न्यूड सिस्टर सेक्स कहानी में मैं दीदी के घर गया तो जीजू के साथ दारू पी. उसके बाद मैंने जीजू और दीदी की चुदाई देखी. जीजू दीदी को संतुष्ट नहीं कर पाए.
प्रिय दोस्तो, मेरा नाम सत्य प्रकाश है.
मेरे घर में मेरे मम्मी पापा, मैं और मेरी दो बहनें हैं.
मेरी उम्र 22 साल है.
आज मैं जो न्यूड सिस्टर सेक्स कहानी आपको बताने जा रहा हूँ वह मेरी पहली चुदाई की कहानी है.
यह घटना मेरे निजी जीवन की वास्तविक कहानी है.
मेरी बड़ी बहन का नाम ज्योति है. उनकी शादी 3 साल पहले हो गयी थी.
वह मुझसे 5 साल की बड़ी है.
उनकी उम्र 27 साल की है.
मेरी दीदी का रंग हल्का सांवला है लेकिन उनका फिगर बहुत ही कातिलाना है.
मेरी दीदी का फिगर 34-32-38 का है.
उनको कोई भी देखे तो उनका दीवाना हो जाएगा.
उनका गठीला शरीर देख कर हर कोई उनको चोदना चाहता है.
मैं बी.कॉम का स्टूडेंट हूँ.
मैं शादी के बाद से अभी तक दीदी के घर पर नहीं गया था.
लास्ट ईयर का एग्जाम देने के बाद मेरी मम्मी ने एक दिन बोला कि तेरी दीदी से कल बात हुई थी. वह पूछ रही थी कि सत्या कैसा है. इतना समय बीत गया है और वह कभी मेरे घर नहीं आया है.
मैंने कहा- हां माँ, मैं अपनी पढ़ाई के कारण बाहर रहा और दीदी के घर जा ही नहीं पाया.
माँ ने कहा- तो ऐसा करो कि तुम्हारी छुट्टी भी चल रही हैं, अभी तुम उसके यहां हो आओ.
मैंने कहा- ठीक है मम्मी.
मेरे जीजा मल्टी नेशनल कंपनी में काम करते हैं और वे दीदी के साथ बंगलौर में रहते हैं.
मैं बैंगलोर के लिए निकला.
वहां जीजा ने मुझे स्टेशन से ले लिया.
जब मैं दीदी से मिला तो उन्होंने मुझे अपने गले से लगा लिया.
दीदी के गले से लगते ही मुझे उनके मोटे मोटे चूचों का अहसास हुआ.
जैसा कि मैंने आपको पहले ही बताया है कि मेरी दीदी का फिगर काफ़ी ज्यादा मादक है.
शादी के बाद तो वे और भी जोरदार लगने लगी थीं.
अभी तक हमारा इरादा एक दूसरे की लिए गलत नहीं था.
मैं उनसे अलग हुआ और हमने एक दूसरे हाल चाल लिया.
उसके बाद मैं फ्रेश होने चला गया.
मैं फ्रेश होकर बाहर आया और दीदी ने सबके लिए नाश्ता तैयार किया.
मैंने नाश्ता किया और चूंकि लंबे सफर से आने के कारण मैं काफ़ी ज्यादा थका हुआ था, तो मैं सोने चला गया.
मैं शाम को उठा तो हाल में बैठ कर टीवी देखने लगा.
दीदी चाय लाईं तो हम दोनों ने चाय पी.
तभी जीजा जी का कॉल आया.
उन्होंने मुझसे पूछा- दारू पार्टी करोगे?
मैंने तुरंत हां में जबाब दे दिया.
रात में 9 बजे हम लोगों ने दारू पीना स्टार्ट किया.
डेढ़ घंटे तक हमने दारू पी तो हम दोनों बहुत न/शे में हो गए.
फ़िर हमने डिनर किया और मैं अपने कमरे में आ गया.
दीदी जीजा जी अपने कमरे में चले गए.
