सेक्स रिलेशन स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपने ननिहाल की तरफ एक शादी में गया तो मैं किसी को पटा कर चोदना चाहता था. मुझे चूत मिल भी गयी. कैसे?
हाय फ्रेंड्स. मेरा नाम राज है और मैं गुवाहाटी (असम) का रहने वाला हूं. मुझे हिंदी लिखनी नहीं आती थी इसलिए मैंने अपने एक करीबी दोस्त से ये सेक्स रिलेशन स्टोरी लिखवाई थी.
अगर कहानी में कुछ कमी रह जाये तो आप कृपया इग्नोर करें.
मैं अपनी आपबीती आप लोगों को बताना चाहता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि मेरी कहानी को जितनी भी लड़कियां या भाभियां पढ़ेंगी वो अपनी चूत में उंगली करेंगी और लड़के अपने वीर्य का नुकसान करेंगे.
चलिए, मैं अब आपको सेक्स रिलेशन स्टोरी की ओर ले चलता हूं.
बात पिछले साल के नवंबर महीने की है जब मैं अपने रिश्तेदार के यहां शादी में गया था. लड़की की शादी थी और आप लोगों को पता ही होगा कि लड़कियों की शादी में जो माल आती हैं वो तो एकदम सेक्स बम की तरह होती हैं.
शादी मेरी मम्मी के मौसेरे भाई की बेटी की थी. मैं भी अपने परिवार के साथ गया हुआ था और शादी को लेकर बहुत उत्साहित था कि बहुत सी सेक्सी लड़कियों को ताड़ने और लाइन मारने का मौका मिलेगा.
शादी से दो दिन पहले हम पहुंच गए थे क्योंकि मेंहदी का कार्यक्रम भी हमें अटेंड करना था.
मैं जवान लौंडा था और ठंड में तो चूत की याद बहुत आती है. मेरे मन में यही विचार था कि शादी में चुदाई तो करके ही आऊंगा चाहे किसी भी तरह से लड़की पटानी पड़े.
हम सभी लोग सुबह पांच बजे पहुंच गये. रात भर सफर किया था इसलिए मुझे तो बहुत नींद आ रही थी और मैं जाते ही सो गया.
जब मैं सोकर उठा तो शादी की काफी तैयारियां हो चुकी थीं.
फिर मैं उठकर बाहर आया तो सामने आंगन में कुछ लड़कियां और भाभियां बैठी हुईं मेंहदी लगा रही थीं.
सभी की सभी एक से बढ़कर एक माल थीं.
मैं सबको ही निहार रहा था. मैं सामने ही खड़ा था और तभी एक भाभी बाथरूम से निकल कर आती हुई दिखाई दी.
वो नहाकर आई थी और उसके बाल गीले थे. उसके चूचे एकदम से गोल गोल थे और गांड मटकाती हुई चली आ रही थी.
चूंकि मैं सोकर उठा था और सामने भी बहुत सारी पटाखा माल बैठी थीं तो मेरा लंड पूरा तना हुआ था.
मैंने नीचे से चड्डी भी नहीं पहनी थी इसलिए लंड मेरी लोअर में साफ झलक रहा था.
इस बात पर मैंने तब ध्यान दिया जब उस भाभी ने मेरी लोअर की ओर घूरकर देखा.
वो कुछ पल तक मेरे तने हुए लंड की ओर ही देखती चली गयी.
फिर मैंने नीचे नजर की तो बहुत शर्मिंदगी हुई.
मैं दूसरी तरफ घूम गया और अपने बेड पर कम्बल में जा बैठा.
तभी मम्मी भी आ गयीं.
इतने में वो भाभी रूम में ही आ गयी.
मां ने उसको देखा और मुझसे कहा- ये तुम्हारी मामी है, पैर छुओ इनके!
अब मुझे मुश्किल हो गयी कि अगर मैं बाहर निकला तो तना हुआ लौड़ा दिखेगा.
मैं सोच में पड़ गया.
वो मामी मेरा चहेरा देखकर मुस्कराने लगी क्योंकि वो तो मेरे तने हुए लंड को देख चुकी थी.
मैं कम्बल समेत ही खड़ा हुआ और उनके पैर छुए.
फिर वो दोनों बातों में लग गयीं.
