सील पैक फुदी की चुदाई का मजा मैंने अपने चाचा की कमसिन बेटी की चूत फाड़ कर लिया. वह घर में अकेली थी और मैं उसके पास सोने गया था.
हाय फ्रेंड्स, मेरा नाम अमन है और मेरी उम्र 20 वर्ष की है.
मैं कानपुर यू पी का रहने वाला हूँ. मैं एक बहुत ही चुदक्कड़ किस्म का लड़का हूँ.
आज मैं आपको बता रहा हूँ कि मैंने अपनी सगी चचेरी बहन की सीलपैक बुर कैसे चोदी और उसकी चूत फाड़ कर खून टपका दिया.
मेरी चचेरी बहन का नाम चांदनी है. वह 5′ 4″ लम्बी, एकदम गोरी और कसे हुए बदन की है. उसके दूध मध्यम आकार के हैं.
मेरा मन करता था कि इसके दोनों दूध नंगे करके जीभर कर चूस लूँ.
मेरी चचेरी बहन मेरे घर से दो घर आगे वाले घर में रहती है.
एक बार वह मौका भी मिल गया, जिसमें मुझे अपनी बहन को चोदने का अवसर मिल गया.
मैंने उसे चोदा और उसकी सील पैक फुदी की चुदाई का मजा लिया; बहुत खूनखराबा भी हुआ.
उसके बाद तीन साल तक मुझे जब भी मौका मिला, तब मैंने उसको चोद दिया.
यह पहली बार अपनी चचेरी बहन की सील पैक फुदी की चुदाई का किस्सा है.
यह उस दिन की बात है, जब चाचा जी, चाची जी और अपने बेटे के साथ अपनी ससुराल गए थे.
चाचा जी को चार दिन बाद वापस आना था.
वे मुझसे घर पर रहने की बोल कर गए थे.
उन्होंने दिन में बहन को मेरे घर रहने के लिए कहा था और रात को घर सूना न रहे, इस वजह से उधर सोने के लिए कहा था.
चाचा जी ने अपने घर पर दो भैंस पाल रखी थीं.
उन भैंसों को चारा देने के लिए कोई नहीं था.
इसलिए चाचा जी ने अपनी लड़की को घर पर रुकने का कह दिया था.
चाचा जी ने जाते वक्त मुझसे कहा कि घर पर चांदनी अकेली है. रात को मेरे घर पर ही जाकर लेटना.
बस मेरे मन में उसी समय अपनी चचेरी बहन चाँदनी को चोदने का विचार उठने लगा.
मुझे ऐसा लगने लगा कि आज तो मैं चाँदनी को चोद ही लूँगा.
अपनी बहन चोदने की बात मेरे मन में इतनी गहरी बैठ गई थी कि मुझे भूख प्यास कुछ नहीं लग रही थी.
जब रात हुई तो मैंने अपने घर पर मम्मी को बताया कि चांदनी घर पर अकेली है. चाचा ने बोला था कि घर पर जाकर लेट जाना.
मेरी मम्मी ने कहा- हां मुझे मालूम है … तुम खाना खा लो और चले जाओ. उधर ही जाकर सो जाना.
मैंने कहा- मुझे भूख नहीं है और यदि लगेगी तो चाँदनी के घर पर खा लूँगा.
मम्मी ने कुछ नहीं कहा.
मैं एक बिना एक पल की देर किये बिना चाँदनी के घर पर पहुंच गया.
उसने छत पर बिस्तर लगा दिए थे.
मैं पहुंचा और सब गेट बंद करके ऊपर पहुंचा तो वह पास आकर बोली- एक ही बिस्तर पर लेटोगे या अलग लगा दूँ?
मैंने कहा- मुझको तुम्हारे घर में अकेले सोने में डर लगेगा. हम दोनों एक ही बिस्तर पर लेट जाएंगे.
वह भी मान गई.
मेरा लंड एकदम तन कर खड़ा हो गया.
मैं अपने लंड को चड्डी में दबा कर और करवट लेकर लेट गया.
