मदर इन लॉ Xxx कहानी में मेरी बीवी की मौत सड़क दुर्घटना में हो गयी. मेरी विधवा सास मेरे साथ ही रहती थी. एक रात शराब पीकर मैंने उन्हें पकड़ कर चोद दिया.
नमस्ते दोस्तो … आप लोग कैसे हैं?
आशा करता हूँ कि आप सब भी अच्छे और सेक्स से भरपूर ज़िंदगी जी रहे होंगे!
मेरा नाम अभिमन्यु सिंह है. मेरी उम्र अभी 31 वर्ष है. मेरा रंग गोरा है और शरीर सुडौल है.
मैं रोज़ जिम जाता हूँ. मेरा लंड 9 इंच लंबा और गोलाई में लौड़े को नापा जाए, तो यह 4.5 इंच मोटा है.
आज जो कहानी मैं आपको सुनाने जा रहा हूँ, वह भी कुछ ऐसी ही है.
सेक्स से भरपूर, पर इसमें सेक्स से कहीं ज़्यादा बलिदान, कर्तव्य और प्यार भी है.
मैं आपको आज की कहानी सुनाना शुरू करता हूँ.
ये मदर इन लॉ Xxx कहानी एक ऐसे आदमी की है, जिसे अपने से बड़ी उम्र की औरतों को चोदना पसंद था.
उसने अपनी चुदाई की शुरुआत ही अपने से बड़ी उम्र की औरतों के साथ की थी.
मैंने चुदाई करना 19 साल की उम्र से ही शुरू कर दिया था.
सबसे पहली चुदाई मैंने अपने घर की नौकरानी के साथ की थी.
उसके बाद मैंने अपने से बड़ी उम्र की औरतों को चोदना शुरू किया था … और आज तक चुदाई करता आ रहा हूँ.
यह सेक्स कहानी भी कुछ ऐसी ही है.
मेरी मां मुझे कम उम्र में ही छोड़कर चली गई थीं.
उसके बाद मेरे पिताजी ने ही मुझे संभाला.
उनका बहुत बड़ा पेपर का कारखाना था.
मुझे अपने कॉलेज में ही एक लड़की से प्यार हो गया था.
वह बहुत गरीब परिवार से थी. उसके पिता जी नहीं थे, सिर्फ़ एक मां थी.
हमने कॉलेज ख़त्म होने के बाद शादी कर ली.
फिर मैंने भी अपने पापा के कारखाने को संभालना शुरू कर दिया.
मेरी सासू मां भी अब हमारे साथ ही रहने लग गई थीं.
कुछ ही समय में मैं बाप भी बन गया.
मेरी ज़िंदगी अच्छी तरह चल रही थी.
लेकिन तभी मेरी ज़िंदगी में एक बहुत बड़ा हादसा हो गया.
एक दिन मुझे ऑफ़िस में कुछ ज़रूरी काम था और मेरी पत्नी को हॉस्पिटल अपना चेकअप करवाने जाना था.
मैंने अपने पापा से कहा- पापा, आप ही इसे हॉस्पिटल ले जाइए!
जब वे दोनों हॉस्पिटल जा रहे थे तो रास्ते में उनका बहुत भयानक एक्सीडेंट हो गया.
मेरी पत्नी और पिताजी दोनों ही मुझे छोड़कर चले गए.
मेरी बेटी आयशा जो कि उस वक्त केवल 7 महीने की थी, वह घर पर मेरी सासू मां के साथ थी.
इस हादसे के बाद से मैंने शराब पीना शुरू कर दिया और रोज़ शराब पीकर घर आने लगा.
एक रात मैंने इतनी पी ली कि मुझे सही से चलना भी नहीं हो रहा था.
मेरे दोस्त मुझे घर तक छोड़ने आए.
उस रात मेरी सासू मां जाग रही थीं.
उन्होंने मुझे संभाला और मुझे मेरे कमरे में ले गईं.
मैं इतने नशे में था कि मुझे लगा ये मेरी पत्नी समिता है.
मैंने उनका हाथ पकड़ा और उन्हें अपनी ओर बिस्तर पर खींच लिया.
वे मुझसे दूर जाने की कोशिश कर रही थीं.
