माय वाइफ लाइव सेक्स सीन मैं अपनी आँखों से देखा. मेरी बीवी गैर मर्द से चुद रही थी और मैं खिड़की से उसकी चुदाई बड़े शानदार लंड से होती देख रहा था.
कहानी के दूसरे भाग
मेरी बीवी की एक रात की कीमत
में आपने पढ़ा कि जब मेरी बीवी की एक रात की कीमत लगी एक अमीर आदमी ने तो मुझे बहुत बुरा लगा. लेकिन मेरे सारे पैसे और सामान चोरी होने के बाद मुझे उस आदमी का ऑफर स्वीकार करना पड़ा. मेरी बीवी भी इसके लिए तैयार थी.
अब आगे :
वह मेरी बीवी को अपने कमरे में ले गया, मैं अटैच्ड रूम में टीवी के आगे बैठ कर मूवी देखने लगा.
लेकिन अब वो पॉसिबल नहीं था।
जैसा कि मैंने पहले भी जिक्र किया था कि अंदर वाले रूम के गेट में 6×6 की एक छोटी सी विंडो टाइप थी, जिसमें आर-पार देखने वाला काँच लगा था।
उस विंडो से रोशनी आ रही थी, वो अचानक हल्की कम हुई।
मैंने थोड़ा पास जाकर देखा, तो पता चला कि उसने मेन लाइट बंद कर दी थी। लेकिन अभी भी रूम की दूसरी लाइट्स जल रही थीं, तो काफी उजाला था।
मैं काँच पर पास छुपकर देखने लगा।
उसने अपनी टी-शर्ट उतारी और बेड पर बैठ गया।
उसकी बहुत ही मसल्स वाली बॉडी थी।
उसकी बॉडी देखकर मेरी गांड फिर जली।
तभी सारिका बाथरूम से निकली, तो मेरा मुँह खुला का खुला रह गया।
उसने एक अजीब सी सेक्सी ड्रेस पहन रखी थी।
ऊपर ब्लैक कलर की एक जालीदार ब्रा थी, जो उसके गोरे बदन पर बहुत ही कामुक लग रही थी।
नीचे एक रेड रिबन वाली अजीब सी लायेंजरी टाइप थी।
जिसका इलास्टिक सारिका की पतली कमर पर बंधा था।
घुटने से ऊपर तक बिल्कुल आर-पार देखने वाली ब्लैक जाली, और कमर से उस जाली तक साइड से कुछ रेड रिबन थे।
उस लायेंजरी के नीचे सारिका ने कोई पैंटी नहीं पहन रखी थी।
सामने से उसकी टाइट टाँगों के बीच उसकी चूत साफ नजर आ रही थी।
ज्यादातर इंडियन लड़कियों की चूत सुंदर नहीं, बल्कि बहुत ही भद्दी सी दिखती है।
लेकिन सारिका की चूत रेड-ब्लैक मिक्स और लंबी बनावट वाली एक बेहद ही कामुक चूत थी।
सच में, मैं तो मरता था उसके चूत के शेप पर!
सारिका ने चूत साफ-चट चिकनी कर रखी थी।
बस ऊपर के बालों का एक डिजाइन बना रखा था क्योंकि उसकी चूत बहुत ही सुंदर थी।
सारिका ने बाहर आते ही अपनी दोनों टाँगों को आपस में चिपकाते हुए, शरमाते हुए अपनी चूत छुपाने की कोशिश की।
फिर जैसे ही उसने बेड की तरफ मुँह घुमाया, उसकी नंगी बड़ी और आकर्षक गांड नजर आई।
उस लायेंजरी में सारिका की गांड बहुत ही ज्यादा सेक्सी लग रही थी।
“Waoow fuck… you are too hot to handle!” उस बंदे ने सारिका को घूरते हुए कहा।
उसकी आवाज साफ तो नहीं, लेकिन काफी हद तक सुनाई दे रही थी।
सारिका उसके सामने खड़ी, शर्म से अपनी चूत और बॉडी छुपाने में लगी थी।
तभी वह दीवार की ओर इशारा करके कुछ बोला।
सारिका शरमाते हुए जैसे ही उधर मुड़ी, तो मैंने देखा, वह सारिका के पिछवाड़े को घूर रहा था।
पर तभी सारिका ने एक और लाइट बंद कर दी।
शायद उसने लाइट के लिए इशारा किया था।
अब रूम में बस एक नाइट लाइट जल रही थी।
नाइट लाइट की चाँदनी जैसी हल्की-हल्की रोशनी थी रूम में।