मैंने उससे कहा कि रात में मेरी चिपक कर सोने की आदत है.
वह हंस कर बोली- दूर सोना.
रात के दस बजे और मेरा चुदाई का कीड़ा जोर से काटने लगा.
मैं धीरे से उससे चिपकने लगा.
वह कोई विरोध भी नहीं कर रही थी.
मुझे पता था कि वह अभी जाग रही है. फिर भी साली कोई विरोध नहीं कर रही है. उसका मतलब इसके मन में कुछ चल रहा है.
वह तेज़ तेज़ सांस भी ले रही थी.
मैं समझ गया कि लाइन खाली है, पेल दे बिना देर किए.
तभी मैंने सोचा कि एकदम से पेलूँगा तो ये रोएगी चिल्लाएगी.
यही सोच कर मैं धीरे से अपनी बहन के दूध दबाने लगा.
उसकी तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ.
मैंने 5 मिनट तक उसके दोनों दूध रगड़े. इसके बाद मैंने उसकी कुर्ती को उतार दिया.
उसने खुद सहयोग किया और अपनी कुर्ती को उतर जाने दिया.
कुर्ती उतरने के बाद मैंने देखा कि वह काले रंग की ब्रा पहनी थी.
मैंने उसकी ब्रा का हुक भी खोल दिया.
अब मैं अपना मुँह उसके मुँह पर ले गया और उसे चूमने लगा.
वह मेरे मुँह को हटाने लगी.
मैंने उसके मुँह को पकड़ कर उसके होंठों से अपने होंठ सटाए और उसे एक लम्बी हॉट किस की.
वह भी मेरी किस में मजा लेने लगी.
मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में ठेल दी.
वह मेरी जीभ को अपने मुँह में पकड़ कर चूसने लगी.
हम दोनों अब आमने सामने आ गए और बिंदास चूमाचाटी करने लगे.
मेरी जीभ अपनी बहन के मुँह का रस पीने लगी थी और वह भी मेरी जीभ को चूस कर लार पी रही थी.
बड़ा ही मादक अहसास होने लगा था.
उसी पल मेरा एक हाथ उसकी सलवार के ऊपर गया और उसकी चूत को सहलाने लगा.
चूत पर मेरे हाथ के अहसास से वह और कामुक हो गई और छटपटाने लगी.
वह मुझको अपने से दूर हटाने लगी.
मैं उसके दूध चूसते हुए निप्पल काटने लगा.
वह वापस मस्त होने लगी.
अब मेरी बहन बहुत ही मादक अंगड़ाई ले रही थी.
उसकी आंखों से साफ पता चल रहा था कि यह चुदने को रेडी है.
मैं उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और पैंटी में हाथ डाल दिया.
उसकी गीली चूत से मेरा हाथ गीला हो गया.
मैं उसकी पैन्टी उतारने लगा.
वह मना करने लगी कि नहीं, मैं सुबह बड़ी मम्मी से बता दूँगी.
मैं कहां कुछ मानने वाला था.
मैंने अपनी चचेरी बहन की पैंटी उतार दी और उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया.
मैं उसकी कमसिन बुर में जीभ करने लगा.
वह मस्त होने लगी और एकदम से मेरे सिर को पकड़ कर चूत पर दबाने लगी.
कुछ ही पलों बाद वह मेरे मुँह में झड़ गई.
मैंने अब उससे कहा कि मेरा लंड मुँह में लेकर चूस दो.
वह नहीं मानी.
मैं उसके पूरे शरीर में लंड घिसता रहा … पर उसने लंड नहीं चूसा.
रात के 11 बज गए थे.
मैंने उससे कहा- चल बात करते हैं.
वह हां में सर हिलाने लगी.
मैंने पूछा- कभी किसी से चुदवाई हो?
उसने कहा- नहीं.
मैंने कहा- तब तो मुझसे चुदवाने में तुझे बहुत दर्द होगा.
वह हंस कर बोली- अब चोदे बिना मानोगे तो है नहीं … तुम चोद लो, दर्द की परवाह क्या करना … कुछ भी हो जाए. आज बस पेल दो!