पर मेरी पकड़ इतनी मज़बूत थी कि वे कुछ कर ही नहीं पाईं.
मैंने उन्हें लिपकिस किया और उनकी साड़ी खींचने लगा.
फिर इसके बाद मैंने उनके सारे कपड़े फाड़ दिए और अपने भी सारे कपड़े उतार फेंके.
मेरा 7 इंच का मोटा लंड तन्नाया हुआ था जो सीधे मेरी सासू मां की चूत फाड़ता हुआ अन्दर घुस गया.
उनकी मानो जान ही निकल गई हो.
वे चीखने लगीं- अभिमन्यु आह … ज़रा रुक जाओ!
पर न/शे की हालत में मुझे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ रहा था.
कुछ देर बाद उन्हें भी मज़ा आने लगा.
उनके हाथ मेरे दोनों कूल्हों पर जम गए और वे मेरी गांड को अपनी चूत की ओर धक्का देने लगीं.
कुछ देर में मेरा पानी निकल गया और मैं अपनी सासू मां के ऊपर ही लंड को चूत में डाले हुए सो गया.
सुबह जब मेरी नींद खुली तो मैं बिस्तर पर अकेला नंगा सोया हुआ था.
मैंने देखा कि बिस्तर के पास मेरे और मेरी सासू मां के कपड़े पड़े हुए थे.
इतने में ही मेरी सासू मां चाय लेकर आ गईं.
मुझे देखकर वे मुस्कुराने लगीं.
आज उनके चेहरे पर कुछ अलग ही आनन्द था जो मैंने पहले कभी नहीं देखा था.
सासू मां मेरे पास आईं और बोलीं- अभि जी, आप जल्दी नहा लो … मैं नाश्ता बना रही हूँ.
बस यह बोलकर वे अपने कपड़े उठा कर वहां से चली गईं.
मैं भी नाश्ता करके ऑफ़िस निकल गया.
रात में मैं फिर नशे में आया पर इस बार मेरी सासू मां एकदम तैयार थीं.
उन्हें देखकर मुझे कुछ हो गया.
वे मुझे कमरे में ले गईं और अपने आप से ही मेरे कपड़े उतारने लग गईं.
पर मैं शायद थोड़ी जल्दी में था.
मैंने उन्हें बिस्तर पर फेंका और जबरदस्ती उनके कपड़े फाड़ कर उन्हें चोदने लगा.
मेरी सासू मां बोलने लगीं- अभिमन्यु जी … आराम से करो न … मैं कहीं भागी नहीं जा रही हूँ!
पर मुझे होश कहां था … मैं अपना माल उनकी चूत में गिराकर सो गया.
अब ये रोज़ की बात होने लगी थी. करीब एक महीने तक ऐसा ही चला.
मैं रोज़ उनकी चुदाई करके सो जाता था.
एक सुबह मेरी सासू मां ने मुझे कहा- आज मेरा जन्मदिन है … तो आप थोड़ा जल्दी आ जाना, हम बाहर खाना खाने चलेंगे!
मैंने भी हां कर दी.
आज मैं बिना शराब पिए जल्दी घर आ गया.
सासू मां ने दरवाजा खोला.
इसके बाद मैं फ्रेश होने चला गया और सासू मां को भी तैयार होने को कह दिया.
मैं तैयार होकर आ गया और उनकी प्रतीक्षा करने लगा.
जब वे अपने कमरे से तैयार होकर बाहर निकलीं तो उन्हें देखकर मेरा मुँह खुला का खुला रह गया.
उन्होंने काली साड़ी पहनी थी, जिसके साथ स्लीवलेस और डीप नेक बैकलेस ब्लाउज़ था. उनके बड़े बूब्स ब्लाउज़ से बाहर झांक रहे थे.
उन्होंने आयशा को गोद में लिया हुआ था.
फिर हम कार से होटल के लिए रवाना हो गए.
वहां हमने खाना खाया.
पूरे समय मेरी नज़र मेरी सासू मां के बदन से हट नहीं रही थी.
हम दोनों ने मिलकर केक काटा और कुछ फोटो भी लिए.
फोटो लेते समय सासू मां मुझसे ऐसे चिपक कर खड़ी थीं, जैसे मियाँ-बीवी खड़े होते हैं.