मैं मेरे कमरे में सोया हुआ था, तभी दीदी के कमरे से जोर जोर की आवाज आने लगी.
मैंने दीदी के कमरे के दरवाजे के की होल से देखा तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
मैंने आज पहली बार मैंने दीदी को बिना कपड़ों के देखा था.
दारू के न/शे में आज पहली बार मैं वासना में डूब गया था.
जीजा जी दीदी की टांगें फैला कर उनकी चूत को चाट रहे थे.
दीदी आह आह की जोर जोर से आवाज निकालती हुई कराह रही थीं.
जीजा दस मिनट तक चूत को चाटते रहे और उसके बाद खुद बेड पर लेट गए.
अब दीदी उनका लंड चूस रही थीं.
मैंने दीदी की बड़ी सी गांड को देखा तो मैं एकदम से बावला हो गया और अपने लंड को हाथ में लेकर मुठ मारने लगा.
उधर दीदी जीजा के लंड पर बैठ कर गांड उठा उठा कर चुदवा रही थीं.
दस मिनट में जीजा जी का लंड झड़ गया और वह वैसे ही सोने के लिए पलट गए.
दीदी बोलीं- उठो … मेरी चूत चोदो न … मेरा अभी नहीं हुआ है!
लेकिन जीजा जी ने उन्हें मना कर दिया.
दीदी को बहुत गुस्सा आया लेकिन उन्होंने खुद को किसी तरह से शांत किया और वे भी गांड औंधी करके सोने लगीं.
अब तक मैंने भी अपने लौड़े को हिला कर माल गिरा दिया था.
मैं भी सोने चला गया.
सुबह उठा तो जीजा जी ड्यूटी पर चले गए थे.
मैं फ्रेश हुआ, तो दीदी चाय ले आईं.
हम दोनों हॉल में बैठे थे.
दीदी मैक्सी पहनी हुई थीं.
मेरी नजर उनकी चूचियों पर ही थी और मुझे उनकी रात वाली नंगी छवि ही याद आ रही थी.
दीदी भी तिरछी नजर से सब देख रही थीं.
चाय के बाद दीदी ने कहा- मैं नहाने जा रही हूँ.
मैंने कहा- ठीक है.
वह अपनी मोटी सी गांड को हिलाती हुई चल दीं.
वे बाथरूम में गईं और शायद बिना दरवाजे की कुंडी लगाए नहाने लगीं.
मुझसे रहा न गया तो मैं भी बाथरूम के पास पहुंच गया उसके दरवाजे के पास एक कुर्सी रख कर ऊपर चढ़ गया.
बाथरूम के गेट में ऊपर खिड़की लगी थी.
मैं वहीं से देखने लगा.
दीदी पूरी नंगी होकर नहा रही थीं.
मैंने लंड को निकाला और हिलाने लगा.
मेरे मुठ मारने से इतनी तेज आवाज़ आ रही थी कि शायद दीदी को सुनाई पड़ रहा था.
इसलिए दीदी ने एक नजर ऊपर को की, तो उन्हें मैं दिखाई दे गया.
जैसे ही उन्होंने मेरी तरफ देखा, मैं थोड़ा सा सकपका गया और हट गया.
मगर दीदी की नंगी जवानी देखने से लंड एकदम लोहा हो गया था तो मैं फ़िर से देखने लगा और मुठ मारने लगा.
कुछ देर बाद मैंने अपना माल वहीं गिरा दिया और कुर्सी को वहां से हटा कर उसकी पुरानी वाली जगह पर रख दिया.
अब मैं वापस हॉल में आ गया और टीवी देखने लगा.
अब दीदी का नजरिया मेरे लिए बदल गया था, यह मुझे मालूम नहीं चल सका था.
कुछ देर बाद दीदी नहा कर हॉल में आईं, तो वे एक वाइट रंग की मैक्सी पहनी हुई थीं.
उनकी यह मैक्सी एकदम पतली थी, जिसके अन्दर का सब दिखाई दे रहा था.
