बुआ की बेटी की सुहागरात मेरे साथ

वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स कहानी में मैं बुआ के घर रह कर पढ़ाई कर रहा था. उनकी एक बेटी मेरी उम्र की थी. वह मस्त माल थी. मैं उसे चोदना चाहता था.

नमस्ते, मेरा नाम हैरी राज (बदला हुआ नाम) है और मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ.
मेरी लंबाई 6 फीट है और मेरा लंड साढ़े छह इंच का है.

ये मेरी सच्ची वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स कहानी है, इसलिए मैं सब कुछ असली बता रहा हूँ, सिवाय नाम के!

मैं जॉब के लिए तैयारी कर रहा हूँ इसलिए मुझे परीक्षा देने के लिए मुझे अलग-अलग शहरों में जाना पड़ता है.

एक बार एग्जाम देने के लिए मुझे अपनी बुआ के घर दिल्ली जाना पड़ा.
वहां सब मुझे बहुत मानते हैं और मैं भी सबको बहुत प्यार करता हूँ.

बुआ की एक बेटी है, उसका नाम काजल है.
उसे देखकर शुरू से मेरा लंड फड़फड़ाता रहता था.

लंड परेशान हो भी क्यों न, वह इतनी सुंदर और सुडौल थी कि किसी का भी लौड़ा खड़ा होकर सलामी देने लगे.

मैंने कई बार अनजाने में उसके बदन को छुआ था लेकिन मुझे तब नहीं पता था कि उसे ये अच्छा लगता था.

एक दिन बुआ और घर के बाकी सदस्य बाहर गए थे.
हम दोनों अकेले थे और खेल रहे थे.

मैंने उसे चिढ़ाने के बहाने पकड़ा और सीने से चिपका लिया.
इतने में उसके दूध बाहर निकल आए क्योंकि उसने ब्रा नहीं पहनी थी.

मैंने कुछ देर उसे सीने से लगाए रखा तो उसे भी अच्छा लगने लगा और वह भी मुझसे चिपकी रही.
अचानक उसने मेरे कान में धीरे से कहा- मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ!

मुझे समझ में आ गया कि यह सैट हो गई है.
मैंने भी कहा- आई लव यू टू!
बस उसे यूं ही सीने से लगाए रखा.

फिर हम दोनों किस करने लगे.
मैं उसके दूध दबाने लगा, उसके लाल निप्पल मसलने लगा.

वह गर्म होती गई.

मैंने कहा- कुछ कर सकता हूँ?
काजल वासना से बोली- आह … आज तुम जो चाहो कर दो … बहुत मन तड़प रहा है. न जाने कब से मैं तुमसे ही करवाने की सोच रही थी.

मैंने कहा- हां तो मैं ही करूँगा जान … मगर तुम मुझे कब से प्यार करती हो, ये तो बताओ!

काजल बोली- शुरू से तेरा छूना मुझे पसंद था, बस कह नहीं पाई … अब देर न करो यार … प्लीज आज मत रुकना, बस रगड़ डालो मुझे!

मैंने कहा- हां साली आज तू देख, कैसे तेरी चूत फाड़ता हूँ!
वह इतरा कर बोली- तो फाड़ दो न, रोका किसने है!

अब मैं उसके गले से होते हुए उसके मम्मों की घाटियों को चूमने लगा.
उसके चूचे मसलने से लाल होने लगे थे. मैं उसके निप्पल दाँतों से काटने लगा.

उसकी नाभि में उंगली करते हुए मैं उसके पेट को चाटने लगा.
उसने कहा- रुको, अब मेरी बारी!

उसने मेरे कपड़े उतार दिए. मैं बस अंडरवियर में रह गया था, जिसमें मेरा लंड तंबू बना रहा था.
उसने मेरी आंखों में झाँकते हुए कहा- क्या बोलते हो, निकाल दूँ तुम्हारे औजार को?

मैंने कहा- अरे इंतजार किसका कर रही है? निकाल ले, तेरा ही औजार है!
उसने झटके में मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरा लंड उसके मुँह के सामने आकर फनफनाने लगा.

