टीन गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी में मैं जवान हुई तो मेरे भाई की नजर मेरे खिलते जिस्म पर पड़ी, मैंने उसे मेरा नाम लेकर मुठ मारते देखा. मुझे भी उसका लंड पसंद आ गया.
यह कहानी सुनें.
दोस्तो, कैसे हैं आप लोग?
मैं प्रिया सिंह आप सभी का स्वागत करती हूँ.
यह मेरी पहली कहानी है तो कुछ गलती हो तो माफ करना.
मैं फ्री सेक्स कहानी और अन्तर्वासना साईट की नियमित पाठक रही हूं.
अब टाइम ना वेस्ट करते हुए टीन गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी पर आती हूँ.
ये भाई बहन सेक्स कहानी तब की है, जब मैं बीटेक के फर्स्ट ईयर में थी.
मेरे घर में हम तीन भाई और दो बहन और मम्मी-पापा हैं.
सबसे बड़े भाई का नाम राजू है और उनकी आयु 26 साल की है.
उनके बाद मेरे दूसरे नंबर के भाई दीपक है.
उनकी आयु 24 साल की है.
तीसरे नंबर के भाई राहुल हैं, उनकी आयु 22 साल की है.
फिर अपने तीनों भाइयों के बाद मैं प्रिया हूँ और मेरी उम्र 20 साल है.
मेरे बाद सबसे छोटी बहन सोना है. वह अभी 18 साल की है.
मेरे मम्मी पापा दोनों ही गवर्नमेंट जॉब में हैं तो वे दोनों ज़्यादातर समय घर से बाहर ही रहते हैं.
ये सेक्स कहानी राजू भैया और मेरी है.
उनसे चुदने के बाद इस खेल में मैंने सबको शामिल कर लिया था.
अब मैं आपको अपने राजू भैया के बारे में बता देती हूँ.
राजू भैया एक कंपनी में जॉब करते हैं और उनकी हाइट 6 फीट है. उनका लंड 8 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा है.
मैं चूंकि इस फैमिली सेक्स की सूत्रधार हूँ तो आपको अपने बारे में भी बता देती हूँ,
मेरी हाइट साढ़े पांच फीट की है. मेरा फिगर अभी 36-32-38 का हो गया है.
मैं देखने में एकदम कांटा माल हूँ जो भी मुझे एक बार देख भर ले तो मेरा दावा है कि वह अपना लंड बिना हिलाए नहीं रहेगा.
मेरे राजू भैया की अभी शादी नहीं हुई है जिस कारण वे मुठ मारते रहते हैं.
एक दिन राजू भैया मुठ मार रहे थे कि मैं उनके रूम में चाय लेकर चली गई.
मैं जैसे ही उनके कमरे की खिड़की के पास पहुंची तो मैंने खिड़की में से झांक कर देखा कि राजू भैया मेरा नाम लेते हुए मुठ मार रहे थे.
मैं उनके लंबे मोटे लवड़े को देख कर दंग रह गई और पूरा सीन देखने लगी.
कुछ देर के बाद भैया ने अपने लंड से मलाई फेंक दी और ‘आह आह मेरी प्रिया रानी’ कहते हुए लंड को निचोड़ने लगे.
मैं यह सब देख कर गर्म हो गई थी और अपने मन में ही बोल रही थी ‘आह मेरे प्यार भैया … अपने लंड की मलाई क्यों वेस्ट कर रहे हो? मेरे मुँह में डाल दो न!’
तब तक भैया ने अपने औज़ार को चड्डी के अन्दर बंद कर दिया और फोन चलाने लगे.
उसके बाद मैंने अपना दुपट्टा हटा दिया और चाय देने चली गई.
मैंने दरवाज़ा खोला और अन्दर आ गई, भैया से कहा- लीजिए भैया चाय पी लीजिए!
भैया ने मेरे दूध देखते हुए कहा- टेबल पर रख दो!
मैं झुक कर टेबल पर चाय रखने लगी और भैया मेरे गहरे गले में से झांकते मेरे दूध देखने लगे.