यह सुनते ही मैंने उसको चित लिटा दिया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगा कर जांघें फैला दीं.
मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और चूत पर लंड को सैट कर दिया.
वह लंड के गर्म सुपारे से मचलने लगी और अपनी गांड उठा कर लंड को खाने की कोशिश करने लगी.
मैंने कहा- जरा रुक जा रंडी … अभी अन्दर पेलूँगा तो तेरी गांड फटी जाएगी.
वह हंसने लगी.
मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसके मुँह को अपने होंठों से जकड़ कर एक झटका दे दिया.
वह एकदम से बौखला गई, दर्द से तड़फ उठी मुँह को छुड़ाने की कोशिश करने लगी.
मैंने उसे पूरी ताकत से दबोचा हुआ था.
उसकी आंखों से आंसू निकल आए.
कुछ पल बाद उसे आराम मिला तो वह कमर हिलाने लगी.
उसकी कसमसाहट का हो गई.
अब मैंने लंड को जरा सा बाहर निकाला और एक करारा झटका लगा दिया.
वह तड़फ उठी और इस बार उसके मुँह से मेरा मुँह हट गया उतनी देर में ही उसने मेरे होंठों को काट लिया.
मैं भी आह कर उठा.
एक मिनट बाद वह शांत हो गई तो मैं धीरे धीरे से झटके देने लगा.
अब वह मेरा साथ देने लगी.
मैं उसकी दोनों टांगों को अपनी टांगों से जकड़ कर खूब रगड़ता हुआ उसे चोद रहा था.
उसकी बुर में खूब जोर जोर से लंड पेल रहा था.
मैं बहन की सील पैक फुदी की चुदाई करते हुए सातवें आसमान में उड़ने लगा था.
अब मुझे मस्ती सूझने लगी और मैं उसकी चूत में लंड डाल कर बहुत तेज़ी से पेल देता और वह एकदम से आह कर देती.
वह भी मस्ती में थी और मेरे होंठ चूसती हुई काट रही थी.
मैं अपनी बहन की चूत को लगातार ताबड़तोड़ चोद रहा था.
करीब पंद्रह मिनट बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया और सारा वीर्य चूत में ही छोड़ दिया.
मैंने झड़ने के बाद भी उसको कसके जकड़ रखा था.
वह ऐसे ही लेटी रही.
थोड़ी देर बाद वह मुझे हटा कर कपड़े पहनने लगी.
मैंने पकड़ लिया और कहा- सुबह पहन लेना.
वह मेरे सीने से लिपट कर सोने लगी.
कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
इस बार मैंने खुली छत पर इधर उधर देखा और उसको कुतिया बना दिया.
मैंने जोर का झटका मारा तो वह मुँह के बल गिर पड़ी.
मैं उसी अवस्था में उसे चोदने लगा.
काफी देर तक चोदने के बाद मैं चित लेट गया और उसे अपने लौड़े पर झूला झुलाने लगा.
उसके दोनों दूध मेरे मुँह से चुस रहे थे.
मैं अपनी बहन की चूत में लंड पेले हुए था और उसके दोनों दूध बारी बारी से चूस रहा था, मसल रहा था.
अब रात के 12 बज गए थे.
वह झड़ गई थी.
मैंने उसे अपने लंड के नीचे लिया और धकापेल चोदने लगा.
मैं भी कुछ देर बाद अपनी बहन की चूत में झड़ गया.
अब हम दोनों काफी थक गए थे तो नंगे ही सो गए.
रात को तीन बजे मेरी नींद खुली तो मैंने अपनी बहन को फिर से गर्म किया और उसको मस्ती से चोदा.
वह मेरे लंड पर बैठ कर खूब उछल उछल कर चुदवा रही थी.
उस रात में मैंने अपनी बहन को चार बार चोदा.
सुबह सुबह पांचवीं बार चुदवा कर मेरी बहन ने अपने कपड़े पहने और बिस्तर से उठ रही थी, तो उसे खून दिखा.
खून देख कर वह बोली- यह कहां से आया?
