नई चूत चुदाई का मजा लिया मैंने अपनी मौसी की कमसिन कोरी चूत की पहली चुदाई करके. मैं मौसी के घ्य्र रह कर पढ़ा रहा था. उनकी बेटी कम कपड़ों में मेरे सामने आकर मुझे गर्म करती थी.
दोस्तो, मैं आपका दोस्त राज उत्तर प्रदेश से हूँ.
आज मैं आपको अपनी एक सच्ची सेक्स कहानी सुनाने जा रहा हूँ.
यह नई चूत चुदाई कहानी मेरी और मेरी मौसी की बेटी हीना की है.
हीना अभी नई-नई जवान हुई है.
वह 19 साल की बहट सुंदर, तीखे नैन-नक्श वाली, गर्म सेक्सी लड़की है.
वह दूध-सी सफेद गोरी लौंडिया है.
उसकी 32 की चूचियां, कमर 28 की और गांड 34 इंच की है. सच में वह एक मस्त हुस्न की मालकिन है.
मेरी मौसी बरेली में रहती है.
मैं पिछले दो साल से अपनी मौसी के यहां ही रह रहा हूँ.
मैं अभी ग्रेजुएशन कर रहा हूँ.
मुझे हीना बहुत पसंद है क्योंकि वह बेहद खूबसूरत व हॉट माल है.
हीना मुझसे बिल्कुल खुलकर बातें करती है.
एक दिन वह मेरे कमरे में शॉर्ट्स पहन कर आई.
मेरी आंखें खुली की खुली रह गईं.
वह भी मेरी नजरों को ताड़ रही थी और शायद वह मुझे जला रही थी.
लड़कियों को अपनी जवानी दिखाने की कुछ ज्यादा ही चुल्ल होती है.
मैंने जब उसे घूर कर देखा तो वह हंस कर बोली- क्या हुआ भैया?
मैंने अचकचा गया और मैंने हकलाते हुए कहा- न न कुछ नहीं … वह तुम … हां तुम बताओ किसी काम से आई थी?
वह अपना काम बताने लगी और मैं उसकी संगमरमरी जांघों को देखने लगा.
सच में वह बेहद सेक्सी लग रही थी और मैं उसे कबसे चोदना चाहता था.
मेरा लंड कड़क होने लगा था.
बड़ी मुश्किल से मैंने अपने लौड़े को शांत किया.
वह अब मेरी बेकरारी बढ़ाने के लिए जब तब सेक्सी और छोटे छोटे कपड़े पहन कर मेरे सामने आने लगी थी.
फिर एक दिन मैंने हिम्मत करके उसे प्रपोज कर दिया- हीना, आई लव यू!
वह यह सुनकर भाग गई.
मैं भी सकपका गया कि यार यह क्या हुआ, कहीं मामला गड़बड़ न हो जाए.
उसके दो दिन तक वह मेरे कमरे में नहीं आई.
हालांकि मौसी ने कुछ नहीं कहा था तो मैं समझ गया कि मामला सब ठीक है.
तब भी मैं बहुत उदास हो गया था.
तीसरे दिन वह मेरे पास आई और उसने मुझसे कहा- भाई, मुझे कुछ शॉपिंग करनी है, आप मेरे साथ मार्केट चलो!
मैंने उसकी तरफ देखा तो उसने कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं दी.
मैंने ओके कह दिया और हम दोनों मार्केट के लिए निकल गए.
मैंने कहा- हीना, चलो कुछ देर पार्क में घूमते हुए बाजार चलते हैं!
उसने हां कर दिया.
हम दोनों कंपनी गार्डन में चले गए.
वहां आखिरी छोर पर लगे एक पेड़ के पास जाकर हम दोनों खड़े हो गए.
वहां एक कपल रोमांस कर रहा था.
लड़का लड़की की चूचियां दबा रहा था और उसे चूम रहा था.
हीना उन दोनों को गौर से देख रही थी.
