगी.
मुझे तो लग रहा था कि आज मौका मिल गया है.
मैं सोचने लगा कि कैसे मामी को पटाऊं और उन्हें अपने लौड़े के नीचे लूँ.
रात हुई तो हम दोनों लेट गए.
लेकिन मुझे नींद आ ही नहीं रही थी.
मैं AC को देख रहा था.
मैंने कुछ सोचा और एसी को एकदम कम पर कर दिया.
अब कमरे में ठंडक बढ़ रही थी.
मैंने अपना कंबल नीचे सरका कर गिरा दिया और बाबू के रूम का दरवाजा उड़का दिया, ताकि उसे सर्दी न लगे.
कुछ ही देर में मामी को ठंड लगने लगी.
मैं भी मामी के पास होता चला गया, मैंने मामी के कंबल में खुद को घुसा लिया और उनकी कमर पर हाथ रख दिया.
एक पल को रुक कर मैंने देखा कि मामी कुछ कह तो नहीं रही हैं.
जब उन्होंने कुछ भी न कहा, तो मैंने अपना एक पैर भी मामी के ऊपर चढ़ा दिया.
एक साथ चिपक जाने से ठंड भी कम लग रही थी.
कुछ देर बाद मामी हिलने लगीं, मैं सोने का नाटक करने लगा.
तब करीब रात के दो बजे का समय रहा होगा.
जब मामी ने भी कुछ नहीं किया तो मैंने अपने हाथ को हरकत दी और उनके एक बूब को सहला दिया.
कुछ पल बाद मामी ने मेरे हाथ को पकड़ा और अपने दूध पर रख कर सो गईं.
अब मेरा लंड भी तन रहा था. मैंने हिम्मत जुटा कर अपने लंड को मामी के पीछे से लगा दिया और आगे पीछे करने लगा.
मेरे लंड की गर्मी और मामी की गांड की गर्मी एक दूसरे से मिलने को बेताब हो रही थी.
तभी मैंने कहा- मामी सो रही हो क्या?
मैंने ऐसे ही पूछा था कि मामी जाग रही होंगी, तो वे जवाब देंगी और मामला साफ हो जाएगा.
उनका कोई जबाब न आने पर मैंने धीरे से उनके एक दूध को दबा दिया.
उनकी चुप्पी मेरी हिम्मत बढ़ा रही थी.
मेरा जोश और जज्बा दोनों बढ़ रहा था.
फिर मैंने सोचा कि जो होगा, सो देखा जाएगा.
अगर मामी पापा को या किसी को कुछ बताने की बात बोली, तो इनके साथ जबरदस्ती करके अभी तो चोद ही दूंगा. बाद का बाद में देखा जाएगा.
लेकिन दोस्तो, आप यकीन मानिए मुझे किसी भी तरह की जबरदस्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी.
मैंने कंबल को झटके से हटा दिया, तो भी मामी नहीं जगीं.
अब मुझे शक होने लगा.
मैं मामी के मम्मों को ऊपर से ही दबाने लगा.
फिर भी जब मामी नहीं जगीं तो मैंने मामी की साड़ी और पेटीकोट को उठा दिया.
उन्होंने कुछ नहीं कहा, तो मैं उनकी चूत में उंगली करने लगा.
अब मामी हल्की सी कसमसाईं लेकिन वे अभी भी कुछ बोल नहीं रही थीं.
मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था.
मैं मामी को चूमने लगा.
इस बार वे मेरा साथ देने लगीं तो मामला साफ हो गया.
उन्होंने धीरे से कहा- अपने कपड़े उतारो.
मैंने अपनी टी-शर्ट को उतार दिया और मामी के कपड़े भी उतारने लगा.
उनके ब्लाउज के सारे बटन मैंने खोल दिए और ब्रा का हुक भी खोल दिया.
फिर उनकी साड़ी को खींच कर निकाल दिया और पेटीकोट को ढीला करके नीचे कर दिया.
मैं मामी को चूमने लगा.
मेरा लंड भी सख्त हो ही चुका था.
मामी ने मेरे लंड को छुआ तो वह और ज्यादा तन गया.
अब मुझसे रहा नहीं गया.
मैंने उठ कर मामी के मुँह में लंड घुसा दिया.