अब यहाँ से चूत तो नहीं, लेकिन सारिका के बूब्स तो हल्के-हल्के नजर आ रहे थे।
लाइट बंद करते ही उसने सारिका को इधर आने का इशारा किया।
सारिका थोड़ी सी उसकी ओर चली और फिर खड़ी हो गई।
तभी वह खड़ा हुआ और सारिका के सामने जाकर खड़ा हो गया।
उसने खूब देर तक बुरी तरह से सारिका के होठों को चूसा और सारिका की गांड पर हाथ फेर-फेरकर सारिका के पिछवाड़े को सहलाया।
फिर वह बेड पर बैठ गया और सारिका को थोड़ा पास में खींच लिया।
और फिर सारिका के बूब्स को दबाने लगा।
वह करीब 5 मिनट तक ब्रा के ऊपर से ही सारिका के बूब्स को दबाता रहा और चूसता रहा, कभी सारिका की गर्दन पर किस कर लेता।
अब कभी-कभी सारिका की भी सिसकियाँ सुनाई देने लगी थीं।
तभी उसने सारिका की ब्रा खोल दी और किसी भूखे की तरह वह सारिका के बूब्स पर टूट पड़ा।
सारिका भी सिसकारी।
करीब 10 मिनट तक जमकर उसने सारिका के बूब्स चूसे, गर्दन पर किस करता रहा।
फिर एक छोटी सी स्पोर्ट को खुद के सामने नीचे रखते हुए उसने सारिका को उसके ऊपर चढ़ने को कहा।
सारिका को देखकर लग रहा था कि वह फुल गर्म हो चुकी है।
जैसे ही सारिका उस स्पोर्ट पर चढ़ी, उसकी चूत बिल्कुल उस बंदे के मुँह के सामने आ गई।
जैसे ही उस सांड ने सारिका की चूत की ओर मुँह बढ़ाया, तो सारिका शरमाने का नाटक करके पैरों से चूत को छुपाने लगी।
इधर उस बंदे का एक हाथ सारिका के बूब्स पर और एक उसकी चिकनी गांड पर था।
वह सारिका को सहलाते-सहलाते उसकी टाँगें चाटने लगा।
सारिका सिसकार रही थी और धीरे-धीरे उसने अपने पैर खोल दिए।
वह सांड जैसा बंदा उसकी चूत चाटने लगा।
थोड़ी देर में ही सारिका जोर-जोर से सिसकारने लगी।
अब गर्म होकर सारिका ने उसके बाल पकड़ लिए और पीछे की तरफ बेड होकर उससे मजे से चूत चटवाने लगी।
करीब 10 मिनट तक सारिका उसके सामने खड़ी तड़फती रही और वह उसकी चूत चाटे जा रहा था।
फिर उसने सारिका को और बढ़कर बेड पर बैठाया और उसके सामने, यानी मेरी ओर मुँह करके खड़ा हो गया।
वैसे भी लाइट इतनी कम थी कि उसका लंड नजर नहीं आता।
ऊपर से उसके लंड और मेरे बीच सारिका का सिर आ रहा था।
धीरे-धीरे सारिका के मुँह से ‘उम् उम्म ‘ की आवाजें आईं और उसने सारिका के मुँह पर झटके मारने शुरू कर दिए।
मुझे पता चल गया था कि सारिका उसका लंड चूस रही है।
मेरी गांड तो पहले ही जली हुई थी।
लेकिन उसका लंड कैसा है, कितना बड़ा है, ये देखने को नहीं मिला।
इसलिए अब और ज्यादा जल रही थी।
खैर, करीब 10 मिनट तक सारिका ‘उम् उम्म’ करती रही और बीच-बीच में उसके लंड चूसने की आवाजें साफ सुनाई दे रही थीं।
जी भर के लंड चुसवाने के बाद, उसने सारिका को बेड से उठाया और एक जोरदार किस की।
फिर खुद पास ही पड़ी एक स्टूल पर बैठ गया और सारिका को सामने खड़े करके बूब्स चूसने लगा।
करीब 1 मिनट बूब्स चूसे होंगे।
फिर उसने सारिका को पास खींचा और खुद के ऊपर बैठने लगा।
सारिका धीरे-धीरे बैठ रही थी।
तभी बैठते-बैठते, उसने एक जोर की सिसकी ली और उठने लगी।
लेकिन उस सांड ने सारिका को पकड़ लिया और उठने नहीं दिया, वह उसे बैठाता गया।
सारिका एक-दो बार ऊपर-नीचे हुई और फिर जोर से बोली, “आऊच!”