मैं भी और मस्ती के मूड में आ गई और मैंने टेबल पर रखी हुई भैया की बाइक की चाबी नीचे गिरा दी ताकि जब मैं चाबी उठाने के लिए नीचे झुकूं तो भैया को मेरे रसीले आमों के भरपूर दर्शन हो जाएं.
वही हुआ, मैं झुकी तो भैया मेरे दूधिया मम्मों को बड़ी गौर से देख रहे थे.
उसके बाद मैंने चाबी उठा कर उनकी मेज़ पर रख दी और गांड मटकाती हुई अपने रूम में चली गई.
अपने कमरे में जाते ही मैंने दरवाज़ा बंद किया और अपनी चूत में वाइब्रेटर डाल कर ऑन कर दिया.
मैं उस वाइब्रेटर में लगे एक इंच वाले डिल्डो को अन्दर-बाहर करने लगी.
यह एक स्पेशल किस्म का वाइब्रेटर है, जिससे चुत की पुत्तियां मस्त रसीली हो जाती हैं … जो किसी भी मर्द को चूसने में बड़ा मजा देती हैं और साथ ही साथ चुत भी भोसड़ा नहीं बनने पाती है.
बस चुत का दाना रगड़ कर चुत को मजा मिलता है.
वाइब्रेटर से मेरी वासना भड़क उठी और मैं अपने दूध मसलती हुई मुठ मारने लगी.
मेरे मुँह से भी मेरे भैया का नाम निकल रहा था.
कुछ देर तक बुर में नकली लंड को अन्दर बाहर करने के बाद मैंने पानी छोड़ दिया और भाई से बुर चुदाने का प्लान बनाने लगी.
मेरे दिमाग में एक प्लान बन गया था.
मैं बुर से माल फेंकने के बाद थक गई थी तो गांड दबा कर सो गई.
उस दिन मैंने बहुत दिन बाद अपनी बुर का पानी निकाला था तो काफी थकान हो गई थी.
मैंने दो घंटे तक बहुत ही गहरी नींद में सोती रही.
फिर रात को जाग गई तो अपने भैया से बुर चुदवाने के प्लान के बारे में सोच-सोच कर फिर से गर्मा गई और एक बार फिर से बुर में वाइब्रेटर लगा कर उसका पानी निकालने लगी.
उसके बाद मैं सो गई.
सुबह भैया के नहाने से पहले मैं बाथरूम में नहाने चली गई.
मैंने बाथरूम का दरवाज़ा खुला छोड़ दिया और नंगी होकर नहाने लगी.
तभी भैया आ गए.
मैंने नाटक करते हुए कहा- सोना, अभी मैं नहा रही हूँ … मेरी आंख में साबुन लगा है. तू मेरे बाद नहा लेना!
जबकि मुझे मालूम था कि मेरे भैया बाथरूम के बाहर हैं.
मैंने थोड़ी सी आंख खोल कर देख लिया कि वे मुझे एकटक देख रहे हैं.
मैं अपने चूचे रगड़ती हुई उन्हें दिखाती रही और वे काफी देर तक मेरे मस्त कातिल हुस्न को देखते रहे थे.
फिर जब मैंने अपने चेहरे और आंखों पर पानी डाला तो वे उधर से चले गए.
मैं भी मुस्कुराती हुई अपनी बुर में उंगली करके पानी निकालने लगी और नहा कर बाहर चली आई.
मैंने जाते जाते एक हरकत और की; अपनी उतारी हुई पैंटी और ब्रा वहीं छोड़ आई.
मेरे बाहर निकलते ही भैया नहाने आ गए.
उनके नहा कर बाहर आने के बाद मैं बाथरूम से अपनी पैंटी और ब्रा लाने गई तो मेरी काली पैंटी में भैया का सफेद वीर्य लगा हुआ था.
मैंने उसे चाट लिया और पैंटी धोकर बाहर आ गई.
उसके बाद मैंने भैया को खाना खिलाया और देखा कि घर में कोई नहीं है.
अब मैं प्लान के मुताबिक़ अपने कमरे में आ गई और बिस्तर पर लेट कर भैया का नाम लेती हुई अपनी चूत में उंगली करने लगी.
मैंने दरवाज़ा खुला छोड़ दिया था ताकि भैया अन्दर आ सकें और मुझे अपना नाम लेते हुए मुठ मारते देख लें.