वह कुछ कह पातीं कि उससे पहले ही मैंने उनका सर पकड़ कर लंड को अन्दर तक पेल दिया और आगे पीछे करने लगा.
वे सर झटकने लगीं.
उनके सर झटकने से लग रहा था कि मामी ने कभी लंड नहीं चूसा था.
मैंने मामी से पूछा तो मामी ने धीरे से कहा- मैंने ना कभी इतना बड़ा लंड असली में देखा था, न ही कभी चूसा. बस चुदाई के वीडियो में देखा था.
मैंने पूछा- आपने सेक्स वीडियो कब देखे थे? क्या मामा ने दिखाए?
उन्होंने कहा- नहीं, तुम्हारे मामा से कुछ नहीं होता. मैं जिधर पहले किराये पर रहती थी न, उधर वाली सहेली ने दिखाए थे.
मुझे बाद में पता चला कि मामी ऊपर वाले किरायेदार के साथ सेक्स करती थीं और शायद ये औलाद भी उसी की थी.
उन्होंने मुझसे छिपाने के लिए सहेली कह दिया था.
बस फिर क्या था, मामी ने अपने तरीके से लंड चूसना शुरू किया.
मैं भी ऐसा कौन सा लंड चुसाने में एक्सपर्ट था.
करीब दो मिनट तक लंड चुसवाने के बाद मैंने मामी की चूत को चड्डी के ऊपर से चूमा और उनकी पैंटी को उतार दिया.
मैं अब उनकी चूत को चूसने लगा.
मामी तो चूत चुसवाने से एकदम मदहोश हो गयी थीं.
वे कहने लगीं- आज तक इतना मजा कभी नहीं आया.
फिर मैंने मामी की चूत में अपना लंड घुसा दिया.
मामी एकदम से लंड घुसेड़ देने से चीख पड़ीं.
मैं मामी को चूमने लगा.
जैसे ही वे शांत हुईं, मैं उन्हें धीरे धीरे चोदने लगा.
कभी मैं ज्यादा जोर से पेल देता, तो उनकी चीख निकल जाती.
मुझे मामी को पेलने में बहुत मजा आ रहा था.
उनकी ‘आह … आह …’ की आवाज से ही पता चल रहा था कि मामी भी मेरे लौड़े से मजा ले रही हैं.
फिर मैं स्पीड को बढ़ाने लगा तो मामी की आह आह की आवाज तेज होने लगी.
मैंने मामी के मुँह में उंगली डाल दी, तो मामी मेरी उंगली को चूसने लगीं.
मुझे भी उन्हें चोदने में मजा आने लगा.
कुछ ही समय में मामी एक बार झड़ चुकी थीं और उनकी चूत में चिकनाहट आ गई थी.
मेरे लंड ने सरपट दौड़ लगानी शुरू कर दी थी.
मामी भी दोबारा से लौड़े को चूत में निचोड़ने लगी थीं.
इस बार उनकी गांड ने भी चुदाई की लय के साथ लय मिलाना शुरू कर दिया था.
अब मेरा माल झड़ने वाला था.
मेरी स्पीड एकदम से शताब्दी एक्सप्रेस जैसी तेज हो गई.
मामी भी अपनी गांड उठा उठा कर मुझे धक्का देने लगीं.
मैं पागलों की तरह जोर जोर से चुदाई करने लगा था.
मामी ने पास पड़ी मेरी टी-शर्ट को उठा कर अपने मुँह में भर लिया, जिससे उनकी आवाज बंद हो गई.
फिर मेरे लंड से पिचकारी छूटने को हुई तो मैंने मामी के मुँह से टी-शर्ट को निकाल कर अपना लंड दे दिया.
मामी ने लंड को चूसना चालू कर दिया.
वह किसी पॉर्न एक्ट्रेस की तरह गांड हिला हिला कर लंड को चूस रही थीं.
तभी मुझे लगा कि अब मैं गया.
मैंने मामी के मुँह को अपने पैरों से पकड़ कर दबा दिया और उनके मुँह में अन्दर तक लंड पेल कर उनके मुँह में ही झड़ गया.
मामी खुद को हटाने लगीं लेकिन मैंने उन्हें मुँह हटाने ही नहीं दिया.
जब पूरा पानी उनके मुँह में गिर गया तब मैंने अपनी पकड़ को ढीला किया.