दीदी ने अन्दर ना तो पैंटी पहनी हुई थी … और ना ही ब्रा पहनी थी. उनकी यह मैक्सी सामने से खुलने वाली थी, जिस वजह से उनकी नंगी टांगें भी दिख रही थीं और कभी कभी एक दूध भी दिखने लगता था.
मैं समझ गया कि अब मुझे दीदी की चूत जल्दी मिलने वाली है.
दीदी ने खाना के लिए पूछा.
मैंने उनसे खाना हॉल में ही लाने को बोला.
दीदी खाना ले आईं और हम दोनों ने खाना शुरू किया.
खाना खाते हुए दीदी मुझे अपनी चूत दिखा रही थीं.
मैं बार बार उनकी लपलपाती हुई चिकनी चूत को ही देख रहा था.
उस वजह से मेरा लंड हाफ लोवर में तम्बू बनाए हुए खड़ा हो गया था.
कुछ ही देर में मेरा लौड़ा इतना टाइट हो गया था कि वह लोवर में झटके मारने लगा था.
दीदी मेरे लौड़े को देख कर पागल होने लगीं.
उनसे भी रहा नहीं गया तो वे बोलीं- क्या हुआ सत्या?
मैं- कुछ नहीं दीदी!
दीदी- तुम्हारे लोवर में तुम्हारा छुटका झटके क्यों मार रहा है?
यह सुनकर मुझे शर्म आ गयी.
मैंने सोचा कि जब दीदी गर्म हो रही हैं, तो उन्हें सैट करने का यही सही मौका है.
मैंने भी थोड़ा साहस करके बोल दिया- वह क्या है दीदी कि मेरा छुटका आपकी चूत को देख रहा है, इसलिए ऐसा हो गया.
इतना सुनते ही दीदी हंस कर उठीं और अपनी गांड हिलाती हुई वहां से चली गईं.
मैं भी अपने कमरे में आकर सो गया.
शाम को मैं उठा, तो मेरे दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि दीदी को कैसे चोदा जाए.
फ़िर दीदी चाय ले आईं तो हम दोनों ने चाय पी.
मैंने दीदी से पूछा- दीदी, आप ने भी कभी ड्रिंक ली है जीजा जी के साथ?
उन्होंने कहा- हां कभी कभी जब तेरे जीजा जी बहुत जिद्द करते हैं, तो ले लेती हूँ.
मैंने जीजा जी को कॉल किया और उनसे कहा कि आज दारू की फुल बोतल ले आना.
उन्होंने कहा- ठीक है.
रात को जीजा जी दारू ले आये.
मैंने जीजा जी के साथ पैग बना कर पीना चालू किया.
मैंने उनसे पूछा- दीदी नहीं लेती हैं क्या?
वे बोले- वह कभी कभी ले लेती है.
मैंने कहा- फ़िर आज बोलो न साथ में लें … सब पिएंगे.
यह सुनकर जीजा जी ने दीदी को दारू पीने के लिए बुलाया.
उस दिन शायद दीदी को मेरे साथ चुदने के लिए कुछ जोश चाहिए था तो वे तुरंत आ गईं.
दीदी ग्लास लाईं तो मैंने उनका भी पैग बना दिया.
दीदी ने जल्दी जल्दी दो पैग खींचे और और चली गईं.
कुछ ही देर में जीजा का ओवर हो गया.
वे बोले- बस अब और नहीं.
जबकि आज मैं दारू की चुस्कियां ले रहा था.
मैंने शराब ज्यादा नहीं पी, पर ज्यादा देर तक पी.
अब जीजा जी कमरे में गए और दीदी की पुल्ल पुल्ल वाली चुदाई करके सो गए.
दीदी सेक्स की आग में जल कर वापस मेरे पास आईं.
मैं दारू पी रहा था और साथ में सिगरेट भी पी रहा था.
दीदी बोलीं- अभी खाना नहीं खाओगे क्या?
मैंने कहा- नहीं दीदी, मुझे अभी भूख नहीं अभी तो मैं और पियूँगा.