मैंने भी उनकी कमर में हाथ डालकर फोटो खिंचवाए.
जब हम घर वापस आए, तब तक आयशा सो चुकी थी.
सासू मां ने आयशा को उनके कमरे में सुला दिया.
मैं भी उनके पीछे-पीछे उनके कमरे में चला गया.
आयशा को बेड पर लिटाने के बाद सासू मां ड्रेसिंग टेबल के पास गईं और अपना नेकलेस उतारने लगीं.
मैं उन्हें देखे जा रहा था.
तभी सासू मां ने कहा- आप क्या देख रहे हैं?
मैंने फट से जवाब दिया- आपके हुस्न का दीदार कर रहा हूँ … बस!
फिर सासू मां बोलीं- जरा ये नेकलेस खोल देंगे!
मैं उनके पास गया, उनके पीछे खड़ा हो गया और नेकलेस खोलने लगा.
उनकी नंगी पीठ मुझे अपनी ओर खींच रही थी.
नेकलेस खोलते समय मेरा हाथ उनकी पीठ पर चला गया और मैं उनकी पीठ पर हाथ फेरने लगा.
सासू मां भी इसका आनन्द लेने लगीं.
उन्होंने आंखें बंद कर लीं और ‘हम्म्म… हम्म्म …’ की आवाज़ें निकालने लगीं.
तभी मेरा हाथ उनके ब्लाउज़ के हुक तक पहुंचा और एक ही झटके में मैंने उनका हुक खोल दिया.
फिर मैं उनकी पीठ को चूमने लगा.
कुछ देर बाद सासू मां बोलीं- आवाज़ से आयशा जाग न जाए … बाहर चलते हैं.
मैंने उनका ब्लाउज़ आगे से पकड़ा, उतार फेंका और उन्हें गोद में उठाकर हॉल में ले गया.
उन्हें सोफे पर लिटा कर मैंने अपने कपड़े उतारने शुरू किए.
सासू मां भी अपना पेटीकोट उतारने लगीं.
अब हम दोनों पूरी तरह नंगे थे.
सासू मां का गोरा बदन जितना खूबसूरत था, उनकी चूत उतनी ही काली दिख रही थी पर उस पर एक भी बाल नहीं था.
मैंने उनके बड़े बूब्स दबाने शुरू किए और उनका दूध पीने लगा जैसे कोई बच्चा चूसता है.
फिर कुछ देर बाद हम 69 की पोजीशन में आ गए.
वे मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं और मैं उनकी काली चूत चाटने लगा.
दस मिनट तक चूत चाटने के बाद सासू मां झड़ने लगीं.
उन्होंने अपनी दोनों टांगें मेरे सिर पर रख दीं और मुझे अपनी चूत पर कसकर दबाने लगीं.
मैं भी उनकी चूत में जीभ चलाने लगा.
अचानक उनकी चूत ने फव्वारा मार दिया.
उनका नमकीन पानी मैंने पूरा पी लिया.
अब बारी मेरे लंड की थी.
मैं सोफे पर बैठ गया और सासू मां मेरा लंड पूरा मुँह में लेकर चूसने लगीं.
उनका थूक मेरे लंड से होता हुआ मेरे बॉल्स तक जा रहा था.
कोई 15 मिनट तक वे मेरा लंड चूसती रहीं और उसे अपने थूक से पूरी तरह भिगो दिया.
अब मेरा बदन अकड़ने लगा था.
मैं खड़ा हुआ और मैंने उनके बाल पक कर उनका मुँह तेज़ी से चोदने लगा.
अपने लौड़े को अपनी सासु मां के मुँह मेन आगे-पीछे करने लगा.
जैसे ही मेरा लंड पिचकारी मारने वाला था, मैंने अपना लंड उनके गले में पूरा घुसा दिया.
वे ‘गुं … गुं … गुं …’ करने लगीं, पर मैंने तब तक लंड नहीं निकाला, जब तक आखिरी बूंद न गिर गई.
फिर मैंने अपना लंड उनके गले से निकाला, तो मेरा लंड पूरा थूक में भीगा हुआ था और सासू मां का मुँह भी थूक से भीग गया था.
उनका थूक उनके गले से होता हुआ उनके बूब्स के बीच से निकल रहा था.