और कसमसाकर उठने लगी।
लेकिन उसने उठने नहीं दिया और सारिका के बूब्स पर किस करते-करते उसने एक झटका मारा और साथ में ही सारिका को भी नीचे खींचा।
“आह हह औ मर गई रे उफ़ आह!” सारिका के मुँह से चीखें निकल रही थीं।
उधर वह सारिका को जकड़कर बैठा था।
मुझे पता चल गया था कि लगता है इसने अपना लंड सारिका की चूत में पेल दिया है!
जिस हिसाब से सारिका चीख रही थी और कसमसा रही थी, ऐसा लग रहा था कि उसका लंड भी उसके शरीर जैसा तगड़ा ही होगा!
कुछ देर बैठने के बाद सारिका ऊपर-नीचे होने लगी।
वह हर बार बैठती तो आह उह करती।
थोड़ी देर ऐसी धीमे-धीमे चुदाई चलती रही।
फिर उसने सारिका को बेड पर पटका और खुद उसकी टाँगों के बीच में उसके ऊपर आ गया।
अब उसने बेड के किनारे से एक ऑयल की शीशी उठाई और अपने लौड़े पर मसलने लगा।
लेकिन सारिका के पैर की वजह से उसका लौड़ा दिखाई नहीं दिया।
फिर जैसे ही उसने सारिका के ऊपर आते हुए एक-दो झटके मारे, तो सारिका फिर से शिशियाई और फिर जोर से बोली, “आउच प्लीज नो!”
तभी उसने सारिका की हल्की सी टाँगें उठाईं और चोदने लगा।
अभी उसने 8-10 झटके ही मारे थे कि मैंने देखा, सारिका उसकी कमर को पकड़े हुए थी और फिर अपने हाथों से उसकी पीठ सहलाने लगी।
मेरी गांड जलकर एकदम राख हो चुकी थी!
करीब 10-15 मिनट तक वह रुक-रुककर सारिका को चोदता रहा और सारिका भी किस करके आहें भर-भर के उससे चुदवाती रही।
मुझसे अब रहा नहीं जा रहा था इसलिए मैं वहाँ से हटा और वाइन की बोतल उठाई और पूरी पी गया।
मुझे काफी नशा हो गया था, और मैं वहीँ सोफे पर बैठ गया।
और कब नींद आ गई, मुझे पता ही नहीं चला।
सुबह करीब 5 बजे मेरी आँख खुली तो मैं भागकर दरवाजे के पास गया और देखा कि क्या हो रहा है।
लेकिन वो दोनों सोए पड़े थे।
वह बेड के मुझसे दूसरी ओर सीधा सोया पड़ा था और सारिका उसके बगल में मेरी तरफ वाली साइड उससे लिपटकर सोई हुई थी।
दोनों ने पैरों-पैरों पर चादर ओढ़ रखी थी।
सारिका को देखकर लग रहा था, जैसे वह उससे सारी रात चुदवा-चुदवाकर उसकी हो गई।
मैंने एक सिगरेट जलाई और सोचते-सोचते बाहर आ गया।
थोड़ी देर में अच्छे से सुबह हो गई थी।
मैंने फिर से झाँककर देखा, तो उन्होंने करवट बदल ली थी।
और सारिका अब मेरी ओर मुँह करके सो रही थी.
वो पहले की तरह सीधा ही सो रहा था।
सुबह होने के कारण अब रूम में साफ-साफ दिखाई दे रहा था और पता चल रहा था कि दोनों अभी भी नंगे ही सोए हुए थे।
मैंने एक और सिगरेट जलाई और बाहर टहलते-टहलते सोच रहा था कि वो सांड सुबह उठकर सीधा ही तो चला नहीं जाएगा।
वह एक बार और पक्का सारिका को चोदेगा!
मेरे दिमाग में एक ख्याल आया कि अब वह सारिका को चोद तो चुका ही है। क्यों न अब सुबह हो गई है, तो ध्यान रखूँ और उसका लंड तो देखूँ, कितना बड़ा है? और उसने सारिका की कैसे ली?