अचानक हमारी नजरें मिलीं और हीना शर्मा गई.
मैंने उसी पल उसके माथे पर चूम लिया और उसकी कमर पकड़ कर उसे खुद से चिपका लिया.
उसने कुछ भी प्रतिवाद नहीं किया तो मैं समझ गया कि यह भी राजी है.
मैं बोला- हीना … मेरी जान, मैं तुम्हें इससे भी ज्यादा प्यार करूँगा, बस मौका दो!
हीना ने कोई जवाब नहीं दिया.
मैंने उसके गाल पर चूम लिया तो वह मुझसे अलग हो गई और कहने लगी- मार्केट चलो न भैया!
मैंने ओके कहा और उसे लेकर चला गया.
हम दोनों शॉपिंग करके घर आ गए.
हीना ने अपना शॉपिंग बैग मेरे कमरे में रख दिया और लेट गई.
वह बोली- भाई, मैं बिल्कुल थक गई हूँ,
मैंने अचानक पूछ लिया- हीना, तेरा कोई बॉयफ्रेंड है क्या?
उसने कहा- नहीं भाई, ऐसी कोई बात नहीं है!
मैंने कहा- तो मुझे अपना बीएफ बना ले यार, तुझे खुश रखूँगा!
उसने कुछ नहीं कहा और वह मेरे कमरे से गई भी नहीं.
मैं उसके साथ ही लेट गया और उसे गाल पर चूमने लगा.
वह एक मिनट तक मेरे साथ रही और उसके बाद उठ कर जाने लगी.
मैंने उसका हाथ पकड़ कर कहा- मैं तुम्हारा जबाव सुनना चाहता हूँ!
वह कुछ नहीं बोली और बस मेरी तरफ देखने लगी.
फिर अचानक से बोली- मेरे साथ आप लखनऊ चलोगे?
मैंने कुछ समझते हुए हां कह दिया.
मैं सोच रहा था कि शायद यह लखनऊ में जाकर मुझसे कुछ खुलेगी.
दरअसल हीना ने पिछले साल 12वीं की परीक्षा दी थी.
अब वह कॉम्पिटिशन की तैयारी कर रही थी.
उसकी किसी एक परीक्षा का सेंटर लखनऊ में था.
मैं उसे लेकर लखनऊ गया.
एक दिन पहले हमने वहां होटल में कमरा ले लिया.
कमरे के अन्दर जाकर मैंने सामान रखा.
फिर मैं फ्रेश होने बाथरूम में चला गया और हीना बिस्तर पर लेट गई.
मैं जब बाथरूम से बाहर आया तो मैंने उसकी तरफ देखा, वह मुझे काम भाव से देखने लगी.
अचानक से वह उठी, कमरे का दरवाजा बंद किया और आकर मेरे गले से लग गई.
मैंने भी उसे जोर से पकड़ लिया. मैंने उसके बदन की गर्मी को महसूस किया तो मेरे अन्दर उत्तेजना बढ़ने लगी और मैंने उसकी आंखों में झांका तो वह अपनी आंखें बंद किए हुई थी और उसकी आंखों से आंसू आ रहे थे.
उसके चेहरे पर एक कसक का भाव था, जिसके चलते मुझसे रहा न गया और मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को जमा दिया.
मेरे होंठ उसके होंठों को खाने लगे और उसके होंठों ने भी मेरे होंठों के साथ अपनी समर्पण की भावना दिखाना शुरू कर दी.
कुछ ही देर में हम दोनों बेताबी से एक दूसरे को किस करने लगे.
मैंने अपनी जीभ उसके मुँह में डाल दी तो वह गनगना उठी और उसने मेरी जीभ को चूसना शुरू कर दिया.
इसी बीच मेरा एक हाथ उसके दूध पर जम गया और मैं उसके दूध मसलने लगा.
हमारे बीच उत्तेजना बढ़ती गई और एक अवसर ऐसा आया कि हम दोनों कब नंगे हो गए इसका अहसास ही नहीं हुआ.