यही हुआ भी … भैया ने देख लिया और वे मेरे कमरे में आ गए.
मैं उनको आया देख कर अपने शरीर को छुपाने लगी, पर कितना छुपाती?
मैं तो पूरी नंगी थी.
भैया अन्दर आए और बोले- अरे, मेरी बहन जवान हो गई है … मुझे पता भी नहीं चला!
उसके बाद भैया ने मुझे पकड़ा और बोले- चल आज मैं तेरी मदद कर देता हूँ!
मैंने भैया को ‘सॉरी’ बोला.
भैया बोले- कोई बात नहीं … इस उम्र में होता है!
मैंने देखा तो उनका लंड पैंट को फाड़ कर निकलने वाला था.
उसके बाद भैया ने मुझे पकड़ा और मेरे चूचे दबाने लगे.
मैं उनसे दूर भागने की कोशिश करने लगी लेकिन भैया ने नहीं भागने दिया.
धीरे-धीरे मैं भी गर्म हो गई और भैया का साथ देने लगी.
भैया ने मेरे मम्मों को खूब दबाया, फिर मुँह में लेकर चूसने लगे.
वे अपनी पैंट खोलने लगे.
फिर जब उनका लंड अंडरवियर से बाहर निकला, मैं डर गई.
मेरे मुँह से निकला- आह … इतना बड़ा मैं कैसे लूँगी?
वे कुछ नहीं बोले.
फिर उन्होंने अपने सारे कपड़े उतारे और मुझे बिस्तर पर सीधा लेटा कर मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस करने लगे.
वे कभी मेरे माथे पर चूमते तो कभी होंठों पर, तो कभी मम्मों पर, पेट पर, नाभि पर … इस तरह से वे मेरे बदन को चूमते हुए नीचे को आने लगे.
फिर वे मेरे पैरों पर आ गए और उसके बाद मेरी बुर पर आ गए.
उन्होंने पहले मेरी बुर पर किस किया, फिर अपनी जीभ को मेरी बुर पर रगड़ने लगे.
मैं मचलने लगी. मुझे अपनी बुर रगड़वाने में बहुत मज़ा आ रहा था.
जब भैया ने मेरे दूध को दबाते हुए मेरी चूत को पीना चालू किया तो मेरी हालत खराब होने लगी.
मैं उनके सर को अपनी चूत पर दबाने लगी और पूरे कमरे में मेरी मदभरी सिसकारियां गूँजने लगीं.
करीब आधा घंटा तक रुक रुक कर मेरी चूत चाटने के बाद भैया हटे, तब तक मैं 3 बार झड़ चुकी थी.
मेरा सारा पानी निकल गया था, जिसको वे हर बार पूरा पी गए.
फिर वह मेरे सिरहाने पर आकर खड़े हो गए और अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया.
मैंने भी उनका लंड खूब चूसा.
काफी देर तक लंड चूसने के बाद उनके लौड़े की मलाई निकल गई और मैं उनके लंड की पूरी मलाई खा गई.
लंड झड़ने के बाद भैया मेरे साथ लेट गए और मुझे प्यार करने लगे, मेरे होंठों का रस पीने लगे.
भैया मेरे निप्पलों को अपने होंठों में दबा कर खींच खींच कर चूसने लगे.
मुझे बेहद सुकून मिल रहा था.
काफी देर तक रोमांस करने के बाद भैया का लंड फिर से खड़ा हो गया.
उसके बाद उन्होंने मुझको उठा कर नीचे फर्श पर लिटा दिया और मेरी चूत पर लंड सैट करके एक झटका दे मारा.
उनका मोटा लंड मेरी बुर से फिसल गया और वह अन्दर नहीं गया.
भैया ने मुझसे पूछा- क्या तू वर्जिन है?
मैंने ‘हां’ में सिर हिला दिया.
भैया खुश हो गए और उन्होंने मेरे होंठों पर एक चुम्बन किया.
उसके बाद लंड पर थूक लगाकर अपने लंड को मेरी चूत पर सैट करके मुझसे बोले- लंड को पकड़ कर छेद पर सैट करके पकड़ी रहना!
मैंने उनकी बात का अनुसरण किया और अपने भैया के मोटे लंड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी बुर पर टिका कर पकड़ी रही.