मैं फिर अपने लंड को लोअर की इलास्टिक में दबाकर बाथरूम की ओर गया. वहां जाकर मैं मूतने लगा.
फिर वहां देखा कि उनकी चोली और चड्डी पड़ी हुई थी. मैं दोनों को ही सूंघने लगा क्योंकि मुझे दोनों ही को सूंघना बहुत पसंद है. मैं उसको सूंघते हुए मुठ मारने लगा.
मामी का चेहरा मेरे ख्यालों में घूम रहा था और उनके गोल चूचे और मोटी गांड को सोचकर मेरे लंड में और ज्यादा जोश आ जाता था.
मुठ मारते हुए मैंने सारा वीर्य उसकी चड्डी में गिरा दिया.
मैं थोड़ा शांत तो हो गया लेकिन अब मैं किसी भी हाल में मामी की चुदाई करना चाह रहा था.
उसने मेरे लंड को तड़पा दिया था.
मैं आपको उनका नाम बताना तो भूल ही गया. उनका नाम निधि (बदला हुआ) था.
रात को मैं अकेले में खड़ा था तो मामी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- दिन में तुम बाथरूम में क्या करके आये थे?
उनके इस सवाल पर मैं अचंभित रह गया. उसने मेरी चोरी पकड़ ली थी.
वो बोली- मेरे कपड़े खराब क्यों किये?
मैं कुछ जवाब न दे सका और वहां से जाने लगा.
निधि- कहां जा रहे हो?
मैं- सोने की जगह देखने.
वो बोली- मैं भी तो सोऊंगी. तुम भी यहीं सो जाना.
फिर मैंने कहा- ठीक है, तो फिर मैं खाना खाकर आता हूं और दिन वाली बात के लिए सॉरी. किसी को मत बताना मामी!
वो ये सुनकर हंसने लगी और बोली- ठीक है.
सबने खाना खाया और देर रात हो गयी. अब तक कड़ाके की ठंड पड़ने लगी थी.
सब लोग सोने की तैयारी करने लगे.
शादी का माहौल था और मेहमान काफी हो गये थे. इसलिए सोने की जगह भी कम पड़ने लगी.
तब निधि मुझे एक तरफ जाती हुई दिखाई दी.
वहां पर उस बरामदे में दो तीन लेडीज थी और तीन चार बच्चे थे. जिनमें से दो तो काफी छोटे थे और दो 6-7 साल के रहे होंगे.
वहां पर कोने में थोड़ी सी जगह दिखाई दी.
मैंने सोचा कि मैं भी वहीं सो जाता हूं.
मैं वहां जाकर लेट गया.
निधि भी उन लेडीज की तरफ मुंह करके लेटी हुई थी. कुछ देर बाद लाइट बंद कर दी गयी.
अब बरामदे में न के बराबर रोशनी आ रही थी. मेरे और निधि के बीच में एक छोटा बच्चा था.
एक घंटा लेटे रहने के बाद मुझे नींद आने लगी क्योंकि मैं भी थका हुआ था.
वैसे भी मैं निराश हो चुका था कि मामी अब इतने लोगों के बीच में तो कुछ करने से रही.
इसलिए मैं करवट बदलकर सो गया.
मगर कुछ देर के बाद निधि ने उस बच्चे को धीरे से अपनी तरफ खींच कर सरका दिया और खुद उसकी जगह आ लेटी.
वो आकर मेरे से सट गयी.
मेरी धड़कनें एकदम से तेज हो गयीं. मेरे मन में डर और रोमांच दोनों ही थे.
फिर मैंने हिम्मत करके धीरे से निधि का कम्बल उठाया. मैंने अपना हाथ अंदर डाल दिया.
उसने मैक्सी पहनी हुई थी. मैंने धीरे से उसकी मैक्सी को ऊपर करना शुरू किया तो उसने अपने पैर को थोड़ा दूर कर लिया.
एकदम से मैंने हाथ हटा लिया. फिर मैंने दोबारा से कोशिश की.
उसकी मैक्सी के अंदर हाथ देकर मैं उसकी पैंटी तक पहुंच गया और मेरा हाथ उसकी चूत पर जा लगा.