हमारे सारे कपड़े उतर गए थे, सिर्फ हम दोनों के चुत लंड पर चड्डी भर रह गई थीं.
हीना वासना से बुरी तरह मदमस्त हो चुकी थी और उसकी कामुक आवाजें मुझे भी गर्म कर रही थीं.
हीना की 32 इंच की दोनों चूचियां मेरे दोनों हाथों में आ गई थीं और मैं उन्हें प्यार से सहलाते हुए मसल रहा था.
उसके निप्पलों को अपनी उंगलियों में दबा कर मींज रहा था.
वह बोली- चूसोगे नहीं!
उसके कहने भर की देर थी कि मेरे होंठों ने उसके एक निप्पल को अपने बीच दबाया और मैं उसकी एक चूची को अपने मुँह में लेकर खींचते हुए चूसने लगा था.
मैंने कुछ ही देर में उसकी दोनों चूचियों को खूब चाट चाट कर चूस चूस कर और मसल मसल कर लाल कर दिया था.
वह मीठे दर्द से आंहें भरती रही.
फिर हीना ने मेरा लंड पकड़ कर चड्डी से बाहर निकाला और उसे पकड़ कर मुठियाने लगी.
मैंने कहा- इसे प्यार करो!
वह अपने घुटनों के बल बैठ गई और लंड को चूसने लगी.
मैं भी अपनी मौसेरी बहन से लंड चुसवाने के मजे ले रहा था.
वह मेरे टट्टों को सहलाती हुई पूरे लंड को अन्दर तक ले रही थी और चूस कर उसके ऊपर अपनी जीभ फेर कर उसे लिसलिसा कर रही थी.
जब मुझसे नहीं रहा गया तो मैंने हीना को पकड़ कर खड़ी किया और उसे बेड पर धकेल दिया.
वह अपने दोनों पैर फैला कर अपनी चुत को सहलाती हुई मेरे लंड को प्यार से देख रही थी और मेरा लंड उसकी सीलबंद बुर को भोसड़ा बनाने के लिए गुर्रा रहा था.
उसने अपनी एक उंगली से मुझे अपने करीब आने का इशारा किया तो मैंने उसके ऊपर चढ़ कर अपने लौड़े को उसकी नई चूत पर सैट कर दिया.
वह लंड की गर्मी पाकर अपनी कमर उछालने लगी तो मैंने एक जोर के धक्के से लंड को अन्दर पेल दिया.
हीना इस दर्द से चीख पड़ी. उसकी सील टूट गई थी और लाल पानी बहने लगा था.
मैं उसे प्यार करता रहा. उसके दूध चूसता रहा और वह भी मेरे प्यार से संतुष्ट होकर वापस चुदाई के मूड में आ गई.
जब उसका दर्द कम हुआ, तो मैं जोर-जोर से अपनी बहन की चुदाई करने लगा.
वह भी कमर उठा-उठाकर चुदने लगी.
जब मैं झड़ने वाला था, तो मैंने उसे देखा.
उसने समझते हुए कहा- अन्दर ही निकाल दो!
मैंने रस की पिचकारियों से अपनी बहन की बुर को भर दिया.
झड़ने के बाद हम दोनों नंगे ही लिपट कर सो गए.
कुछ देर बाद हमने खाना मँगवाया.
मैंने हीना को नंगी ही जमीन पर बिठाया और अपने हाथों से उसे खाना खिलाया.
आज हीना बहुत खुश थी.
उसे आज असली खुशी मिली थी.
हम दोनों अब पति-पत्नी की तरह रहते हैं.
जब घर में कोई नहीं होता, हीना मेरे कमरे में आकर चुद लेती है.
दोस्तो, ये मेरी मौसी की बेटी की नई चूत चुदाई की कहानी आपको कैसी लगी, कमेंट में बताएं.
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लेखक की पिछली कहानी थी: पुरानी दोस्त से प्यार और चुत चुदाई की कहानी