बुआ की उठी हुई गांड और फूले हुए मम्मे- 2

मोटी लड़की Xxx कहानी मेरी बुआ की चूत चुदाई की है. मैं बुआ का भरा पूरा जिस्म पसंद करता था. बुआ को यह बात पता लग गयी तो पहल उसी ने की.

दोस्तो, मैं राजीव अपनी बुआ के संग अपनी मादक सेक्स कहानी आप सभी को सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
मेरी बुआ के दीवाने गाँव के लड़के
में अब तक आपने पढ़ा कि मेरी गर्लफ्रेंड मुझसे नाराज थी और वो मेरे हैंड-फ्री फोन पर मुझे खरी खोटी सुना रही थी.
वो मुझसे मेरी बुआ को लेकर मुझसे कह रही थी कि मैं अपनी बुआ की चुदाई करता होऊंगा.
मैं उसकी बातों से गुस्सा हो गया और मैंने फोन काट दिया.

फिर जब पलट कर देखा तो बुआ खड़ी थीं और उन्होंने मेरी गर्लफ्रेंड की सब बातें सुन ली थीं.

अब आगे मोटी लड़की Xxx कहानी:

जब मैंने पीछे बुआ को देखा तो वो वहां से चली गईं.
मेरी गांड फट गई कि ये क्या हो गया.

मैं बुआ के पीछे पीछे गया तो पहले बुआ भी मेरे ऊपर गुस्सा हुईं.
मेरी गर्लफ्रेंड के लिए बड़बड़ाने लगीं.
फिर मैंने उनको समझाया तो वो मान गईं.

अब मैं अपना काम करने वापस चला गया. बुआ घर का काम करने चली गईं.
फिर शाम हो गयी तो बुआ मेरे लिए और अपने लिए चाय बना कर लाईं और इधर उधर की बात होने लगीं.

उसी समय लाइट चली गयी.
शायद हमारे मोहल्ले का ट्रांसफॉर्मर जल गया था तो बिजली देर के लिए चली गई थी.
जानकारी ये मिली थी कि आज शायद रात भर लाइट नहीं आएगी.

उसी समय दादा जी ने भी फ़ोन किया कि वो आज घर नहीं आ पाएंगे. घर को अच्छे से लॉक करके रखना. बाकी के लोग तो वैसे भी हफ्ते में एक बार आते थे.

अब बुआ बोलीं- अभी तो शाम का उजियाला है, अभी खाना खाओगे या बाद में?
मैंने कहा- बाद में.

वो बोलीं- ठीक है.
फिर हम दोनों बात करने लगे.

बातों ही बातों में बुआ बोलीं- एक बात बोलूं, तुम बुरा तो नहीं मानोगे?
मैंने कहा- नहीं, बोलो.

तो बुआ बोलीं- पक्का न!
मैंने कहा- हां पक्का.

बुआ बोलीं- ये बात थोड़ी गन्दी है.
मैंने कहा- मतलब?

बुआ बोलीं- पहले इनवर्टर की लाइट बंद दो.
मैंने लाइट को बंद कर दिया.

बुआ बोलीं- क्या तुमको बड़ी चीजें पसंद आती हैं?
मैंने कहा- मैं समझा नहीं.

बुआ बोलीं- तुमको मोटी लड़की पसंद आती है क्या?
मैंने बोला- हां, अब पसंद है तो क्या करूं.

बुआ बोलीं- जैसी मैं हूँ, वैसी?
मैं बोला- बुआ, मैंने आपको कभी देखा ही नहीं है.

बुआ बोलीं- तुम झूठ बोल रहे हो, पूरा गांव मुझे देख कर गर्म होता है और तुम बोलते हो कि मुझे देखा ही नहीं. तुम्हारी गर्लफ्रेंड भी तो खुल कर बोल रही थी.

मैंने कहा- बुआ, तुम उसकी बात का बुरा मत मानो. वो तो गुस्से में बोल रही थी. वो आपके बारे में जानती है इसलिए उसने बोल दिया था.

बुआ बोलीं- अच्छा सही सही बताओ, तुमने आज तक मुझे अच्छे से नहीं देखा है क्या?
तो मैं बोला- नहीं बुआ, मैंने आज तक आपके बारे में ऐसा सोचा ही नहीं है.

बुआ बोलीं- अच्छा एक काम करो, लाइट चालू करो.
मैंने लाइट चालू कर दी.

बुआ खड़ी हो गईं और अपना एक दुपट्टा लेकर अपनी आंखों में बांध लिया. फिर दूसरा दुपट्टा भी निकाल दिया.

आज पहली बार मैंने बुआ को सिर्फ सलवार और कुर्ते में बिना दुपट्टे के देखा था.
मैं बुआ को देख कर सन्न रह गया.