थोड़ी देर तक मैं अपना हाथ वहीं पर रखे रहा। अब मेरा साहस बढ़ने लगा और मैं धीरे धीरे उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा।
अब मेरा मन और आगे बढ़ने को करने लगा क्यूंकि मेरा लन्ड पूरा खड़ा हो गया था.
लौड़ा लोहे की तरह सख्त हो गया था और अब किसी भी तरह मेरे लंड को चूत में जाना था.
अब मैं उसकी प्यास पूरी करने के लिए कुछ भी कर सकता था. अब मुझे किसी की परवाह नहीं थी.
मामी की चूत को छूते ही मैं पागल हो उठा था. उसकी चूत को सहलाते हुए मुझे गीला गीला महसूस होने लगा.
फिर मैंने उसकी पैंटी को हल्का सा एक तरफ किया और उसके अंदर उंगली घुसा दी.
मेरी उंगली मामी की गीली चूत पर जा लगी. मैं उसकी चूत को उंगली से सहलाने लगा और उसकी जांघों में हरकत होने लगी.
वो अपनी जांघों को सिकोड़ने की कोशिश करने लगी जैसे कि मेरे हाथ को जांघों के बीच में दबाने की कोशिश कर रही हो।
अब मैंने हल्के से एक उंगली अंदर डाल दी और मेरी उंगली गर्म चूत में अंदर चली गयी जो अंदर से पूरी पानी में भीग चुकी थी.
इससे निधि की सिसकारी निकल गयी.
मेरी हालत भी अब खराब होने लगी थी.
वो अभी भी सोने का नाटक कर रही थी जबकि मुझे पता था कि वो पूरा मजा ले रही है और पूरी गर्म हो चुकी है.
मैं उसकी चूत में उंगली चलाता रहा. उसकी चूत की गर्मी मुझे उसको चोदने के लिए पागल किये जा रही थी.
मैं तेजी से उंगली को चलाने लगा और एकदम से उसकी चूत ने गर्म रस छोड़ दिया.
उसकी चूत का रस मेरे हाथ पर होकर बहने लगा और मैं जैसे मदहोश हो गया.
चूत के रस निकलने की फीलिंग भी गजब होती है. उसने मेरे हाथ को पकड़ा और जोर से उसकी चूत पर दबा लिया.
मामी की चूत से काफी सारा पानी झड़ा.
फिर मैं थोड़ा और ऊपर सरका जिससे कि उसका हाथ मेरे लंड के करीब आ जाये.
मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने लंड से सटा दिया.
मेरा लंड एकदम सख्त था जैसे कि कोई लकड़ी का डंडा होता है.
अब मैंने दोबारा से उसकी चूत में उंगली डाल दी और अंदर बाहर करने लगा. चूंकि चूत का रस छूट चुका था इसलिए चूत में पुच … पुच … की आवाज होने लगी.
उसका हाथ भी मेरे लंड पर चलने लगा. वो मेरे लंड को सहलाने लगी. मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था. मैंने कम्बल से बाहर मुंह निकाला और देखा पूरा अंधेरा था.
मैंने फिर अंदर मुंह डाला और धीरे धीरे दोनों हाथो सें निधि की चड्डी खोलने लगा क्यूंकि अब बस मुझे चूत में लंड डालना था। धीरे धीरे करके मैंने चड्डी निकाल दी.
निधि भी धीरे धीरे लंड हिला रही थी. इतने में मैंने अपने घुटनों पर होकर कम्बल ओढ़े हुए ही उसके होंठों पर लंड लगा दिया.
उसने मुंह नहीं खोला तो मैंने हाथ उसकी चूत पर रख लिया और उसकी चूत को सहलाने लगा.
उससे बर्दाश्त नहीं हुआ और उसने मेरे लंड को मुंह में अंदर ले लिया.
मैं जैसे जन्नत में पहुंच गया.
मेरा हाथ मामी की चूत पर था और मेरा लंड उसके मुंह में।
वो मेरे लंड को जोर जोर से चूसने लगी.
मैं भी उसकी चूत में तेजी से उंगली करने लगा.
बाहर कुछ लोग नाचने गाने में लगे हुए थे इसलिए किसी को कुछ सुनाई भी नहीं पड़ रहा था.