मैंने इंतजार नहीं किया और अपना लंड उसका मुँह में दे दिया.
उसे लंड चूसना पसंद नहीं था लेकिन वह बोल नहीं पाई.
हालांकि कुछ देर बाद वह लंड को कुल्फी के जैसे चूसने लगी थी क्योंकि वह उसके स्वाद को पसंद करने लगी थी.

लंड का प्रीकम उसे स्वादिष्ट लग रहा था.
कुछ देर बाद मैंने अपना लंड निकाला और उसकी चूत पर टूट पड़ा.

मैं चुत चाटने लगा.
उसकी चुत एकदम मखमली और मुलायम चुत थी.

रंग में भी किसी अंग्रेजन लौंडिया के जैसे गोरी चुत थी.
वैसे तो लड़कियों की चुत गहरी गुलाबी या जामुनी रंग की होती है लेकिन उसकी चुत तो एकदम टपाटप माल थी.

जैसे ही मैंने उसकी चुत को अपनी जीभ से कुरेदा काजल एकदम से तड़फ उठी.
वह कसमसा कर बोली- आह … ऊह … आई … ओई माँ मर गई आह रुक मत साले … पहली बार मेरी चूत को किसी ने प्यार दिया है … अब तड़पा मत बहन के लौड़े … अपना लंड डाल दे अन्दर और मुझे चुदाई का सुख दिला दे!

कुछ देर चुत चाटने के बाद मैंने अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया.
फिर एक झटके में अन्दर पेलना चाहा, मगर मेरा लंड अन्दर गया ही नहीं.

मैंने चुत का मुआयना किया तो समझ आ गया कि चुत में कुछ चिकनाहट लगाना पड़ेगी.
मैंने इधर उधर देखा तो पास में एक फेस क्रीम रखी थी.

मैंने ढेर सारी क्रीम अपने लंड पर लगाई और उसकी चुत को क्रीम से तर कर दिया.

अब मैंने वापस लंड चुत पर सैट किया और एक जोरदार झटका दे मारा.
मेरा पूरा औजार एक ही झटके में अन्दर घुसता चला गया.

वह जोर से चिल्लाई- ऊई मम्मी रे मर गई … आह फट गई मेरी!
मैं कुछ देर वैसे ही रुका रहा.

कुछ देर तक वह कसमसाती रही और मुझे गालियां देती रही.
लेकिन मुझे मालूम था कि कुछ देर बाद इसे लज्जत मिलने लगेगी.

वही हुआ.
कुछ देर बाद वह शांत हो गई.

फिर मैंने अपने लौड़े को आगे-पीछे करना शुरू किया.
उसे अब आराम मिलने लगा था, मजा भी आने लगा था.

काजल मीठी आवाज में बोली- आह … ओई माँ इश … कितना बड़ा है अन्दर तक जा रहा है आह निकाल ले साले! मैं झड़ जाऊंगी, मर जाऊंगी … तेरा बहुत मोटा है … बहन के लौड़े ने फाड़ दी मेरी!
मैं उसकी बातों को सुनकर मजा ले रहा था और धक्के लगाए जा रहा था.

कुछ देर बाद मैंने अपना औजार चुत में से बाहर निकाल लिया.
वह गाली देने लगी कि मादरचोद अब मजा आने लगा था तो क्यों निकाल लिया?

मैंने जबरन उसे उल्टा घुमा दिया.
वह समझ गई थी कि मैं उसकी गांड मारने वाला हूँ इसलिए वह नहीं मान रही थी.

मगर वह मेरी गिरफ्त में थी और मेरे ऊपर सेक्स का भूत भी सवार था.

मैंने पहले उसकी गांड पर थपथपाकर चांटा मारा.
वह चीख पड़ी.

फिर मैंने उसकी गांड के छेद में क्रीम लगाकर लंड सैट किया और चूतड़ों को फैला कर एक ही बार में अपना लंड गांड में घुसेड़ दिया.

वह दर्द से छटपटाने लगी.
उसकी गांड से खू/न निकलने लगा.