तभी भैया ने एक तेज झटका मारा और मेरी चीख निकल पड़ी.
अभी उनके लौड़े का सिर्फ टोपा ही अंडर गया था कि मेरी बुर फट गई और उसमें से खू.न निकलने लगा.
मैंने लंड छोड़ दिया और भैया को अपने ऊपर से हटाने की कोशिश करने लगी.
मैं बोली- भैया निकालो इसे … बहुत दर्द हो रहा है!
पर वे नहीं माने और उन्होंने मेरे मुँह को दबा कर वापस से जोर का झटका मार दिया.
इस बार उनका शायद पूरा लंड अन्दर चला गया था, जिस वजह से मैं बेहोश हो गई.
भैया रुक गए और उन्होंने मेरे चेहरे पर पानी के छींटे मारे.
मैं होश में आ गई और मैंने हाथ लगा कर महसूस किया कि भैया का पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया था और ज़मीन पर पूरा खू.न-खू.न हो गया था.
मुझे काफी दर्द भी हो रहा था.
अब भैया ने धीरे-धीरे से अपने लंड को मेरी चुत में अन्दर-बाहर करना शुरू किया.
कुछ देर के दर्द के बाद मुझे अच्छा लगने लगा और मेरी मादक आवाज निकलने लगी ‘आह आह सी सी सी चोदो मुझे भैया चोदो … आह चोद बहनचोद फाड़ दे मेरी चूत!’
भैया का लंड इतना बड़ा था कि मेरी बच्चेदानी में टकरा रहा था और मैं ‘आह आह सी सी’ की मदभरी आवाज़ें निकाल रही थी.
भैया ने 15 मिनट चोदने के बाद मुझे अपने लंड पर बैठाया और लौड़े की सवारी करवाई.
इस पोज़ में उनका पूरा लंड अन्दर तक जाता और बाहर आता.
मैं जन्नत की सैर कर रही थी.
मैं दो बार झड़ चुकी थी, लेकिन भैया झड़ने का नाम नहीं ले रहे थे.
काफी देर के बाद भैया झड़ने को हुए, तो वे मुझसे पूछने लगे- कहां निकालूँ?
मैं बोली- अन्दर मत निकालना … नहीं तो मैं प्रेग्नेंट हो जाऊंगी!
तो वे बोले- कहां निकालूँ? जल्दी बता न!
मैं बोली- मेरे मुँह में!
तो भैया उठे और बेड के सहारे मेरा सिर करके मेरे मुँह में लंड डाल कर लंड को मुठियाने व हिलाने लगे.
मैं भी उनके लौड़े को अपने होंठों में दबा कर चूसने लगी.
कुछ ही पलों बाद उनके लंड का माल निकलने को हुआ, तो वे बोले- अभी पीना मत … जब बोलूँ तब पीना!
फिर भैया ‘आह आह … मेरी बहन पी ले मेरे लंड का रस आह!’ कहते हुए मेरे मुँह में झड़ गए.
मेरा मुँह उनके वीर्य से भर गया, बहुत सारा माल निकला.
उन्होंने लंड का सारा वीर्य मेरे मुँह में टपका देने के बाद कहा- अब मुँह खोल कर दिखा!
मैंने मुँह खोल कर दिखाया.
वे बोले- हम्म मेरी बहुत सारी एनर्जी निकाल ली तूने … चल अब किसी रंडी की तरह सारा रस पी जा!
मैं भी मुस्कुरा दी और घूंट घूंट करके अपने भैया को दिखाती हुई उनका सारा माल पी गई.
फिर मैं उनका लंड साफ करके बोली- भैया, आज आपने जो मेरी एनर्जी निकाली, वह भी तो सोचो!
वे हंस कर बोले- मैंने तेरी कौन सी एनर्जी निकाली?
मैंने अपनी चुत पर हाथ रख कर कहा- ये इतना सारा खू.न किसने निकाला?
वे बोले- अरे यह तो फर्स्ट टाइम ही होता है बस … इसमें चिंता की कोई बात नहीं है!
टीन गर्ल फर्स्ट सेक्स का मजा लेने के बाद मैंने और उन्होंने मिल कर सारा खू.न साफ किया और साथ में नहाने चले गए.
