ओल्ड मैन से चुदाई जवान लड़की इस सेक्स कहानी में. लड़की अपनी बहन की ससुराल गयी तो बहन के ससुर ने लड़की को गर्म किया. लड़की तो चुदने को तैयार बैठी थी.
फ्रेंड्स, मैं उन्नीस साल की नवयौवना छाया आपको अपनी चुदाई की कहानी के अगले भाग में पुनः स्वागत करती हूँ.
मेरा भाई मेरे जवान गर्म बदन से खेला
में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं दीदी की ससुराल में थी और उनके अपाहिज ससुर की सेवा कर रही थी.
वे मेरे साथ बाथरूम तक गए तो मेरी चूत और मम्मों को सहलाते हुए गए … जिससे मुझे एक दिन पहले अपने भाई के साथ हुई सेक्स घटना की याद आ गई.
अब आगे ओल्ड मैन से चुदी जवान लड़की सेक्स कहानी:
भाई के साथ हुई घटना की सोच कर मेरी चूत गर्म होने लगी, भाई के लंड को याद करके चूत से पानी टपकने लगा.
तभी दीदी के अंकल ने आवाज़ दी- बेटा, सो गई क्या? ज़रा मुझे बाथरूम तक ले जाना.
मैं बोली- जी नहीं, मैं जाग रही हूँ.
मैंने पुनः उठकर फिर से हाथ का सहारा देकर दीदी के अंकल को उठाया.
मैं हल्की सी नींद में थी.
इस बार दीदी के अंकल का हाथ फिर से मेरी चूत पर टकराया.
इस बार उनकी उंगली मेरी चूत के बीच में टच की.
बाथरूम थोड़ा दूर था.
इस बार तो उनका हाथ हटा ही नहीं, चूत से टकरा कर वहीं रुक गया.
मैं वैसे ही चलती रही.
बाथरूम से वापस आने में भी उनका हाथ मेरी चूत पर ही था, कभी मेरी जांघ पर आ जाता.
मुझे फिर से भाई का ध्यान आ गया, मैंने हल्की सी चूत आगे कर दी और ऊपर वाले हाथ को अपने चूचों में दबा दिया.
तभी उनकी एक उंगली मेरी चूत पर टिक गई.
जब तक बेड नहीं आ गया, वे मेरी चूत से खेलते रहे.
मैंने सोचा कि जानबूझ कर तो ऐसा नहीं कर सकते, वे तो बूढ़े हैं.
फिर वे मुझे बेटी भी बोल रहे हैं, शायद ये नॉर्मल हो.
जो भी रहा हो, लेकिन उनकी उंगली ने मेरी चूत को भाई की याद दिला दी.
कल पहली बार ही लंड ने मेरी चूत को टच किया था और आज मुझे यहां आना पड़ गया.
तब मैंने सोचा कि चैक करती हूँ कि अंकल जी ने उंगली जानबूझ कर रखी थी या वैसे ही.
मैं मौका ढूँढने लगी.
कुछ देर बाद मुन्ना रोने लगा.
मुझे मौका मिल गया.
मैंने लाइट जलायी और सूट ऊपर करके अंकल जी से बोली- प्लीज़, आप ब्रा के हुक खोल दो. मेरी ब्रा टाइट है, नहीं तो मुझे कमीज उतार कर सोना पड़ेगा.
मैं उनकी तरफ पीठ करके बेड पर बैठ गई.
उन्होंने हुक खोलने की कोशिश की.
उनसे एक हुक तो खुल गया लेकिन दूसरा नहीं खुल रहा था.
मुन्ना रो रहा था.
वे बोले- बेटी, तू अपना शर्ट ही निकाल दे. तेरी दीदी भी कई बार सिर्फ़ ब्रा में ही बैठती थी … मुझसे क्या शर्म!
मैंने भी सोचा कि यही सही मौका है.
मैंने खिड़की के पर्दे बंद करके कमीज उतार दिया.
मैंने रेड कलर की ट्रांसपेरेंट ब्रा पहनी हुई थी, जिसमें से मेरी गोरी-गोरी चूचियां चमक रही थीं.
फिर मैंने मुन्ना को जानबूझ कर अंकल के पास करके अपना एक बूब बाहर निकाला और मुन्ना को पिलाने लगी.
अब मैं भी अंकल के नज़दीक थी, मेरा पैर एक-दो बार उनके पैर को टच कर गया.
कुछ देर में मैं उठी और दूसरी चूची भी बाहर निकाल कर मुन्ना के मुँह में डाल दी और लेट गई.
लेटते वक़्त मैंने एक टांग अंकल के कंधे से टच कर दी.
मुझे डर भी लग रहा था कि कहीं वे बुरा न मान जाएं.
लेकिन मेरी चूत उन्हें चैक करना चाहती थी.
फिर उंगली से टच करके मेरी चूत को उन्होंने ही जगाया था.
एक-दो बार मैंने चूची ठीक करने के बहाने अपने पैर अंकल के पैर से टच भी किए, एक बार पैर से पैर भिड़ाया और हटाया नहीं.