कुछ देर लंड चुसवाने के बाद मैंने उसकी टांगों को फैला दिया और उसकी मैक्सी उसकी चूचियों तक चढ़ा दी. फिर मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और उसके बूब्स को भींचते हुए पीने लगा.
उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी थी इसलिए चूची सीधे मुंह में आ गयी.
मैं उसकी चूचियों को दबा दबाकर पीता रहा और वो अपनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ने की कोशिश करने लगी.
इशारा उसकी तरफ से भी साफ था कि वो भी मेरे लंड से चुदना चाह रही थी.
उसकी आवाजें तेज होने लगीं तो मैंने अपने होंठ उसके होंठों से सटा दिये और उसकी चूत को रगड़ने लगा.
वो जोर से मेरे होंठों को काटते हुए पीने लगी.
मैं भी उसकी लार को मुंह में पीने लगा.
अब उसकी चूत लंड के लिये तड़प गयी थी और उसकी हरकतें इस अहसास को दर्शा रही थीं कि वो अब चुदने के लिए तड़प रही है.
वो गान्ड उठा उठाकर लंड अंदर लेने की कोशिश कर रही थी किंतु उससे हो नहीं रहा था.
फिर उसने अपने होंठों को मेरे होंठों से अलग कर दिया.
उसने मुझे कसकर अपनी बांहों में भींचते हुए मेरे कान में कहा- राज, अब और बर्दाश्त नहीं हो सकता है. मेरी चूत में डाल दो अब!
अब मैंने भी टटोलते हुए लंड को उसकी चूत के छेद पर टिकाया और एक धक्का दे दिया.
धक्के के साथ ही मैंने उसके मुंह पर हाथ रखा और उसके ऊपर लेटते हुए लंड को पेल दिया.
चूत में लंड धीरे धीरे करके पूरा उतर गया. मैंने उसको चोदना शुरू कर दिया और उसने मेरी पीठ पर अपने हाथों से मुझे जकड़ लिया.
मैं उसको जोर जोर से चोदने लगा और किस करने लगा.
यूं ही चोदते हुए कई मिनट हो गये और फिर एकदम से निधि की चूत ने पानी छोड़ दिया जो मुझे अपने लंड पर गर्म गर्म द्रव के रूप में महसूस हुआ.
अब मुझे उसकी चूत मारने में और मजा आने लगा और पहले से ज्यादा जोश आ गया मुझे; मैं तेज तेज धक्के लगाने लगा.
फिर मेरा भी निकलने को गया.
मैंने निधि मामी के कान में धीरे से पूछा- होने वाला है मेरा, कहां निकालना है?
वो बोली- अंदर मत डालना.
फिर मैंने कहा- तो फिर और कहां निकालूं? बाहर कहीं निकालूंगा तो सारे कपड़े गंदे हो जायेंगे.
वो बोली- ये सब कुछ मुझे नहीं पता. तुम बस अंदर मत निकालना.
अब मैं सोचने लगा और चोदता रहा. फिर एक विचार मेरे मन में आया. वीर्य निकलने से ठीक पहले मैंने उसकी चूत से लंड निकाला और उसके मुंह में दे दिया.
मैंने दो तीन धक्के लगाये और मेरा वीर्य उसके मुंह में जाने लगा. मैंने सारा वीर्य निधि मामी के मुंह में निचोड़ दिया और फिर शांत हो गया.
वो भी मेरे माल को गटक गयी.
उसके बाद फिर उसने अपनी मैक्सी नीचे कर ली.
मैंने अपनी लोअर ऊपर कर ली और दोनों अपने अपने अलग कंबलों में सो गये.
इस तरह से आखिरकार मुझे शादी में मामी की चूत चुदाई का मजा मिल ही गया.
दोस्तो, यह मेरी पहली और सच्ची सेक्स रिलेशन स्टोरी थी.
मैं एक चोदू लड़का हूं और सेक्स करने का शौकीन हूं. मेरे साथ और भी घटनाएं हुई थीं. वो मैं आपको समय समय पर कहानियों के रूप में बताता रहूंगा.
आपको मेरी यह सेक्स रिलेशन स्टोरी कैसी लगी मुझे इसके बारे में अपनी राय जरूर देना और मेरी ईमेल पर मैसेज करना. थैंक्यू दोस्तो!
मेरी ई-मेल आईडी है
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