उसकी चिल्लपौं सुनकर तो मन किया कि गांड चुदाई रहने देता हूँ, इसकी चुत का मजा ही ले लेता हूँ.
मगर जब मैं निकालने लगा तो वह बोली- साले अब बाहर मत निकालना … अब तू आज गांड भी फाड़ ही ले.

मैं चुप हो गया और उसकी चुत सहला कर गांड में लंड पेलने में लग गया.
कुछ देर बाद उसे भी गांड मरवाने में मजा आने लगा.

लगभग आधा घंटा की धाकड़ चुदाई के बाद मैं झड़ने वाला था.

उस दौरान वह दो बार झड़ भी चुकी थी.

मैंने लंड बाहर निकाला और सारा पानी उसके मुँह पर मार दिया.

अब हम दोनों लेटे हुए थे. मैं उसके दूध से खेलने लगा.

देखते ही देखते मेरा लंड फिर खड़ा होने लगा.
वह डर गई और बोली- मुझे इतनी हिम्मत नहीं कि फिर से सेक्स कर सकूँ!

मैंने कहा- अरे, सब हो जाएगा! तू आ तो सही!
मैं उसे फिर से किस करने लगा. उसके मम्मे लाल हो गए थे, मैं उनके साथ खेलने लगा.

इस बार मैंने उसकी चूत में चॉकलेट और बर्फ लगाकर चाटना शुरू किया.

वह बिस्तर पर पड़ी थी और ‘आह … ओह … मर गई माँ अइया … ओह …’ कर रही थी.

मैंने अपने लंड पर चॉकलेट लगाई और उसे चूसने को कहा.
वह मजे से चूसने लगी.

वह बोली- आह … मजा आ गया! चॉकलेट और लंड एक साथ!

कुछ ही देर में वह पूरी तरह तैयार हो गई थी.

मैंने उसकी चूत पर धीरे से एक थप्पड़ मारा, फिर प्यार से थपकी दी और एक किस किया.

फिर अपना लंड घुसा दिया.
वह मजे में कराहने लगी.

उसका बदन किसी डाली की तरह हवा में लहरा रहा था.

मैंने झटके लगाना शुरू किया.
कुछ देर बाद मैंने उसे डॉगी पोज में किया और फिर से लंड घुसाया.

वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स में मानो सातवें आसमान पर थी.

इस बार भयंकर चुदाई के बाद मैंने सारा पानी उसके अन्दर डाल दिया.

फिर उसके मम्मों पर मुँह रखकर लेट गया.

वह पूछने लगी- कुछ होगा तो नहीं ना जान?
मैंने कहा- नहीं बेबी, क्या होगा? मैं हूँ ना … दवा ला दूँगा. तुम बस ये बताओ, मेरा लंड कैसा लगा?

काजल बोली- बहुत ही बढ़िया! इतना बढ़िया कि थक जाने के बाद भी तेरा लंड मुँह में लेकर चूस लेने का मन कर रहा है. पर मुझे एक बात बता, कहां से पाया इतना लंबा और मोटा औजार? एकदम फाड़कर रख दिया मुझे! निचोड़ डाला आज पूरा!
मैंने कहा- इतना पसंद आया तो तू कहे तो फिर से चुदाई कर लें!

काजल बोली- जैसा कहें आप मेरे राजा! आज से मैं आपकी ही गुलाम, आपकी ही बीवी, आपकी ही रंडी और आपकी ही रखैल! कर लो जितना मन चाहे, निचोड़ डालो आज इस चिड़िया को! वैसे भी तेरा लंड किसी गर्म लोहे के हथौड़े से कम नहीं!
इतने में मैं फिर गर्म हो गया और उसके ऊपर चढ़कर पूरे बदन को चाटने लगा.

इस तरह से उस दिन 4 राउंड हुए और हम दोनों थककर एक-दूसरे से नंगे ही लिपट कर सो गए.
अब जब भी मन होता है, हम मिलकर चुदाई का मजा कर लेते हैं.

दोस्तो, ये मेरी पहली और सच्ची वर्जिन सिस्टर फर्स्ट सेक्स कहानी है. आशा है आप सबको पसंद आई होगी.
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धन्यवाद!
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