कुछ देर बाद हल्का सा पीछे कर लिया.
मेरा दूसरा हाथ अभी भी अंकल के कंधे से टच कर रहा था.
तब अंकल बोले- बेटा, शायद मुन्ना को तुम्हारा दूध पसंद आ गया, एक बार में ही चुप हो गया.
यह कह कर उन्होंने अपना पैर मेरे पैर से भिड़ा दिया.
कुछ देर में मुझे पैर पर गर्मी फील होने लगी, जहां अंकल का पैर टच कर रहा था.
मैं बोली- शायद भूखा है, इसलिए चुप हो गया.
फिर वे बोले- बेटी अच्छा किया तुम आ गई, वरना मैं मुन्ना को संभाल नहीं पाता. आज तो कमरे में सफ़ाई भी नहीं हुई, ना रूम फ्रेशनर छिड़का. लेकिन तुम्हारे सेंट की खुशबू से सारा कमरा महक गया.
मैं बोली- नहीं, मैंने तो दिन में बस डियो लगाया है. आपको अभी भी खुशबू आ रही है?
वे बोले- हां.
मैं बोली- मुझे तो नहीं आ रही, आप मज़ाक कर रहे हैं.
वे बोले- अब कम महक महसूस हो रही हैं, लेकिन जब तुम बाथरूम ले जा रही थी, तब बड़ी तेज़ महक आ रही थी, उस वक्त तुम मेरे एकदम नज़दीक थी न!
मैंने कहा- आपको खुशबू पसंद आई?
तो वे बोले- बहुत!
मैंने कहा- तो मैं मुन्ना को सुला देती हूँ और आपकी तरफ आ जाती हूँ! उससे आपको तेज़ी से खुशबू आएगी.
वे बोले- हां, ठीक है.
मैंने मुन्ना को सरका दिया और नकी तरफ पीठ करके लेट गई.
अब मेरी नंगी पीठ उनकी तरफ थी.
मैंने कहा- अब तो आपको खुशबू आ रही होगी.
वे बोले- मैं थोड़ा और पास जाता हूँ, फिर अच्छे से आएगी.
वे मुझसे सटकर लेट गए.
मैं भी अपनी एक चूची निकाल कर, दूसरी चूची मुन्ना के मुँह में डालने के बहाने हल्का-सा हिली और थोड़ा पीछे सरक गई.
अब उनका हाथ मेरे चूतड़ों को छू रहा था.
मैंने सोचा कि आज अंकल का दम देखती हूँ.
कमरे में उजाला था.
तभी दीदी का फोन आ गया.
मैं बात करने लगी.
मुझे लगा जैसे अंकल मेरे हिप्स पर हाथ रख रहे हैं.
मेरी चूत हल्के-हल्के गर्म होने लगी.
दीदी अंकल और मुन्ना का ध्यान रखने को कह रही थीं.
मैंने कहा- दीदी, आप रिलैक्स रहो … घर पर मैं दोनों का ध्यान रख रही हूँ. दोनों को ही आपकी कमी महसूस नहीं होगी.
यह कह कर मैं हंसने लगी.
फिर दीदी ने फोन रख दिया.
मुन्ना भी अब सो चुका था, बस मेरी चूत ही नहीं सो रही थी.
अब मुझे बस लंड दिखाई दे रहा था, चाहे अंकल का ही क्यों न हो.
अब अंकल का हाथ मेरे हिप्स से खेल रहा था, मुझे अच्छा लग रहा था.
मैंने कहा- लाइट बंद कर दूँ या जलने दूँ?
वे बोले- जैसा तुमको ठीक लगे.
अब मुझे न तो आराम आ रहा था, न डर लग रहा था.
मैं लाइट बंद करने के बहाने उठी और ब्रा के अन्दर चूची ठीक कर ली.
फिर अंकल की तरफ होकर बोली- ब्रा उतार ही देती हूँ. रात को मुन्ना रोएगा तो फिर निकालनी पड़ेगी.
वे बोले- हां, सही है.
मैंने ब्रा उतार दी.
मेरे मोटे-मोटे तीखे चूचे चमकने लगे.
मैंने लाइट बंद की और अंकल के पास लेट गई.
मैं अपना मुँह उनकी तरफ करके लेट गई.
मैंने कहा- आपको कुछ भी चाहिए हो, आप बोल देना, जैसे आप दीदी को बोलते हैं.
वे बोले- ठीक है छाया.
उन्होंने मेरा हाथ अपने सिर पर रखा और बोले- खुश रहो, तुम कितनी अच्छी हो. भगवान तुमको ढेर सारी खुशियां दे, सेहत दे.
उनका हाथ मेरे सिर से सरकते हुए चेहरे और फिर मेरी गर्दन से नीचे लाने लगे.
मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और बोली- आप भी बहुत अच्छे हैं. दीदी आपकी बहुत तारीफ करती हैं. मैं भी दीदी की तरह आपकी सेवा करूँगी और सासु जी की कमी नहीं होने दूँगी.