सासू मां पूरी तरह पसीने से भीग चुकी थीं … पर अभी तो रात की शुरुआत ही हुई थी.
कुछ देर हम सोफे पर ही पड़े रहे.
फिर जब हम दोनों दोबारा चुदाई के लिए तैयार थे.
सासू मां मुझे उत्तेजित करने लगीं.
वे मेरे पूरे शरीर को चूमने लगीं और एक हाथ से मेरा लंड हिलाने लगीं.
मेरा लंड धीरे-धीरे खड़ा होने लगा.
मैंने झट से सासू मां को अपने नीचे दबोच लिया और उनके बूब्स चूसने लगा.
उनके बूब्स इतने टाइट थे, जैसे किसी 20 साल की लड़की के हों.
जब मेरा लंड पूरी तरह तन गया तो मैंने उनकी चूत पर थूक लगाया और अपने लंड पर भी थोड़ा थूक लगा कर उसे पेलने के लिए रेडी कर लिया.
फिर एक ही झटके में पूरा लंड उनकी चूत में पेल दिया.
सासू मां की चीख निकल पड़ी.
वे कराह कर बोलीं- आराम से करो, मुझे दर्द हो रहा है!
पर मैं नहीं माना.
मैंने लंड बाहर निकाला और एक और जोरदार झटका मारा.
उनकी सिसकारी चीख में बदल गई.
वे बोलीं- इससे अच्छा तो तुम शराब पीकर चोदते हो … कम से कम इतना जोरदार धक्का तो नहीं झेलना पड़ता है!
मैंने कहा- इतना दर्द हो रहा है तो चुदाई बंद कर दूँ?
तब सासू मां ने मेरी गांड पर चांटा मारते हुए कहा- अगर चुदाई बंद हुई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा … समझे!
मदर इन लॉ Xxx करते हुए मैंने धक्के लगाना शुरू रखा और सासू मां को जबरदस्त तरीके से पेलने लगा.
दस मिनट तक मैंने उन्हें लेटे हुए पेला, फिर मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और पीछे से उनकी चूत पर अपना लौड़ा फेरने लगा.
सासू मां तड़पती हुई मछली की तरह कराह रही थीं.
मैंने अपना लौड़ा पूरा अन्दर डाल दिया और चुदाई शुरू कर दी.
मेरे हर धक्के से उनकी गांड मेरे शरीर से टकराती और उस आवाज़ से मुझे और उत्तेजना मिलती.
मेरा लौड़ा सासू मां की बच्चेदानी को छूकर वापस आता, तो मुझे लगता कि अब मैं झड़ने वाला हूँ.
लेकिन मैं 15 मिनट से पहले झड़ना नहीं चाहता था.
इस चुदाई के माहौल ने हम दोनों को पसीने से लथपथ कर दिया था.
जब सासू मां झड़ने लगीं तो उन्होंने अपनी चूत को पूरी तरह कस लिया … मेरा लौड़ा अन्दर फंस सा गया.
उनकी चूत की पकड़ इतनी मज़बूत थी कि मेरा लौड़ा भी टिक नहीं पाया और उसने भी अपनी रस की धारा छोड़ दी.
हम दोनों एक साथ ही झड़ गए.
मैं वैसे ही बिना लौड़ा निकाले सासू मां के ऊपर गिर गया.
पांच मिनट बाद जब हम दोनों सामान्य हुए तो मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाला.
मेरा लंड एकदम पच पच कर रहा था.
मैं बाथरूम गया, मैंने शॉवर लिया.
इसके बाद सासू मां भी शॉवर लेकर बाहर आईं और इधर-उधर पड़े अपने कपड़ों को समेटने लगीं.
फिर ब्रा-पैंटी पहन कर वे अपने कमरे में बच्ची को देखने चली गईं और वहीं सो गईं.
मैं भी अपने कमरे में जाकर सो गया.
सुबह सब कुछ सामान्य-सा था. काम पर जाते वक्त मैंने सासू मां को एक लिप-किस किया और बोला- शाम को मिलते हैं!
सासू मां ने भी मुस्कुराहट के साथ मुझे अलविदा कहा.
अब हमारा रोज़ रात को चुदाई का कार्यक्रम तय था.