दीदी मेरे हाथ से सिगरेट लेकर बोलीं- अच्छा एक पैग मेरा भी बना.
वे धुआं छोड़ रही थीं तो मैंने उनका एक तगड़ा पैग बना कर उन्हें पकड़ा दिया.
उनकी ट्रांसपेरेंट मैक्सी के अन्दर की सामान को देख मेरे अन्दर का दानव जाग गया.
दीदी भी मदहोश थीं.
मैंने पूछा- दीदी, आप बाहर क्यों आ गईं?
वे बोलीं- तेरे जीजा जी सो गए और मुझे नींद नहीं आ रही थी.
मैंने कहा- दीदी आप प्लीज मेरा सर दबा दो … थोड़ा दर्द कर रहा है!
वे बोलीं- ठीक है.
मैं उनकी गोदी सर रख कर लेट गया.
वे सर दबाने लगीं.
मैं अपने मुँह से उनके चूचों में हरकत करने लगा.
दीदी तो पहले से गर्म थीं, अब मैं उन्हें और गर्म करने लगा.
वे भी जानबूझ कर अपनी चूचियां मेरे मुँह पर रगड़ने लगीं.
इससे मेरी हिम्मत और बढ़ गई.
मैं उनकी एक चूची को टच करने लगा.
वे कुछ नहीं बोलीं.
फ़िर मैं उठ कर सोफे पर बैठा और मैंने अपना हाफ लोवर व टी-शर्ट निकाल दिया.
दीदी बोलीं- क्या हुआ?
मैंने उनकी तरफ वासना से देखते हुए कहा- आज गर्मी बहुत है!
दीदी मेरे लंड का तम्बू बना देख कर बोलीं- तुम्हारा ये छुटका आज फ़िर टाइट हो गया!
मैं बोला- हां दीदी, ये हमेशा टाइट रहता है.
दीदी ने लौड़े की तरफ देखते हुए कहा- हम्म … चल अब तू जरा मेरा सर दबा दे!
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने एक बार में दारू का ग्लास खाली किया और उनसे कहा- आप मेरे आगे आ जाओ और सोफे के नीचे बैठ जाओ.
दीदी आ गईं.
मैं उनका सर दबा रहा था.
मुझे अचानक से जोश आ गया, मैं अपना एक हाथ उनकी चूचियों पर फेरने लगा.
दीदी कुछ नहीं बोलीं.
मैंने सोच लिया कि यही सही मौका है.
मैं दोनों हाथ आगे करके उनकी दोनों चूचियों को दबाने लगा.
दीदी ने भी धीरे से अपना हाथ पीछे किया और वे मेरे लौड़े को दबाने लगीं.
तभी दीदी बोलीं- सत्या, तेरा लंड इतना बड़ा कैसे हो गया है?
मैंने उन्हें लंड बोलते सुना तो कह दिया कि दीदी यह आपको देख कर हो गया!
वे मेरी तरफ मुँह करके लंड को सूंघने लगीं.
मैंने देर ना करते हुए अपना लंड चड्डी से आजाद कर दिया और लंड को उनके मुँह में पेल दिया.
वे भी गपक कर लंड चूसने लगीं.
मुझे अपनी बड़ी बहन से अपना लंड चुसवाने में मजा आने लगा.
करीब दस मिनट तक लंड चूसने के बाद मेरे लौड़े ने पानी छोड़ दिया.
वे मेरे लौड़े के रस को गटक गईं और उसे चूसने लगीं.
मैंने सिगरेट सुलगा ली और हम दोनों सिगरेट का मजा लेते हुए चुसाई का मजा लेने लगे.
जल्दी ही मेरे लौड़े ने वापस अंगड़ाई लेना शुरू कर दी.
रेडी लंड देख कर दीदी उठीं और उन्होंने अपनी मैक्सी उतार दी.
मैंने उनसे कहा- मस्त दूध हैं आपके.
न्यूड सिस्टर सेक्स के लिए उतावली थी, वे दूध हिला कर बोलीं- चूस ले!