यह कहते हुए मैंने उनके सीने पर अपना सिर रख दिया.
अंकल ने अपना दूसरा हाथ मेरी कमर पर रखकर बोला- खुश रहो मेरी बच्ची. आओ, मेरे गले से लग जाओ. आज तुमने अपनी दीदी की सास की याद दिला दी.
मैं हल्का-सा उनके ऊपर आकर बोली- आप चिंता न करें. जब तक सासु जी घर नहीं आ जातीं, मैं उनकी कमी पूरी करूँगी.
अंकल बोले- जब वह जवान थी, तो बिल्कुल तुम्हारी तरह थी. बेहद सुंदर, जो देखे … देखता ही रहे. मैं तो जब भी देखता था, पकड़ लेता था और बिना मन भरे उसे छोड़ता ही नहीं था, बेड से उठने ही नहीं देता था.
मैं हल्के से हंसती हुई बोली- फिर तो आप मुझे भी नहीं छोड़ोगे. बेड पर से उठने नहीं दोगे.
वे बोले- नहीं नहीं, मैं तो तुम्हारी दीदी की सास की बात कर रहा था!
मैंने कहा- अभी आपने कहा कि मैं उनकी जैसी हूँ, तो आपने मुझे दीदी की सास समझ लिया तो!
वे हंसने लगे.
वे बोले- तुम लगती तो बिल्कुल वैसी ही हो देखने में. बल्कि तुम उससे भी ज़्यादा सुंदर हो. मुझे तुमको देखकर उसकी याद आ रही है.
वे उदास हो गए.
तो मैंने कहा- आप उदास मत हो. आपको अगर खुशी मिलती है, तो मुझे आप दीदी की सास ही समझो. आपको खुशी मिलेगी, तो मैं भी अच्छा फील करूँगी.
वे मेरे कंधे पर हाथ फेरने लगे.
मैंने पूछा- सासु जी का नाम क्या था?
वे बोले- स्वाति.
तो मैंने कहा- अब मैं आपकी स्वाति हूँ. अब आप मुझे स्वाति बुलाना.
वे बोले- बेटी खुश रहो.
मैंने नाराज़गी का नाटक करके कहा- बेटी नहीं, बस स्वाति. अब मैं आपकी स्वाति हूँ. बस आप मुझे बीच-बीच में जाने देना, घर के काम भी करने हैं.
मैं हंसने लगी.
वे बोले- ठीक है.
मैंने कहा- आप चैक कर लो, सब सासु जी जैसा ही है या कुछ कम या ज़्यादा है.
यह कह कर मैंने उनका हाथ अपनी कमर पर रख दिया.
वे बोले- ओह मेरी प्यारी स्वाति!
अब वे मेरी कमर सहलाने लगे.
फिर धीरे से वे मेरे एक निप्पल को चूसने लगे.
मेरी चूत में चींटियां रेंगने लगीं.
दीदी के अंकल ने धीरे-धीरे करके मेरा पूरा बदन सहलाया.
फिर वे मुझसे बोले- मेरे ऊपर आ जाओ.
मैं गर्मा गई थी तो झट से उनके ऊपर आ गई.
उनका लंड मेरी चूत के नीचे था.
उनका लंड भाई के लंड जैसा ही मोटा और टाइट था.
वे मेरे चूतड़ों को मसलने और दबाने लगे.
मुझे मज़ा आ रहा था.
वे बोले- तुम तो सबसे ज़्यादा सुंदर हो. तुम्हारी दीदी और उसकी सास से भी. तुम्हारी दीदी को मेरा लंड बहुत पसंद है, वह दिन में दो बार ज़रूर चूसती है.
मैंने कहा- अच्छा, फिर तो मैं भी देखती हूँ.
यह कह कर मैंने दीदी के अंकल का लंड अपने मुँह में भर लिया और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी.
वे आह आह करते हुए मेरे चूचे दबाने लगे.
फिर वे बोले- मैं उठ नहीं सकता.
मैं उनके ऊपर आकर उनका लंड खड़ा करके अपनी चूत को उनके लंड पर रख कर उस पर बैठ गई.
उनका लंड मेरे अन्दर सरकता जा रहा था.
मोटे लंड से मेरी चीख निकल गई. मुझे दर्द भी हो रहा था और मज़ा भी आ रहा था.
मैंने अंकल का पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया और झटके मारने लगी.
कुछ देर में वे झड़ गए और मैं भी स्खलित हो गई.
इस तरह ओल्ड मैन से चुदी जवान लड़की. मैंने पहली बार लंड का स्वाद लिया था.
उस दिन के बाद दिन में दो-तीन बार मैं लंड की सवारी करने लगी.
इसके आगे की कहानी मैं आपको अगली सेक्स कहानी में बताऊंगी.
यह ओल्ड मैन से चुदी जवान लड़की सेक्स कहानी आपको कैसे लगी?
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