लेकिन एक रात जब मैं घर लौटा तो सासू मां कुछ तनाव में दिखीं.
मैंने उनसे पूछा, तो उन्होंने बात टाल दी और बोलीं- बाद में बताती हूँ!
रात में चुदाई के दौरान भी सासू मां थोड़ी खोई-खोई सी लगीं.
मैंने ज़ोर देकर फिर पूछा.
तब उन्होंने जवाब दिया- बात ये है कि इस बार मेरे पीरियड नहीं आए हैं. हम जो रोज़ बिना कंडोम के सेक्स करते हैं, शायद उसी वजह से ऐसा हुआ है. मुझे डर है कि कहीं मेरे पेट में तुम्हारा बच्चा तो नहीं ठहर गया. बस इसीलिए मैं सोच में डूबी हूँ!
सासू मां की यह बात सुनकर पहले तो मुझे समझ नहीं आया कि क्या बोलूँ.
फिर कुछ देर बाद मैंने पूछा- अगर आपने बच्चे का ऑपरेशन नहीं करवाया था, तो मुझे बताना चाहिए था. मैं कंडोम इस्तेमाल कर लेता!
सासू मां रोने लगीं और बोलीं- इतने सालों बाद मुझे परमसुख मिला था, तो ये सब सोचना भूल गई! पर अब जब मैं यह सब सोच रही हूँ, तब तो बहुत देर हो चुकी है!
मैंने उन्हें चुप कराया और कहा- चिंता मत कीजिए. मैं आपको सुबह डॉक्टर के पास ले चलूँगा. वहां सब पता चल जाएगा!
सासू मां मेरे सीने पर सिर रखकर सो गईं.
सुबह हम डॉक्टर के पास गए. वहां कुछ टेस्ट हुए और पता चला कि सासू मां प्रेगनेंट हैं.
हम दोनों घर लौट आए.
सासू मां थोड़ी डरी हुई लग रही थीं.
वे बार-बार कह रही थीं- अब लोग हमारे बारे में क्या-क्या कहेंगे? मैं किसी से नज़रें कैसे मिलाऊंगी?
मैंने उनका हाथ पकड़ा और कहा- क्या आप यह बच्चा चाहती हैं?
सासू मां बोलीं- मेरे चाहने-न चाहने से क्या होगा? और जब लोग मुझसे इसके बाप का नाम पूछेंगे, तो मैं क्या बोलूँगी? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा कि मैं क्या करूँ!
मैंने उनसे कहा- आप चिंता मत कीजिए! मैं सब संभाल लूँगा. आप अपना और आयशा का ध्यान रखिए, मैं दिन में आता हूँ!
यह कहकर मैं घर से निकल गया.
दिन में जब मैं वापस आया, सासू मां आयशा को गोद में खिलाती हुई मुझे देखकर खुश हो गईं.
तभी मैंने उन्हें अपने साथ चलने को कहा और कोर्ट ले गया.
सासू मां ने पूछा- हम यहां क्या करने आए हैं?
मैंने बताया- आपको यही डर था न कि लोग आपके होने वाले बच्चे के बाप का नाम पूछेंगे, तो आप क्या बताएंगी? अब आपको किसी को कुछ बताने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि आप मेरी पत्नी बन जाओगी. हम दोनों यहां कोर्ट मैरिज करने आए हैं. आज से आप आयशा की नानी नहीं, मां बन जाओगी!
यह सुनकर सासू मां ने मुझे कसकर गले लगा लिया. फिर हमने कोर्ट मैरिज कर ली.
इसके बाद मैं उन्हें पार्लर ले गया, जहां उन्हें दुल्हन की तरह सजाया गया.
फिर हम मंदिर गए, फेरे लिए और घर लौट आए.
मैंने अपने कमरे को सुहागरात के लिए सजवाया था.
उस रात हमने खूब चुदाई की.
कुछ महीनों बाद सासू मां ने एक बेटे को जन्म दिया.
अब हमारा परिवार पूरा हो चुका था.
जो रिश्ता न/शे में चुदाई से शुरू हुआ था, वह आज प्यार में बदल गया था.
आपको मेरी यह मदर इन लॉ Xxx कहानी कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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