बुआ के चुचे सच में 2-2 किलो के थे. एकदम ऐसे फूले हुए थे, जैसे कोई सफेद गुब्बारे हों. दोनों मम्मे एक दूसरे से ऐसे सटे थे जैसे दो खरबूजों को किसी ने दबा कर रखा हो.

मेरी बुआ की काले रंग की टाईट ब्रा से चुचे बाहर निकलने के लिए तड़प रहे थे.

उनकी कमर इतनी पतली और प्यारी दिख रही थी कि पूछो ही न!
बुआ सलवार कुर्ते में अप्सरा लग रही थीं.

एक मिनट के बाद बुआ पीछे घूम गईं.

आह … मेरी बुआ की गांड सलवार से पूरी तरह ऐसे चिपकी थी और इतने बड़े बड़े गोल गोल चूतड़ थे कि बुआ की सलवार से 7 से 8 इंच बाहर को निकले हुए थे.
ऐसा लग रहा था कि चूतड़ भी सलवार को फाड़ कर बाहर निकलने के लिए तड़प रहे हों.

उन्हें देख कर मेरा लंड एकदम से उठ कर मेरे चड्डी को फाड़ कर बुआ के चूतड़ों में घुस जाना चाह रहा था.

दोस्तो बुआ के चूतड़ों को याद करके मेरा लंड पूरी तरह से अभी भी खड़ा हो गया है और मैं अपने लंड को घिस रहा हूँ.

फिर मेरी बुआ मेरी तरफ घूम गईं और अपना दुपट्टा अपने चेहरे से हटा कर मेरी तरफ देखने लगीं.

उनकी नजर मेरी चड्डी पर गयी, जिसमें से मेरा लंड फाड़ कर निकलना चाह रहा था.

मेरी बुआ मेरा खड़ा लंड देखकर मुस्कुरा कर चली गईं.

मैं अपनी बुआ को देख कर अभी भी सन्न था.

बुआ के जाने के बाद मेरी नजरों के सामने सिर्फ बुआ के चुचे और चूतड़ ही दिख रहे थे.

मैं अन्दर गया तो बुआ कुछ नहीं बोलीं और मेरे लिए खाना लगा कर चली गईं. मैं भी कुछ नहीं बोला.

कुछ देर बाद बुआ आकर बोलीं- घर में कोई नहीं है, इसलिए पूरे घर में लॉक लगा कर हम दोनों एक ही कमरे हो सोएंगे.
मुझे मालूम था कि बुआ को अंधेरे से डर लगता था.
मैंने कहा- ठीक है.

बुआ कमरे में चली गईं, जिसमें बड़ा वाला बेड था. बुआ बेड ठीक करके बोलीं- चलो इसी में दोनों सो जाते हैं.

गर्मी बहुत थी और इनवर्टर से एक ही पंखा चल सकता था.

मैंने कहा- ठीक है.
फिर बुआ एक तरफ और मैं उनके बगल में लेट गया.
अब लाइट बंद थी हम दोनों छत की तरफ देख रहे थे. एक दूसरे के एकदम पास में लेटे थे, पर दोनों एक दूसरे से कुछ भी बात नहीं कर रहे थे.

हम दोनों की बस सांसों के चलने की आवाज आ रही थी.
कुछ देर बाद बुआ सो गईं.

वो दूसरी तरफ करवट लेकर सोई हुई थीं. उनके चूतड़ मेरी तरफ थे.

बुआ की उठी हुई गांड देख कर मेरी नींद ही गायब हो गयी थी; मेरा लंड एकदम तड़प रहा था.

अब रात गहरा चुकी थी और मेरा संयम खत्म हो चला था.
फिर मैं हिम्मत कर बुआ की तरफ घूम गया और डरते डरते बहुत ही धीरे से अपना एक हाथ बुआ की कमर में रख दिया.
बुआ ने कुछ भी नहीं कहा.

मैं धीरे धीरे बुआ से सट गया. मैंने अपनी चड्डी के अन्दर से ही अपने खड़े लंड को बहुत ही आराम से सहलाना शुरू किया और एक एक इंच आगे बढ़ाते हुए बुआ की गांड की दरार में छुला दिया.

ऐसे ही कम से कम एक घंटे तक मैं लंड को जुम्बिश देता रहा.
जब मैं जान गया कि बुआ गहरी नींद में हैं, तो मैंने अपनी एक टांग को बुआ के ऊपर चढ़ा दिया.

बुआ का मुँह दूसरी तरफ था और बुआ के चूतड़ मेरी तरफ थे.
मेरे टांग बुआ के चूतड़ों के ऊपर होने के कारण मेरा लंड बुआ की गांड की दरार में पूरी तरह फिट हो गया था.

कुछ देर बाद जब मैंने अपने एक हाथ को बुआ की गांड के ऊपर रखा तो मजा आ गया. बुआ के चूतड़ इतने कोमल थे जैसे रुई के गोले हों.