बाथरूम में जब फव्वारे का पानी हमारे नंगे बदन पर पड़ा, तो हम दोनों फिर से गर्म हो गए.
मैं नीचे घुटनों के बल बैठ कर अपने भैया का लंड चूसने लगी.
काफी देर तक लंड चूसने के बाद भैया बोले- अब घोड़ी बन जा!
मैं घोड़ी बन गई और भैया ने पीछे से लंड मेरी भोसड़ी में डाल दिया और ताबड़तोड़ चोदने लगे.
मैं झड़ गई.
काफी देर तक अपने भैया के लौड़े से चुदवाने के बाद मेरा मन लंड चूसने का हुआ तो मैं भैया से बोली- भैया लंड चूसने दे दो!
वे बोले- अभी देता हूँ … बस माल निकलने वाला है!
मैं बोली- ठीक है.
काफी देर तक चोदने के बाद भैया ने लंड मेरे मुँह में डाला.
मैं लॉलीपॉप की तरह उनके लौड़े को चूसने लगी और उनका वीर्य निकाल कर पी गई.
भैया बोले- तू दूसरी बार में झड़ी नहीं है … चल, तुझे चूस कर झाड़ दूँ!
भैया ने दो उंगली मेरी चुत में डाल दीं और मेरी चुत की माँ चोदने लगे.
मैं बाथरूम में ‘सी सी सी सी सी सी आह आह आह आह’ करने लगी.
कुछ टाइम के बाद मैं झड़ गई और मेरा पूरा पानी भैया पी गए.
उसके बाद भैया ने मुझे नहलाया. मैंने भैया को नहलाया.
नहाने के बाद भैया ने मेरा शरीर पौंछ कर मुझे एक गहरा चुंबन लिया.
मैं नंगी ही रूम में जाकर कपड़े पहन रही थी कि तब तक भैया आ गए.
वे बोले- ये क्या कर रही हो?
मैं बोली- कपड़े पहन रही हूँ!
वे बोले- शाम को 4 बजे तक कपड़े मत पहनो!
मैं बोली- भैया अभी 11 बज रहे हैं, चार बजे तक तो आप पता नहीं मेरे साथ क्या-क्या करोगे?
वे बोले- अब कुछ नहीं करेंगे … बस कपड़े मत पहन!
मैंने कपड़े नहीं पहने और भैया मेरी पैंटी और ब्रा ले गए.
मैं उनके पीछे उनके रूम में गई तो उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया और मुझे बेड पर पटक दिया.
मैं हंस कर बोली- अब नहीं दूँगी … बहुत ज्यादा ले ली है आपने … मुझे दर्द हो रहा है!
वे बोले- अब नहीं लूँगा!
मैं डर गई और पूछने लगी कि क्या अब मेरी कभी नहीं लोगे?
वे बोले- इस टाइम नहीं लूँगा … रात को लूँगा!
दोस्तो, चार बजे तक हम दोनों नंगे रहे.
हम दोनों ने चुदाई के अलावा सब कुछ किया.
उसके बाद कपड़े पहन कर हम दोनों अलग हो गए और मैं अपने कमरे में आ गई.
फिर शाम तक घर वाले भी आ गए.
उसके बाद मैं रात को 11 बजे चुपके से भैया के कमरे में आ गई.
उधर सुबह के 5 बजे तक 4 राउंड मेरी जबरदस्त चुदाई हुई.
मैं अपने भैया के लौड़े से चुदवा कर बहुत खुश थी.
मैंने भैया को ‘आई लव यू’ बोला और अपने कमरे में जाकर सो गई.
उसके बाद तो मेरी रोज़ चुदाई होने लगी.
दोस्तो, यह मेरी भाई बहन सेक्स कहानी आपको कैसी लगी?
टीन गर्ल फर्स्ट सेक्स कहानी में खूब मज़ा आया होगा न?
बाकी की सेक्स कहानी बाद में लिखूँगी कि कैसे हम सब भाई बहन आपस में सेक्स करने लगे थे.
मेरे साथ अन्तर्वासना और फ्रीसेक्स कहानी से जुड़े रहिए और अपने अपने लंड चुत हिलाते रहिए.
बाय.
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