मामी रोने लगीं. उनकी आंखों से बस आंसू आ रहे थे, कोई आवाज नहीं.
फिर मैं लेट गया.
मामी भी सीधी लेट गईं.
मैंने मामी को अपने ऊपर लेटने के लिए कहा.
वे मेरे ऊपर आकर लेट गईं.
मैं अपनी मामी को देख रहा था.
वे मुझे देख रही थीं.
मैं उनके गालों को चूमने लगा.
मामी बोलीं- एसी बंद कर दो, ठंड लग रही है.
मैंने मामी से रिमोट मांगा … तो वह ढूंढने लगीं.
तभी उनकी गांड मेरी तरफ को हुई. मुझे गांड देख कर जोश आने लगा, लेकिन मेरा लंड पूरा कड़क नहीं हुआ था.
मैंने उनकी गांड पर हाथ से छुआ, काफी मजा सा आया.
मामी ने रिमोट दिया तो मैंने एसी ऑफ कर दिया.
अब हमारी बातें होने लगीं.
मैं मामी की गांड को सहलाने लगा.
उस वक्त सुबह हो चुकी थी.
मेरा मन अभी भी भरा नहीं था.
मैंने मामी से अपनी गांड से लंड को सहलाने को कहा.
मामी की गांड इतनी मुलायम थी कि बता नहीं सकता.
उनके सहलाने से मेरा लंड भी तनता जा रहा था.
मामी ने पूछा- तुमने मेरे मुँह में क्यों रस निकाला!
मैंने उनकी चूत को रगड़ते हुए कहा- अगर इसमें निकाल देता तो मेरा भी बच्चा हो जाता!
मामी बोलीं- तो क्या हो जाता?
मैंने समझ लिया कि इनको दूसरे बेबी की चाहत है.
फिर मैंने मामी से कहा- बाबू को देख आओ.
जब वे जाने लगीं तो उनकी गांड देख कर मैं पागल सा हो रहा था.
मैं भी उठा और अपने बेड की दराज एक गोली निकाल कर खा ली.
अब मेरा लंड भी मोटा हो गया और बड़ा भी.
तभी मामी आईं और बोलीं- बाबू ठीक है.
मैं बोला- तो चलो एक बार और करते हैं. सुबह तो पापा मामी मामा आने वाले हैं.
मामी हंसती हुई बोलीं- अच्छा जी, ये बात है.
फिर मामी में रसोई में गईं और सिंक में मुँह धोने लगीं.
उन्होंने मुझे भी मुँह धोने के लिए बुलाया.
मैंने सोचा कि मुँह तो बाथरूम में भी धो सकते हैं. किचन में क्यों?
फिर जब मैं किचन में गया, तो मामी फ्रिज खोल कर शहद हाथ में लिए खड़ी थीं.
वे बोलीं- मैंने शहद के साथ सेक्स करना एक वीडियो में देखा था.
मैंने उनकी बात को समझ लिया और मामी को उठा कर चूम लिया.
मैं उन्हें चूमते हुए बिस्तर पर ले आया, बेड पर लिटा दिया और शहद को अपने लंड पर लगा दिया.
मैंने मामी से लंड चूसने के लिए कहा.
तो वे चूसने लगीं.
शहद लगा कर लंड चुसवाने में दोनों को ही काफी मजा आने लगा था.
फिर मैंने मामी की चूत पर शहद लगाया और उसको चाटते हुए चूमा, तो मामी को भी मजा आने लगा.
उसके बाद मैंने मामी की गांड मारी तो मामी की हालत खराब हो गई.
क्या कहूँ मामी की दर्द भरी आवाजें सुनकर मेरे लंड में जोश का दरिया बहने लगा था.
मैंने काफी देर तक मामी की चूत और गांड की चुदाई की.
कसम से इतना मजा आया और वह भी पहले सेक्स में … मैंने सोचा ही नहीं था.
मामी का तो रो-रो कर बुरा हाल हो गया था.
जब मेरा लंड झड़ने वाला था तब मैंने मामी से कहा- बस हो गया.
मामी ने ‘आह … आह …’ करते हुए कहा- अब और नहीं … नहीं.
मैंने मामी के मुँह में लंड डाल दिया. इस बार भी मामी लंड चूसने लगीं.
मैंने कहा- हां ले लो मजा … आह क्या मस्त चूस रही हो मामी … आह.