मैंने कहा- हां आज आपके मम्मों से दारू पिऊंगा. आप मेरे लिए एक बड़ा पैग बनाओ.
दीदी ने मुझे नशीले अंदाज से देखते हुए पैग बनाया.
ज़ब वे दारू में पानी डालने लगीं तो मैंने उन्हें रोक दिया.
वे बोलीं- क्या हुआ?
मैंने बोला- इसमें पानी नहीं, आपका पानी डालना है.
वे बोलीं- मैं समझी नहीं?
मैंने कहा- आप इसमें मूतो!
तो दीदी मुस्कुरा दीं और वे गिलास को अपनी चूत से लगा कर मेरे पैग में मूतने लगीं.
मैंने उस पैग को एक सांस में पी लिया.
वे बोलीं- अब तुम मूत कर मेरे लिए पैग बनाओ.
मैंने गिलास में आधी दारू और आधा मूत भरकर उन्हें दे दिया.
दीदी ने भी एक ही सांस में पैग खाली कर दिया.
उसके बाद मैं बोतल से दारू उनके मम्मों पर टपका कर निप्पल चूसने लगा.
इससे दीदी को बहुत उत्तेजना हो रही थी.
वे कहने लगीं- सत्या अब चूत भी चाट ले.
अब मैंने उन्हें लेटाया और उनकी चूत पर दारू टपका कर चूत चाटने लगा.
वे उह आह उह आह की आवाज निकालने लगीं.
दस मिनट तक चूत चाटने के बाद मैंने उनकी चूत पर अपना लंड रखा और एक जोरदार धक्का दे मारा.
मेरा आधा लंड दीदी की चूत में घुसता चला गया.
दीदी चीख पड़ीं.
मैंने कहा- अभी तो सही से लंड भी नहीं घुसा … और आप अभी से चिल्ला रही हो?
दीदी बोलीं- अबे यार सत्या … तेरे जीजा जी का लंड बहुत छोटा सा है. साला चूत में अन्दर सही से जाता भी नहीं है और झड़ जाता है. मेरी चूत बहुत प्यासी है.
मैंने कहा- कोई बात नहीं दीदी … आज आपकी प्यास पूरी बुझ जाएगी!
मैंने फिर से एक और जोर का धक्का मारा.
इस बार मेरा पूरा लंड दीदी की चूत में घुस गया.
दीदी दर्द से तड़फने लगीं.
मैंने उनकी दर्द भरी आवाज को नजरअंदाज किया और उन्हें जोर जोर से पेलने लगा.
वे कुछ कुछ मजे में आ गईं और बोलीं- अब रुकना मत भाई. अपनी बहन चोद दे आज आह.
मैं उन्हें धकापेल पेलता रहा.
कुछ देर के बाद उन्हें भी अच्छा लगने लगा.
दीदी अपनी टांगें उठा उठा कर लंड लेने लगीं.
मैंने उन्हें 45 मिनट तक चोदा.
मेरा पानी निकलने वाला था.
मैंने अपने लौड़े का पानी दीदी के मुँह में निकाला.
दीदी सारा माल चट कर गईं.
फ़िर दीदी के मुँह पर एक मुस्कान आ गयी.
वे बोलीं- ऐसी चुदाई आज के पहले तेरे जीजा जी कभी नहीं की थी.
हम दोनों कुछ देर आराम करने के बाद एक बार और चुदाई की तैयारी करने लगे.
मैंने दीदी से गांड चुदाई के लिए कहा.
तो वे बोलीं- कल दिन में कर लेना, अभी मैं आवाज करूंगी तो तेरा जीजा उठ जाएगा.
मैंने ओके कह दिया और उनकी चूत में लंड फंसा कर उन्हें चोदने लगा.
उसके बाद हम दोनों सो गए.
दोस्तो, मेरी न्यूड सिस्टर सेक्स कहानी आपको कैसी लगी, आप लोग मुझे मेल करके जरूर बताएं.
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