मैंने कहा- तेरी चूत से आया.
उसने अपनी चूत को देखा तो उसकी चूत में सूजन आ गई थी.
उसकी बिना बाल की चूत दहीबड़ा जैसी फूल गई थी.
दूसरे दिन मैंने दानेदार कंडोम लगा कर अपनी बहन को चोदा.
दूसरे दिन हम दोनों ने रात को कमरे में लेटने से पहले अपने अपने कपड़े उतार लिए.
मैंने कंडोम लगा कर उसे चोदा.
वह दाने वाले कंडोम से खूब मस्त होकर चुदवा रही थी.
फिर उसने मुझको अपने नीचे लेटा कर लंड चूत में ले लिया.
आज वह मेरे लौड़े पर बैठ कर अपनी कमर को चक्की जैसे चला रही थी. लंड को चक्की का मूसल समझ कर अपनी चूत की खुजली मिटवा रही थी.
तीस मिनट तक हम दोनों नहीं झड़े थे.
फिर मैंने कंडोम हटाया और दस मिनट तक उसे और चोदा.
बाद में झड़ने के वक्त मैंने लंड चूत से निकाला और उसकी नाभि में वीर्य भर दिया.
वह गर्म माल का मजा ले रही थी.
हम दोनों के शरीर एकदम गर्म हो गए थे.
तीसरे दिन मैंने जबरन उसे लंड पिला दिया.
वह लौड़े को काटने लगी.
मैंने कहा- अगर लंड को काटा तो तेरी चूत में हाथ डाल दूंगा.
वह हंसने लगी.
अब वह मस्ती से लंड चूसने लगी थी.
मैंने दस मिनट तक उसका सर पकड़ कर मुँह चोदा.
मैं अपने टट्टों तक लंड उसके मुँह में पेल रहा था.
उसके आंसू निकलने लगे थे.
कुछ मिनट बाद मैं उसके बाद मुँह में झड़ गया और मैंने अपना वीर्य उसके मुँह में ही भर दिया.
लंड निकालते ही उसने सब बाहर उगल दिया और नाराज होने लगी.
उसके बाद मैंने रात भर उसकी चूत को चाटा और खूब चुदायी की.
वह अब चुदक्कड़ रंडी हो गई है.
चौथे दिन मैंने उसको टैबलेट खाकर चोदा.
उस दिन रात में दो बार लगातार चुदवाने के बाद वह मान ही नहीं रही थी.
तीसरी बार चोदने की कह रही थी.
मैंने भी कहा- अभी बताता हूँ रंडी.
उस दिन मैं दवा की दुकान से वायग्रा की गोली ले आया था.
मैंने गोली खाई और उससे लंड चुसवाने लगा.
जैसे ही लंड कड़क हुआ, मैं अपनी बहन की चूत पर पिल पड़ा.
दवा खा कर मैंने अपनी बहन को एक घंटा चोदा.
लंड झड़ गया था लेकिन बैठने का नाम नहीं ले रहा था.
देर तक लगातर चुदवाने के बाद वह मना करने लगी.
पर मैं कहां मानने वाला था.
उस रात को मैंने उसे रात भर सोने ही नहीं दिया.
सुबह उसके पेट में दर्द था, चूत भी दर्द दे रही थी.
मैंने उसे चार दिन जीभर कर चोदा.
वह एकदम रंडी की तरह खुल कर चुदवाने लगी थी.
उसके मुँह से गाली निकलने लगी थी.
बाद में मैंने उसकी गांड भी चोदी.
अब तो वह इतनी बड़ी चुदक्कड़ हो गई है कि एक साथ दो लंड लेने की कहने लगी है.
दोस्तो, मैं आगे आपको बताऊंगा कि मैंने तीन साल में उसको कब कब और कहां कहां चोदा.
हालांकि अब उसकी शादी हो गई है और वह दो बच्चों की मां भी बन गई है, पर मेरे लौड़े पर गजब झूला झूलती है.
आपको मेरी बहन की सील पैक फुदी की चुदाई की कहानी कैसी लगी, प्लीज बताएं.
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