मैं लंड चुसवाने के मजे लेने लगा.
मामी के मुँह को तो मैंने पूरा लंड गले तक घुसा कर जाम कर दिया था.
वे बुरी तरह से हांफ रही थीं. सच में बड़ा मजा आ रहा था.
तभी मामी ने मेरे लंड में दांत गड़ा कर हल्का सा काट लिया.
मुझे दर्द हुआ तो मैंने तुरंत मामी के मुँह से लंड निकाल लिया.
मामी सॉरी कहने लगीं.
मैंने मामी के दूध पकड़ कर जोर से भींच दिया और गाली बक दी- साली रंडी?
मामी को कुछ भी बुरा नहीं लगा लेकिन उन्होंने हंसते हुए कसमसा कर मुझसे सॉरी सॉरी कहते हुए अपना दूध छुड़वा लिया.
वे मेरे लंड को फिर से मुँह में लेकर चूसने लगीं.
मैंने मामी की गांड को दबा दबा कर उंगलियों से नोंचा और गाली देते हुए उनकी गांड में उंगली पेल दी.
पहले पहल तो वे उचक गईं फिर जब उंगली उनकी गांड में सटासट चलने लगी तो मामी कहने लगीं- आह और जोर से करो.
मैं उनकी गांड पर दूसरे हाथ से जोरदार चाटें लगा कर मजा लेने लगा.
फिर मैं नहाने चला गया. मेरे पीछे पीछे मामी भी बाथरूम में आ गईं.
मेरे ऊपर अभी भी गोली का असर था इसलिए मैंने मामी को बाथरूम में घोड़ी बना कर चोदा.
फिर मामी ने साफ सफाई की और नहा कर बाबू को भी नहला धुला कर चाय नाश्ता बनाया.
मैं चाय पीने लगा.
मामी बाबू को अपने निप्पल से दूध पिलाने लगीं.
वे उस समय ऊपर से नंगी थीं.
अब तो हम दोनों के बीच कोई पर्दा ही रह गया था.
हमारी बात होने लगी.
वे सेक्स के अलावा दूसरी बात भी कर रही थीं और मुझे दिखा दिखा कर अपने निप्पल को बाबू के मुँह में दे रही थीं.
मैंने मामी के निप्पल को देखा तो मेरा लंड फिर से सख्त हो गया.
मामी लंड खड़ा होते देख कर कहने लगीं- क्या हुआ, अभी भी मन नहीं भरा क्या?
मैंने कहा- जिसके सामने आपके जैसी परी हो, उसका मन कैसे भरेगा!
मामी हंसने लगीं.
मैंने लंड सहलाते हुए कहा- पता नहीं आपको देख कर ये कैसे फड़फ़ड़ाने लगता है!
मामी कहने लगीं- एक मिनट रुको, मैं इसे अभी शांत करवा देती हूँ.
मैंने कहा- इसमें रुकना क्या! बाबू दूध पी रहा है, आप इसे पी लो.
ये कह कर मैंने अपना लंड मामी के मुँह में डाल दिया और उनके दूसरे दूध को दबाने लगा.
मामी लंड चूसने लगीं.
कुछ देर बाद बाबू को अलग लिटा दिया और चुदने आ गईं.
मैंने उनकी साड़ी उठा कर लंड चूत के अन्दर घुसा दिया.
कुछ देर बाद मामी को वहीं घोड़ी बना कर उनकी गांड पर जोर जोर से चमाट मारने लगा.
हम दोनों मस्ती से चुदाई करने लगे. फिर मिशनरी पोज में एक दूसरे को चूमते हुए चुदाई करने लगे.
जब झड़ने का समय आया तो मैंने फिर से मामी को अपना लंड चूसने दे दिया.
इस बार मैं जल्दी ही झड़ गया.
मेरा सारा रस मामी ने खुद ही चूस लिया और लंड को चाट चाट कर साफ कर दिया.
वह फिर से फ्रेश होने गईं.
मैं भी पीछे से चला गया.
उधर हम दोनों साथ में फिर से नहाये.
अब तक सबके वापस आने का समय हो गया था.
हम दोनों में इसके बाद अब तक चुदाई का सिलसिला चल रहा है.
आपको मेरी Xxx आंटी सेक्स रिलेशन की कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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