मैं वापस अंदर चला गया।
कॉटेज का मेन गेट बंद कर दिया और छुपकर अंदर वाले गेट के काँच के पास खड़ा हो गया और देखने लगा।
करीब 15-20 मिनट खड़े रहने के बाद मैं हटने ही वाला था कि अचानक उस सांड ने सारिका की तरफ एक करवट ली और सारिका पर एक टाँग और एक हाथ रखकर सोने लगा।
सारिका की गांड एकदम उसके लंड के आगे ही थी।
वो दोनों स्पूनिंग पोजीशन में सो रहे थे।
अचानक वह अपना एक हाथ चादर के अंदर से सारिका के बूब्स पर लाया और मसलने लगा।
सारिका ने भी एक अंगड़ाई सी ली और अपनी गांड उसकी ओर ज्यादा निकालकर सोने लगी।
अब अंगड़ाई लेने से सारिका के बूब्स साफ-साफ दिखाई देने लगे थे।
उन पर बहुत सारे चूसने से लाल-लाल निशान बन रखे थे।
तभी मेरी नजर सारिका की निपल्स पर गई, तो वो बिल्कुल लाल और टाइट हो रखी थीं।
मैं समझ चुका था कि सारिका काफी देर से सोने का नाटक कर रही है।
वह बस और गर्म हो रखी है, पक्का एक बार और चुदना चाह रही है!
अब सारिका धीरे-धीरे अपनी गांड हिला रही थी।
और वो भी रह-रहकर कोई-कोई झटके मार रहा था।
तभी उस सांड ने अपनी टाँग से ऊपर की चादर उतार दी।
फिर जो नजारा मेरी आँखों के सामने आया, उसे देखकर मेरी रूह काँप गई।
सारिका ने अपनी गांड बिल्कुल उससे चिपका रखी थी और उसका लंड सारिका की दोनों टाँगों के बीच से होते हुए उसके पेट से चिपक रखा था।
उसका लंड भयंकर मोटा, फुल टाइट, और सारिका की नाभि तक आकर चिपक रखा था।
ये सब देखकर मैं पछता रहा था कि किसको बीवी सौंप दी!
इसका लंड तो सारिका के फेफड़ों तक पहुँच जाता होगा!
और उसने पक्का सारिका की फाड़ दी होगी रात को!
जैसा कि मैंने पहले भी बताया था कि सारिका बहुत ही सेक्सी चूत की मालकिन थी।
मैं अक्सर चुदाई के बाद उसकी चूत को देख करता था।
उसकी चूत चुदाई के बाद थोड़ी लाल और रसीली हो जाती थी।
उधर वह एक हाथ से सारिका की चूत और एक हाथ से बूब्स सहला रहा था और झटके मार-मारके अपना लंड सारिका की चूत पर रगड़ रहा था।
तभी सारिका की सिसकियाँ बढ़ने लगीं और वह पीछे की तरफ गर्दन घूमकर उस सांड को किस करने लगी।
जब सारिका ने किस करना बंद करके मुँह वापस सीधा किया, तो उस बंदे ने सारिका के मुँह में दो अँगुलियाँ डाल दीं और कान में कुछ फुसफुसाया।
अब सारिका उसकी अँगुलियाँ चूस-चूसकर थूक से भर रही थी।
थोड़ी सी देर बाद उस सांड ने वही थूक अपने लंड और सारिका की चूत पर लगाया और अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके जैसे ही एक झटका मारा…
“आह आउच … उफ़ रुको रुको!” सारिका कसमसाने लगी।
लेकिन उसने सारिका के मुँह पर हाथ लगाया और एक जोर का झटका मारा।
सारिका कसमसाई, लेकिन तब तक उसका लंड जड़ तक सारिका की चूत में जा चुका था।
सारिका चिल्ला तो पाई नहीं लेकिन उसकी आँखों से टप-टप करके पानी गिरने लगा।
दोनों कुछ देर ऐसे ही लेटे रहे।
अब वह धीरे-धीरे झटके मारने लगा और सारिका की साँसें और सिसकियाँ सुनाई देने लगीं।
थोड़ी देर बाद सारिका ने भी अपनी कमर थोड़ी और मोड़कर अपनी चूत पूरी तरह से उसके लौड़े पर सटा दी।
अब वह चोदने के साथ-साथ एक हाथ से सारिका की चूत के ऊपर का हिस्सा सहला रहा था और एक हाथ से उसे पकड़कर काबू किए हुए था।