इतने कोमल चूतड़ों को छूने के कारण मेरे लंड ने पानी फैंक दिया.
बुआ की गांड और मेरे लंड के बीच में चार कपड़े थे. एक तरफ मेरी चड्डी और उसके ऊपर निक्कर और दूसरी तरफ बुआ की सलवार और उनकी चड्डी.

मेरे लंड का पानी इतनी जोर से निकला कि मेरे सभी कपड़ों से निकलता हुआ वो बुआ के कपड़ों को पार कर गया और बुआ के चूतड़ों को लग गया.

जब बुआ के चूतड़ों में मेरा पानी लगा तो बुआ को अहसास हुआ. जिस कारण उन्होंने थोड़ी सी हरकत की.

इससे मैं डर गया कि कहीं बुआ जाग तो नहीं गईं.
मैंने झट से अपना लंड पीछे कर लिया, लेकिन हाथ नहीं हटाया था.

कुछ देर में बुआ फिर से उसी तरह शांत हो गईं.
इस कारण से मुझमें हिम्मत आ गयी.
मैंने अपनी अन्दर की चड्डी उतार दी और सिर्फ निक्कर पहन कर लेट गया.

मैंने बुआ के चूतड़ों में दरार में फिर से धीरे से अपने लंड को लगा दिया.
जब मैंने बुआ के चूतड़ पर लंड लगाया तो बुआ में कुछ हरकत हुई तब भी मैंने अपने लंड को बुआ के चूतड़ों से नहीं हटाया.

बुआ शांत हो गईं तो मैं धीरे धीरे अपने लंड को बुआ के चूतड़ों के दरार में घिसने लगा.
मेरे लंड को न जाने क्या हो गया था कि वो झड़ने के बाद भी शांत ही नहीं हो रहा था.

मैं अपने लंड को बुआ के चूतड़ों के दरार में घिसता रहा और जाने कब सो गया, कुछ होश ही न रहा.

जब मैं सोया था तब मुझे याद था कि मेरा लंड बुआ के चूतड़ों के बीच में था और मेरा एक पैर बुआ के चूतड़ के ऊपर था.

मैं सुबह जागा तो बुआ अब भी मेरे साथ ही लेटी थीं.
बुआ जान गयी थीं कि मैं जाग गया हूं तो वो बेड से उठ कर चली गईं.

उस दिन भी मजदूर नहीं आए थे.
मैं उठ गया और चाय पीने आ गया.

बुआ मुझे देख कर मुस्कुरा रही थीं.
मैंने उनकी तरफ देखा.

वो बोलीं- रात को बड़ा मजा ले रहा था?
मैंने कुछ नहीं कहा.

बुआ नशीली आवाज में बोलीं- पूरा मजा लेना है क्या?
मैंने उनकी तरफ देखा तो बुआ ने अपने मम्मों पर डाला हुआ दुपट्टा हटा कर एक तरफ रख दिया.

मैं उनके चूचों को देखने लगा.
बुआ अपने मम्मों को हिला कर बोलीं- कैसे हैं?

मैंने उनकी आंखों में झांका, तो बुआ के चेहरे पर वासना झलक रही थी.
मैंने कुछ नहीं कहा और कमरे में जाकर लेट गया.

कुछ देर बाद बुआ अन्दर आ गईं और मेरे पास लेट गईं.
मैंने उनकी तरफ देखा तो बुआ ने मेरे लंड पर अपना हाथ लगा दिया.

वो बोलीं- इसने मुझे गीला कर दिया है. अब मैं इसे सजा दूंगी.
मैं चुप था और बस बुआ की हरकत को देख रहा था.

कुछ ही देर में बुआ ने अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे पैरों के पास आकर मेरे निक्कर को खींच दिया. ऊपर से तो मैं रात से ही नंगा था.

मेरे खड़े लंड को देख कर बुआ गनगना गईं और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं.

मैंने कहा- बुआ. हम दोनों ये गलत तो नहीं कर रहे हैं.
वो बोलीं- रात को जब मेरी गांड में इसे घुसेड़ रहा था तब तुझे ये बात याद नहीं आई थी.

मैंने कुछ नहीं कहा और बुआ को लंड हिलाने दिया.

कुछ ही देर बाद नजारा बदल गया था.
बुआ मेरे लंड को चूस रही थीं और मैं उनके मोटे मम्मों को मसल रहा था.
हम दोनों जल्द ही चुदाई की मुद्रा में आ गए. चुदाई होने लगी और जल्द ही मजा आने लगा.

दोस्तो, वो सब इतना मस्त था कि उस वाकिये को इस Xxx कहानी में पूरा नहीं लिखा जा सकता है.

मैं अपनी इस रसभरी सेक्स कहानी को अगली बार लिखूँगा. आप मुझे मेल करें कि मोटी लड़की Xxx कहानी कैसी लगी?
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