सारिका की सिसकियों के साथ-साथ अब चूत चुदने की आवाज साफ-साफ सुनाई दे रही थी।
चूत और सारिका की सेक्सी आवाज सुनकर मेरा भी लंड खड़ा हो गया।
उसने उसी पोज में लगभग 15 मिनट सारिका को जमकर चोदा।
फिर बेड के किनारे पर घोड़ी बनने को बोला।
पहले तो सारिका ने थोड़ी ना-नुकुर की, पर फिर उठकर घोड़ी बनने लगी।
उधर वह सारिका के पीछे खड़े होकर अपने लंड को सहला रहा था।
सारिका की चूत का मजा चखने के बाद अब उसका लंड किसी घोड़े जैसा विकराल और चिकना हो गया था।
जैसे ही सारिका घोड़ी बनी, उसने लंड सारिका की चूत पर लगाया और एक ही झटके में पूरा पेल दिया।
“आह … हह ई … बाप रे!” सारिका चिल्लाई।
लेकिन इस बार उसने एक भी न सुनी और सारिका की कमर पकड़कर घमासान चुदाई शुरू कर दी।
करीब 10 मिनट चोदने के बाद उसने एक जोर का झटका मारा और लंड बाहर निकाल लिया।
उसके छोड़ते ही सारिका बेड पर ऐसे गिर पड़ी, जैसे सालों से थकी हुई हो।
तभी उसने सारिका की टाँग फैलाई, उसकी चूत पर एक किस किया और उसके ऊपर लेटते हुए अपना लौड़ा फिर से उसकी चूत में पेल दिया।
सारिका उठकर गिरी और फिर से चुदने लगी।
काफी देर चुदने के बाद सारिका अब जोर-जोर से अपने हाथों से उसकी कमर सहला रही थी।
और वह सारिका को किस करते-करते बुरी तरह चोद रहा था।
फिर अचानक “ओह …. अहह हांह गॉड डैम!” बोलकर उसने एक-दो जोर-जोर के झटके मारे और फिर सारिका के ऊपर ही लेट गया।
दोनों काफी देर वैसे ही पड़े रहे।
मैं दिल के आँसू रो रहा था।
फिर वह उठा और सारिका को किस करके कपड़े पहनने लगा।
सारिका अभी भी वैसे ही पड़ी थी।
मैं टीवी की तरफ आया और एक सिगरेट जला ली।
करीब 5 मिनट में ही वह एक बड़ा सा बैग लेकर निकला और मुझे कहा, “She is dammm hot bro!”
और फिर निकल गया।
मैंने सिगरेट बुझाई और फिर अंदर वाले रूम में जाने लगा।
मैं अंदर गया, तो देखा सारिका चादर ओढ़कर पड़ी थी।
मेरे अंदर जाने पर भी उसने कोई हरकत नहीं की।
मैंने चादर हटा दी। वह अभी तक नंगी ही पड़ी थी।
उसके मुँह से सिर्फ “प्लीज!” निकला।
तभी मेरी नजर उसकी चूत पर पड़ी।
वह एकदम लाल होकर सूज गई थी।
और उसकी चूत अभी तक खुली हुई पड़ी थी।
उसमें 2 अँगुली जितना बड़ा छेद सा दिखाई दे रहा था और उससे रह-रहकर उस सांड का वीर्य टपक-टपककर बिस्तर तक आ रखा था।
“उसने अंदर ही छोड़ दिया?” मैंने हैरान होते हुए पूछा।
वह कुछ नहीं बोली।
“यार, किस मुसीबत में फंस गए! उसने तुम्हारी चूत का भोसड़ा बना दिया!” मैंने पछताते हुए कहा।
पहली बार सारिका बोली, “यार, क्या बताऊँ, क्या चोदी है उसने मुझे रात भर! सालों का प्यासा था, और उसका लंड किसी मूसल जैसा था!”
मेरी राख हो चुकी थी।
“तुम भी तो उससे चुदवाने के लिए मर रही थी। सुबह देखा मैंने!” मैंने कहा।
सारिका कुछ नहीं बोली.
और मैं बाहर आ गया।
उस दिन के बाद हम वहाँ सिर्फ 1 दिन रुके क्योंकि सारिका की तबीयत थोड़ी ठीक नहीं थी।
और फिर वापस घर आ गए।
करीब एक हफ्ते तक चुदाई के नाम पर सारिका हाथ जोड़ती रही।
थैंक्स दोस्तो! कहानी अच्छी लगी होगी.
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